विश्व रेड क्रॉस दिवस 2022 पर जानिए एक ऐसी मानवसेवी संस्था को जिसके लाखो कार्यकर्ता देश विदेश में कर रहे है काम

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विश्व रेड क्रॉस दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है।  रेड क्रॉस सोसाइटी को रेड क्रेसेन्ट (Red Crescent Society) सोसाइटी के नाम से भी जाना जाता है। अंतर केवल इतना है कि जो संगठन मुस्लिम देशों में लोगों की मदद करते हैं उनको रेड क्रेसेन्ट सोसाइटी (Red Crescent Society) तथा अन्य देशों में यहीं संगठन रेडक्रॉस सोसाइटी (Red Cross Society) के नाम से जाना जाता है।

रेडक्रॉस क्या है?

रेडक्रॉस संस्था (Red Cross Society) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो आपातकालीन स्तिथियों जैसे युद्ध में सैनिकों की सहायता हेतु  गठित की गई थी। इसकी शुरुआत जीन हेनरी ड्यूनेन्टन ने की थी पन्तु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी स्थापना 1807 में स्विट्ज़रलैंड में जेनेवा में हुई थी। 

विश्व रेड क्रॉस दिवस का इतिहास (History of World Red Cross)  

ये वर्ष 1859 की बात है जब इटली के सोल्फेरिनो और ऑस्ट्रिया के बीच युद्ध हुआ जिसमे बड़ी संख्या में सैनिक मारे गए और कई दयनीय अधमरी दशा में गिरे रहे। उनकी मदद करने वाला कोई नही था। इस दृश्य ने जीन हेनरी को हिला दिया।  इटली में युद्ध के वक्त जीन हेनरी ड्यूरेंट बैंक में कार्यरत थे परंतु घायल सैनिकों की दयनीय दशा देख कर उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ किसी भी तरीके से उनकी सहायता करने की सोची। 

जीन हेनरी ने दोनों देशों से संपर्क कर युद्ध में घायलों को चिकित्सा सुविधा देने का प्रस्ताव दिया। इस पर दोनों देश सहमत भी हो गए। इस प्रकार एक छोटी सी सहायता आगे होने वाले युद्ध मे घायलों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुई। उस दिन से जीन हेनरी ड्यूरेंट के इस प्रयास को उनकी जन्म तिथि के दिन 8 मई को उनके सम्मान में मनाया जाने लगा। इस युद्ध की स्मृति के आधार पर उन्होंने एक किताब भी लिखी जिसका नाम था “अन स्मारिका डी सोलफेरिनो ( ए मेमोरी ऑफ सोलफेरिनो )”।

रेडक्रॉस संस्था (Red Cross Society) के मुख्य उद्देश्य :-

प्राथमिक तौर पर इस संस्था की स्थापना 1863 में युद्ध मे घायल सैनिकों की मदद के लिए की गई थी। परंतु धीरे धीरे इस संस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा तथा प्रोत्साहन मिला जिससे इनके मुख्य उद्देश्यों में भी वृद्धि हो गई जो इस प्रकार हैं:-

  • युद्ध, अकाल, बाढ़ आदि आपदाओं में घिरे लोगों की मदद करना।
  • जरूरतमन्दों को खाना पहुँचाना।
  • विपरीत परिस्थियों में लोगों तक निःशुल्क चिकित्सा, निःशुल्क रहने की व्यवस्था करना।
  • जरूरत पड़ने पर सरकार की मदद कर लोगों को रेस्क्यू कर निकलना।
  • मानवीय कारणों के सिद्धांतों और आदर्शों की वकालत करना।
  • आपदाओं की प्रतिक्रिया करना।
  • आपदा की तैयारी और समाज में सुरक्षा के लिए तत्पर रहना।

विश्व रेड क्रॉस 2022 की दिवस थीम! (Theme for Red Cross Day 2022)

प्रत्येक वर्ष रेड क्रॉस की थीम बदलती रहती है। इस वर्ष 2022 में इसकी थीम मानव समाज की मूलभूत जरूरत एक दूसरे की सहायता करने को ध्यान में रखते हुए रखी गई है। इस वर्ष 2022 की थीम है ‘BeHumanKIND‘. 

रेडक्रॉस संस्था (Red Cross Society) की उपलब्धियां

आज लगभग 210 विभिन्न देशों में रेडक्रॉस संस्थाएं स्थापित हैं जो मानव जीवन के स्वास्थ्य तथा अन्य कई मुख्य उद्देश्यों हेतु कार्यरत हैं। अपने कार्यों के लिए इस संस्था को तीन बार, वर्ष 1917, 1944 और 1963 में नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1984 में पहली बार इस दिन को आधिकारिक तौर पर मनाया गया था और तभी इसको विश्व रेड क्रॉस दिवस (Red Cross Day) का नाम दिया गया। आज भी ये संस्था राष्ट्रीय अथवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है।

विश्व रेड क्रॉस मुख्यालय कहां है?

रेड क्रॉस संस्था का मुख्यालय जेनेवा स्विट्जरलैंड में स्थापित है जो विभिन्न देशों में स्थापित इसकी शाखाओं के साथ तथा देशों की सरकारों में सामंजस्य बिठाकर चलता है। देश में कहीं भी, कभी भी, किसी भी तरह की आपदा हो यह संस्थाएं पीड़ितों को हमेशा निःशुल्क सहायता प्रदान करती हैं।

विश्व रेड क्रॉस दिवस के मूल सिद्धांत क्या है?

रेड क्रॉस संस्था का मुख्य उद्देश्य बिन किसी से पैसे लिए सहायता करना है चाहे कैसी भी परिस्थिति हो। जहां सरकार भी कई बार कुछ नहीं कर सकतीं वहां रेड क्रॉस संस्था है जो मुश्किल से मुश्किल वक्त में भी लोगों की सहायता करती है। रेड क्रॉस संस्था के मूल सिद्धांत कुछ इस प्रकार हैं- “मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, आजादी, स्वैच्छिक सेवा, सार्वभौमिकता एवं एकता”। इन आदर्शों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न देशों में ये संस्थाएं अपने पथ की और अग्रसर हैं।

सतभगति से अवगत कराना श्रेष्ठ सेवा है!

जीन हेनरी एक नेक आत्मा थे जिन्होंने अपनी जिंदगी लोगों की सहायता करने में लगा दी। लेकिन अपने बारे में नहीं सोचा कि उनके मानव जीवन का असली उद्देश्य क्या है। उनकी उत्तम सोच के अनुसार केवल पीड़ितों की मदद करना ही उनका उद्देश्य था। 

परन्तु मानव जीवन का असली उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति है। क्योंकि स्वांस और जीवन तो एक जानवर को भी मिलते हैं लेकिन उनमें ईश्वर ने सोचने की वो सद्बुद्धि नहीं दी जो मनुष्य को मिली है। इसका सीधा और स्पष्ट कारण है कि मनुष्य अपनी बुद्धि से अपने असली परमात्मा को पहचान सकें और मोक्ष प्राप्त कर सके। वर्तमान समय में सब जगह देवी देवताओं की भगति में श्रद्धालु मोक्ष प्राप्ति हेतु या फिर अपने कष्टों के निवारण हेतु लगे रहते हैं। पर असली घर सतलोक जहां से हम आये हैं वहां कैसे पहुचेंगे, इससे ज़्यादातर समाज अनजान है। हर जगह लोग भगवान की महिमा तो गा रहे हैं पर असली भगवान के बारे में अज्ञानतावश सद्ग्रंथों में प्रमाणित साधना के विपरीत साधना कर रहे हैं।

परमात्मा अपनी वाणी में कहते हैं:-

राम राम सब जगत बखाने, आदि राम कोई बिरला जाने।

कौन है असली राम/ भगवान/ अल्लाह/ ईश्वर?

सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव जी ने गुरु ग्रंथ साहिब में पृष्ट 721 पर वाणी में भगवान की महिमा का बखान किया है जो इस प्रकार है:-

“हक्का कबीर करीम तू, बेऐब परवरदिगार”

इससे स्पष्ट है कि कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है जिसकी भगति करने से मोक्ष संभव है। मानव जीवन का उद्देश्य ही ये है कि पहले स्वयं का मोक्ष करवाओ फिर औरों को उस सच्चे परमात्मा से जोड़ो।

  • गीता जी के अध्याय 16 श्लोक 23-24 में वर्णित है कि जो साधक शास्त्रविधि त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, उसे न तो सुख प्राप्त होता है ना उसे सिद्धि प्राप्त होती है और तब तक उसकी गति होना असंभव है।
  • पवित्र कुरान शरीफ में सूरत फुरकनी 25 आयात 52-59 में बताया है कि अल्लाह कबीर है। उपरोक्त वाणियों से स्पष्ट है कि परमात्मा कबीर साहिब जी हैं तथा वेदों में वर्णित साधना करने से ही वो हमें प्राप्त होंगे। और हम अपने निजलोक सतलोक जा सकेंगे। उस परमात्मा को पाने की विधि तत्वदर्शी संत ही बता सकते हैं।

कबीर साहेब की वाणी है: 

कलयुग मध्य सतयुग लाऊं, ताते  बंदीछोड़  कहाऊं।। 

इस वाणी को कबीर साहेब जी ने वर्तमान समय के लिए बोला था, आज स्वयं कबीर साहेब जी ही संत रामपाल जी महाराज के रूप में धरती पर आकर अपनी वाणी को सच कर रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए visit करें Jagatgururampalji.org और नामदीक्षा के लिए फॉर्म भर कर दीक्षा लेकर अपने मानव जीवन को सफल बनायें

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