Vikas Dubey Latest News Hindi: उत्तर प्रदेश में दबिश के दौरान हुई गोलीबारी में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के जिम्मेदार विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस अभी ढूंढ रही है। पुलिस ने विकास के गांव में घर का दौरा किया और कई रिश्तेदारों के घर पर भी छापे मारे हैं। विकास दुबे “पंडित जी” से संबंधित प्राप्त जानकारी और खुलासे जानेंगे आज इस समाचार में.
मुख्य बिंदु (Highlights)
- 8 पुलिसकर्मियों के खून से सुनियोजित तरीके से विकास दुबे ने दनादन गोलीबारी करके खेली होली
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
- शहीदों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये, 1 सदस्य को नौकरी तथा पेंशन देने का मुख्यमंत्री का एलान
- विकास दुबे की माँ ने माना, विधायक बनने के चलते आया वह गलत राह पर, पकड़ न आए तो मुठभेड़ में मार देना चाहिए
- गांव में दुश्मनी झेल रहे लल्लन बाजपेयी के अनुसार विकास ने 17 वर्ष की उम्र में पहली हत्या की और उसके बाद लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा है.
- विकास हमेशा हथियारबंद युवकों का गिरोह साथ रखता है
- विकास पिछले कुछ समय से गांव में ही था, ग्रामीणों की यथासंभव मदद भी किया करता था
आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के पीछे है विकास दुबे
चौबेपुर थाने के बिकरु गांव में विकास दुबे ने पुलिस के खून से होली खेली। गांव के किसी व्यक्ति द्वारा अपहरण की प्राथमिकी (FIR) कराने पर विकास की थानेदार से झड़प हो गई थी। विकास काफी समय से पुलिस के निशाने (hit list) पर था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने का निर्णय लिया लेकिन पुलिस के आगमन के पहले ही वह अपने गिरोह के साथ तैयार था। जब पुलिस विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके गाँव में पहुंची उसने दनादन गोलियां बरसाते हुए एक सीओ और दो दरोगा समेत आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया।
#UPPolice कानपुर में कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले 08 पुलिसकर्मियों की वीरता को नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करती है।
— UP POLICE (@Uppolice) July 3, 2020
उ0 प्र0 पुलिस इस दुःख की घड़ी में शोक संतप्त परिजनों के साथ है। हम इन शहीद पुलिसकर्मियों के बलिदान को हमेशा याद रखेंगे। pic.twitter.com/PtWjBn0c6y
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इस घटना में सात अन्य (पुलिसकर्मियों समेत एक होमगार्ड जवान और एक नागरिक) घायल हुए हैं। समाचार मिलने पर पुलिस अधिकारी इस हत्याकांड से स्तब्ध रह गए और जैसे ही एक बड़ा अमला भारी तैयारी के साथ उसके आवास पर पहुँचा तब तक विकास दुबे अपने हथियारों और पूरे गैंग के साथ फरार हो चुका था।
साठ गम्भीर मुकदमे चल रहे हैं विकास के नाम पर
Vikas Dubey Latest News Hindi: विकास दुबे एक नहीं कई हत्याओं में संदिग्ध हैं। उस पर साठ जघन्य अपराधों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। विकास ने वर्ष 2001 में तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ला को थाने में ही गोलियों से भून दिया था। इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की हत्या किसी अपराधी गिरोह द्वारा पहली बार की गई है।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ने शहीद परिवारों के लिए की मुआवजे की घोषणा
In Kanpur encounter, our 8 policemen lost their lives & 2 criminals died. Sacrifice of our policemen won't go in vain. People responsible for this, won't be spared. Govt will provide an ex gratia of Rs 1 crore each to kin of deceased, pension & govt job: UP CM Yogi Adityanath pic.twitter.com/wItmVmCyYS
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2020
Vikas Dubey Latest News Hindi:: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ घटना के बाद कानपुर पहुँच गए और अस्पताल जाकर घायल पुलिसकर्मियों का हाल जाना और उनकी वीरता को नमन किया। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को विकास दुबे मुठभेड़ मामले के न सुलझने तक कानपुर न छोड़ने के सख्त आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को एक करोड़ रुपये धनराशि के साथ परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी और पेंशन देने का एलान किया है।
शहीदों का बलिदान किसी स्थिति में व्यर्थ नहीं जाएगा
उन्होंने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा है कि शहीदों का बलिदान किसी स्थिति में व्यर्थ नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने शहीद पुलिस जवानों सीओ बिल्लौर महेश चंद्र यादव, थाना प्रभारी शिवराजपुर महेशचंद्र यादव, चौकी इंचार्ज मंधना अनूप कुमार सिंह, एसआई नेबू लाल, सिपाही सुल्तान सिंह, सिपाही राहुल, सिपाही बबलू, सिपाही जितेंद्र को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
पुलिस जुटी जांच पड़ताल में
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अलग अलग टीमें बनाकर फरार आरोपी की खोज प्रारंभ कर दी है। साथ ही विकास दुबे के बारे में जानकारी देने वाले के लिए पुरस्कार की घोषणा भी कर दी है। पुलिस लगातार छापे मारी और पूछताछ भी कर रही है। पुलिस ने गांव के लोगों से सहयोग की अपील की है।
विकास की माँ ने कहा ऐसे बेटे को गोली मार देनी चाहिए
Vikas Dubey Latest News Hindi: घटना के बाद पुलिस ने विकास दुबे के कई रिश्तेदारों और उसके घर पर छापा मारा है। विकास की माँ सरला दुबे अपने छोटे बेटे के साथ रहतीं हैं उन्होंने बताया कि उनका अब विकास से कोई सम्बंध नहीं है। उन्होंने घटना पर दुख ज़ाहिर करते हुए बताया कि ऐसे बेटे को एनकाउंटर में मार देना चाहिए। विकास की माँ ने यह भी बताया कि वह लंबे समय तक भाजपा और बसपा में रहा है और उसके बाद समाजवादी पार्टी का सदस्य बन गया। उनके अनुसार विकास दुबे राजनीतिक वर्चस्व पाने के लिए अपराध के रास्ते पर चला गया। वह विधायक बनना चाहता था, उसके साथ युवकों का बड़ा गिरोह भी है।
गांव प्रधान लल्लन बाजपेयी ने किए खुलासे
सन 1995 से 2017 तक न्याय पंचायत के लगातार अध्यक्ष रहे लल्लन बाजपेयी ने विकास दुबे के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किये हैं।
- उनके अनुसार जब 1995 में वे अपना कार्यकाल पूरा करके दोबारा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे तब विकास दुबे ने उन पर हमला करवाया था।
- उसने न्याय पंचायत में लोगों को डराने धमकाने का काम भी किया था।
- विकास दुबे को इलाके में सभी पंडितजी कहकर बुलाते हैं।
- विकास ने सबसे पहली हत्या सत्रह वर्ष की उम्र में की थी जिसकी उसे कोई सजा नहीं हुई और उसके हौसले बुलंद होते गए।
- उसने अपने ही गांव के झुन्ना बाबा की जमीन हड़पने का लिए उनकी हत्या की।
- उसके बाद रामबाबू हत्याकांड, सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड, राज्य मंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड को अंजाम दिया।
- लल्लन बाजपेयी ने खुलासा किया कि विकास की किसी मुठभेड़ में जख़्मी होने पर उसके एक पैर में रॉड डली हुई है वह 500 मीटर भी नहीं चल सकता।
- वह हमेशा से ही 20-25 लड़कों का जत्था अपने साथ रखता है।
विकास गांव में किसी गरीब को परेशान नहीं करता था : लल्लन
लल्लन बाजपेयी ने बताया कि विकास अपने गांव में किसी गरीब को परेशान नहीं करता था। चूंकि उसके घर मे ही पंद्रह वर्षों से प्रधानी रही है अतः उसने बताया कि विकास ग्रामीणों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने प्रभाव से सरकारी योजनाओं द्वारा मदद किया करता था।
आपराधिक प्रवृत्ति है काल की देन
सभी एक अल्लाह/ परमात्मा/ गॉड की सन्तानें हैं उसका अंश हर जीव में है। उसके बाद जब ऐसी दिल दहलाने वाली घटनाएं सामने आती हैं तब ऐसी राक्षस प्रवृत्ति के व्यक्ति के मानव होने पर संदेह होता है। वास्तव में हर काल में नृशंस व्यक्ति होते आये हैं। ये नृशंसता ईश्वर की देन नहीं है। यह काल प्रेरणा अर्थात इस ब्रह्मांड के स्वामी क्षर ब्रह्म की देन है। सुनकर विश्वास करना कठिन है। वास्तव में काल प्रतिदिन एक लाख मानव शरीर धारी जीवों का आहार करता है और प्रतिदिन सवा लाख जीव पैदा करता है। यह दुर्गति हमारी यहां होनी ही थी।
यह हमारा लोक नहीं है हम गलती से यहाँ आ गए अब केवल तत्वदर्शी सन्त द्वारा बताई भक्ति विधि से हम अमर लोक जहां कोई दुख, मृत्यु, द्वेष नहीं है वहां पहुँच सकते हैं। इस प्रकार के जघन्य अपराध काल प्रेरित होते हैं जो मासूमों का कत्ल करते हैं और अपने भी पाप कर्मों में वृद्धि करते हैं जिसके फलस्वरूप ये मृत्योपरांत दुख पाते ही हैं। ऐसे लोग अन्य भोले लोगों के साथ गलत आचरण करके उन्हें दुःखी करते हैं।
कबीर साहेब कहते हैं-
“झूठे सुख को सुख कहे ये मान रहा मन मोद |
ये सकल चबैना काल का कुछ मुख में कुछ गोद” ||
अपराधों को कैसे कम किया जाए?
समाज में अपराधों को कम करने का एकमात्र उपाय सच्ची शिक्षा है। सबसे आवश्यक है सतगुरु की शरण। मानव जीवन का उद्देश्य भक्ति है, वह भक्ति जो शास्त्र सम्मत है। तत्वदर्शी संत की शरण में आने वाला व्यक्ति काल के दांव से मुक्त रहता है। बचपन से सत्संग और भक्ति लालच, धन, राजनीतिक वर्चस्व को पाने की अंधी लालसा पर लगाम कसती है। समाज में उपस्थित सभी बुराइयों, कुप्रथाओं और जघन्य अपराधों पर रोक केवल तत्वदर्शी संत द्वारा दिया हुआ तत्व ज्ञान ही लगा सकता है। वर्तमान में विश्व में तत्वदर्शी सन्त की भूमिका संत रामपाल जी महाराज कर रहे हैं उनसे नाम दीक्षा लें और अपना कल्याण करवाएं।
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