May 14, 2025

विजय दिवस (Vijay Diwas 16 December 1971): जब भारतीय सैनिकों ने दिखाया पाकिस्तान सैनिकों ऐतिहासिक हार का मुंह

Published on

spot_img

Last Updated on 14 December 2024 IST: विजय दिवस (Vijay Diwas 16 December 1971): 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से स्वतंत्र कराने में भारत की विजय गाथा को प्रदर्शित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख आमिर अब्दुल्ला खान नियाज़ी को अपने 93,000 सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा था।

16 दिसंबर विजय दिवस (Vijay Diwas 16 December 1971) के मुख्य बिन्दु

  • 16 दिसंबर के दिन भारत ने पाकिस्तान पर ऐतिहासिक विजय प्राप्त की
  • भारत ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बाँट कर एक नया राष्ट्र बांग्लादेश बनाया
  • 13 दिन चले इस युद्ध में 3,900 भारतीय सैनिक शहीद हुए और 9,851 सैनिक घायल हुए
  • युद्ध की समाप्ति पर 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया
  • प्रधानमंत्री ने 1971 भारतीय योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की
  • राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रज्जवलित 4 स्वर्णिम विजय मशालों को देश के अलग अलग स्थानों पर ले जाया जाएगा

16 दिसंबर को विजय दिवस क्यों?

16 दिसंबर भारतीय इतिहास का एक अविस्मरणीय दिन है। इस दिन भारत ने पाकिस्तान पर ऐतिहासिक विजय प्राप्त की। 16 दिसंबर 1971 को भारत ने युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त देकर दो टुकड़ों में बाँट दिया और इस प्रकार बांग्लादेश का जन्म हुआ। 13 दिन चले इस युद्ध में 3,900 भारतीय सैनिक शहीद हुए और 9,851 सैनिक घायल हुए। 1971 के युद्ध में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था।

बांग्लादेश के 10-12 सदस्यों का एक छोटा प्रतिनिधिमंडल, जिसमें 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी और बांग्लादेश सशस्त्र बलों के अधिकारी शामिल हैं, कोलकाता में सोमवार को विजय दिवस समारोह में शामिल होगा।

पूर्वी कमान द्वारा कार्यक्रम: कोलकाता स्थित फोर्ट विलियम में मुख्यालय के तहत विजय स्मारक पर पुष्पांजलि और सैन्य प्रदर्शनी सहित कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

Also Read: Kargil Vijay Diwas [Hindi]: शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है कारगिल विजय दिवस

हालांकि, हाल ही में भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की है। साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में शरण लेने और ISKCON के मठाधीश चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने हालात को और जटिल बना दिया है।

विजय दिवस (Vijay Diwas 16 December 1971) कैसे हुआ 13 दिन की भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में बांग्लादेश का जन्म

13 दिन की अल्प अवधि के युद्ध में भारतीय सेना के पराक्रम और सूझबूझ के कारण 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना को भारत के सामने समर्पण करना पड़ा। युद्ध में उपहार वश हुआ बांग्लादेश का जन्म। आइए जानते क्या था घटना क्रम –

  • वर्ष 1971 के प्रारंभ में पाकिस्तानी सैन्य तानाशाह याहिया ख़ां ने 25 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान की जन भावनाओं को सैनिक ताकत से कुचलने का आदेश देकर युद्ध की नींव डाल दी थी।
  • शेख मुजीबुर्रहमान को गिरफ्तार किया गया और पूर्वी पाकिस्तान से भारत आने वाले शरणार्थियों का तांता लग गया।
  • पाकिस्तानी सेना का दुर्व्यवहार बढ़ने लगा और भारत पर सैन्य हस्तक्षेप करने का दबाव पड़ने लगा।
  • तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अप्रैल में पाकिस्तान पर आक्रमण करने के बारे में थलसेनाध्‍यक्ष जनरल मानेकशॉ की राय ली। पूर्वी कमान के स्टाफ़ ऑफ़िसर मेजर जनरल जेएफ़आर जैकब की सलाह पर मानेकशॉ ने मानसून के बाद का समय निश्चित करने की राय दी।
  • 3 दिसंबर, 1971 पाकिस्तानी वायुसेना ने पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, जोधपुर, आगरा आदि सैनिक हवाई अड्डों पर बम गिराने शुरु कर दिए।
  • भारतीय सेना ने जवाबी कार्यवाही करते हुए जेसोर और खुलना पर कब्जा किया।
  • 14 दिसंबर को भारतीय सेना ने ढाका में होने वाली पाकिस्तानी प्रशासनिक अधिकारियों की गुप्त बैठक के दौरान सैनिक विमानों से बम गिरा कर ढाका के उस सरकारी भवन के मुख्य हॉल की छत उड़ा दी।
  • तत्कालीन सेना प्रमुख फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने मेजर जनरल जैकब को पाकिस्तानी सेना द्वारा समर्पण कराने की व्यवस्था करने के लिए ढाका भेजा।
  • नियाज़ी के पास ढाका में 26400 सैनिक थे जबकि भारत के पास ढाका से 30 किलोमीटर दूर केवल 3000 सैनिक थे। मेजर जनरल जैकब ने जनरल नियाज़ी को हथियार डालने के लिए तैयार किया।
  • शाम को पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा और नियाज़ी दोनों ने पाकिस्तानी सेना द्वारा आत्म-समर्पण के दस्तवेज पर हस्ताक्षर किए।
  • नम आंखों से नियाज़ी ने अपने बिल्ले और अपना रिवॉल्वर जनरल अरोड़ा के हवाले कर दिया। जिससे नाराज होकर स्‍थानीय लोग नियाजी की हत्‍या पर उतारू हो गए लेकिन भारतीय सेना द्वारा नियाजी को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
  • 16 दिसंबर को पाकिस्तान के जनरल नियाज़ी के साथ क़रीब 93 हज़ार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने हथियार डाले।
  • जनरल मानेक शॉ द्वारा बांग्लादेश में मिली शानदार जीत की खबर इंदिरा गांधी को दी गई। वे उस समय संसद भवन में थी और उन्होंने लोकसभा में भारत को युद्ध में मिली विजय की घोषणा की। इसके बाद पूरा सदन और पूरा देश जश्‍न में डूब गया।
India Pakistan War 1971: भारत ने कैसे जीती थी 1971 की जंग? Vivechana (BBC Hindi)
Credit: BBC Hindi

कैसे लड़ाई लड़े अपने वास्तविक देश सतलोक में वापस जाने की?

मनुष्य जीवन क्यों मिलता है यदि हम यह जान लें तो व्यर्थ की लड़ाइयों में उलझे बिना हम अपने वास्तविक घर सतलोक वापस जाने के बारे में चिंतन करेंगे और मार्ग खोजेंगे। पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर साहेब) ने सूक्ष्म वेद में विस्तार से इसका वर्णन किया है। उसी तत्वज्ञान को तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने ज्ञान गंगा और जीने की राह जैसी पवित्र पुस्तकों के माध्यम से प्रस्तुत किया है। उनके पवित्र प्रवचनों को सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर भी विस्तार से सुना जा सकता है ।

आयें शीघ्र अतिशीघ्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की शरण में

काल के 21 लोकों से मोक्ष प्राप्त करने के लिए तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर नाम दीक्षा लेने से, मर्यादा में रहकर साधना करने से इस जीवन में सभी सुख प्राप्त होते हैं और शरीर छूटने के बाद आत्मा सतलोक को प्रस्थान कर जाती है जहां जाने के बाद पुनर्जन्म नहीं होता।

Q.1: विजय दिवस कब और क्यों मनाया जाता हैं?

Ans. विजय दिवस 16 दिसंबर को 1971 के युद्ध में भारत की जीत और बांग्लादेश की स्वतंत्रता के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

Q. 2: सन 1971 के युद्ध में कितने भारतीय सैनिक शहीद और घायल हुए थे?

Ans. सन 1971 के युद्ध में 3,900 भारतीय सैनिक शहीद हुए और 9,851 सैनिक घायल हुए थे।

Q. 3:  1971 के युद्ध में कितने पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया?  

Ans. 1971 के युद्ध में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया।  

Q. 4: बांग्लादेश का निर्माण किस युद्ध के परिणामस्वरूप हुआ?  

Ans. बांग्लादेश का निर्माण 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के परिणामस्वरूप हुआ।  

Q. 5 1971 के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किसने किया?  

Ans. 1971 के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने किया।  

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

Birth Anniversary of Raja Ram Mohan Roy: Know About the Father of Bengal Renaissance

Last Updated on 14 May 2025 IST: Raja Ram Mohan Roy Jayanti | Marking...

World Hypertension Day 2025: Discover the Spiritual Path to a Healthy Heart

Last Updated on 12 May 2025 IST | World Hypertension Day 2025 | Hypertension...

International Day of Family 2025: Nurture Your Family with Supreme God’s Blessings 

Last Updated on 12 May 2025 IST | International Day of Families is an...
spot_img

More like this

Birth Anniversary of Raja Ram Mohan Roy: Know About the Father of Bengal Renaissance

Last Updated on 14 May 2025 IST: Raja Ram Mohan Roy Jayanti | Marking...

World Hypertension Day 2025: Discover the Spiritual Path to a Healthy Heart

Last Updated on 12 May 2025 IST | World Hypertension Day 2025 | Hypertension...

International Day of Family 2025: Nurture Your Family with Supreme God’s Blessings 

Last Updated on 12 May 2025 IST | International Day of Families is an...