Last Updated on 13 September 2024 IST | हिंदी दिवस 2024 (Hindi Diwas 2024 in Hindi): प्रति वर्ष 14 सितंबर को भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को उजागर करने और इसे बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है। हिंदी ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को एक सूत्र में बांधा है और हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हिंदी दिवस का इतिहास (History of Hindi Diwas in Hindi)
हिंदी भाषा ने भारत में एक लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा तय की है। अंततः देश की स्वतंत्रता के बाद 14 सितंबर, 1949 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ, जो हिंदी हितैषियों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। इसी दिन, हिंदी के प्रसिद्ध पुरोधा राजेंद्र प्रसाद का पचासवां जन्मदिन भी था। जिन्होंने हिंदी को यह सम्मान दिलाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। इसी दिन से प्रतिवर्ष 14 सितंबर को भारत में हिंदी दिवस मनाया जाने लगा।
अभी तक राष्ट्रभाषा क्यों नहीं बन पाया हिन्दी?
हिंदी दिवस 2024 (Hindi Diwas in Hindi): हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाए जाने की बात हमेशा से चर्चा का विषय रही है। सर्वप्रथम वर्ष 1918 में गांधी जी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, यह अभी तक राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त नहीं कर पाई है, बल्कि इसे एक राजभाषा के रूप में ही मान्यता प्राप्त है। आइए जानते हैं इसके पीछे के कारणों को:
- भाषा विविधता:
भारत एक बहुभाषी देश है, जहां सैकड़ों भाषाएं बोली जाती हैं। हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाना देश के कई हिस्सों में रहने वाले लोगों, खासकर दक्षिण भारत के लिए अस्वीकार्य था।
- अल्पसंख्यक की चिंता:
हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने से अल्पसंख्यक समुदायों को यह महसूस हो सकता था कि उनकी भाषाओं और संस्कृति को कम महत्व दिया जा रहा है।
- ऐतिहासिक कारण:
भारत की आजादी के समय, हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाए जाने पर काफी विवाद हुआ था। कई क्षेत्रों में हिंदी विरोधी आंदोलन भी हुए थे।
हिन्दी को राजभाषा क्यों घोषित किया गया?
हिंदी दिवस 2024 (Hindi Diwas in Hindi): चूँकि, हिंदी भारत के एक बड़े हिस्से में बोली जाती है तथा यह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच संचार का एक प्रमुख माध्यम भी है। हिंदी में साहित्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में काफी विकास भी हुआ है। इसीलिए हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। हिंदी को राष्ट्रभाषा ना बनाकर राजभाषा बनाना एक समझौते का भी परिणाम था, जिसके जरिए भारत की भाषा विविधता को संरक्षित किया जा सका और देश बहु संख्या में रहने वाले हिंदीभाषियों का सम्मान बरकरार रहा।
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य
हिंदी दिवस 2024 (Hindi Diwas in Hindi): हिंदी दिवस मनाने के मुख्य उद्देश्य —
- हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाना:
कई बार हम अपनी मातृभाषा को कम महत्व देते हैं। हिंदी दिवस के माध्यम से लोगों को हिंदी भाषा के महत्व और इसकी समृद्धता के बारे में जागरूक किया जाता है।
- हिंदी साहित्य को बढ़ावा देना:
हिंदी साहित्य विश्व का एक समृद्ध साहित्य है। हिंदी दिवस के माध्यम से हिंदी साहित्यकारों को सम्मानित किया जाता है और हिंदी साहित्य को पढ़ने और लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना:
हिंदी भारत की एकता की भाषा है। हिंदी दिवस के माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को एक मंच पर लाया जाता है और राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया जाता है।
हिन्दी दिवस कैसे मनाते हैं?
हिंदी दिवस 2024 (Hindi Diwas in Hindi): हिंदी दिवस के अवसर पर सभी सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाता है। संस्थानों एवं विद्यालयों में 7 या 15 दिवस तक अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
हिंदी दिवस 2024 की थीम (Hindi Diwas Theme in Hindi)
हिंदी दिवस 2024 (Hindi Diwas in Hindi) की थीम बेहद रोचक और प्रासंगिक है। इस साल की थीम है “हिंदी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक(From traditional knowledge to artificial intelligence)।”
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इस थीम के माध्यम से हमारी समृद्ध हिंदी भाषा को पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक, विशेषकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जोड़ने का प्रयास किया गया है। यह दर्शाता है कि हिंदी भाषा न केवल हमारी संस्कृति और विरासत का प्रतीक है, बल्कि आधुनिक युग की तकनीकी प्रगति में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
हिंदी दिवस 2024: संविधान में हिंदी
हिंदी भाषा का संविधान में अलग स्थान है। भारत के संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343 से अनुच्छेद 351 तक राजभाषा हिंदी से सम्बंधित प्रावधान दिए हुए हैं। संविधान के अनुच्छेद 343 में संघ की भाषा के सम्बंध में प्रावधान है। इसके खंड (1) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी संघ की राजभाषा होगीं। अनुच्छेद 346 के अनुसार संघ से राज्यों के मध्य, राज्यों से संघ के मध्य, राज्यों के आपसी पत्रादि की भाषा राजभाषा हिंदी होने का प्रावधान है। जानकारी के लिए बता दें कि अनुच्छेद 351 के अनुसार संघ के ये कर्त्तव्य बताए गए हैं कि वह हिंदी भाषा के प्रसार को बढ़ाकर उसका विकास करे एवं उसकी समृद्धि सुनिश्चित करे।
भाषा का जीवन में स्थान
भाषा का कार्य है अपनी बात को दूसरे तक पहुंचाना। इसके साथ ही भाषा का कार्य खत्म हो जाता है। किसी भाषा विशेष को लेकर सजग होना अच्छी बात है किंतु इसके लिए रूढ़ होना गलत है। आज जो स्थिति अंग्रेजी भाषा की है वही स्थिति पूर्व में संस्कृत की रही है। अधिक संस्कृत बोलने वाले को विद्वान मान लिया जाता था, चाहे वह निरर्थक बात ही क्यों न कहे।
इसी कारण से मध्यकाल में आदरणीय कबीर साहेब के ज्ञान को साधारण जनता नहीं समझ पाई क्योंकि उसकी नज़र में मात्र श्लोकों को संस्कृत में रट कर बोलने वाले ढोंगी पंडित ही विद्वान थे। जबकि कबीर साहेब जी ने दोहों को जनभाषा में अपना तत्वज्ञान समझाया था। कबीर साहेब का ज्ञान सत्य होने पर भी जनता उसे उस समय स्वीकार नहीं सकी एवं संस्कृत में मात्र रटे रटाये श्लोक आदि बोलने वाले पण्डितों को विद्वान मान बैठी।
वर्तमान में त्रुटि सुधार का मौका
वर्तमान में सन्त रामपाल जी महाराज कबीर परमात्मा के नुमाइंदे हैं। अब त्रुटि सुधार का उत्तम अवसर है। सन्त रामपाल जी महाराज ने फिर कबीर साहेब वाला तत्वज्ञान संस्कृत में रचित धर्मग्रंथों से प्रमाणित करके दिखाया है। अब समय रहते तत्वज्ञान की परख करने वाले यह समझ जाएंगे कि भाषा का महत्व बस इतना है कि यह अपनी बात कहने का माध्यम बनती है। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल अथवा डाउनलोड करें सन्त रामपाल जी महाराज एप्प एवं पाएं ज्ञानचर्चा, धर्म ग्रन्थ, तत्वज्ञान आदि।
FAQ हिंदी दिवस 2024 (Hindi Diwas in Hindi)
हिंदी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है।
विश्व हिंदी दिवस प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है।
हिंदी दिवस पर राष्ट्र में राजभाषा हिंदी का प्रचार एवं प्रसार किया जाता है जबकि विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर विश्व भर में हिंदी साहित्य के महत्व को दर्शाया जाता है।
हिंदी दिवस एक सप्ताह तक विभिन्न सम्मेलनों, गोष्ठियों, प्रतियोगिताओं के माध्यम से हिंदी के प्रचार एवं प्रोत्साहन के रूप में मनाया जाता है।
हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 से मनाया जा रहा है।
हिंदी पखवाड़ा 14 सितंबर से 28 सितंबर तक मनाया जाता है।