July 27, 2024

अवतरण दिवस 2023: 8 सितम्बर सतगुरु संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर विशेष कार्यक्रम!

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Last Updated on 26 August 2023 IST | अवतरण दिवस 2023: 8 सितम्बर को पूरे ब्रह्मांड के एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का जो समूची मानव जाति के तारणहार है का अवतरण दिवस है। नास्त्रेदमस जैसे महान भविष्यवक्ताओं द्वारा उनके अवतरण के बारे में की गई भविष्यवाणियां बिल्कुल सही साबित हो रही हैं। सतगुरु ने सभी धर्मों के ग्रंथों से गूढ़ रहस्यों को खोलकर तत्वज्ञान से नकली धर्मगुरुओं की पोल खोल दी है। उनके द्वारा किए गए सामाजिक सुधारों से देश दहेज, भ्रष्टाचार, नशा, मांसाहार मुक्त बनने की दिशा में अग्रसर हैं। अवतरण दिवस के अनमोल अवसर पर 06 से 08 सितंबर 2023 तक परमेश्वर की अमर वाणी के पाठ का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा रक्तदान सहित परमार्थ के कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अवतरण दिवस के लाइव कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रातः 9:15 से साधना टीवी चैनल और यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा।

Table of Contents

सतगुरु रामपाल जी के अवतरण दिवस 2023 का विशेष आयोजन 

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर सतलोक आश्रम धनाना धाम सोनीपत (हरियाणा), सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा), सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा), सतलोक आश्रम शामली (उत्तरप्रदेश), सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब), सतलोक आश्रम धुरी, (पंजाब) सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश), सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान), सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल) कुल 9 आश्रमों में 6 से 8 सितंबर 2023 को अखंड पाठ प्रकाश, विशाल भंडारे, दहेज मुक्त विवाह, रक्तदान शिविर, विशाल सत्संग समारोह और आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आप सभी भाइयों बहनों से करबद्ध निवेदन है कि आप संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर अपने परिवार, रिश्तेदारों, सगे संबंधियों के साथ आश्रमों में अवश्य पधारें और आदि सनातन धर्म व मानव धर्म के पुनरुत्थान के साक्षी बनें।

इस भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 08 सितंबर 2023 को सुबह 09:15 बजे से साधना TV पर और सुबह 09:30 बजे से पॉपुलर TV पर होगा। साथ ही, इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप हमारे सोशल मीडिया Platform पर भी देख सकते हैं जो निम्न हैं:-

  • Facebook page:- spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj
  • Youtube:- Sant Rampal Ji Maharaj
  • Twitter :- @SaintRampalJiM

अवतरण दिवस 2023 पर होंगे परमार्थ के कार्य

संत रामपाल जी के सानिध्य में किए गए आयोजनों की कई विशेषताएं होती हैं। उनके आशीर्वाद से रक्तदान, बिना दहेज सामूहिक विवाह, विशाल भण्डारा, स्वच्छता अभियान, सत्संग, पुस्तकों का प्रदर्शन और वितरण इत्यादि अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 

आश्रम में सुविधा को देखते हुए भक्तों को सीमित समय के लिए क्षेत्रानुसार अलग अलग समय में आने का निर्णय लिया गया है। परमार्थ का सबसे बड़ा कार्यक्रम कोरोना प्रोटोकॉल के तहत इस बार भी विशाल तरीके से किया जाएगा। सतगुरु के शिष्य हमेशा ही समय समय पर विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन करते रहते है। इसी तरह अवतरण दिवस पर भी बड़ी संख्या में स्वेच्छा से हजारों लोग रक्तदान करेंगे।        

संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण

उत्तर, दक्षिण, पूर्व पश्चिम, फिरता  दाने दाने नू ।

सर्व कलां सतगुरु साहेब की, हरि आए हरियाणे नू ।। 

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर सतलोक आश्रम धनाना धाम सोनीपत (हरियाणा), सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा), सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा), सतलोक आश्रम शामली (उत्तरप्रदेश), सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब), सतलोक आश्रम धुरी, (पंजाब) सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश), सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान), सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल) कुल 9 आश्रमों में 6 से 8 सितंबर 2023 को अखंड पाठ प्रकाश, विशाल भंडारे, दहेज मुक्त विवाह, रक्तदान शिविर, विशाल सत्संग समारोह और आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आप सभी भाइयों बहनों से करबद्ध निवेदन है कि आप संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर अपने परिवार, रिश्तेदारों, सगे संबंधियों के साथ आश्रमों में अवश्य पधारें और आदि सनातन धर्म व मानव धर्म के पुनरुत्थान के साक्षी बनें।

■ Read in English | Avataran Diwas (Incarnation Day) of Jagatguru Saint Rampal Ji Maharaj: The Dawn of the Golden Era

इस भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 08 सितंबर 2023 को सुबह 09:15 बजे से साधना TV पर और सुबह 09:30 बजे से पॉपुलर TV पर होगा। साथ ही, इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप हमारे सोशल मीडिया Platform पर भी देख सकते हैं जो निम्न हैं:-

Facebook page:- spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj
Youtube:- Sant Rampal Ji Maharaj
Twitter :- @SaintRampalJiM

जैसा कि सभी जानते है सतगुरु रामपाल जी के ज्ञान के प्रति बढ़ते आकर्षण और सामाजिक कुरीतियों को समूल नाश करने की प्रतिबद्धता के कारण और उनसे बढ़ती आशा के कारण लोग उनके प्रसारण को सदा की भांति इस बार भी बड़ी संख्या में देखेंगे। पाठकगणों से प्रार्थना है कि समय निकाल कर सीधे प्रसारण को देंखें और अपने कल्याण का मार्ग चुनने के लिए दृढ़ता पाएं। इस अवसर का लाभ वे भक्त भी उठायेंगे जो स्वयं आश्रम में नहीं जा पा रहे हैं।  

यूट्यूब चैनल पर होगा अवतरण दिवस 2023 का विशेष प्रसारण 

जो भक्त किसी भी कारण से आश्रम में कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो सकते उनके लिए यूट्यूब चैनल पर विशेष व्यवस्था है, वे मोबाईल पर अथवा यूट्यूब चैनल पर सत्संग का सीधा प्रसारण देख सकते है। जो भक्तगण आश्रम में और टीवी में सत्संग नहीं देख सकते है वे इस माध्यम से लाभ उठा पाएंगे।     

भारत की पुण्यभूमि पर सदैव से होता रहा है अवतरण

मानवता के पूर्ण विकास का कार्य आदि काल से भारत की पुण्यभूमि में होता रहा है। इसी पुण्यभूमि पर अवतारों का अवतरण आदि काल से होता आ रहा है। विडम्बना ही कही जाएगी कि दिव्य पुरुषों और अवतारों के जीवन काल में तत्कालीन शासन तंत्र और भोली जनता ने उनके दिव्य ज्ञान और आदर्शों को महत्व नहीं दिया, अपितु उनका विरोध व अपमान ही करते रहे। 

■ यह भी पढ़ें: 8 सितंबर, संत रामपाल जी का अवतरण दिवस – नास्त्रेदमस ने 466 वर्ष पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी

संतों के प्रति भोली जनता को भ्रमित करके ज्ञान प्रसार में बाधक बनकर ऐसे लोग पाप के भागीदार बने। प्रायः ऐसे महान संतों के पृथ्वी से प्रस्थान करने के बाद समाज उनकी पूजा में जुट जाता है लेकिन ऐसा करके उनके हस्त से कल्याण कराने के अवसर से लोग चूक जाते है। 

याद रखिए सतगुरु के प्रसन्न होने से ही परमात्मा प्रसन्न होते हैं

यदि सतगुरु अपने शिष्य से प्रसन्न हैं तो निश्चित ही पूर्ण परमात्मा सत्पुरुष भी प्रसन्न होंगे। जो शिष्य पूरी तरह से गुरु मर्यादा में रहकर सत भक्ति करते हैं उनका काल ज्योति निरंजन कुछ नहीं बिगाड़ सकता। तात्पर्य है कि ऐसे शिष्य को सतभक्ति करने से मिलने वाले सभी लाभ प्राप्त होते हैं।

कबीर, गुरु दयाल तो पुरुष दयाल। 

जेहि गुरु व्रत छुए नहीं काल।

सत्यवक्ता को हर काल में दी गई यातनाएं 

कलयुग में ज्योति निरंजन के मिश्रित ज्ञान से प्रभावित संत जन पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर साहेब) के द्वारा दिए सत्य ज्ञान को समझना नहीं चाहते हैं। इसी कारण सतभक्ति देने वाले संतों को प्रताड़ित करते हैं। छः सौ वर्ष पूर्व कबीर साहेब को पानी में डुबोकर, हाथी से कुचलवाकर नाना प्रकार से यातनाएं दी गई। इसी प्रकार संत गरीबदास को भी कई बार सताया गया। वर्तमान में इस ब्रह्मांड के एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल दास जी पर भी काल ब्रह्म के दूतों द्वारा लगातार प्रहार किया जा रहा है। यहाँ तक कि उन्हें दो बार जेल भेजकर मानसिक और शारीरिक वेदनाएं दी गईं। पाठक गण जानेंगे कि संतों को सताने का क्या परिणाम होता है।

गुरुद्रोही की गति करोड़ों नरक से भी भयानक है

यदि जीव ने दुर्लभ मनुष्य योनि में जन्म लेकर सतगुरु का महत्व नहीं जाना तो यह समझिए कि अनमोल जीवन को बर्बाद कर दिया। सतगुरु को त्याग देने वाले साधक को तो अनेक युगों तक अपने किये पर पछतावा करना पड़ता है। अपने कृत्यों से सतगुरु को दुख पहुंचाने वाला मनुष्य नरक में अग्नि कुंडों में उबल – उबल कर कष्ट पाता है। सतगुरु द्रोही जहरीले सर्पों की योनि में करोड़ों जन्म पाता है और अपने ही विष की गर्मी से लंबी आयु तक घोर कष्ट सहता है। इन जन्मों में दुख भोगकर ये गुरु द्रोही विष्टा (मल) में कीड़े का जन्म लेता है। इस प्रकार करोड़ों जन्म नरकीय जीवन भोगता है।

कबीर, मानुष जन्म पाकर खोवै, सतगुरु विमुखा युग युग रोवै।

कोटि जन्म विषधर को पावै । विष ज्वाला सही जन्म गमावै।

बिष्ट मांही क्रमि जन्म धरई। कोटि जन्म नरक ही परही।|

संत सताने की सजा प्रलय काल तक भूत पिशाच योनि में जन्म 

गुरुद्रोही की गति का वर्णन हमनें ऊपर जाना है लेकिन उनकी गति का क्या जो सतगुरु को मनुष्य मानकर उन्हें झूठे आरोपों के आधार पर गलत तरीकों से फँसाकर नाना प्रकार की वेदनाएं देते हैं।

■ यह भी पढें: जीवन परिचय सहित जानिए संत रामपाल जी महाराज कौन है?

सतगुरुदेव ने अपनी वाणी में संत को सताने के लिए दिए जाने वाले दंड के प्रावधान को बहुत खतरनाक बताया है जो सृष्टि प्रलय तक होने वाले अनंत जन्मों तक चलता रहता है। संत को सताने वाले को परमेश्वर भिन्न – भिन्न प्राणियों की योनियों में बारम्बार माँ के गर्भ में डालते हैं और वह जन्म लेते ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। दंड-भोगी भूत पिशाच की योनि और माँ के गर्भ में असहनीय पीड़ा तब तक झेलता है जब तक सताया हुआ संत स्वयं उसे क्षमा नहीं कर दे।

अर्धमुखी गर्भवास में हरदम बारम्बार,

जूनी भूत पिशाच की जब लग सृष्टि संहार।

संत गरीबदास जी को सताने के परिणाम स्वरूप परमात्मा द्वारा दंड मिलने का वृतांत

परमात्मा कबीर साहेब के शिष्य संत गरीबदास साहेब जी के तत्वज्ञान के कारण अन्य गुरुओं आचार्यों के अधूरे ज्ञान की पोल खुलने लगी। एक बार सुनियोजित षड़यन्त्र के अंतर्गत स्वार्थी गुरूओं (आचार्यों) ने संत गरीबदास जी को घेर कर लूट लिया और गाँव के कानूनी अधिकार प्राप्त चौधरी छाजुराम जी से उन्हें छः महीने की काठ में बंद करने की सजा और पाँच सौ रूपये जुर्माना कर दिया। काठ में बंद करने में दोनों पैरों के घुटनों से ऊपर दो लकड़ी के मोटे डण्डे बांध कर दोनों हाथ पीछे बांध दिये जाते थे। कुछ विशेष व्यक्तियों के कहने पर आदरणीय गरीबदास जी को छोड़ दिया गया।

कुछ दिनों उपरान्त चौधरी छाजुराम के प्रातः काल शौच क्रिया के लिए जाने के समय दो घुड़सवार उनके दोनों हाथ काट कर अदृश्य हो गए। इस मार्मिक दृश्य के कई लोग साक्षी थे। बहुत उपचार के बाद भी ठीक न होने पर कुछ लोगों की राय से उन्होंने सन्त गरीबदास जी के पास जाकर उनके चरण पकड़कर क्षमा याचना की। संत गरीबदास जी ने उन्हें सपरिवार नाम उपदेश देकर आजीवन भक्ति करने का आदेश दिया। यह भी कहा कि यह आप के संचित कर्मों का परिणाम था। अब सतभक्ति करने से आगे कष्ट कट जाएंगे।

संत गरीबदास जी की वाणीयों से प्रमाण

परमेश्वर ने कहा है कि जो मेरे संत को दुखी करता है समझो मुझे दुखी करता है। जब मेरे भक्त प्रह्लाद को दुखी किया तब मैंने हिरण्यकश्यप का पेट फाड़ दिया, मैंने ही कंस को मारा। जो मेरे साधु को दुखी करेगा मैं उसका वंश मिटा दूंगा। इसलिए संत को सताने के करोड़ों पाप लगते हैं जैसे अनगिनत हत्याएं कर दी हों। अनजान लोग परमात्मा के संविधान से परिचित नहीं है इसलिए भयंकर भूल करते हैं और असंख्य दंडों के भागी बनते हैं।

तुमने उस दरगाह का महल ना देख्या।

धर्मराय के तिल-2 का लेख ।।

राम कहै मेरे साध को, दुःख ना दीजो कोए।

साध दुखाय मैं दुःखी, मेरा आपा भी दुःखी होय।।

हिरण्यकशिपु उदर (पेट) विदारिया, मैं ही मारया कंश।

जो मेरे साधु को सतावै, वाका खो-दूं वंश।।

साध सतावन कोटि पाप है, अनगिन हत्या अपराधं।

दुर्वासा की कल्प काल से, प्रलय हो गए यादव।।

समाज सुधार के एकमात्र पुरोधा सन्त रामपाल जी महाराज

वर्तमान समय में सन्त रामपाल जी महाराज एकमात्र ऐसे सन्त हैं जिन्होंने अपने शिष्यों को ना सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान समझाया है बल्कि साथ ही समाज में फैली बुराइयों को भी भक्ति मार्ग में त्यागना जरूरी है ये स्पष्ट किया है। उनके द्वारा किए गए समाज सुधार के कार्य निम्न है –

  • भ्रूण हत्या का उन्मूलन- संत रामपाल जी महाराज ने कई समाज सुधार के कार्य किए है। समाज सुधार ऐसा जिसने नस्लें सुधार दीं। आज सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी अलग से लिंग परीक्षण करवाकर भ्रूण हत्या नहीं करवाते। क्योंकि उनके लिए बेटियां बोझ नहीं हैं। सन्त रामपाल जी महाराज का ऐसा अनमोल तत्वज्ञान है कि लोग बिना दिखावे की शादियाँ करते हैं।
  • दहेजमुक्त विवाह– दहेजमुक्त विवाह केवल देश ही नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता के लिए उत्तम कार्य हैं। दहेजमुक्त विवाह अब तक अनेकों कानून के माध्यम से भी शुरू नहीं किए जा सके थे लेकिन उन्हें संत रामपाल जी महाराज ने संभव बनाया। 
  • छुआछूत का उन्मूलन– छुआछूत के खिलाफ कानून संविधान में होने के बावज़ूर ये अब तक समाज में है। देश हर में होने वाली घटनाएं इसकी गवाह हैं। सन्त रामपाल जी महाराज ने इसे समाज से पूर्णतः खत्म करने का बीड़ा उठाया है और इसे खत्म भी किया है। उन्होंने भक्ति के रास्ते हर वर्ग के लिए खोले हैं। सभी जाति, लिंग, धर्म, रंग से परे उनके अनुयायी केवल मानव धर्म के होते हैं।
  • नशामुक्ति अभियान– नशा लगातार युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है किन्तु सन्त रामपाल जी महाराज ने इसे समाज से खत्म किया है। सन्त रामपाल जी महाराज से दीक्षा लेने के बाद अनेकों उजड़े परिवार पुनः बसे हैं। सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी न तो नशा करते हैं और न ही उसमें सहयोग करते हैं। वे नशीले पदार्थों का क्रय-विक्रय भी नहीं करते। यही स्थिति भ्रष्टाचार की है उनका कोई अनुयायी न तो रिश्वत लेता है, न ही रिश्वत देता है।
  • समानता का व्यवहार– सन्त रामपाल जी के आश्रमों में किसी भी भेदभाव के बिना अर्थात किसी भी प्रकार के धर्मभेद, रंगभेद, जातिभेद, लिंगभेद के बिना जाया जा सकता है जहाँ सबके साथ समानता का व्यवहार होता है। किसी भी प्रकार का भेदभाव सन्त रामपाल जी अपने शिष्यों के साथ नहीं करते और यही शिक्षा उन्होंने अपने शिष्यों को भी दी है।
  • पाखण्डवाद किया खत्म– सन्त रामपाल जी ने शास्त्रों पर आधारित सत्य ज्ञान दिया है। उन्होंने अपने तर्कों के माध्यम से अंधविश्वास, पाखंड, बाह्याचार, आडंबर का पुरजोर विरोध किया है एवं सरल, उचित एवं शास्त्रसम्मत भक्तिविधि बताई है जिससे पाखण्डवाद एवं पाखंडी दोनों का खात्मा समाज से हुआ है।
  • समाजिक कुरीतियों का खात्मा– सन्त रामपाल जी ने अपने अनमोल तत्वज्ञान से अनेकों सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया है। समाज में नशा, मृत्युभोज, दहेज, भ्रूणहत्या, चोरी-ठगी, बेईमानी, भ्रष्टाचार आदि सामाजिक कुप्रथाओं पर उन्होंने रोक लगाई एवं सरल जीवन का मार्ग प्रशस्त किया है।
  • मानव धर्म का प्रचार– सन्त रामपाल जी महाराज ने सभी धर्मों से परे एक मानव धर्म की स्थापना की है। मानवता को आगे बढ़ाते हुए उनके अनुयायी अकसर रक्तदान, देहदान, निःशुल्क भंडारा सामग्री वितरण आदि करते रहते हैं। यह सन्त रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान ही है जो उन्हें समय समय पर यह करने की प्रेरणा देता रहता है। सन्त रामपाल जी महाराज ने जो उपकार इस समाज पर किये हैं उनका यह समाज और देश सदैव ऋणी रहेगा।

सम्पूर्ण ब्रह्मांड के एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी से लें सतज्ञान

कलियुग में स्वर्ण युग प्रारम्भ हो चुका है। विश्व के सभी महाद्वीपों में करोड़ों पुण्य आत्मांए तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सतज्ञान को समझकर उनके सानिध्य में सतभक्ति कर सर्व विकार त्यागकर निर्मल जीवन जी रहे हैं। आप भी शीघ्र अतिशीघ्र सतगुरु की शरण में आयें और उनके अद्भुत ज्ञान को पहचानकर और नाम दीक्षा लेकर अपने परिवार सहित अपना कल्याण करवाएं।  तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस 8 सितंबर 1951 के अवसर पर विशेष प्रसारण आप सुबह 09 बजकर 15 मिनट से साधना Tv और पॉपकॉर्न Tv चैनल पर देखे और जितना जल्दी हो सके सतज्ञान ग्रहण करें और आत्म कल्याण करा अपने दुर्लभ मनुष्य जन्म को चरितार्थ करें।

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