क्या कोरोना वायरस (Coronavirus) का इलाज सतभक्ति है?

spot_img

आज हम आप को इस ब्लॉग के माध्यम से बताएँगे की “कोरोना वायरस (Coronavirus) क्या है तथा इसका इलाज क्या हो सकता है? हम निम्नलिखित बिन्दुओ पर चर्चा करेंगे।

कोरोना वायरस क्या है?

कोरोना वायरस एक नई महामारी है जो चीन के शहर वुहान के हुबेई प्रांत से फैलनी शुरू हुई। इस महामारी ने चीन में ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। यह संक्रमण तेज़ी से कई देशों में फैल रहा है तथा CDC (Centers for Disease Control) की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक चीन समेत 13 अन्य देश जैसे अमेरिका, चीन, थाईलैंड, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, नेपाल, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, श्रीलंका,भारत आदि इस प्रकोप की चपेट में आ चुके हैं।

भारत के कई शहरों जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, मुंबई, दिल्ली और मोहाली आदि में इस कोरोना वायरस से ग्रसित लोग पाए गए हैं जिनको आइसोलेशन (इलाज के लिए अलग ) में रखा गया है। यह बिल्कुल नई किस्म का वायरस है और यह वायरस जानवरों में पाया जाता है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान शहर में शुरू हुआ था।

कोरोना, वायरस का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में बीमारियों का कारण बनता है। मनुष्यों में यह वायरस श्वसन संक्रमण का कारण बनते हैं जो आमतौर पर हल्के होते हैं जिनमें सामान्य सर्दी लेकिन सार्स और मर्स जैसे दुर्लभ रूप घातक होते हैं। गायों और सूअरों में, वे दस्त का कारण बन सकते हैं, जबकि मुर्गियों में श्वसन रोग पैदा कर सकते हैं।

अभी तक इसके रोकथाम के लिए कोई टीका या एंटीवायरल दवाएं बाज़ार में उपलब्ध नहीं हैं।

इतिहास में देखें तो 1720 में प्लेग जैसी महामारी फैली थी जिस कारण से अनेकों लोगों ने अपनी जान गंवाई, 1820 में कोलेरा फिर 1920 में स्पेनिश फ्लू और इसके ठीक सौ वर्षों बाद 2020 में विश्वभर में चाइनीज़ कोरोना वायरस फैल चुका है

अभी तक इस वायरस से मरने वालों की संख्या 225 पार कर गई है अथवा संक्रमित मरीजों की संख्या 7000 तक पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ रहा है। यह एक बहुत ही खतरनाक वायरस है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह वायरस वर्ष 2002-2003 में फैले सार्स वायरस से भी अधिक घातक है।

कैसे फैलता है कोरोना वायरस?

जो लोग मांस खाते हैं, वह बहुत जल्दी इसके संक्रमण में आते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह वायरस जहां चीन में मीट मांस की खुली दुकाने हैं और जहां पर अधिकतर सी-फूड (समुद्र के जीव) मिलता है, वहां से पनपा है। इसी वजह से वहां पर सी-फूड मार्केट को फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया है ताकि संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके।

कोरोना वायरस के लक्षण क्या हैं?

कोरोना वायरस के लक्षण चार से पांच दिन बाद दिखने लगते हैं। इस बीमारी के लक्षण आम फ्लू की तरह ही होते हैं इसलिए इसकी पहचान कर पाना मुश्किल होता है। इन लक्षणों में

  1. सिर दर्द
  2. खांसी
  3. गले में खराश
  4. छींक आना अस्थमा का बिगड़ना
  5. थकान महसूस
  6. सांस लेने में तकलीफ होना आदि हैं।

कोरोना वायरस का इलाज क्या है?

कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए अभी तक किसी भी प्रकार की वैक्सीन नहीं बनी है। परन्तु विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस से बचने के लिए हेल्थ एडवायजरी जारी की है। इसमें यह बताया गया है:

  • सर्दी-जुखाम और निमोनिया से पीड़ित लोगों के संपर्क में आने से जितना हो सके बचना चाहिए।
  • अपने आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • हाथों को बार-बार साबुन से अच्छी तरह से धोएं और अधिकतर मास्क पहनकर ही बाहर निकलें।
  • इसके अलावा जानवरों से भी दूर रहें।

यह भी पढें: मांस खाना महापाप है-जानिए मांस खाने के क्या हैं नुकसान?

इतने प्रयासों के बावजूद भी इस वायरस की चपेट में आने की संभावना बहुत अधिक है क्योंकि यह वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से आगे बहुत जल्दी फैलता है। मांस खाना और मदिरा का सेवन करने से भी बीमारियां अधिक बढ़ रही हैं। वायरस जैसे कि स्वाइन फ्लू, इबोला वायरस, सार्स और अब कोरोना वायरस इत्यादि सभी जानवरों से होने वाले वायरस हैं। जहां भी जीभ के स्वाद के लिए जानवरों को काटा जाता है वहां से इस तरह के संक्रमण बीमारी का रूप लेते हैं।

परमात्मा के विधान के अनुसार कहीं भी मांस खाने का उल्लेख नहीं है। यहां तक कि सभी धर्मग्रंथों के अनुसार मांस खाना निषेध बताया गया है।

कबीर साहिब जी की वाणी है:-

सुरापान मद मांसाहारी, गवन करे भोगे पर नारी,
सत्तर जन्म कटेंगे शीशम, साक्षी साहेब है जगदीशं।।

जो भी व्यक्ति मांस खाते हैं या मदिरा का सेवन करते हैं या पराई स्त्री की तरफ देखते हैं, उनको भयंकर सज़ा मिलती है। उनके सत्तर जन्म तक सिर काटे जाते हैं।

एक अन्य वाणी में कबीर साहेब जी कहते है:-

मन तू पावेगा अपना किया रे, भोगेगा अपना किया रे।

अर्थात इस काल के लोक में जो जैसा कर्म करेगा उसको काल वैसा ही फल देगा। अगर कोई भी व्यक्ति किसी को कोई क्षति पहुंचाता है तो उसको भी परिणाम स्वरूप हानि भुगतनी पड़ती है। इसी प्रकार अगर कोई किसी भी बेजु़बान जानवर को मारकर खाता है तो भी उसको उसका बदला किसी अन्य जन्म में या फिर उसी जन्म में देना ही पड़ता है।

कबीर परमेश्वर की बानी है:-

दुर्बल को ना सताईए जाकी मोटी हाय,
बिना जीव की स्वांस से लोहा भस्म हो जाए।

अर्थात किसी दुर्बल को सताने से उसकी बहुत हाए लगती है। जानवर तो बेजुबान होते हैं, जिन पर मनुष्य अपना ज़ोर दिखाकर अपने स्वाद के लिए उनको खाता है जो कि बहुत गलत है और एक हाय किसी को भी उजाड़कर रख देती है।

कोरोना वायरस का रामबाण इलाज क्या है?

किसी भी लाइलाज बीमारी का इलाज असंभव नहीं है बशर्ते डॉक्टर अपने काम का माहिर होना चाहिए। इसी प्रकार कोरोना वायरस तथा किसी भी अन्य बीमारी से निजात एक डॉक्टर अर्थात पूर्ण तत्वदर्शी संत की शरण में जाने से मिल सकती है। वर्तमान समय में वह संत कोई और नहीं बल्कि संत रामपाल जी महाराज हैं जो शास्त्र अनुकूल प्रमाणित साधना बताते हैं जिससे हर बीमारी से निजात पाई जा सकती है। अब तक कैंसर,एड्स, टीबी , कोढ़ और अन्य लाइलाज बीमारियों के असंख्य रोगी संत रामपाल जी की शरण में आकर अपना इलाज करवा चुके हैं। या यूं कहें कि परमात्मा स्वरूप संत रामपाल जी ने इन्हें मौत के मुंह से वापस निकाल कर नया जीवन सतभक्ति करने के लिए दिया है तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी।

सतगुरु शरण में आने से आई टले बला,जो मस्तक में सूली हो, वो कांटे में टलजा।।

एक सच्चे सतगुरु से नाम लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करने से कोई भी हानि नहीं हो सकती बल्कि कोई मुश्किल आनी भी हो तो वो भी छोटी होकर टल जाती है।

पूर्ण सतगुरु की पहचान क्या है?

पूर्ण सतगुरु की पहचान सभी धर्मग्रंथों में बताई हुई है:

सतगुरु के लक्षण कहुं, मधुरे बैन विनोद।
चार वेद, छठ शास्त्र, कहे अठारह बोध।।

जो पूरा सतगुरु होगा, वह सभी ग्रंथों (गीता, बाइबल, कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब), वेदों में वर्णित प्रमाणित भगति विधि समझाएगा और बताएगा। जिससे ना सिर्फ मोक्ष संभव है बल्कि जो इनकी शरण ग्रहण कर मर्यादा में रहकर भक्ति करेगा, उसको लाभ भी संभवतः होंगे। साथ ही पूर्ण सतगुरु अपने कोटे से आयु देकर उम्र बढा़ सकते हैं चाहे बीमारी कितनी ही लाइलाज क्यों ना हो।

एक अन्य वाणी में भी पूर्ण सतगुरु की पहचान बताई है जो इस प्रकार है;

सोए गुरु पूरा कहावै, जो दो अखर का भेद बतावै।
एक छुड़ावै, एक लखावै, तो प्राणी निज घर को पावे।।

सिर्फ जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज पर ही ये उपरोक्त्त वाणियां सटीक बैठती हैं। वही पूर्ण संत हैं जो दो अखर का नाम भी देते हैं। उन्हीं के सानिध्य में उनके सभी अनुयाई मोक्ष दायक भक्ति अपनाकर, सभी कुरीतियों को त्यागकर, रोग रहित होकर बड़ी से बड़ी बीमारियों से निजात पा रहे हैं। सतभक्ति करने वालों को कोरोना वायरस , अन्य कोई संक्रमण या महामारी छू तक नहीं सकती।

कोरोना वायरस से ग्रसित या अन्य कोई बीमार या स्वस्थ / अस्वस्थ व्यक्ति जो यदि सतभक्ति करने का अभिलाषी हो किसी भी वर्ण, प्रांत, देश का रहने वाला हो वह जीवन पर्यंत शास्त्र अनुसार भक्ति करके रोग रहित स्वस्थ और सुखी मानव जीवन जी सकता है । सतभक्ति करने वाला व्यक्ति जीव हिंसा करना तो दूर अन्य को भी इसे करने से रोकता है और परमात्मा के विधान से अवगत कराता है।

अधिक जानकारी के लिए Visit करें https://www.jagatgururampalji.org

Latest articles

International Day of Happiness 2024: Know the Way To Attain Ultimate Peace and Happiness

Last Updated on 18 March 2024 IST: The International Day of Happiness recognizes that...

International Day of Happiness 2024 [Hindi]: अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस पर जानें वह स्थान जहां हर कोई हमेशा खुश है

Last Updated on 18 March 2024 IST: इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे यानी कि अंतर्राष्ट्रीय खुशी...

World Consumer Rights Day 2024: Put Forth Your Rights As a Consumer

Last Updated on 14 March 2024 IST: The World Consumer Rights Day is commemorated...

World Sleep Day 2024: Know the Place Where Everyone Gets a Profound Sleep 

Last Updated on 14 March 2024 | World Sleep Day 2024 | Deep sleep...
spot_img

More like this

International Day of Happiness 2024: Know the Way To Attain Ultimate Peace and Happiness

Last Updated on 18 March 2024 IST: The International Day of Happiness recognizes that...

International Day of Happiness 2024 [Hindi]: अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस पर जानें वह स्थान जहां हर कोई हमेशा खुश है

Last Updated on 18 March 2024 IST: इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे यानी कि अंतर्राष्ट्रीय खुशी...

World Consumer Rights Day 2024: Put Forth Your Rights As a Consumer

Last Updated on 14 March 2024 IST: The World Consumer Rights Day is commemorated...