July 9, 2025

संत रामपाल जी के सानिध्य में दहेजरहित विवाह हुआ सम्पन्न

Published on

spot_img

Dahej Pratha का खात्मा: मुंडका, दिल्ली व वर्धमान, पश्चिम बंगाल में प्रसिद्ध तत्वदर्शी सन्त व समाज सुधारक सन्त रामपाल जी महाराज के आदेश व सान्निध्य में हुआ सम्पन्न। वर-वधु बिना दिखावे और धूम धड़ाके के, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बंधे परिणय सूत्र में।

मात्र 17 मिनट में वर-वधु बंधे परिणय सूत्र में

दिल्ली के मुंडका और पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अनोखा विवाह मात्र गुरुवाणी के माध्यम से 17 मिनट में सम्पन्न हुआ। इस विवाह की खासियत रही कि यह बिना किसी दान-दहेज, दिखावे और बैंड बाजे, घुड़चढ़ी के बगैर ही सम्पन्न हुआ। इस रमैनी में पूर्ण परमात्मा व विश्व के सभी देवी-देवताओं का आव्हान व स्तुति-प्रार्थना की गई।

अनोखा विवाह बना चर्चा का विषय

ऐसे अनोखे विवाह जिसमें बिना किसी फिजूलखर्ची और दहेज के बहुत ही साधारण तरीके से विवाह संपन्न किये गए, लोगों में आश्चर्य और चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस विवाह में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बहुत ही गिने चुने लोग शामिल हुए। बिना दहेज और आडम्बर, फेरे आदि के बिना सम्पन्न हुआ। जीवनसाथी के साथ गुरुवाणी (रमैनी) सुनकर 17 मिनट में शांतिपूर्वक व शालीन विवाह हुआ। अपव्यय से भी बचे और अनावश्यक समय भी नहीं लगा। वर-वधु सामान्य वेशभूषा में विवाह में बैठे। यह सब लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है।

रमैनी से विवाह की शिक्षा सन्त रामपाल जी महाराज की

तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने अनुयायियों को दहेजमुक्त विवाह की शिक्षा दी है। गुरुवचन पर चलकर उनके सभी शिष्य बिना दहेज का विवाह करते हैं। वर पक्ष न दहेज की मांग करता है और न ही वधु पक्ष दहेज देता है। यदि दे भी तो वर पक्ष गुरु वचन का उल्लंघन न करते हुए उसे स्वीकार नहीं करता। बिना समय और धन का व्यय किये 17 मिनट की रमैनी जिसमे पूर्ण परमात्मा और विश्व के सभी देवी देवताओं की स्तुति और आव्हान किया जाता है, से विवाह सम्पन्न किया। सन्त रामपाल जी महाराज सभी को बराबरी से रहने की शिक्षा देते हैं। आर्थिक स्थिति में अंतर आदि से परे सभी स्त्री पुरुष समान हैं, जिनका उद्देश्य भगत के आभूषणों जैसे शील, विवेक आदि से युक्त होना चाहिए।

बेटियों का विवाह अब नहीं चिंता का विषय

समाज ने स्वयं दहेज की रीति बनाई और उसके फलस्वरूप भ्रूण हत्या जैसी अन्य सामाजिक बीमारी उपजी। प्रत्येक पिता या परिवार बेटी के विवाह को चिंता के रूप में लेता है और समाज मे दहेज का सौदा करके बेटियों का विवाह करता है। यह निंदनीय है। अनपढ़ से लेकर शिक्षित समुदाय भी दहेज प्रथा (Dahej Pratha) में लिप्त पाए जाते हैं। दहेज के अतिरिक्त दिखावा, बैंड-बाजे आदि के माध्यम से अतिरिक्त और अनावश्यक खर्च को बढ़ावा दिया जाता है।

केवल इस कारण से बेटियों का विवाह आम परिवारों में चिंता और अत्यधिक खर्च का विषय बना हुआ है। बेटियां देवी का रूप कही जाती हैं और उसी देवी को जन्म से पहले मार देने की सामाजिक बुराई दहेज प्रथा की देन है। समाज दहेजप्रथा (Dahej Pratha) कभी बंद नहीं कर पाया लेकिन एक नई बुराई भ्रूण हत्या जरूर आरम्भ कर दी। लेकिन सन्त रामपाल जी महाराज जी ने दहेजमुक्त विवाह की नींव रखवाकर विवाह आसान कर दिया जिसमें बिना दान दहेज और फिजूलखर्ची के केवल 17 मिनट में विवाह संपन्न होते हैं। अब बेटियां बोझ नहीं रहीं। अधिक जानकारी के लिए अवश्य ही पढ़ें जीने की राह पुस्तक जिसमें समाज के उद्धार की चाबी है।

दहेज है सामाजिक अभिशाप

सन्त रामपाल जी महाराज ने दहेज (Dahej Pratha) को सामाजिक अभिशाप बताया है। ऐसा नहीं है कि इसके पहले दहेज प्रथा का विरोध नहीं किया गया किंतु इससे पहले इतने सुंदर और साधारण तरीके से विवाह कभी अस्तित्व में नहीं थे। सरकार द्वारा दहेज निषेध अधिनियम बनाने पर भी चोरी छिपे और प्रकट दोनों ही रूपों से दहेज का आदान प्रदान चलता रहा है। सरकार भी जिस बुराई को रोक सकने में अक्षम रही उसे सन्त रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान ने कर दिखाया है।

आज भी विशाल भंडारों के आयोजन के साथ मात्र 17 मिनटों में रमैनी के माध्यम से सैकड़ों की संख्या में जोड़े परिणय सूत्र में बंधते हैं। रमैनी में विश्व के सभी देवी देवताओं और पूर्ण परमात्मा की स्तुति होती है जिससे विवाहित जोड़े की रक्षा होती है। सन्त रामपाल जी महाराज के शिष्य आर्थिक, जातिगत इत्यादि अंतर से परे नियम के भीतर ही विवाह करते हैं।

तत्वज्ञान है Dahej Pratha जैसी कुप्रथाओं से मुक्ति का साधन

सन्त रामपाल जी महाराज बताते हैं कि विवाह सबसे उत्तम वही है जैसे आदि शक्ति ने अपने बेटों ब्रह्मा, विष्णु और महेश का किया था। न उन्होंने किसी बारात ,घुड़चढ़ी या देहज आदि आडम्बरों का जमावड़ा किया था और न ही समय का अपव्यय किया था इसी प्रकार आज सन्त रामपाल जी महाराज रमैनी के माध्यम से सभी देवी देवताओं की और पूर्ण परमात्मा की स्तुति-प्रार्थना के माध्यम से विवाह संपन्न करने की शिक्षा देते हैं। जिससे ये सभी शक्तियां उस विवाह वाले जोड़े की सदैव रक्षा और सहायता करते हैं और जीने की राह सुगम होती है। बेटियों को देवी का रूप कहे जाने वाले समाज की कुप्रथाओं के कारण ही भार समझी जाने लगीं जिसे सन्त रामपाल जी महाराज ने पुनः सुधरवाया और अपने अनुयायियों को रमैनी से विवाह करने की शिक्षा दी।

तत्वज्ञान है मोक्ष का साधन और तत्वदर्शी सन्त है मोक्षदाता

तत्वदर्शी सन्त अपने तत्वज्ञान से साधक को मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। वह शास्त्रों में लिखी भक्तिविधि बताता है जिसके माध्यम से मोक्षप्राप्ति होती है। गीता अध्याय 4 के श्लोक 34 में भी गीता ज्ञानदाता अर्जुन को तत्वदर्शी सन्त की खोज करने और तत्वज्ञान पूछने के लिए कहता है। वर्तमान में पूरे विश्व में एकमात्र सन्त रामपाल जी महाराज तत्वदर्शी सन्त हैं जिनकी शरण मे आकर यथार्थ मन्त्र लेने और शास्त्रानुकूल साधना करने से मुक्ति सम्भव है। उनकी शरण मे अविलंब आएं, ज्ञान समझें और भक्ति मार्ग में अग्रसर हों। साथ ही समाज की शक्ल बदल देने और अद्भुत ज्ञान से ओतप्रोत पुस्तक जीने की राह पढ़ना न भूलें।

Latest articles

Guru Purnima 2025: Know about the Guru Who is no Less Than the God

Last Updated on 6 July 2025 IST| Guru Purnima (Poornima) is the day to...

Guru Purnima 2025 [Hindi]: गुरु पूर्णिमा पर जानिए क्या आपका गुरू सच्चा है? पूर्ण गुरु को कैसे करें प्रसन्न?

Guru Purnima in Hindi: प्रति वर्ष आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई, शुक्रवार को आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन भारत में मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हम गुरु के जीवन में महत्व को जानेंगे साथ ही जानेंगे सच्चे गुरु के बारे में जिनकी शरण में जाने से हमारा पूर्ण मोक्ष संभव है।  

The History of the Spanish Inquisition: When Faith Was Used to Control

The Spanish Inquisition was not a random burst of religious zeal, it was an...

Understanding Video Game Addiction: An Emerging Concern

Video Game Addiction: Each individual enjoys indulging in their favourite activities, but the question...
spot_img

More like this

Guru Purnima 2025: Know about the Guru Who is no Less Than the God

Last Updated on 6 July 2025 IST| Guru Purnima (Poornima) is the day to...

Guru Purnima 2025 [Hindi]: गुरु पूर्णिमा पर जानिए क्या आपका गुरू सच्चा है? पूर्ण गुरु को कैसे करें प्रसन्न?

Guru Purnima in Hindi: प्रति वर्ष आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई, शुक्रवार को आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन भारत में मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हम गुरु के जीवन में महत्व को जानेंगे साथ ही जानेंगे सच्चे गुरु के बारे में जिनकी शरण में जाने से हमारा पूर्ण मोक्ष संभव है।  

The History of the Spanish Inquisition: When Faith Was Used to Control

The Spanish Inquisition was not a random burst of religious zeal, it was an...