December 3, 2024

सफल हुआ संत रामपाल जी महाराज जी का 72वां अवतरण दिवस: विशाल भंडारे, रक्तदान शिविर और दहेज मुक्त शादियां बनी चर्चा का विषय

Published on

spot_img

आठ सितंबर 1951 को अवतरित हुए अविरल ज्ञान के धनी, विश्व प्रसिद्ध समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज का 72वां अवतरण दिवस उनके शिष्यों के द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। अवतरण दिवस के अवसर पर 06 से 08 सितंबर 2022 तक तीन दिवसीय समागम आयोजित किया गया। 

हुए विशाल भंडारे और नाम दान शिविर!

इस समागम में लाखों की संख्या में देश विदेश से आए श्रद्धालुों का तांता लगा रहा। परमेश्वर की अमर वाणी का अखंड पाठ, विशाल भंडारा, निशुल्क नामदीक्षा चौबीसों घंटे चलती रहीं। संत रामपाल जी महाराज के दिल्ली मुंडका स्थित सतलोक आश्रम सहित हरियाणा के रोहतक, भिवानी, और कुरुक्षेत्र स्थित सतलोक आश्रमों, पंजाब के धुरी और खमानो स्थित सतलोक आश्रमों, उत्तरप्रदेश के शामली, राजस्थान सोजत, और मध्यप्रदेश के किठौड़ा इंदौर स्थित सतलोक आश्रमों में सभी आयोजन एक साथ आयोजित किए गए। 

हर सतलोक आश्रम में विशाल रक्तदान शिविर आयोजित हुए

सभी समागमों में परमार्थ के कई कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें रक्तदान मुख्य रहा। संत रामपाल जी महाराज के भक्त समय समय पर भी रक्तदान करते रहते हैं। आपातकाल के समय भी उनके भक्त कम समय में पहुँचकर मरीजों की जान बचाने का पुण्य कार्य करते हैं। संत रामपाल जी महाराज ने सदैव रक्‍तदान की आवश्‍यकता पर जोर दिया है। उनके अनुसार कष्ट सहकर भी मुश्किल समय में रक्तदान अवश्य करना चाहिए ताकि रक्त मिलने से मरीज को जीवन दान मिले और उसके परिजनों का मानसिक तनाव कम हो। उनके शिष्य गर्व के साथ कहते है कि उनके सतगुरु रामपाल जी महाराज ने रक्तदान को महादान की संज्ञा दी है क्योंकि यह किसी मानव को जीवन प्रदान करता है। उनका कहना है रक्तदान करने से मनुष्य में कोई कमजोरी नहीं आती है। इसमें कोई संकोच न करके सभी को रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान करके किसी व्यक्ति की जिंदगी बचाना एक साहसिक कार्य है। 

संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर सभी सतलोक आश्रमों में रक्तदान शिविर लगाकर रक्तदान किया गया। रक्तदान को सुचारु रूप से कराने के लिए भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी और मैक्स अस्पताल और अन्य बड़े अस्पतालों का भरपूर सहयोग मिला। सतलोक आश्रमों ने एक विशेष टेंट लगाकर डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ और उनके द्वारा प्रयोग लिए जाने वाले उपकरणों के लिए व्यवस्था बनाई। बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु रक्तदान करने के लिए आगे आए। रक्तदान करने के इच्छुक भक्तों की लाइने इतनी लंबी हो गईं, कि रक्तदान लेने के लिए आई टीमे कम पड़ गईं। एक अनुमान के मुताबिक इस तीन दिवसीय समागम में 776 यूनिट से भी अधिक रक्तदान हुआ। सतलोक आश्रमों की ओर से फलों और जूस की पर्याप्त व्यवस्था भी की गई और रक्तदाताओं को फल और ठंडे पेय दिए गए ताकि गर्मी और कमजोरी महसूस नहीं हो। रक्तदान करने के बाद भक्तगण बहुत अच्छा महसूस कर रहे थे। बहुत से आगंतुकों ने इस प्रयास की भूरी भूरी प्रशंसा की। 

दहेज मुक्त भारत मिशन को मिली सफलता

समागम की एक विशेषता रही कि इसमें 73 से भी अधिक जोड़ों ने दहेज मुक्त दिखावा रहित शादी मात्र 17 मिनट की परमात्मा की वाणी रमैनी के साथ की। यहाँ यह बता देना जरूरी है कि संत रामपाल जी महाराज ने अभी तक लाखों जोड़ों की दहेज मुक्त शादियां कराकर बेटियों को आत्महत्या के अभिशाप से बचाया है। तीन दिवसीय समागम का अंत पाठ प्रकाश के बाद परमात्मा को भोग लगाकर किया गया। बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं को संत रामपाल जी महाराज की अमृतमयी वाणी में सत्संग के द्वारा सतज्ञान सुनाया गया। अंत में सभी श्रद्धालुओं को हलवा प्रसाद वितरित किया गया और भंडारा कराया गया। अनेकों नए श्रद्धालुओं ने संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर उनसे निशुल्क नाम दीक्षा लेकर सभी व्यसनों, कुप्रथाओं से दूर रहने और सतभक्ति कर अपना कल्याण कराने का निश्चय किया।              

मानव समाज के मसीहा हैं संत रामपाल जी महाराज

विश्व सुप्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार स्वतंत्रता के 4 वर्ष बाद संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में हुआ। 

नास्त्रेदमस ने सन् 1555 में लिखा है कि एक अद्वितीय हिन्दू संत अचानक प्रकाश में आयेगा। मैं छाती ठोक कर कहता हूँ कि मेरे उस ग्रेट शायरन का कृतत्व और उसका गूढ़ गहरा ज्ञान ही सबकी खाल उतारेगा। वह संत आध्यात्मिक चमत्कारों से आधुनिक वैज्ञानिकों की आँखें चकाचौंध करेगा। उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगेगा। यह भविष्यवाणी उनके लिए हुई थी. सिक्ख धर्म के पवित्र ग्रंथ “जन्म साखी भाई बाले वाली” में भी लिखा है कि उस महान संत का जन्म जाट जाति में होगा और उसका प्रचार क्षेत्र बरवाला होगा।  

 उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम फिरता दाने दाने नूं ।

सर्व कला सतगुरु साहेब की हरी आये हरियाणें नूं ।।

मानव कल्याण के लिए संत रामपालजी महाराज ने अपनी जे.ई. की सरकारी पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया था। यहीं से   शुरू होता है संत रामपाल जी महाराज जी का संघर्ष। सन 1994 के बाद संत रामपाल जी महाराज जी अपने खुशहाल परिवार को छोड़ कर पूरे विश्व की आत्माओं को जगाने में लग गए। उसके बाद संत रामपाल जी महाराज जी ने दिन रात एक करके भक्त समाज को जागरूक किया और भटकी हुई आत्माओं को मोक्ष का रास्ता दिखाते हुए कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

जल्दी से जल्दी संत रामपाल जी महाराज से जुड़े

संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य एक ऐसे स्वच्छ समाज की स्थापना करना है जो चोरी, जारी, ठगी, रिश्वतखोरी, नशे से दूर हो। आज हकीकत में उनके ज्ञान से यह सम्भव हो रहा है। विश्व में प्रेम व शांति स्थापित करना व कुरीतियों, पाखंडवाद, नशा, दहेज प्रथा आदि को समाप्त करके सबको एक परमात्मा की भक्ति करवाकर सुखी बनाना और पूर्ण मोक्ष देना उनका लक्ष्य है। तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने सभी धर्मों के ग्रंथों से गूढ़ रहस्यों को खोलकर तत्वज्ञान को मानव समाज के कल्याण के लिए दिया है। यही नहीं उनके द्वारा किए गए सामाजिक सुधारों से देश दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार, नशावृत्ति, मांसाहार मुक्त बनने की दिशा में अग्रसर हैं। आप भी उनकी मुहिम से जुड़कर ना सिर्फ समाज को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दे सकते है बल्कि अपना मोक्ष भी करवा सकते है। संत रामपाल जी महाराज से निशुल्क नाम दीक्षा लेने के लिए नाम दीक्षा फॉर्म भरे।

Latest articles

Indian Navy Day 2024: Know About the ‘Operation Triumph’ Launched by Indian Navy 50 Years Ago

Last Updated on 3 December 2024 IST: Indian Navy Day 2024: Indian Navy Day,...

मानबसा गुरुवार (Manabasa Gurubar), जानिए सुख समृद्धि का शास्त्रानुकूल सहज मार्ग

मानबसा गुरुवार (Manabasa Gurubar), एक कृषि त्योहार है जो ओडिशा प्रान्त में मनाया जाता...

World AIDS Day 2024: Sat-Bhakti can Cure HIV / AIDS

Last Updated on 1 December 2024: World AIDS Day is commemorated on December 1...
spot_img

More like this

Indian Navy Day 2024: Know About the ‘Operation Triumph’ Launched by Indian Navy 50 Years Ago

Last Updated on 3 December 2024 IST: Indian Navy Day 2024: Indian Navy Day,...

मानबसा गुरुवार (Manabasa Gurubar), जानिए सुख समृद्धि का शास्त्रानुकूल सहज मार्ग

मानबसा गुरुवार (Manabasa Gurubar), एक कृषि त्योहार है जो ओडिशा प्रान्त में मनाया जाता...