SA News Uttarakhand, COVID-19 Update, Uttarakhand Forest Fire Recent News: उत्तराखंड में 91 और मरीज़ मिलने से फूटा कोरोना बम, 244 हुई संक्रमितों की संख्या. राज्य में एक ही दिन में रिकार्ड 91 कोरोना मरीज़ मिले। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सबसे अधिक 57 मरीज़ नैनीताल जिले में सामने आए हैं।
मुख्य बिंदु
- राज्य में शनिवार को मिले अधिकांश मरीज़ प्रवासी हैं और बाहर से संक्रमण लेकर राज्य में पहुंचे हैं।
- प्रदेश में 17 कंटेनमेंट जो़न बनाए गए, सभी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध
- उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हरिद्वार जिले में चार नए क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
- केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिलाधिकारियों को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित करने का अधिकार दिया।
- हरिद्वार जनपद में लक्सर क्षेत्र के मुंडाखेड़ा कला, दुर्गापुर और ग्राम दबकी और रुड़की की आदर्श कॉलोनी को कंटेनमेंट जो़न घोषित किया ।
- कंटेनमेंट ज़ोन में किसी भी गतिविधि में कोई रियायत नहीं है। आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर सभी गतिविधियों पर लगा पूर्ण प्रतिबंध ।
- जिन क्षेत्रों में संक्रमित मरीज संस्थागत क्वारंटीन में मिल रहे हैं, उन क्षेत्रों को कंटेनमेंट ज़ोन नहीं बनाया जा रहा है।
- अभी तक किसी मरीज़ की कोरोना से नहीं हुई है मौत
- कोरोना कहर के साथ दूसरी खबर उत्तराखंड के देहरादून से जहां लाखों टन कूड़े में लगी आग
उत्तराखंड के अलग अलग ज़िलों में पहुंचा कोरोना संक्रमण
अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि शनिवार को नैनीताल जिले में 57, चम्पावत जिले में सात, अल्मोड़ा में तीन, उत्तरकाशी में तीन, देहरादून में नौ, हरिद्वार में दो और पिथौरागढ़ जिले में दो, रुद्रप्रयाग में तीन और पौड़ी जिले में दो और यूएस नगर के तीन मरीजों में कोराना वायरस की पुष्टि हुई है।
उन्होंने बताया कि राज्य की सभी सरकारी एवं प्राइवेट लैब से कुल 893 सैंपल की रिपोर्ट आई जिसमें से 802 सैंपल नेगेटिव आए हैं। जबकि 91 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है।
उन्होंने बताया कि 91 नए मरीज़ मिलने से राज्य के अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों का आंकड़ा भी 187 पहुंच गया है। जबकि 56 मरीज़ अभी तक ठीक होकर घर जा चुके हैं।
सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं
शनिवार को राज्य के अलग अलग जिलों से कुल 1325 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इसमें सबसे अधिक 578 हरिद्वार जिले से भेजे गए हैं। जबकि देहरादून से 189 और नैनीताल से 176 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। बड़ी सख्या में सैंपल जांच के लिए भेजे जाने की वजह से लैब पर दबाव बढ़ गया है और अभी 2382 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है।
एम्स में कैंसर से हुई कोरोना मरीज़ की मौत
अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि राज्य में अभी कोरोना की वजह से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार रात को एक कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ की एम्स ऋषिकेश में मौत हुई लेकिन मरीज़ की मौत का कारण कैंसर रहा है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी एक कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ की एम्स में मौत हुई थी लेकिन उसकी मौत का कारण ब्रेन स्टोक था। उन्होंने साफ किया कि राज्य में कोरोना की वजह से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना का कोई भी मरीज़ गंभीर स्थिति में नहीं है। न किसी को आईसीयू और न वेंटीलेटर की जरूरत है।
नैनीताल में एक ही ट्रेन से आए थे सभी पॉज़िटिव
नैनीताल जिले में शनिवार को पॉज़िटिव पाए गए सभी 57 कोरोना वायरस के मरीज़ों में से 55 महाराष्ट्र से एक ही ट्रेन से लौटे थे। राज्य सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार ये सभी मरीज महाराष्ट्र से हरिद्वार तक ट्रेन के जरिए पहुंचे जबकि हरिद्वार से इन्हें बस के ज़रिए नैनीताल ले जाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि एक साथ आने की वजह से इनमें संक्रमण फैला। एक ही दिन में नैनीताल जिले में इतने मरी़ज आने से विभाग के अफसरों के हाथ पांव फूले हुए हैं।
अस्पतालों पर बढ़ने लगा दबाव
शनिवार को एक ही दिन में 91 नए मामले सामने आने की वजह से राज्य के अस्पतालों पर दबाव बढ़ गया है। यदि आने वाले दिनों में भी इसी रफ्तार से मरीज़ बढ़े तो सरकार की परेशानी बढ़ सकती है। हालांकि, सरकार का दावा है कि मरीजों को भर्ती करने के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं। लेकिन मरीज़ ज्यादा होने से परेशानी बढ़ना तय है।
गौरतलब है कि इससे पहले रिकॉर्ड 19 कोरोना के मरीज 21 मई को सामने आए थे, जिसमें टिहरी में 6, हरिद्वार में 1, उत्तरकाशी में 2, यूएस नगर में 4, अल्मोड़ा में 1, नैनीताल में 2, देहरादून में 2 और एक एम्स में भर्ती बिजनौर का मरीज़ शामिल था।
चंपावत में भी प्रवासियों के ज़रिए कोरोना पहुंचा
वहीं दूसरी ओर, चंपावत जिले के बनबसा में सात प्रवासियों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो गई है। चंपावत जिले में इतनी बड़ी संख्या में संक्रमितों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। चंपावत जिले में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने से लोगों में खलबली मची हुई है। संक्रमितों में तीन लोग बनबसा जबकि दो-दो लोग चंपावत और लोहाघाट के निवासी हैं।
सभी सात लोगों को एसटीएच में क्वारन्टीन के लिए भेजा जा रहा है। सीएमओ डॉ आरपी खंडूरी ने बताया कि ये लोग 21 मई को मुंबई, चंडीगढ़ और गुरुग्राम से टनकपुर-बनबसा पहुंचे थे। गरुवार को टनकपुर से 39 लोगों के सैम्पल जांच के लिए एसटीएच लैब भेजे गए थे। शुक्रवार देर रात आई रिपोर्ट में सात लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। प्रशासन अब संक्रमितों की ट्रैवल हिस्ट्री खंगालने में जुट गई है।
उत्तराखंड में जिलेवार संक्रमितों की संख्या
जिलों का नाम | मरीजों की संख्या |
नैनीताल | 57 |
देहरादून | 09 |
चंपावत | 07 |
यूसनगर | 03 |
रुद्रप्रयाग | 03 |
पौड़ी | 03 |
अल्मोड़ा | 03 |
उत्तरकाशी | 03 |
पिथौागढ़ | 02 |
हरिद्वार | 01 |
कुल | 91 |
Uttarakhand Forest Fire Recent News
- उत्तराखंड के देहरादून से जहां लाखों टन कूड़े में लगी आग
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के ट्रेंचिंग ग्राउंड में लाखों टन कूड़े में लगी भीषण गर्मी से अपने आप आग यह कूड़ा यहां सालों से फेंका जा रहा था.
Uttarakhand Forest Fire Recent News: देहरादून स्थित सहस्त्रधारा रोड पर स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंग में फैले लाखों टन कूड़े में सोमवार शाम आग लग गई, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग को बुझाने की कोशिश की। कूड़े में आग लगने से चारों तरफ अफरातफरी मच गई। लोगों को धुंए के कारण काफी दिक्कत भी आई।
शीशमबाड़ा सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के बनने के बाद इस ग्राउण्ड में कूड़ा फेंका जाना बंद है। लेकिन ट्रेंचिंग ग्राउंड में लाखों टन पड़े हुए कूड़े में गर्मियों के समय अक्सर अपने आग लग जाती है। इससे स्थानीय लोगों को भारी दिक्कत होती है। फायर ब्रिगेड आग बुझाने समय पर पहुंची लेकिन फिर भी आग पूरी तरह से नहीं बुझ पाई। इस मौके पर नगर निगम के मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर कैलाश जोशी का कहना है कि गर्मी में ट्रेंचिंग मैदान में मीथेन गैस के कारण आग लग जाती है।
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