संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान परिवार में हुआ। इनके विषय में अनेकों भविष्यवक्ताओं द्वारा भविष्यवाणी भी की गई है। नास्त्रेदमस जी ने अपनी भविष्यवाणी में लिखा है कि स्वतंत्रता के 4 वर्ष बाद 1951 में भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो पूरे विश्व को नये आध्यात्मिक ज्ञान से परिचित कराएगा। इससे सिद्ध होता है कि संत रामपाल जी महाराज ही वह संत हैं जो पूरे विश्व में सभी सतग्रंथों से प्रमाणित आध्यात्मिक रहस्यमय तत्वज्ञान को उजागर कर रहे हैं जोकि आज तक लोगों के लिए रहस्य बना हुआ था।
संत रामपाल जी महाराज का प्रारंभिक जीवन
संत रामपाल जी महाराज अपनी पूरी पढ़ाई करने के बाद हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। इसी दौरान संत रामपाल जी महाराज जी ने 17 फरवरी सन् 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से नाम दीक्षा प्राप्त की। उनके अनुयायी इस दिवस को बोध दिवस के रूप में मनाते हैं।
उस समय संत रामपाल जी महाराज जी की आयु 37 वर्ष की थी। इस उपदेश दिवस को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता हैं। अपने गुरु जी से नाम दीक्षा लेने के उपरांत संत रामपाल जी महाराज ने पूरे तन मन से अपने गुरु जी द्वारा बताए गए भक्ति मार्ग पर चलते हुए अपनी भक्ति साधना को पूरी लगन के साथ पूरा किया जिससे उन्हें परमात्मा का साक्षात्कार भी हुआ।
संत रामपाल जी महाराज जी को 1994 में स्वामी रामदेवानंद जी ने आदेश दिया कि अब आप लोगों को नाम दीक्षा दिया करो। अपने गुरुजी की आज्ञा को मानकर संत रामपाल जी महाराज ने 18 साल की अपनी नौकरी से 21/05/1995 को इस्तीफा दे दिया और पूर्णतः नामदान देने लग गए। 1997 की फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकम को दिन के दस बजे कबीर परमेश्वर जी ने संत रामपाल जी महाराज को दर्शन दिया और सतनाम तथा सारनाम देने के सही समय का संकेत दिया और अंतर्ध्यान हो गए।
संत रामपाल जी महाराज जी का स्वभाव
संत रामपाल जी महाराज जी शांत सरल स्वभाव के हैं। संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि संत अपना संतुलन नहीं खोते हैं। संत का स्वभाव होता है कि शांत तरीके से रहते हुए सभी कार्य करना। संत अपनी संतत्ता नहीं छोड़ते हैं वह अपने उद्देश्य को पूरा करके ही रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि हमें किसी से लड़ना-झगड़ना नहीं है जो भी कार्य करना हैं उसे शांतिपूर्वक करना चाहिए। परमात्मा के ज्ञान आधार से सबको समझाना चाहिए, वह माने तो ठीक, ना माने तो ठीक। संत कभी डरते नहीं और ना वे लड़ते हैं। वह अपने उद्देश्य को पूरा करते हुए आगे को बढ़ते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी अपने तत्वज्ञान के माध्यम से लोगों को बताते हैं कि हमें सभी बुराइयों से दूर होकर परमात्मा की सतभक्ति करनी चाहिए और जो दैनिक कार्य हैं हमें उसे ईमानदारी से करते हुए परमात्मा को हमेशा याद करना चाहिए। अपने मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य को पूरा करना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज जी के गुण
संत रामपाल जी महाराज जी के गुणों के बारे में पूरा लिखा नहीं जा सकता क्योंकि :-
सात समुद्र की मसि करूँ, लेखनी करू बनराई । धरती का कागज करूँ, गुरु गुण लिख्या ना जाए ।
यदि सारी धरती को कागज़ बना दिया जाए और सारे जंगल – वनों की लकड़ी की कलम बना ली जाए तथा सातों समुद्रों की स्याही कर दी जाएँ तो भी हम अपने द्वारा कभी भी अपने गुरुदेव जी के गुण नहीं लिख सकते है। फिर भी संत रामपाल जी महाराज जी के गुणों के बारे में थोड़ा बता सकते है कि संत रामपाल जी महाराज जी साधारण वेशभूषा पोशाक में रहते हैं। एक साधारण तरीके से रहते हुए अपने मूल उद्देश्य को पूरा करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के वचनों में शक्ति हैं। क्योंकि जो पूर्ण संत होते हैं उनके वचनों में शक्ति होती है। संत रामपाल जी महाराज जी कहीं पर भी रह कर अपने शिष्यों की मदद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी अपने आध्यात्मिक शक्ति के माध्यम से अपने भक्तजनों के दुखों का निवारण करते हैं।
संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं
संत रामपाल जी महाराज जी एक सतगुरु रूप में अवतरित हुए हैं क्योंकि पूर्ण परमात्मा ही सतगुरु रूप में प्रकट होकर अपने तत्वज्ञान के माध्यम से लोगों का उद्धार करने के उद्देश्य से इस पृथ्वी पर प्रकट होते हैं। वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ही सभी शास्त्रों के आधार पर लोगों को तत्वज्ञान का भेद करा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज अपने तत्वज्ञान के माध्यम से लोगों को जागृत कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी अपने तत्वज्ञान के माध्यम से लोगों को यह बताते हैं कि मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य क्या है, हमें किस तरह से मनुष्य जीवन में रहना चाहिए, किस की भक्ति करनी चाहिए, भक्ति विधि क्या है इन सबकी जानकारी बताते हैं।
Read in English | Saint Rampal Ji Maharaj: An Introduction and Prophecies Related to Him
वे यह भी शिक्षा देते हैं कि परमात्मा से डरते हुए हमें सभी बुराइयों से दूर रहना चाहिए और परमात्मा से डरते हुए हमेशा भक्ति करनी चाहिए। परमात्मा की सत भक्ति से और गुरु जी के ज्ञान पर चलने से मानव के अंदर अच्छे गुणों का विकास होता है तथा बुराइयां दूर होती है, परमात्मा का समावेश होता है, सभी कार्य सुगमता से होना शुरू हो जाते है। संत रामपाल जी महाराज सभी सतग्रंथों से प्रमाणित तत्वज्ञान लोगों को बताते हैं और कबीर साहेब जी की सभी वाणियों तथा अन्य संतों की वाणी से भी प्रमाणित ज्ञान लोगों को बताते हैं जिससे हमारा पूर्ण मोक्ष होगा तथा परमात्मा प्राप्ति होगी।
संत रामपाल जी के बारे में भविष्यवाणियां
संत रामपाल जी महाराज जी के बारे में अनेकों भविष्यवक्ताओं ने भविष्यवाणियां की है। फ्रांस के भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस, अमेरिका के भविष्यवक्ता एंडरसन, अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता जीन डिक्सन, इंग्लैंड के ज्योतिषी कीरो आदि अनेकों भविष्यवक्ताओं ने वर्तमान समय में आने वाले अवतार के बारे में पहले से ही भविष्यवाणियां कर दी थी।
भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस जी ने अपनी भविष्यवाणी में बताया है कि उस महान संत के नेतृत्व में ही भारत विश्व गुरु कहलायेगा तथा फिर से भारत सोने की चिड़िया कहलाएगा। सतयुग जैसा माहौल फिर से होगा। वह महान संत कोई और नहीं संत रामपाल जी महाराज जी हैं। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां इस प्रकार हैं:
- नास्त्रेदमस ने अपने शतक 1 श्लोक 50 में यह बताया है कि वह महान संत ऐसी भूमि पर जन्म लेगा जहां पांच नदियां बहती हैं। उन्होंने आगे यह बताया कि उस महान संत पर झूठे आरोप देशद्रोह के लगाए जाएंगे जिनके चलते जनसमुदाय उनसे नफरत करेगा पर सच्चाई जानने के बाद बाद में वही जनसमुदाय उनसे बेहद प्रेम करेगा।
- उन्होंने शतक 10 श्लोक 96 में यह बताया कि वह महान संत ऐसे देश में पैदा होगा जो तीन तरफ से पानी से घिरा हो और उसका नाम एक महासागर के नाम पर हो।
- शतक 5 श्लोक 41 में उन्होंने यह कहा है कि उस महान संत की चार संताने यानी दो बेटे और दो बेटियां होगी।
- शतक 6 श्लोक 70 में उन्होंने यह कहा है कि वह महान संत इस पूरी दुनिया के संचालक होंगे।
- शतक दो श्लोक 79 में उन्होंने यह कहा है कि वह महान संत सही भक्ति विधि बता कर मानव जाति को इस गुरूर भूमि से मुक्त करवाएगा।
यह सारी भविष्यवाणियां निसंदेह संत रामपाल जी महाराज पर ही सटीक बैठती हैं क्योंकि
- सन 1951 में संत रामपाल जी महाराज का जन्म गांव धनाना जिला सोनीपत में हुआ था। उस समय सोनीपत पंजाब का हिस्सा था। पंजाब ही एक ऐसा प्रदेश है जिसमें पांच नदियां बहती है और हिंदुस्तान ही वह देश है जिसका नाम एक महासागर पर पड़ता है और ये तीनों तरफ से समुद्र से घिरा है।
- संत रामपाल जी महाराज के चार बच्चे हैं दो बेटे और दो बेटियां।
- संत रामपाल जी महाराज पर देशद्रोह के झूठे आरोप लगे हैं जिनके चलते संत रामपाल जी महाराज हिसार सेंट्रल जेल में कैद है।
संत रामपाल जी महाराज जी के कार्य
संत रामपाल जी महाराज जी महान व्यक्ति हैं जिन्होंने वर्तमान समय में अनेकों समाज सुधार के कार्य किए है और कर रहे हैं। समाज में से सभी बुराइयों को दूर कर रहे हैं, खत्म कर रहे हैं, एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज अपने आध्यात्मिक सत्संगों के माध्यम से सभी मनुष्यों के अंदर इंसानियत, मानवता को जागृत कर रहे हैं। पृथ्वी के सभी मानव को सद्भक्ति देकर परमात्मा से परिचित करा रहे हैं तथा पूर्ण मोक्ष करा रहे हैं। सबका कल्याण करना दुखी जीवों को सुखी करना यह संत रामपाल जी महाराज का मूल उद्देश्य है।
संत रामपाल जी महाराज नशे से, भ्रष्टाचार से, पाखंड से, दहेज से, जातिवाद से, सांप्रदायिकता से, राग द्वेष से हिंसा से, दुराचार से कुप्रथाओं से आदि सभी बुराइयों से छुटकारा दिलाकर, फिर से सतयुग जैसा माहौल करना चाह रहे हैं।
उत्तर, दक्षिण, पूर्व पश्चिम, फिरता दाने दाने नू।
सर्व कलां सतगुरु साहेब की, हरि आए हरियाणे नू।।
इस बार 8 सितंबर 2022 को जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का 74 वां अवतरण दिवस है। इस पावन अवसर पर निःशुल्क विशाल भंडारा, निःशुल्क नाम दीक्षा व 6 से 8 सितंबर तक 3 दिवसीय अखंड पाठ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी सह परिवार सादर आमंत्रित हैं।
इस विशेष पर्व पर हमारे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 09 बजकर 15 मिनट से साधना Tv चैनल पर प्रसारित होगा। इसको आप Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel पर भी देख सकते हैं।
FAQ About Sant Rampal Ji Maharaj
Ans: वास्तव में संत रामपाल जी महाराज अवतार हैं इसका महापुरुषों और संतों की वाणियों में जिक्र है और प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियों में इसका प्रमाण हैं।
Ans: सतलोक में पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी रहते हैं।
Ans: क्योंकि संत रामपाल जी महाराज ने धार्मिक ग्रंथों को खोलकर सच्चाई को सामने रख दिया इस वजह से कुछ धर्म गुरुओं द्वारा उन पर झूठा आरोप लगाया। इसलिए वह परमार्थ के लिए जेल में हैं।
Ans: पूरी दुनिया में पूर्ण संत रामपाल जी महाराज हैं