January 1, 2026
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​जब उम्मीदें बाढ़ में डूब गईं, तब सतगुरु रामपाल जी महाराज बने टांडाहेड़ी गाँव (झज्जर, हरियाणा) के लिए जीवनदाता

हरियाणा के झज्जर जिले का टांडाहेड़ी गाँव (तहसील बहादुरगढ़) पिछले एक महीने से बाढ़ के पानी से बुरी तरह तबाह था। गाँव के तालाब ओवरफ्लो हो चुके थे और पानी बस्तियों में घुस आया था जिससे बीमारियों का खतरा था। लगभग 400-500 एकड़ फसलें...

हिसार के खोखा गांव में बाढ़ राहत का बड़ा अभियान: संत रामपाल जी महाराज की सहायता से किसानों और ग्रामीणों के जीवन में लौटी...

हिसार जिले के गांव खोखा की स्थिति बीते तीन महीनों से बेहद गंभीर थी। पूरे गांव में पानी भरा हुआ था, करीब 700 एकड़ से अधिक फसलें सड़ चुकी थीं, सड़कें टूट गई थीं और ग्रामीण जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका था। खेतों...

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संत रामपाल जी महराज के अनुयायियों द्वारा नेपाल में पशुबलि के विरोध में निकाली गई रैली

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में प्रतिवर्ष दशहरे के पर्व के साथ पशुबलि का भी आयोजन किया जाता है। पशुबलि में हजारों पशुओं की बलि धर्म के नाम पर दी जाती है। इस कुप्रथा को मानव समाज एक लंबे समय से ढो रहा है। इतिहास में अब तक पहली बार इसका बड़े स्तर पर विरोध किया गया है। 5 अक्टूबर 2021 को सन्त रामपाल जी महाराज के सभी अनुयायियों ने एकजुट होकर पशुबलि के विरोध में न केवल रैली निकाली बल्कि कुछ समजोपयोगी कार्य जैसे रक्तदान भी किए। विस्तार से जानें।

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सुर्ख़पुर में बाढ़ राहत का बड़ा अभियान: संत रामपाल जी महाराज की सहायता से गांव में फिर लौटी उम्मीद, ग्रामीणों ने कहा, “हमारे लिए...

झज्जर (हरियाणा)। झज्जर जिले के गांव सुर्ख़पुर टप्पा हवेली में बाढ़ के कारण उत्पन्न...

30 साल पुराना दर्द हुआ खत्म: संत रामपाल जी महाराज ने बीड़ छूछकवास गांव की जमीन को दी आजादी

झज्जर, हरियाणा – जहां एक ओर प्रशासनिक लापरवाही के चलते किसान अपनी ही जमीन...