8 September Avatar Diwas (अवतरण दिवस): जानिए 8 सितम्बर को क्या है?, 8 सितम्बर है जन्म दिवस एक महान शायरन तत्वदर्शी संत का या कहें समूची मानव जाति के तारणहार आदिपुरुष परमेश्वर के अंश का। आइये जानें कौन है वह तारणहार जो करेगा युग परिवर्तन।
8 September अवतार दिवस (Avatar Diwas) मुख्य बिंदु
- पूरे विश्व के एकमात्र तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज हैं जिनका जन्म दिवस है 8 सितम्बर
- नास्त्रेदमस, जीन डिक्सन, कीरो, अनंदाचार्य, प्रोफेसर हरार जैसे कई भविष्यवक्ताओं ने की सन्त रामपाल जी महाराज के विषय में भविष्यवाणियां
- सभी धर्मों के धर्मग्रंथों को खोलकर गूढ़ रहस्यों को सामने लाये सन्त रामपाल जी महाराज, तत्वज्ञान से खोली नकली धर्मगुरुओं की पोल
- 21वीं सदी में आध्यात्मिक क्रांति के साथ तत्वज्ञान से सामाजिक सुधारों, दहेज मुक्त भारत, नशा मुक्त भारत बनाने की दिशा में अग्रसर सन्त रामपाल जी महाराज
भारत की पुण्यभूमि पर सदैव से होता रहा है अवतारों का अवतरण
8 September Avatar Diwas: मानवता के पूर्ण विकास का कार्य आदि काल से भारत की पुण्यभूमि में होता रहा है। इसी पुण्यभूमि पर अवतारों का अवतरण आदि काल से होता आ रहा है। विडम्बना ही कही जाएगी कि दिव्य पुरुषों और अवतारों के जीवन काल में तत्कालीन शासन तंत्र और भोली जनता ने उनके दिव्य ज्ञान और आदर्शों को महत्व नहीं दिया। अपितु उनका विरोध व अपमान ही करते रहे, संतों के प्रति भोली जनता को भ्रमित करके ज्ञान प्रसार में बाधक बनकर पाप के भागीदार बने। भले ही उन संतों के पृथ्वी से प्रस्थान करने के बाद उनकी पूजा में जुट गए। यह हर युग में होता आया है और आज भी हो रहा है।
संत कष्ट सहकर भी सत्य के मार्ग पर अडिग
संत महापुरूष अगण्य कष्टों को सहकर भी सत्य के मार्ग पर अडिग रहते हैं। सत्य पर अडिग रहते हुए ईसा मसीह ने अपने शरीर में कीलों की भयंकर पीड़ा को झेला, सुकरात ने जहर का प्याला पिया, श्री राम तथा श्री कृष्ण जी ने भी यातनाएं सहीं।
सत्यपथ के खोजी परमतत्व के ज्ञाता सन्त को ढूंढ ही लेते हैं
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता सन्त को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है अतः वास्तविक सन्त का खोजी है।
सही सिद्ध हुई विश्व प्रसिद्ध भविष्यवक्ता श्री नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में यह तक कहा है कि वह ग्रेट शायरन तीन ओर से समुद्र से घिरे देश में वे पांच नदियों वाले राज्य में होगा। उस ग्रेट शायरन की माताएं तीन बहनें होंगी, वह न मुस्लिम, न क्रिश्चियन बल्कि केवल हिन्दू ही होगा। उस महापुरुष की चार संतानें (दो बेटे व दो बेटियां) होंगी। उसका बहुत विरोध होगा और उसे देशद्रोह जैसे झूठे आरोपों में जेल भी जाना पड़ेगा।
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के शतक 6 श्लोक 70 में नास्त्रेदमस ने कहा कि:
“मैं छाती ठोककर कहता हूं कि वह महापुरुष ऐसा ज्ञान बतलायेगा, जो आज से पहले किसी ने भी न सुना होगा, उसके ज्ञान को सुनकर सभी विद्वान कहलाने वाले धर्मगुरुओं को नतमस्तक होना पड़ेगा।”
नास्त्रेदमस ने अपने शतक 1 के श्लोक 50 में यह भी कहा है कि वह आदि पुरुष परमेश्वर का अंश व दुनिया का तारणहार होगा। नास्त्रेदमस जी ने भविष्यवाणी की थी कि जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय वह विश्व नेता तरुण नहीं, बल्कि प्रौढ़ होगा और संसार में प्रसिद्ध होगा। वह सन् 2006 होगा। वे विद्वान सन्त है जगत् गुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज।
8 September Avatar Diwas: तत्वदर्शी संत रामपाल जी का परिचय
8 September Avatar Diwas: संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके भारतवर्ष के हरियाणा राज्य सरकार के सिंचाई विभाग में कनिष्ठ अभियंता के पद पर अठारह वर्ष कार्यरत रहे। सन् 1988 में पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की सत्यभक्ति मार्गीय परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।

संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्रि में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज को सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण कनिष्ठ अभियंता के पद से त्यागपत्र दे दिया जो हरियाणा सरकार द्वारा 16.5.2000 को पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16.5.2000 के तहत स्वीकृत है।

सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर, गांव-गांव, नगर-नगर में जाकर सत्संग किया। बहु संख्या में उनके अनुयाई हो गये। साथ-साथ ज्ञानहीन संतों का उनके बताए सत्य मार्ग के प्रति विरोध भी बढ़ता गया।
गांव करौंथा जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना
सन् 1999 में गांव करौंथा जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की तथा एक जून 1999 से 7 जून 1999 तक परमेश्वर कबीर जी के प्रकट दिवस पर सात दिवसीय विशाल सत्संग का आयोजन करके आश्रम का प्रारम्भ किया तथा महीने की प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिन का सत्संग प्रारम्भ किया। दूर-दूर से श्रद्धालु सत्संग सुनने आने लगे तथा तत्वज्ञान को समझकर बहुसंख्या में अनुयाई बनने लगे। चंद दिनों में संत रामपाल महाराज जी के अनुयाइयों की संख्या लाखों में पहुंच गई।
नकली धर्मगुरुओं की खोली पोल
सन्त रामपाल जी महाराज ने विश्व के सभी धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा के लिए ललकारा। जनता को भ्रमित करने वाले सभी धर्मगुरुओं की पोल खोली, धर्मग्रंथों को खोलकर वास्तविकता से परिचय करवाया और तत्वज्ञान बताया। धर्मगुरुओं ने जिन्होंने मात्र, पाखण्ड और आडम्बर के तहत अपने लाभ के लिए धर्म का सहारा लिया था उनकी सच्चाई से जनता को अवगत कराया और इसलिए बहुत विरोध का सामना करना पड़ा। सत्य और असत्य का फर्क धर्मशास्त्रों से खोलकर बताया और अकाट्य तर्कों के साथ सही आध्यात्मिक तत्वज्ञान बताया जो मोक्षदायक और सर्वसुख दायक है। नकली धर्गुरुओ के साथ अध्यात्मिक ज्ञान चर्चा यहाँ देखें
ज्ञान पिपासु पहचानने लगे सत्य ज्ञान
ज्ञानहीन संतों के अनुयाई तत्वदर्शी संत रामपाल जी के पास आने लगे वे उलटे अपने उन अज्ञानी आचार्यों तथा सन्तों से प्रश्न करने लगे कि आप सर्व ज्ञान अपने सद्ग्रंथों के विपरीत बता रहे हो। उदाहरण के लिए, संत रामपाल जी महाराज यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 को उद्धरित करते हुए बताते हैं कि “पूर्ण परमात्मा अपने भक्त के सर्व पाप नाश कर देता है” जब कि अन्य संत बताते हैं ‘‘परमात्मा अपने भक्त के पाप नाश नहीं करता।

दूसरा उदाहरण है कि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में लिखा है कि परमात्मा सशरीर है। अग्ने तनुः असि। विष्णवै त्वं सोमस्य तनुर् असि।। इस मंत्र में दो बार गवाही दी है कि परमेश्वर सशरीर है। उस अमर पुरुष परमात्मा का सर्व के पालन करने के लिए शरीर है अर्थात् परमात्मा जब अपने भक्तों को तत्वज्ञान समझाने के लिए कुछ समय अतिथि रूप में इस संसार में आता है तो अपने वास्तविक तेजोमय शरीर पर हल्के तेजपुंज का शरीर ओढ कर आता है।
अज्ञानी संतों ने प्रारम्भ कर दिया दुष्प्रचार
संत रामपाल जी के तर्कपूर्ण ज्ञान से निरूत्तर होकर अपने अज्ञान का पर्दाफास होने के भय से उन अज्ञानी संतों ने दुष्प्रचार करना प्रारम्भ कर दिया। 12.7.2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने तथा आश्रम को नष्ट करने के लिए अपने अनुयाइयों से सतलोक आश्रम (Satlok Ashram) पर आक्रमण करवाया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की जिस कारण से कुछ उपद्रवकारी चोटिल हो गये। असंतों के प्रभाव से सरकार ने सतलोक आश्रम को अपने आधीन कर लिया तथा संत रामपाल जी महाराज व कुछ अनुयाइयों पर झूठा केस बना कर जेल में डाल दिया। इस प्रकार 2006 में संत रामपाल जी महाराज अपने शास्त्र सम्मत ज्ञान के कारण अधिक विख्यात हुए।
सतलोक आश्रम बरवाला हिसार में असंतों ने नवंबर 2014 में की पुनरावृत्ति
संत रामपाल जी के भक्तों ने हिसार जिले के बरवाला नगर में एक आश्रम की स्थापना की। असंतों ने एक बार फिर 18 नवंबर 2014 को पुनरावृत्ति कि और संत रामपाल जी महाराज को सत्यवद के कारण पुनः जेल जाना पड़ा।
लेकिन यह अनोखा नहीं था इसके बारे में भी भविष्यवक्ता श्री नास्त्रेदमस जी ने पहले ही भविष्यवाणी कर रखी है और लिखा है कि मुझे दुःख इस बात का है कि लोगो के उससे परिचित न होने के कारण मेरा शायरन (तत्वदृष्टा संत) उपेक्षा का पात्र बना है। हे बुद्धिमान मानव ! उसकी उपेक्षा ना करो। वह तो सिंहासनस्थ करके अराध्य देव रूप में मान करने योग्य है। वह हिन्दू धार्मिक संत शायरन आदि पुरुष पूर्ण परमात्मा का अनुयाई जगत् का तारणहार है।
विश्व के सभी महान भविष्यवक्ताओं ने की भविष्यवाणी

सन्त रामपाल जी महाराज के विषय में विश्व के सभी प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने भविष्यवाणी की है जिनमें जॉन डिक्सन, नास्त्रेदमस, कीरो, प्रोफेसर हरार, अानंदाचार्य, फ्लोरेंस, डॉक्टर जुलर्वन, वेजिलेटिन आदि ने स्पष्ट बताया है कि भारत देश मे 21सवीं सदी के मध्य में घोर हाहाकार के समय एक महान शक्ति का उदय होगा जो समूची मानव जाति का उद्धार करेगी और प्राकृतिक परिवर्तन करेगी, हाहाकार को समाप्त करेगी। यह शक्ति एक गौर वर्ण के अधेड़ आयु के महापुरुष की होगी जो पांच नदियों वाले राज्य में जाट जाति से होगा। यह महापुरुष पूरे विश्व को नई आध्यात्मिक क्रांति से परिचित करायेगा, आरम्भ में इसे विरोध का सामना करना होगा किन्तु उसके बाद उसे अभूतपूर्व समर्थन प्राप्त होगा।
8 September Avatar Diwas: भारत के सन्त तुलसीदास और नानक जी की भविष्यवाणी

आदरणीय गुरु नानक देव जी ने भाई बाले की जन्मसाखी में बताया गया कि नानक जी के सचखंड जाने के पश्चात पंजाब की धरती पर जाट जाति से एक महापुरुष होगा जो कबीर जी तथा नानक जी जैसा महान होगा। जयगुरुदेव पन्थ के प्रसिद्ध प्रवर्तक और सन्त तुलसीदास जी ने अपनी शाकाहारी पत्रिका में 7 सितम्बर सन 1971 में लिखा कि वह महापुरुष जिसकी सभी प्रतीक्षा कर रहे हैं वह 20 वर्ष का हो चुका है।
शास्त्रों में तत्वदर्शी सन्त के प्रमाण
गीता अध्याय 4 के श्लोक 34 में गीता ज्ञानदाता ने तत्वदर्शी सन्त की शरण में जाने के लिए कहा है। तत्वदर्शी सन्त की पहचान गीता अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 में दी हुई है जिसमें बताया है कि उल्टे संसार रूपी वृक्ष के सभी अंगों का वर्णन जो सन्त करेगा वह तत्व को जानने वाला है। गीता के अध्याय 17 के श्लोक 23 में “ॐ-तत-सत” (सांकेतिक) तीन मन्त्रों को ही मोक्ष का साधन बताया है जिनके असली जाप तत्वदर्शी सन्त ही बताता है।
यजुर्वेद अध्याय 19 के मंत्र 25 व 26 में बताया कि पूर्ण तत्वदर्शी सन्त तीन बार मे नामदीक्षा की प्रक्रिया पूरी करता है और दिन में तीन बार की भक्ति विधि देता है। तीन बार में नाम उपदेश का वर्णन सामवेद संख्या नम्बर 822 में भी बताया है।
कुरान शरीफ के अध्याय सूरत उल फुरकान 25:59 में बताया है कि उस छः दिन में सृष्टि की रचना करने वाले अल्लाह कबीर तक जाने का रास्ता किसी बाख़बर (तत्वदर्शी सन्त) से पूछो । कुरान शरीफ के सूरत 42 की प्रथम आयत में भी तीन सांकेतिक मन्त्र “एन-सीन-काफ” का वर्णन मिलता है।
सन्त रामपाल जी महाराज देते है तीन स्तरों में मंत्र दीक्षा
सन्त रामपाल जी महाराज प्रथम नाम में पांच शक्तियों के नाम जाप देते हैं, दूसरा नाम सतनाम होता था अंत में सन्त रामपाल जी महाराज तीसरा नाम सारनाम देते हैं। दिन में तीन समय की आरती (नित्य नियम, रमैनी, संध्या आरती) जिसमे सुबह पूर्ण परमेश्वर की वंदना, दोपहर में विश्व के पूरे देवी देवताओं की स्तुति और संध्या के समय की स्तुति सन्त रामपाल की महाराज प्रदान करते हैं। वे तत्व को जानने वाले तत्वदर्शी हैं जिन्हें सभी शास्त्रों का अक्षरशः ज्ञान है। आदरणीय सन्त गरीबदास जी महाराज ने कहा है-
सतगुरु के लक्षण कहूँ, मधुरे बैन विनोद |
चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारह बोध ||
तत्वज्ञान के साथ किये समाजसुधारक कार्य
सन्त रामपाल जी महाराज ने मानव के सभी पक्षों का विवेचन किया, सही जीवन जीने के आदर्शों को सिखाया। सन्त रामपाल जी महाराज के शिष्य बनने के लिए कुछ नियम होते हैं जिनका आजीवन पालन करना होता है। उनमें प्रमुख है नशा न करना, दहेज का आदान प्रदान न करना। आज लाखों लोग सन्त रामपाल जी महाराज की शरण में आकर नशा पूरी तरह से छोड़ चुके हैं। केवल 17 मिनट में बिना दान दहेज के विवाह सुर्खियों का विषय बनते हैं।

लाखों बेटियाँ सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रही हैं। न केवल समाज सुधारक कार्य बल्कि सन्त रामपाल जी महाराज की शरण में आने वालों ने अद्भुत लाभ गिनाए हैं, जिनमें एड्स, कैंसर जैसी भयानक बीमारियों के ठीक होने की बात अनुयायी करते हैं। स्वास्थ्य लाभ के साथ अद्भुत और अविश्वसनीय लाभ जिनमें आर्थिक लाभ भी सम्मिलित हैं, सन्त रामपाल जी महाराज की भक्ति विधि ने दिए हैं।
सन्त रामपाल जी महाराज ही करेंगे उद्धार
भारत को विश्वगुरु बनाएंगे सन्त रामपाल जी महाराज। उनके अद्भुत तत्वज्ञान ने समाज में क्रांति लायी है। ऐसा निर्मल, वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला आध्यात्मिक ज्ञान अब तक किसी ने नहीं दिया साथ ही सभी शास्त्रों में दिए तत्वदर्शी सन्त की पहचान भी केवल सन्त रामपाल जी महाराज पर ही खरी उतरती हैं। कबीर साहेब ने भविष्य में होने वाले 12 कबीर पन्थों का उल्लेख पहले ही अपनी वाणी में कर दिया था। कबीर साहेब ने अपने आने वाले सभी 12 पन्थों का उल्लेख पहले ही कर दिया है और यह भी बता दिया कि बारहवां पंथ जो गरीबदास जी द्वारा चलाया जाएगा वो कबीर साहेब का होगा जिसमें वे ही चलकर आएंगे।
बारहवें पन्थ हम ही चलि आवैं, सब पन्थ मिटा एक पन्थ चलावैं |
प्रथम चरण कलियुग निरयाना, तब मगर मांडौ मैदाना |
आज वह समय है जब कलियुग की पूरी बिचली पीढ़ी का उद्धार होगा और यह उद्धार केवल अपने तत्वज्ञान से तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज करेंगे। सभी भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां एवं सभी धर्मशास्त्रों में बताए सभी शास्त्रों के अनुसार सन्त रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वदर्शी सन्त हैं जिनकी शरण में आने से ही लाभ, मोक्ष और मानव जाति का कल्याण सम्भव है। सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर सत्संग सुनें, टीवी पर प्रसारित हो रहे सत्संग सुनें, निःशुल्क आध्यत्मिक पुस्तकें मंगायें। तत्वज्ञान समझें और अविलंब सन्त रामपाल जी महाराज की शरण में आएं और अपना कल्याण करवाएं।
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संत रामपाल जी महाराज ही तारणहार है।।
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा।। इस बात को पूर्ण रूप से लागू संत रामपाल जी महाराज ही कर रहे हैं ।
वास्तव में अगर इस विश्व में शांति स्थापित अगर कोई कर सकता है तो वह कोई और नही बल्कि जगदगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं ! क्योंकि आज के समय मैं केवल संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई किसी भी प्रकार की बुराई नही करते और उस एक परमपिता परमेश्वर की शास्रानुकूल सतभक्ति करते हैं
संत रामपाल जी महाराज अपने तत्वज्ञान से समाज सुधार के साथ-साथ व्यक्ति का आध्यात्मिक पथ उत्कर्ष कर उसे जन्म मरण के दीर्घ रोग से मुक्त करने का कार्य कर रहे हैं।
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भारत को विश्वगुरु बनाएंगे सन्त रामपाल जी महाराज। उनके अद्भुत तत्वज्ञान ने समाज में क्रांति लायी है। ऐसा निर्मल, वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला आध्यात्मिक ज्ञान अब तक किसी ने नहीं दिया साथ ही सभी शास्त्रों में दिए तत्वदर्शी सन्त की पहचान भी केवल सन्त रामपाल जी महाराज पर ही खरी उतरती हैं। कबीर साहेब ने भविष्य में होने वाले 12 कबीर पन्थों का उल्लेख पहले ही अपनी वाणी में कर दिया था। कबीर साहेब ने अपने आने वाले सभी 12 पन्थों का उल्लेख पहले ही कर दिया है और यह भी बता दिया कि बारहवां पंथ जो गरीबदास जी द्वारा चलाया जाएगा वो कबीर साहेब का होगा जिसमें वे ही चलकर आएंगे।
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बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त हुई है, इस दुनिया में पूर्ण परमात्मा का अवतार हो चुका है बस लोगों को पहचानने की देरी है, संत रामपाल जी महाराज जी ही पूर्ण संत और पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी के अवतार हैं
अद्भुत ज्ञान
यह वाकई में एक अद्भुत जानकारी है ऐसे जानकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई कि इस कलयुग में भी धरती पर कोई अवतार उत्पन्न हुआ है और जो धरती को स्वर्ग बनाएगा और धरती को काल के लोग से बचाकर सब लोग लेकर जाएगा
In satlok there is constant supreme peace and happiness until we will not go to satlok we cannot attain supreme peace, happiness and immortality. It is only possible to go to satlok if we are take initiation from a complete saint and keep doing true worship of supreme God throughout our lives.
For more information – please read a book named “Gyan Ganga” available at our website http://www.jagatgururampalji.org.
Great sant Rampal Ji Maharaj who has spiritual knowledge.
हम जीवों का उद्धार सत्य ज्ञान को जानने और उसका अनुसरण करने से ही संभव है
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सन्त रामपाल जी महाराज ही एक मात्र पूर्ण सन्त है जिन पर सभी भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी सच होती है,इसलिए देर न करे व ज्ञान को समझ कर जल्द से जल्द सत्यभक्ति के मार्ग को अपनाएं।
मथुरा वाले बाबा जयगुरूदेव (तुलसीदास) द्वारा सन् 7 सितम्बर 1971 में एक भविष्यवाणी
“वह अवतार जिसकी लोग प्रतिक्षा कर रहै है वह 20 वर्ष का हो चुका है। 8 सितम्बर 1971 में सतगुरु रामपाल जी महाराज जी पूरे 20 वर्ष के हो गए थे। वही पूर्ण संत हैं, ये भविष्यवाणी उन्हीं पर सटीक बैठती है। अधिक जानकारी के लिए देखिये
-सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।
और 8 सितम्बर,2020 को साधना चैनल सुबह 9 बजे से 12 बजे तक।
Almighty KavirDev comes in all four yugas. Saint Rampal Ji is the incarnation at present on earth. He is God Kabir.
बहुत ही जबरदस्त जानकारी प्राप्त हुई विश्व के एकमात्र तत्वदर्शी संत व तारणहार संतरामपालजी महाराज का अवतरण 8 सितम्बर के दिन हुआ। जन्म मृत्यु के रोग से मुक्ति तो संतरामपालजी महाराज की भक्ति मर्यादा में रहकर आजीवन करने से होगी।
बहुत ही अच्छी जानकारी दी गई है जी इस पोस्ट में
Precious Knowledge 👌👌👌
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This is proven knowledge from the Vedas.
प्रशासन और मीडिया ने मिलकर जनता की आंखों पर पट्टी बांध रखी है। लेकिन वह दिन दूर नहीं जब सभी को सत्य का पता चल जाएगा। धरती पर स्वयं परमात्मा चलकर आए हैं। उनकी शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराएं।
Great knowledge
Jagatguru tatvadarshi sant Rampal Ji Maharaj Vishva ke ekmatra sant Hain Jo shasan Anukul Sadhna karvate Hain
सन्त रामपाल जी महाराज जज बहुत ही अच्छे सन्त है बुद्धिमान लोग उनके ज्ञान को समझकर नामदिक्षा ले रहे है और अपना मनुष्य जीवन सफल कर रहे है।
कुछ लोग नकली धर्मगुरुओ से भ्रमित होकर उनका विरोध जरूर करते है लेकिन वो अपने इस प्रयास में कुछ समय बाद असफल भी हो जाते है।
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संत रामपाल जी महाराज वाकई मानव जाति पर बड़ा उपकार कर रहे हैं।