जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सतलोक आश्रम बरवाला जिला हिसार हरियाणा के संचालक हैं जो कबीर परमेश्वर की भक्ति साधना सभी धर्मग्रंथों के आधार पर देते हैं। आज तक उनके बराबर ना कोई संत महंत धर्म गुरु शंकराचार्य कोई भी नहीं हुआ जो ऐसा ज्ञान बताता हो संत रामपाल जी महाराज ने हमारे पवित्र ग्रंथों को पढ़ा आ जाना और समझा है और उसको सरल भाषा में समझाया है और अनेकों अनसुलझे आध्यात्मिक ज्ञान को बताया है जैसे सबका मालिक कौन है सृष्टि की रचना किसने की है हमारी जन्म मृत्यु क्यों होती है। सभी शंकाओं का समाधान किया है वह एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जिन्होंने परमात्मा की परिभाषा को सही ढंग से बताया है। जिस ज्ञान को आज तक किसी ने नहीं बताया।
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जीवन परिचय: सन्त रामपाल जी महाराज
संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर 1951 को हरियाणा के एक छोटे से गांव धनाना, तहसील गोहाना व जिला सोनीपत हरियाणा में हुआ, उनके पिताजी का नाम नंदराम जी और माताजी का नाम श्रीमती इंद्रो देवी था। संत रामपाल जी एक किसान परिवार से थे, पढ़ाई पूरी करने के बाद हरियाणा सरकार में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। 17 फरवरी 1988 को अमावस्या के दिन, रात्रि के समय संत रामपाल जी महाराज ने पूज्य गुरुदेव स्वामी रामदेवानंद जी महाराज से नाम दीक्षा ग्रहण की, 17 फरवरी को संत रामपाल जी महाराज का आध्यात्मिक जन्म हुआ, जिसे संत भाषा में बोध दिवस के नाम से भी जानते हैं।
समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा किए जा रहे है समाज सुधार के कार्य। वे समाज में नैतिकता, भाईचारा, आपस में प्रेमभाव, सबसे मधुर व्यवहार तथा भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाना चाहते हैं क्योंकि भारतवर्ष पर शुरू से ही संतों की कृपा रही है। जैसा कि आप जानते ही है सन 1950 से पहले भारत में चोरी – जारी, लूट खसोट, दंगे और अपराध बिल्कुल भी नहीं होते थे लेकिन 1950 के बाद भारत में जैसे ही शिक्षा ने कदम रखा तो उसके बाद से ही लोगों में अशांति नजर आने लगी है।
शिक्षा है वरदान: शिक्षा से पहचानेंगे भगवान
वर्तमान में इस शिक्षा ने युवा वर्ग को पूरी तरह से बेचैन कर रखा है। लोगों में आपसी प्यार नहीं रहा तथा समाज में चोरी – जारी, व्यभिचारी, लूट खसोट और अपराध बढ़ गए। इस विज्ञान ने हमें नास्तिक बना डाला हमें भगवान से कोसों दूर कर दिया। लेकिन अब हम शिक्षा (Education) का सदुपयोग करके अपने सद्ग्रन्थों में लिखे गूढ़ रहस्यों को समझ कर भगवानb(God)को पहचान सकते हैं।
फिजूलखर्ची (व्यर्थ खर्च) से मुक्ति : संत रामपाल जी महाराज

वर्तमान में एक तरफ जहां लोग महँगी शादियाँ करना पसंद करते हैं और लाखों रुपए दहेज में खर्च कर देते हैं और माता-पिता पूरी उम्र तक दुख पाते हैं, लाखों रुपयों की हैसियत न होने पर भी दहेज में देकर कर्ज़ मोल ले लेते हैं। इससे लोगों में बेचैनी और अशांति बनी हुई है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज ने एक के बाद एक समाज सुधार के कार्य कर दिखाए हैं। चाहे दहेज प्रथा को मिटाना हो, नशे जैसी बीमारी को समाप्त करना हो, समाज में बढ़ते अपराधों चोरी – जारी, रिश्वतखोरी, कन्या भ्रूण हत्या और भ्रष्टाचार को समाप्त करना हो इत्यादि।
तत्वज्ञान का अविष्कार संत रामपाल जी महाराज ने किया

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने तत्वज्ञान का अविष्कार किया है जो आज तक किसी भी सन्त महापुरुष ने नहीं बताया। जिस तत्वज्ञान के विषय में श्रीभगवद्गीता में भी कहा है कि परमात्मा के उस तत्वज्ञान का उपदेश तत्वदर्शी संत करेंगे। वहीं तत्वज्ञान, वेदों से भी प्रमाणित करके दिखाया है।
पवित्र वेदों में मिला कबीर जी के पूर्ण परमात्मा होने का प्रमाण

- पवित्र सामवेद संख्या 359 अध्याय 4 खंड 25 श्लोक 8 में प्रमाण है कि, जो (कविर्देव) कबीर साहिब तत्वज्ञान लेकर संसार में आता है वह सर्वशक्तिमान सर्व सुखदाता और सर्व के पूजा करने योग्य है।
- पवित्र यजुर्वेद अध्याय 29 मंत्र 25 में प्रमाण है कि जिस समय भक्त समाज को शास्त्रविधि त्यागकर मनमाना आचरण करवाया जा रहा होता है, उस समय (कविर्देव) कबीर परमेश्वर तत्वज्ञान को प्रकट करता है।
- पवित्र ऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 86 मंत्र 17, 18 ,19 और 20 में प्रमाण है कि वह एक परमात्मा सबका मालिक एक कबीर साहेब जी है।
- संत रामपाल जी महाराज ने चारों वेद, छह शास्त्र, अठारह पुराणों के आधार पर यह सिद्ध कर दिया कि, वह आदि पुरुष, सृष्टि का रचयिता, हम सब आत्माओं का जनक कबीर परमेश्वर जी है और वही अजर-अमर तथा अविनाशी परमात्मा है।
कबीर साहिब ने कहा है:
वेद मेरा भेद है, मैं ना मिलूं वेदन के मांहि |
और जौन वेद से मैं मिलूं, ये वेद जानते नाहीं ||
मनुष्य जन्म का मुख्य कर्तव्य क्या है?
वर्तमान में मानव अपने मूल उद्देश्य से पूरी तरह भटक चुका है, आज पूरा मानव समाज केवल धन इकट्ठा करने की होड़ में दिन रात लगा हुआ है। आज इस माया ने इंसान को पागल बना दिया। यदि इसे आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो यह बिल्कुल गलत है, भाग्य से अधिक हमें कुछ भी नहीं मिल सकता, पूर्व जन्मों के संस्कारवश जो हमारे भाग्य में लिखा है हमें केवल वही प्राप्त होता है। हम बेवजह झूठ कपट बोलकर चोरी आदि करके धन इकट्ठा करते हैं जो कि हमारे पास कभी नहीं रह सकता। वह किसी ना किसी रूप में हमारे हाथ से निकल ही जाता है।
इसलिए हमें इस आधुनिक युग की दौड़ में ज्यादा दौड़ ना लगाकर भगवान पर आश्रित होकर सत्य भक्ति करनी चाहिए क्योंकि भगवान हमें भूखा नहीं रख सकता चींटी से लेकर हाथी तक और रंक से लेकर राजा तक चींटी को कण और हाथी को मनों भोजन वह पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर अवश्य ही देता है।
परमात्मा कबीर साहिब जी बताते हैं
भक्ति बिना क्या होत है ये भ्रम रहा संसार ।
रति कंचन पाया नहीं रावण चलती बार।।
धरती पर अवतार सन्त रामपाल जी महाराज
भारत एक ऐसा देश है, जिसे ऋषियों, मुनियों की धरती कहा जाता है। यहाँ बहुत से धार्मिक लोग रहते हैं, जिनकी भगवान में अटूट श्रद्धा है। अपने भगतों की श्रद्धा को बनाये रखने के लिए ही भगवान या तो खुद चलकर आते हैं या फिर अपने किसी कृपा पात्र (नुमाईंदा) सन्त को इस मृत्यु लोक में भेजते हैं। उन्हीं में से एक अवतार की आज हम बात कर रहे हैं, जिसके तुल्य इस धरती पर कोई गुरु नहीं है। जी हां एक ऐसा संत जिसके आगे आज तक कोई धर्म गुरु नहीं टिक पाया, हम बात कर रहे हैं जगतगुरु संत रामपाल जी की। जिन्होंने अध्यात्म मार्ग को सही दिशा प्रदान की है।
कौन-सा मार्ग है संत रामपाल जी महाराज का?
अभी तक हिंदू धर्म में प्रत्येक प्राणी किसी ना किसी रूप में भगवान की पूजा पर लगा ही हुआ है। पवित्र हिंदू धर्म के लोग श्री राम, श्री कृष्ण, विष्णु और अन्य देवी-देवताओं को भगवान मानते हैं तथा इन्हीं की पूजाओं पर आश्रित है। वही हम बात करे अन्य धर्मों की तो मुस्लिम धर्म के लोग उस एक अल्लाह को मानते हैं, ईसाई ईसा मसीह को ही रब का स्वरूप मानते हैं और सिख धर्म के अनुयायी गुरु नानक देव जी को भगवान मानते हैं।
सभी यह कहते हैं कि भगवान तो एक है और वह निराकार है। वह अदृश्य रहता है, किसी के सामने प्रकट नहीं होता। लेकिन जब तक हमें शास्त्रों का यथार्थ ज्ञान नहीं होगा तब तक हम उस एक भगवान की पहचान नहीं कर सकते, जब हम शास्त्रों से यथार्थ परिचित होंगे तब हमें पता चलेगा कि वह एक भगवान कौन है तथा वह साकार है या निराकार। किंतु सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने वेदों, कुरान, बाइबल खोलकर प्रमाण सहित समझाया कि परमात्मा साकार है वह मानव सदृश है।
वर्तमान में पूर्ण गुरु /तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज वहीं सन्त है जिनके विषय में पवित्र गीता में भी संकेत किया है। तत्वज्ञान एवं सतभक्ति प्राप्त करने के लिए अविलंब जगतगुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल महाराज जी से निःशुल्क नामदीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं। अधिक जानकारी के लिए आप सुनिए जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन।
सर्व पवित्र धर्मों के, पवित्र शास्त्रों के आधार पर अवश्य देखिए साधना टीवी पर शाम 7:30 बजे। अधिक जानकारी के लिए Satlok Ashram YouTube चैनल Visit करें।
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