February 1, 2025

राम नवमी (Ram Navami) 2024: कौन है आदि राम तथा उसका पूर्ण जानकार संत?

Published on

spot_img

राम नवमी 2024: भारत एक धार्मिक देश है जहां संतों, महापुरूषों, नेताओं और भगवानों के जन्मदिन भी त्योहार के रूप में मनाए जाते हैं। ऐसे ही एक त्रिदेव भगवान हैं विष्णु जी, जिनका जन्म त्रेतायुग में राम के रूप में हुआ था। श्री राम का जन्म जिस दिन हुआ उसे लोग रामनवमी (Ram Navami in Hindi) के रूप में मनाते हैं। तो आइए आपको राम जी और रामनवमी के बारे में विस्तार से बताते हैं।

  • अयोध्या स्थित राम मंदिर में 500 वर्षों बाद पहली बार रामनवमी उत्सव मनाया जा रहा है।
  • अयोध्या धाम में चैत्र नवरात्र की रामनवमी के अवसर पर रामलला के मस्तक पर ठीक 12 बजे सूर्य से किया जाएगा तिलक।
  • इस भव्य और मनोरम दृश्य को क़रीब 5 मिनट तक देख सकेंगे भक्तगण।
  • IIT रुड़की के वैज्ञानिकों ने दर्पण के माध्यम से प्रभु के ललाट तक सूर्य किरणें पहुंचाई, ट्रायल सफल रहा।
  • रामनवमी को दोपहर 12 बजे करीब 4 मिनट तक सूर्य किरणें रामलला के ललाट पर तिलक करती दिखेंगी।
  • कौन है आदि राम जिसकी भक्ति करने से बनेंगे बिगड़े सारे काम।
  • भगवान राम और सीता जी: जन्म से मृत्यु तक की पूरी कहानी का लिंक नीचे लेख में दिया गया है उस पर जाकर अवश्य पढ़ें 

हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हर साल रामनवमी (Ramnavmi) का त्योहार मनाया जाता है। इस महीने यह त्योहार 17 अप्रैल, 2024 बुधवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि यह त्योहार भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम के जन्म की खुशी में मनाया जाता है।

अयोध्या के राजा दशरथ की तीन रानियां थीं लेकिन किसी को संतान नहीं थी। राजा दशरथ ने ऋषियों के कहने से पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। उसके बाद राजा दशरथ की सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को, कैकेयी ने भरत को, सुमित्रा ने जुड़वा बच्चों लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। विश्व जानता है, भगवान विष्णु अवतार राम जी ने लंका के राजा रावण का वध किया था। 

यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri [Hindi]: चैत्र नवरात्रि पर जानिए माँ दुर्गा किस भगवान की पूजा करने को कहा है? कौन है पूर्ण परमात्मा?

दशरथ पुत्र राम जी ने कई ऐसे चमत्कार किए जिसके कारण लोग उन्हें भगवान कहने लगे लेकिन वास्तव में वे चमत्कार उन्होंने पूर्ण परमात्मा की शक्ति से पूरे किए। जब सीता जी को रावण की कैद से आज़ाद कराने के लिए समुद्र पर पुल बनाना था तब वह काम भी पूर्ण परमेश्वर ने ही अपना आशीर्वाद देकर पूरा कराया। जानें कैसे बना समुद्र पर पुल?

रामनवमी (Ram Navami in Hindi) | यदि ये बात मान भी ली जाए कि समुद्र पर पुल दशरथ पुत्र राम ने अपने पराक्रम से बनवाया था तो भी इससे उन्हें भगवान नहीं माना जा सकता क्योंकि सातों समुद्रों को अगस्त ऋषि ने एक ही घूंट में पी लिया था जिससे यह साबित होता है कि वह श्रीराम से अधिक सामर्थ्य और सिद्धियां रखते थे।

कबीर, समुद्र पाटि लंका गये, सीता को भरतार।

ताहि अगस्त मुनि पीय गयो, इनमें कौन करतार।।

अब आप सोच रहे होंगे कि क्या परमात्मा का जन्म आम इंसानों की तरह माँ के पेट से होता है? तो अब चलिए जान लेते हैं परमात्मा के जन्म के बारे में। पूर्ण परमात्मा के अवतार तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया है कि परमात्मा तीन प्रकार की स्थिति में रहता है। पहली स्थिति में वो ऊपर सतलोक में सिंहासन पर विराजमान रहता है, दूसरी स्थिति में वो जिंदा महात्मा के रूप में अपने भक्तों को आकर मिलता है और तीसरी स्थिति में वे शिशु रूप में एक तालाब में कमल के पुष्प पर प्रकट होकर धरती पर अवतरित होता है और उनका पोषण कुंवारी गाय के दूध से होता है। जबकि अयोध्या पति राम का जन्म मां के गर्भ से हुआ और वह ऊपर बताई गई तीनों अवस्थाओं में नहीं आते।

Read in English: Ram Navami: Let Us Recognize the Aadi Ram on This Ram Navami 

वो प्रभु कोई और नहीं बल्कि कबीर साहेब हैं जो चारो युगों में आते हैं प्रमाण के लिए देखें ये वाणी – 

सतयुग में सतसुकृत कह टेरा, त्रेता नाम मुनिन्द्र मेरा।

द्वापर में करूणामय कहलाया, कलियुग नाम कबीर धराया।।

रामनवमी (Ram Navami in Hindi) | यह तो हम सभी जानते हैं कि जो जन्म लेता है वो मृत्यु को भी प्राप्त होता है लेकिन पूर्ण परमात्मा / आदि राम जन्म – मृत्यु से रहित है वे माँ के पेट से जन्म नहीं लेता। कबीर साहेब ही वे परमात्मा हैं जिनका जन्म मां से नहीं होता लेकिन यह कैसे संभव है? यह प्रश्न आपके मन में उठ रहा होगा कि इसका प्रमाण कहां है? हम कैसे यकीन करें? तो आगे जानते हैं प्रमाण सहित। 

  1. अविनाशी और अजन्मे परमात्मा के विषय में गुरु नानक देव जी ने अपनी वाणी में स्पष्ट किया है कि वो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं। नानक साहेब जी ने अपनी वाणी में बताया है कि कबीर परमेश्वर कोई और नहीं बल्कि वही कबीर साहेब हैं जो धानक रूप में काशी में रहते थे।

एक सुआन दुई सुआनी नाल, भलके भौंकही सदा बिआल।

कुड़ छुरा मुठा मुरदार, धाणक रूप रहा करतार।।

इसका प्रमाण श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29

  1. पूर्ण परमात्मा कविर्देव विशेष बालक के रूप में प्रकट होता है। उस परमात्मा का जन्म माँ के गर्भ से नहीं होता। वह बालक रूप में आया परमात्मा कुंवारी गाय का दूध पीता है l वह अपनी वाणी को सरल भाषा में अपने मुख कमल से लोगों को बताता है। 

प्रमाण-: ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 1 

  1. गुरु नानक देव ने अपनी अमृत वाणी में कबीर साहेब जी के बारे में स्पष्ट रूप से बताया है। नानक साहेब ने लिखा हैः बेई नदी पर उन्हें जो जिंदा महात्मा रूप में मिले थे वे कोई और नहीं, बल्कि काशी वाले कबीर साहेब थे। नानक साहेब की वाणी में बहुत जगह यह प्रमाण है कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं, वे ही इस सृष्टि के रचनहार हैं।

हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदीगार।

नानक बुगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरां पाखाक।।

इसी का प्रमाण गुरु गुरुग्रन्थ साहेब पृष्ठ 721 पर अपनी अमृतवाणी महला 1 में लिखा है। 

  1. कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं, इसका प्रमाण पवित्र कुरान शरीफ में भी मिलता है। 

प्रमाण:- पवित्र कुरान शरीफ के सुरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर परमात्मा ने छः दिन में सृष्टि की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा। जिससे यह सिद्ध होता है कि परमात्मा संपूर्ण सृष्टि रचनहार है व हमारा जनक भी है और परमात्मा स्वयंभू भी है ।

  1. पवित्र बाईबल में भी यही प्रमाण है कि उस परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार बनाया। इससे सिद्ध है कि प्रभु भी मनुष्य जैसे शरीर युक्त वाला है तथा उसका नाम कबीर है।

6. आदरणीय दादू साहेब की वाणी में भी यह प्रमाण है कि जब दादू जी सात वर्ष के थे तो परमात्मा कबीर साहेब उन्हें जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिले थे। कबीर जी उन्हें सतलोक लेकर गए, ज्ञान समझाया और वापिस पृथ्वी पर छोड़ा। 

जिन मोकुं निज नाम दिया, सोइ सतगुरु हमार। 

दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।।

  1. आदरणीय गरीबदास जी की वाणी में भी कबीर परमेश्वर से मिलने का प्रमाण है। गरीबदास जी महाराज जी ने बताया कि मुझे और दादू को जो आकर मिला और सतज्ञान दिया वह कोई और नहीं बल्कि काशी वाला जुलाहा कबीर परमेश्वर ही है।

हम सुल्तानी नानक तारे, दादू कूं उपदेश दिया। 

जाति जुलाहा भेद न पाया, काशी माहे कबीर हुआ।।

Ram Navami 2024 Special

सिर्फ सच्चा संत ही हमें पूर्ण परमात्मा से मिलवा सकता है क्योंकि गुरु परमात्मा और आत्मा के बीच कड़ी का काम करता है। लेकिन उससे पहले सच्चे गुरु के बारे में जानना ज़रूरी है, तो चलिए जानते हैं सच्चे गुरु की पहचान क्या है? श्रीमद्भगवत गीता के अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 तथा श्लोक 16 व 17 में प्रमाण है कि जो संत उल्टे लटके संसार रूपी वृक्ष के सभी हिस्सों को समझा देगा, वही पूर्ण संत है। कबीर साहेब ने धर्मदास जी को बताया था कि कलयुग में मेरा संत सतभक्ति बताएगा लेकिन सभी संत व महंत उसके साथ झगड़ा करेंगे। यह सच्चे संत की पहचान होगी। 

जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै (बतावै), वाके संग सभि राड़ बढ़ावै।

या सब संत महंतन की करणी, धर्मदास मैं तो से वर्णी।।

पूर्ण संत का वर्णन कबीर सागर ग्रंथ पृष्ठ नं. 265 बोध सागर में मिलता है व गीता जी के अध्याय नं. 17 श्लोक 23 व सामवेद संख्या नं. 822 में मिलता है। पूर्ण संत तीन स्थिति में नाम प्रदान करता है। यही उस सच्चे संत की पहचान है। सतगुरु गरीबदास जी ने भी अपनी वाणी में कहा है कि वो सच्चा संत चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा अर्थात् उनका सार निकाल कर बताएगा।

सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद। 

चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।

वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी पूर्ण तत्वदर्शी संत हैं। वे एकमात्र ऐसे संत हैं जिन्होंने सतमार्ग को उजागर किया है। सतज्ञान को जान, समझकर भक्ति करने से पूर्ण राम से मिलने वाले सभी लाभ भक्तों को प्राप्त होते हैं, जो पाप कर्म जीवन में अड़चन डाल रहे होते हैं वह भी दूर हो जाते हैं। परमात्मा भक्त के पाप कर्म काट देता है, साधक को भक्ति करने के लिए सौ वर्ष की आयु प्रदान करता है। संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र ऐसे संत हैं जिन्होंने दशरथ पुत्र श्री राम की वास्तविकता से भक्त समाज को अवगत कराया है।

वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी पूर्ण संत है। उन्होंने सतमार्ग को उजागर किया है। उनके द्वारा दिए जा रहे सतज्ञान को जानने और सुनने के लिए Satlok Ashram YouTube Channel को Visit करें। उन्होंने विश्वभर में 500 से भी अधिक नामदान केंद्र खोले हैं। आप अपने नज़दीकी नामदान केंद्र का पता करके संत रामपाल जी महाराज से  निःशुल्क नाम दीक्षा ले सकते हैं।

प्रश्न 1. रामनवमी क्यों मनाई जाती है?

उत्तरः हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था अत: इस शुभ तिथि को भक्त लोग रामनवमी के रूप में मनाते हैं।

प्रश्न 2. रामनवमी का क्या अर्थ है?

उत्तरः राम नवमी (संस्कृत: राम नवमी) एक हिंदू त्योहार है जो भगवान विष्णु के सातवें अवतार राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। 

प्रश्न 3. राम भगवान के कितने बहन और भाई थे?

उत्तरः भगवान राम के 3 भाई थे, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। राम जी की एक बहन थी जिनका नाम शांता था।

4. आदि राम कौन है जो दशरथ पुत्र राम से पहले भी थे और आज भी हैं?

उत्तरः आदि राम परमात्मा स्वयं कबीर साहेब जी हैं जो पृथ्वी और समस्त लोकों तथा सभी देवी देवताओं के उत्पत्तिकर्ता और जनक हैं।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

Indian Coast Guard Day 2025: Defining Biggest Protection & Safety

Last Updated on 29 January 2025 IST: Every year 1st February is observed as...

30 January Martyrdom Day of Gandhi Ji Observed as Martyrs’ Day / Shaheed Diwas

Last Updated on 28 January 2025 IST | Martyrs’ Day 2025: Every year Shaheed...

Lala Lajpat Rai Birth Anniversary 2025: Know about the Lion of Punjab on His Jayanti

Last Updated on 27 January 2025 IST | Lala Lajpat Rai Jayanti (Birth Anniversary...
spot_img

More like this

Indian Coast Guard Day 2025: Defining Biggest Protection & Safety

Last Updated on 29 January 2025 IST: Every year 1st February is observed as...

30 January Martyrdom Day of Gandhi Ji Observed as Martyrs’ Day / Shaheed Diwas

Last Updated on 28 January 2025 IST | Martyrs’ Day 2025: Every year Shaheed...