September 20, 2024

UP Board Result 2020 New Update: उत्तर प्रदेश बोर्ड ने घोषित किये दसवीं व बारहवीं कक्षाओं के परिणाम

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U.P. Board Result 2020 New Update: इंटर (12) व हाईस्कूल (10) परीक्षाफल आज घोषित। जहां CBSE और ICSE ने परीक्षाओं पर रोक लगा दी है, उ.प्र. बोर्ड ने परीक्षाओं का आयोजन किया था और आज परिणाम भी घोषित कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश में लगभग 56 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया था। कोविड-19 (COVID-19) के कारण मूल्यांकन बीच में ही रोक दिया गया था। आइए इस विषय में विस्तार से जानें।

UP Board Result 2020 New Update के मुख्य बिंदु

  • उत्तर प्रदेश बोर्ड द्वारा दसवीं व बारहवीं कक्षाओं का परीक्षा फल घोषित आज।
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट के माध्यम से किया छात्रों का उत्साहवर्द्धन और परीक्षा फल को आत्म विश्लेषण का माध्यम मात्र कहा।
  • पहली बार डिजिटल हस्ताक्षर वाली मार्कशीट देगा उत्तर प्रदेश बोर्ड। सचिव नीना श्रीवास्तव के डिजिटल हस्ताक्षर अपलोड होने में लगेगा दो से तीन दिन का समय। अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी।
  • छात्रों में तनाव दूर करने के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-180-5310 व 1800-180-5312 किया जारी। तथा सूचनाओं के लिए बनाए व्हाट्सएप्प ग्रुप।
  • केवल किताबी ज्ञान मानव जीवन को सार्थकता प्रदान नहीं करता अतएव वर्तमान शिक्षा पद्धति और भक्ति में विवेचन।

जानिए उत्तर प्रदेश बोर्ड के बारे में

उत्तर प्रदेश बोर्ड यानी माध्यमिक शिक्षा परिषद का मुख्य कार्य उत्तर प्रदेश राज्य में हाई स्कूल तथा इंटरमीडिएट की परीक्षाएं आयोजित करवाना एवं परीक्षा फल घोषित करवाना है। उत्तर प्रदेश बोर्ड यानी माध्यमिक शिक्षा परिषद का मुख्यालय प्रयागराज है। माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की स्थापना सन् 1921 में प्रयागराज में संयुक्त प्रान्त वैधानिक परिषद (यूनाइटेड प्रोविन्स लेजिस्लेटिव काउन्सिल) के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। सबसे पहले सन् 1923 में परीक्षा आयोजित करवाई थी। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश, परीक्षा आयोजित करवाने और परिणाम घोषित कराने वाली देश की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था है। बोर्ड ने 10+2 शिक्षा प्रणाली अपनाई है। उ.प्र. बोर्ड ने आज दसवीं और बारहवीं के परीक्षा फल घोषित किये।

उत्तर प्रदेश दसवीं-बारहवीं के परिणाम आज घोषित

UP Board Result 2020: उ.प्र. बोर्ड के परिणाम अप्रैल में घोषित किए जाने थे लेकिन कोविड-19 (COVID-19) महामारी के चलते मूल्यांकन में देरी हुई। आज परीक्षा परिणाम घोषित हो गए हैं और छात्र-छात्राएं अपना परीक्षा फल आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करके देख सकते हैं। प्रत्येक विषय में पास होने के लिए कम से कम 35 प्रतिशत अंक होने चाहिए। बारहवीं में 74 .64 फीसदी और दसवीं में 83.31 फीसदी छात्र उत्तीर्ण हुए।

इन छात्र-छात्राओं ने मारी बाजी

कक्षा दसवीं से बागपत की रिया जैन 96.67 फीसदी अंकों के साथ प्रथम स्थान पर आईं। 95.83 फीसदी अंको के साथ बाराबंकी के अभिमन्यु वर्मा द्वितीय स्थान पर और तृतीय स्थान पर बाराबंकी के योगेश प्रताप सिंह 95.33 फीसदी अंकों के साथ सर्वोच्च रहे। वहीं कक्षा बारहवीं में बागपत के अनुराग मलिक ने 97 फीसदी अंकों के साथ प्रथम स्थान अर्जित किया है। प्रयागराज के प्रज्वल सिंह ने 96.6 फीसदी अंकों के साथ और औरया के उत्कर्ष शुक्ला ने 94.8 फीसदी अंको के साथ क्रमशः द्वितीय व तृतीय स्थान अर्जित किया है।

उपमुख्यमंत्री ने राजधानी से किये परिणाम जारी

UP Board Result 2020 News Updates: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने राजधानी स्थित लोकभवन से परिणाम जारी किए हैं। उन्होंने हर टॉपर को एक लाख रुपये की धनराशि और एक लैपटॉप देने की घोषणा की है। साथ ही 15 दिनों के अंदर मार्कशीट, सर्टिफिकेट की सॉफ्टकॉपी उपलब्ध होने की बात कही है। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष कुल 2 करोड़ 82 लाख 304 कापियां जांची गई हैं। इस वर्ष बारहवीं में 74.64 फीसदी व दसवीं में 83.1 फीसदी छात्र-छात्राओं ने परीक्षा उत्तीर्ण की है।

उप मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर उत्तीर्ण छात्रों को दी बधाई

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने परिणाम घोषित करने के बाद उत्तीर्ण हुए छात्रों को ट्वीट के माध्यम से बधाई दी है तथा किसी कारणवश असफल हुए छात्रों को निराश न होते हुए निरन्तर मेहनत करने के लिए कहा और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया उत्साहवर्धन

छात्रों के लिए तनाव से निपटने हेतु टोल फ्री नम्बर उत्तर प्रदेश बोर्ड ने जारी करवाए हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा परिणाम घोषित होने से पहले ट्वीट के माध्यम से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि परीक्षा फल केवल अवलोकन है अर्थात इससे तनाव में आने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि जो भी परिणाम आये उसे सहजता से स्वीकार करें तथा उन्होंने अपने इष्ट श्रीराम से विद्यार्थियों के लिए वांछनीय परिणाम की कामना की। परिणाम घोषित होने के पश्चात उन्होंने पुनः वीडियो के माध्यम से उत्तीर्ण हुए सभी छात्र-छात्राओं को स्नेहपूर्ण शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

क्या स्कूली शिक्षा सर्वांगीण विकास के लिए पर्याप्त है?

कबीर साहेब कहते हैं- “पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय | ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होई ||” आज परिणाम घोषित हुए। कुछ सर्वश्रेष्ठ आये तो कुछ पिछड़ गए। माता पिता अपने बच्चों को पढ़ने लिखने के लिए हमेशा प्रेरित करते हैं लेकिन क्या वे उन्हें प्रेम व्यवहार और सतभक्ति के संस्कार देते हैं? शिक्षा जीवन के एक पक्ष की वृद्धि करती है। कोई संदेह नहीं कि शिक्षा बहुआयामी है लेकिन भक्ति जीवन के सभी पक्षों को लेकर चलती है। यही कारण रहा होगा जब पुराने समय में गुरु के समक्ष भक्ति और विद्या दोनों के अध्ययन किये जाते थे।

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आज केवल विद्या को महत्व देकर हमने बाल मन में केवल पुस्तक ज्ञान का ही बीज बोया है। भक्ति का बीजारोपण करना हम भूल गए और इस भूल ने युवाओं में टूटन, मानसिक वेदना, अवसाद और आत्महत्या जैसे अनजाने में किये जाने वाले कृत्यों को बढ़ावा दिया है। शिक्षा को इतना महत्व दिया कि बच्चे दसवीं या बारहवीं में अनुकूल परिणाम न आने पर सीधे आत्महत्या की ओर अग्रसर होते हैं। ये हमारे उनके भीतर शिक्षा को लेकर हौआ बनाने का नतीजा है।

शिक्षा के साथ सतभक्ति करने से सर्वांगीण विकास कैसे संभव है?

“ कहहिं कबीर सोई जन मेरा, नीर क्षीर का करे निबेरा”

यदि बच्चों को बचपन से ही सतभक्ति का बोध करवाएं तो वे नीर क्षीर विवेक को सुदृढ़ करेंगे, मानव जीवन के महत्व और वास्तविक उद्देश्य को समझेंगे। जीवन के अनेक पक्षों को समझेंगे और सतभक्ति से जीवन के कठिन समय में भी विवेक पूर्वक यथोचित मार्ग तलाशेंगे न कि भटक कर विनाश की और जाएंगे। भक्ति से ‘ढाई आखर प्रेम का’ स्वतः ही व्यक्ति सीख जाता है।

केवल पुस्तकों के ज्ञान से नीर क्षीर का विवेक नहीं उपजता और मानव जीवन का उद्देश्य नहीं समझा जा सकता। बच्चों को वास्तविक सतगुरु की शरण में ले जाकर सतभक्ति और सत्संग की ओर लगाएं। परन्तु सबसे बड़ी चेतावनी यह है कि सत्संग का अर्थ आजकल कथा वाचन और अन्य साधनों से जोड़ा जाता है।

यह सत्संग नहीं समय गंवाना है। सत्संग तो शास्त्रों का निर्मल ज्ञान है। परमात्मा से सीधे साक्षात्कार किये हुए तत्वदर्शी सन्त ही शास्त्रों का सही ज्ञान बता सकते है। वर्तमान में परम ब्रह्म कविर्देव (कबीर साहेब) की परंपरा के तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज की शरण में जाए उनके मंगल प्रवचन देखें, ज्ञान का अध्ययन करें और शास्त्रानुकूल सतभक्ति को ग्रहण कर सर्व सांसारिक सुखों को प्राप्त करते हुए पूर्ण मोक्ष की ओर अग्रसर हों।

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