Last Updated on 09 February 2023, 11:05 PM IST: 17 फरवरी बोध दिवस: सन् 1988 में 17 फरवरी के दिन सतगुरु रामपाल जी महाराज को स्वामी रामदेवानंद जी से नाम उपदेश प्राप्त हुआ था। इसी उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष संत रामपाल जी महाराज का बोध दिवस 17 फरवरी को मनाया जाता है। इस पवित्र अवसर पर आइए हम सब मिलकर परम संत सतगुरु रामपाल जी महाराज के बारे में जाने और उनके बताये सत भक्ति मार्ग पर चलकर अपना, अपने परिवार का कल्याण करायें और समाज को नई दिशा प्रदान करें।
17 फरवरी बोध दिवस तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
17 फरवरी को एक ऐसे महान संत का बोध दिवस है जिसने दहेज मुक्त, नशा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, व्याभिचार मुक्त समाज का निर्माण करते हुए सतज्ञान की सुगन्ध को पूरे विश्व में फैलाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने मानव जीवन का लक्ष्य सतगुरु की छत्रछाया में समग्रता से जीते हुए दुष्कर्म त्यागने और परमात्मा का ध्यान, सुमरण, प्रभु गुणगान करके काल जाल से मुक्त होकर अपनी उच्चतम संभावना को प्राप्त करने का संदेश दिया है।
कबीर परमेश्वर जी को साक्षी मानकर सतगुरु संत रामपाल जी ने बताया है कि हे भोले मानव! मुझे आश्चर्य है कि बिना गुरू से दीक्षा लिए किस आशा को लेकर जीवित है। जिनको यह विवेक नहीं कि भक्ति बिना जीव का कहीं भी ठिकाना नहीं है वे नर यानि मानव नहीं हैं, वे तो पत्थर हैं-
बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत हैं प्राण।
भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नाहीं पाषाण।।
न तो शरीर तेरा है, यह भी त्यागकर जाएगा। फिर सम्पत्ति तेरी कैसे है? इसलिए जीवन के बचे हुए पलों में शुद्ध अंतःकरण से भक्ति करो-
कबीर, काया तेरी है नहीं, माया कहाँ से होय।
भक्ति कर दिल पाक से, जीवन है दिन दोय।।
आध्यात्मिक दृष्टि से वह मनुष्य जो पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर भक्ति नहीं करता है तो उसको चाहे पूरी पृथ्वी का राज्य ही क्यों नहीं मिल जाए, वह लक्ष्यहीन सिद्ध होकर जन्म मृत्यु के दुष्चक्र में फंसे रहकर बेगार करने के समान है-
अगम निगम को खोज ले, बुद्धि विवेक विचार।
उदय-अस्त का राज मिले, तो बिन नाम बेगार।।
धरती पर अवतार संत रामपाल जी महाराज
सतगुरु संत रामपाल जी के अनुसार परम सत्य को जानने के बाद मनुष्य की आत्मा जन्म मृत्यु से मुक्ति की अधिकारी हो जाती है और मनुष्य इस संसार समुद्र से पूर्णतया मुक्त होकर पुनः संसार चक्र में नहीं फँसता। सतगुरु से सतज्ञान लेकर आत्मबोध ही केवल ऐसा मार्ग है जिसके जरिये भक्त अपना जीवन कुशलतापूर्वक व्यतीत कर सकते हैं।
कबीर, जा दिन सतगुरु भेटियां, सो दिन लेखे जान।
बाकी समय गंवा दिया, बिना गुरु के ज्ञान।।
ज्ञान के बिना मनुष्य और पशु-पक्षी सभी पालन पोषण और संतानोत्पत्ति के लिए आजीवन संघर्षरत रहते हैं अंत में प्राण त्याग कर कर्मानुसार पुनर्जन्म को प्राप्त होते हैं। अन्यत्र सतगुरु मिल जाए तो पशु जैसे जीवन को भोग रहा इंसान सतज्ञान से देवता बन जाता है।
कबीर, बलिहारी गुरू आपणा, घड़ी घड़ी सौ सौ बार।
मानुष से देवता किया, करत ना लाई वार।।
क्या है बोध दिवस?
17 फरवरी बोध दिवस: ऐसा शुभ दिन जब किसी को सतगुरु से नामदीक्षा मिल जाए उस व्यक्ति का वास्तविक जन्म दिवस है। इस शुभ दिन को ही उसे मानव जन्म मिलने के साथ ही मनुष्य जीवन के वास्तविक कर्तव्य का बोध होता है। ऐसे दिन को बोध दिवस के नाम से भी जाना जाता है। गुरू की महत्ता को बताने के लिए स्वयं अनन्त कोटि ब्रह्मांड के स्वामी पूर्ण परमेश्वर कबीर जी ने भी उस समय के प्रकांड पंडित रामानंद जी महाराज को गुरू बनाया।
कब है संत रामपाल जी महाराज का बोध दिवस?
परमपिता पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के धरती पर अवतार तत्वदर्शी संत सतगुरु रामपाल जी महाराज ने भी गुरू बनाया। परम संत रामपाल दास जी महाराज को 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी 1988 फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि को स्वामी रामदेवानंद जी से नाम दीक्षा प्राप्त हुई। सतगुरु रामपाल जी महाराज ने नाम उपदेश प्राप्त करने के बाद तन-मन से समर्पित होकर अपने सतगुरु स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग पर दृढ़ होकर साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है। इसीलिए प्रतिवर्ष 17 फरवरी को संत रामपाल जी महाराज के बोध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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संत रामपाल जी का बोध दिवस और जन्म दिवस अलग
पाठकों को स्मरण रहे कि सतगुरु रामपाल जी महाराज के भौतिक शरीर का अवतरण 8 सितम्बर 1951 को हरियाणा प्रांत के जिला सोनीपत के गांव धनाना में एक किसान परिवार में हुआ था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के उपरांत वे हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में कनिष्ठ अभियंता के पद पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे थे। जबकि संत रामपाल जी महाराज का बोध दिवस 17 फरवरी को मनाया जाता है।
महान भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी का अवतरण तय था
वर्तमान में पूर्ण परमात्मा तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का धरती पर अवतरण विश्व के महान भविष्यवक्ताओं की वाणियों में छिपे संदेश के साथ मिलना महज एक संयोग नहीं है अपितु विश्व को सतभक्ति मार्ग बताने के लिए साक्षात परमात्मा का कृत्य है। उदाहरणतः नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी से स्पष्ट है कि “जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन का आध्यात्मिक जन्म होगा, उस दिन अमावस्या की अंधेरी रात होगी। उस समय उस विश्व नेता की आयु 16 या 20 या 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा, बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में संसार में प्रसिद्ध होगा। सन् 2006 में वह संत अचानक प्रकाश में आएगा।”
स्वामी रामदेवानंद ने दिया संत रामपाल जी को नाम उपदेश देने का आदेश
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज को सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण उन्होंने कनिष्ठ अभियंता (जूनियर इंजीनियर) के पद से त्यागपत्र दे दिया, जिसे हरियाणा सरकार द्वारा 16/5/2000 को पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16/5/2000 के तहत स्वीकृत कर लिया गया था।
17 फरवरी बोध दिवस: सतगुरु रामपाल जी ने सतज्ञान प्रचार किया
वर्ष 1994 से 1998 के बीच तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर, गांव-गांव, नगर-नगर में जाकर सत्संग किया। थोड़े ही समय में बहुसंख्या में स्त्री और पुरुष लोग उनके अनुयाई हो गये। सन् 1999 में हरियाणा राज्य के रोहतक जिले में स्थित गांव करौंथा में संत रामपाल दास जी ने सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की तथा 1 जून 1999 से 7 जून 1999 तक परमेश्वर कबीर जी के प्रकट दिवस पर सात दिवसीय विशाल सत्संग का आयोजन करके आश्रम का उद्घाटन किया। महीने की प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिन का सत्संग प्रारम्भ किया। दूर-दूर से श्रद्धालु सत्संग सुनने आने लगे तथा तत्वज्ञान को समझकर बहुसंख्या में नाम दीक्षा लेकर अनुयाई बनने लगे।
चंद दिनों में सतगुरु रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जिन ज्ञानहीन संतों व ऋषियों के अनुयाई सतगुरु रामपाल जी के पास आने लगे तथा अनुयाई बनने लगे, वे उन ऋषियों से संत रामपाल जी महाराज के बताए तत्वज्ञान के आधार पर प्रश्न करने लगे, जिससे वे अज्ञानी धर्मगुरू संत रामपाल जी से ईर्ष्या करने लगे। लेकिन सतज्ञान के विरुद्ध लोकवेद कथा कहने वाले ज्ञानहीन संतों का सांसारिक विरोध संत रामपाल दास जी को सहना पड़ा।
शास्त्र अनुकूल भक्ति प्रदान करते हैं सतगुरु रामपाल जी
17 फरवरी बोध दिवस: सतगुरु संत रामपाल जी महाराज पवित्र वेदों, श्रीमद्भगवद्गीता, कुरान, बाइबल और सूक्ष्म वेद आधारित शास्त्र अनुकूल सतज्ञान बताते हैं। जैसे कि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि पूर्ण परमात्मा अपने भक्त के सर्व पाप क्षमा कर देता है, यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में बताया है कि परमात्मा सशरीर है, श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में ॐ-तत्-सत् में तीन बार नाम दीक्षा, कुरान में बाखबर को ढूँढने की सलाह, बाइबल में छः दिनों में सृष्टि रचना इत्यादि शास्त्रों में छिपे गूढ़ रहस्यों को उजागर संत रामपाल जी ने किया।
पवित्र पुस्तक ‘गहरी नजर गीता में‘ की रचना
सन् 2001 में सतगुरु रामपाल जी महाराज ने स्वः प्रेरणा के आधार पर सभी धर्मां के सद्ग्रन्थों का गहराई से अध्ययन प्रारंभ किया और सर्वप्रथम पवित्र श्रीमद् भगवद्गीता जी पर आधारित एक पवित्र पुस्तक ‘गहरी नजर गीता में‘ की रचना की। इस सतज्ञान के आधार पर मार्च 2002 में राजस्थान प्रांत के जोधपुर शहर में सत्संग प्रारंभ किया। इस विषय में भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने करीब 500 वर्ष पूर्व भविष्यवाणी में कहा था कि “उस हिन्दू संत (ग्रेट शायरन) को 50 वर्ष की आयु में शास्त्रों से प्रमाणित तत्वज्ञान होगा अर्थात् वह 50 वर्ष की आयु में सन् 2001 में सर्व धर्मो के शास्त्रों को पढ़ कर उनका ज्ञाता (तत्वज्ञानी) होगा तथा उसके पश्चात् उस तत्वज्ञान को प्रदान करेगा।”
अज्ञान का किया पर्दाफाश, झेलना पड़ा भारी विरोध
संत रामपाल जी ने सन् 2003 से समाचार पत्रों और टी.वी. चैनलों के माध्यम से सत्यज्ञान का प्रचार करके अन्य धर्मगुरूओं को समझाने का प्रयास किया कि आप शास्त्रविरूद्ध ज्ञान के आधार पर भोले भक्तों से पूजा करवाकर दोषी बन रहे हैं। आज तक किसी भी संत ने उत्तर देने की हिम्मत नहीं की। जिसके बाद 2006 में झूठे मामले में 21 महीने तक निर्दोष होते हुए भी संत रामपाल जी महाराज को जेल में रहना पड़ा और उनके करौंथा आश्रम को भी जब्त कर लिया गया। इस तरह साल 2006 में संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में विख्यात हुए। लेकिन बाद में सच्चाई सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आश्रम फिर से दे दिया। इसके बाद एक बार पुनः झूठे मुकदमों में फँसाकर नवंबर 2014 से लेकर अभी तक संत जी फिर से जेल में हैं।
सतगुरु रामपाल जी के नेतृत्व में भारतवर्ष बनेगा विश्वगुरु
सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा दिया सतज्ञान अद्वितीय है। सतगुरु के नेतृत्व में सतज्ञान के आधार पर भारतवर्ष पूरे विश्व में छा जाएगा। पूरे विश्व में सतज्ञान से भक्ति मार्ग चलेगा। पूरी धरती पर एक ही कानून होगा, कोई दुःखी नहीं रहेगा, विश्व में पूर्ण शांति होगी। विरोध करने वाले भी पश्चाताप कर तत्वज्ञान को स्वीकार करेंगे और समाज मानव धर्म का पालन करेगा। सतभक्ति मर्यादा पालन करके सब मनुष्य पूर्ण मोक्ष प्राप्त करके अपने मूल घर सतलोक जाकर अपने परमपिता परमेश्वर कबीर साहेब की छत्रछाया में सुखमय जीवन जीते हुए जन्म मृत्यु चक्र से बाहर रहेंगे।
सतज्ञान को जानें और प्रसार करें
अब सभी मानव गण सतगुरु रामपाल जी महाराज की शरण में आकर अपने आप को सतज्ञान बोध कराएं और विभिन्न सूचना प्रौद्योगिकी संसाधनों की सहायता से संचित ज्ञान का प्रसार करें। सतगुरु रामपाल जी महाराज का अनमोल ज्ञान पवित्र पुस्तक “ज्ञान गंगा” में और “सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल” पर वीडियो संसाधनों का सदुपयोग करके आप न सिर्फ अपने मनुष्य जीवन के लक्ष्य सार्थकता को सिद्ध करेंगे बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सतमार्ग खोल कर जाएंगे। यहीं आत्म संतुष्टि का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है जिसे प्राप्त करने के लिए मुमुक्षु अपनी दिनचर्या में अनेक निरर्थक प्रयास करते हैं।
संत रामपाल जी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में अखंड पाठ का आयोजन
गरीब, चंद्र सूर की आयु लग, जे जीव का रहै शरीर।
सतगुरु से भेटा नहीं, तो अंत कीर का कीर।।
संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस के अवसर पर 15 फरवरी से 17 फरवरी 2023 तक संत गरीबदास जी महाराज के अमर ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ, विशाल भंडारे, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त विवाह का आयोजन किया जाएगा। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में 9 सतलोक आश्रमों में हो रहे बोध दिवस कार्यक्रम में आप सपरिवार, मित्रों सहित सादर आमंत्रित हैं। आयोजन स्थल है:
- सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली)
- सतलोक आश्रम रोहतक (हरियाणा)
- सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
- सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा)
- सतलोक आश्रम धूरी (पंजाब)
- सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब)
- सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान)
- सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश)
- सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल)
17 फरवरी को संत रामपाल जी महाराज के सत्संग का विशेष प्रसारण साधना टीवी चैनल पर सुबह 9.15 बजे (IST) और पॉपकॉर्न मूवीज चैनल पर सुबह 9.30 बजे (IST) अवश्य देखें। कबीर साहेब कहते हैं:
कबीर, जा दिन सतगुरु भेटियां, सो दिन लेखे जान।
बाकी समय व्यर्थ गया, बिना गुरु के ज्ञान||
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा कैसे लें?
संत रामपाल जी से निःशुल्क दीक्षा लेने या अपने नजदीकी नाम दीक्षा केंद्र का पता जानने के लिए संपर्क करें:- 8222880541… , संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित ज्ञान गंगा और जीने की राह जैसी पवित्र पुस्तकें निःशुल्क मंगवाने के लिए अपना पूरा पता, पिन कोड और मोबाइल नंबर हमारे व्हाट्सएप नंबर 7496801825 पर भेजें तथा अन्य पुस्तकों को पीडीएफ में डाउनलोड करने के लिए हमारी वेबसाइट के प्रकाशन पेज पर जाएं।

FAQ about Bodh Diwas of Sant Rampal Ji Maharaj [Hindi]
उत्तर- 17 फरवरी को
उत्तर- स्वामी रामदेवानंद जी महाराज
उत्तर- 8 सितंबर 1951 को
उत्तर- सन् 1994 में
Great Day of indian relegious culture
Best spritual knowledge 🙏❤️
True spritual knowledge
Very interesting
संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। इन्हीं के अध्यात्मिक ज्ञान से पूरे विश्व में शांति होगी और पूर्ण राम राज्य की स्थापना होगी ।
17 फरवरी 1988 को उनको नाम उपदेश प्राप्त हुआ था। तब से लेकर अब तक उन्होंने करोड़ों लोगों को विकारों से मुक्त कर मोक्ष की राह दिखाई।
According to all the prophets, a great man from India will unite all humans under the banner of mankind and bring an end to all acts of violence, injustice, and insolence. That great man is none other than Jagatguru Tattvadarshi Sant Rampal Ji Maharaj. He has initiated and led a strong movement against all sorts of social evils such as corruption, dowry, casteism, religious discrimation etc. He gives true way of worship according to the holy scriptures such as Bhagvad Geeta, Quran, Bible.
One of the true saint on earth and true spiritual knowledge.
The only Saint in the world giving knowledge from our holy books and showing the books from where he is telling.. whether it’s Gita, Quran or Bible.
I am requesting to everyone must listen and see the proof given by him and proving that “Kabir is the supreme God”.🙏
Great day for us.
True spiritual knowledge according to the scriptures is only available with Sant Rampal Ji Maharaj which grants complete salvation..
TRUE SPIRITUAL LEADER SAINT RAMPAL JI MAHARAJ 🙏
Thanks to SA News to have light on such a great personality.
Saint Rampal Ji has done many social works for the better future of humans.
His followers are away from vices like dowry, intoxication, etc.
There is no doubt that Saint Rampal Ji tells authentic spiritual knowledge.
Interesting and inspirational post. I want to become Saint Rampal ji maharaj devotee.
Sant Rampal ji maharaj is the real saint,
There is only one saint in the world Oh Saint Rampalji Maharaj,
Saint Rampal Ji Maharaj opened the Vedas and showed them
🎉 Param Saint Rampal Ji Maharaj received Naam Updesh from Swami Ramdevanand Ji Maharaj on 17 February 1988, on the new moon day of Falgun month.
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
Great day for world
The great spiritual knowledge for human life
Really amazing knowledge. ..
Sant rampal ji maharaj is the only sant in entire universe that provide true way of worship .
Realy
Sant rampal ji maharaj ji true guru in whole world 🙇
I sincerely request everyone to listen and understand the knowledge of Saint Rampal Ji Maharaj.
The great spiritual leader in the world
Priceless spiritual knowledge.