December 5, 2025
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जब सबने छोड़ा साथ, तब संत रामपाल जी महाराज बने सहारा: सोरखी में अन्नपूर्णा मुहिम की मिसाल

हरियाणा के हिसार जिले की हांसी तहसील के अंतर्गत आने वाला गाँव सोरखी इन दिनों एक भयानक त्रासदी का सामना कर रहा था। भारी जल-भराव के कारण गाँव और खेतों में पानी भर गया था, जिससे किसानों की लगभग 75% फसलें पूरी तरह से...

हरियाणा के जीतपुरा गांव का बाढ़ संकट: संत रामपाल जी महाराज ने बचाई 90% से अधिक कृषि भूमि

हरियाणा के हिसार जिले का जीतपुरा गांव 2025 की भारी बरसात का सबसे बड़ा शिकार बना। गाँव के छोटे किसान तबाह हो गए क्योंकि 90% से अधिक कृषि भूमि 4 से 5 फुट पानी में डूब गई। एक फसल पहले ही नष्ट हो चुकी...

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‘जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया’ नाम से मशहूर तुलसी गौड़ा (Tulsi Gowda) हुई पद्म श्री पुरुस्कार से सम्मानित

पर्यावरणविद् तुलसी गौड़ा (Tulsi Gowda) को सोमवार को पर्यावरण के संरक्षण में उनके अतुलनीय योगदान के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया।

संत रामपाल जी महराज के अनुयायियों द्वारा नेपाल में पशुबलि के विरोध में निकाली गई रैली

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में प्रतिवर्ष दशहरे के पर्व के साथ पशुबलि का भी आयोजन किया जाता है। पशुबलि में हजारों पशुओं की बलि धर्म के नाम पर दी जाती है। इस कुप्रथा को मानव समाज एक लंबे समय से ढो रहा है। इतिहास में अब तक पहली बार इसका बड़े स्तर पर विरोध किया गया है। 5 अक्टूबर 2021 को सन्त रामपाल जी महाराज के सभी अनुयायियों ने एकजुट होकर पशुबलि के विरोध में न केवल रैली निकाली बल्कि कुछ समजोपयोगी कार्य जैसे रक्तदान भी किए। विस्तार से जानें।

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