Unlock 5 Guidelines in Hindi: अनलॉक 5.0 के लिए गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश: केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक करने की प्रक्रिया के पांचवे चरण में कई गतिविधियों को फिर से खोलने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। नई गतिविधियां कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर की जा सकेंगी। नये दिशानिर्देश 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक के समय अंतराल में प्रभावी रहेंगे। ध्यान रहे पूरी दुनिया में अब तक दस लाख लोग इस महामारी से मर चुकें हैं। अत्याधुनिक वैज्ञानिक युग में भी कोरोना से निपटने का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है। आज पाठक गण आध्यात्मिक समाधान भी जानेंगे।
UNLOCK 5.0: गृह मंत्रालय द्वारा नई गतिविधियां प्रारंभ करने के दिशानिर्देश
Unlock 5 Guidelines in Hindi (अनलॉक 5): मुख्य बिन्दु
- कोविड-19 से मरने का आंकड़ा पूरी दुनिया में दस लाख और भारत में एक लाख के पास
- बुधवार को गृह मंत्रालय ने बाहर अन्य गतिविधियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए
- ये दिशा-निर्देश 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक लागू रहेंगे
- कंटेनमेंट ज़ोन में कड़ा लॉकडाउन लागू रहेगा
- शर्तों के साथ 15 अक्टूबर से कई गतिविधियों को खोलने की अनुमति दी
- सिनेमाहॉल, थिएटर, मल्टीप्लेक्स 50 फीसदी तक क्षमता उपयोग के साथ खुलेंगे 15 अक्तूबर से
- प्रशिक्षण स्विमिंग पूल और एंटरटेनमेंट पार्क भी 15 अक्टूबर से खुलेंगे
- कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर केन्द्र सरकार से विचार-विमर्श बिना स्थानीय लॉकडाउन लागू नहीं
- राज्य में और अंतरराज्यीय आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा
- बिजनेस टू बिजनेस (B2B) खुलेंगे अक्तूबर 15 से
- गृह मंत्रालय से छूट के अतिरिक्त अन्य सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद रहेंगी
अनलॉक के पाँचवे चरण से देश सामान्य होने की ओर अग्रसर
केंद्र सरकार ने अनलॉक 5 की गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। कोरोनावायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने 24 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन चरणों में लागू किया था। यह लॉकडाउन जुलाई महीने से चरण दर चरण हटाया जाने लगा। अनलॉक के पहले चार चरणों में अब तक सैलून, जिम, मॉल, रेस्तरां, जैसी सार्वजनिक सेवाएं आरंभ की जा चुकी हैं। कोरोना लॉकडाउन के कारण देश आर्थिक संकट की ओर गया है अतः पूरा देश टकटकी लगाए देख रहा है कि समान्यकरण की प्रक्रिया में क्या खुलेगा और कब? आईए जानते है कि केंद्र सरकार ने अनलॉक 5.0 के अंतर्गत और क्या छूट प्रदान की हैं?
भारत सरकार ने 30 सितंबर को नए दिशा-निर्देश जारी किए
पूरी दुनिया में अब तक दस लाख लोग इस महामारी से अपनी जान गंवा चुकें हैं। भारत में भी यह आंकड़ा एक लाख को छूने वाला है। ऐसे में भारत सरकार ने 30 सितंबर को कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर अन्य गतिविधियों को फिर से खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं । केंद्रीय गृह सचिव एवं राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (NEC) अध्यक्ष ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को एक पत्र जारी किया। आपदा प्रबंधन अधिनियम (NDMA) के तहत अधिकार प्रयोग कर उन्होंने कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर के क्षेत्रों में और अधिक गतिविधियों को फिर से खोलने का निर्देश दिये हैं। एनईसी ने 31 अक्टूबर तक कंटेनमेंट ज़ोन में लॉकडाउन का विस्तार किया है। गतिविधियों को फिर से खोलने के लिए दिशा-निर्देश 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक लागू रहेंगे।
कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर नई गतिविधियों को दी गई अनुमति
गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों द्वारा केवल कंटेनमेंट ज़ोन से बाहर के क्षेत्रों में निम्नलिखित को छोड़कर अन्य सभी गतिविधियों को पुनः आरंभ करने की अनुमति दी:
स्कूलों और कोचिंग संस्थान
केन्द्रीय सरकार के गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित सरकारों को क्रमबद्ध तरीके से स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को फिर से खोलने के बारे में निर्णय लेने का अधिकार दिया । राज्य और केंद्र शासित सरकारें स्कूल और संस्था के संबंधित प्रबंधन के साथ परामर्श कर 15 अक्टूबर के बाद पुनः खोलने पर फैसला लेंगे। राज्य/केंद्र शासित स्थिति का आकलन करेंगे और निम्नलिखित शर्तों के आधीन निर्णय लेंगे:
- शिक्षण के पसंदीदा तरीके के रूप में ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा को प्रोत्साहित करें।
- ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करने की अनुमति दें जहां छात्र शारीरिक रूप से स्कूल में भाग लेने के बजाय ऑनलाइन चुनते हैं ।
- स्कूल और संस्थान माता-पिता से लिखित सहमति प्राप्त करने के बाद छात्रों को शारीरिक रूप से भाग लेने की अनुमति दे सकते हैं।
- संस्थानों को उपस्थिति अनिवार्य रूप से लागू नहीं करनी चाहिए और निर्णय माता-पिता पर छोड़ देना चाहिए ।
- सभी राज्य और केंद्र शासित सरकारें स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure – SOP) तैयार करेंगी। यह एसओपी विद्यालय शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) द्वारा स्कूली शिक्षा और संस्थान खोलने के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जारी एसओपी की भावना के साथ संरक्षित रखना होगा।
- सभी स्कूलों को राज्य/केंद्र शासित शिक्षा विभागों द्वारा जारी एसओपी का पालन करना चाहिए।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए उच्च शिक्षा संस्थान खुलेंगे
नए दिशा-निर्देश, शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग (DHE) को गृह मंत्रालय के परामर्श से स्थानीय स्थिति का आंकलन करने के आधार पर कॉलेजों और उच्च शिक्षा संस्थानों को फिर से खोलने पर निर्णय लेने का अधिकार देते हैं । इस मामले में, डीएचई शिक्षण के पसंदीदा तरीके के रूप में ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा को प्रोत्साहित करेगा।
एक अपवाद के रूप में, गृह मंत्रालय के दिशा निर्देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी विषयों के अनुसंधान कर्ताओं (PhD) और स्नातकोत्तर छात्रों को जिन्हें प्रयोगशाला/ प्रायोगिक कार्य की आवश्यकता होती है, के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों को 15 अक्टूबर से खोलने की अनुमति देते हैं।
- केंद्र पोषित उच्च शिक्षा संस्थानों के विभाग प्रमुख विज्ञान और प्रौद्योगिकी विषयों के अनुसंधान कर्ताओं (PhD) और स्नातकोत्तर छात्रों को जिन्हें प्रयोगशाला/प्रायोगिक कार्य की आवश्यकता होती है, की वास्तविक जरूरतों के लिए स्वयं संतुष्ट होकर निर्णय करेंगे ।
- राज्य और केंद्र शासित सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी स्ट्रीम रिसर्च स्कॉलर्स (PhD) और स्नातकोत्तर छात्रों, जिन्हें प्रयोगशाला/प्रायोगिक कार्य की आवश्यकता होती है, के लिए अन्य सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को खोलने पर फैसला करेगी।
Unlock 5 Guidelines in Hindi: प्रशिक्षण के लिए स्विमिंग पूल खोलना
युवा मामलों का मंत्रालय 15 अक्टूबर से खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए स्विमिंग पूल खोलने के लिए एसओपी जारी करेगा।
सिनेमा, थिएटर और मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन पार्क खोलना
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय केवल कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर के क्षेत्रों में 15 अक्टूबर से अपनी बैठने की क्षमता का 50 प्रतिशत के साथ सिनेमाघर, रंगमंच और मल्टीप्लेक्स खोलने के लिए एसओपी जारी करेगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 15 अक्टूबर से मनोरंजन पार्क खोलने के लिए एसओपी जारी करेगा।
बिजनेस टू बिजनेस (B2B) प्रदर्शनी होंगी प्रारंभ
वाणिज्य विभाग 15 अक्टूबर से बिजनेस टू बिजनेस (B2B) प्रदर्शिनी इत्यादि को प्रारंभ करने की अनुमति देने के लिए एसओपी जारी करेगा।
Unlock 5 Guidelines in Hindi: सार्वजनिक सभा सीमा में वृद्धि
गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में पहले ही सभी सामाजिक, खेल, मनोरंजन, अकादमिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, धार्मिक कार्यों और अन्य मंडलियों के लिए रोकथाम क्षेत्रों के बाहर 100 व्यक्तियों की अधिकतम सीमा की अनुमति दी गई है । राज्य और केंद्र शासित सरकारें 15 अक्टूबर से कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर 100 से अधिक व्यक्तियों की अनुमति दे सकती हैं। गृह मंत्रालय ने राज्य/केंद्र शासित सरकारों को ऐसे समुदायों को विनियमित करने के लिए एसओपी जारी करने और शर्तों के कड़ाई से लागू करने का अधिकार दिया है:
- फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, हैंडवॉश के उपयोग, या सैनिटाइजर के अनिवार्य उपयोग के साथ “बंद स्थानों” में हॉल क्षमता का 50 प्रतिशत और 200 व्यक्तियों की अधिकतम सीमा के साथ अनुमति दें।
- सोशल डिस्टेंसिंग के सख्त पालन और फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, हैंडवॉश के उपयोग, या सेनिटाइजर के अनिवार्य उपयोग के साथ खुली जगहों में जमीन और स्थान उपलब्धता के आकार को देखते हुए व्यक्तियों को अनुमति दें।
अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा पर प्रतिबंध जारी रहेगा
गृह मंत्रालय द्वारा अनुमति के आधार पर अपवादों को छोड़कर अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा प्रतिबंधित रहेगी ।
कोरोना (COVID-19) प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देश
गृह मंत्रालय ने कोरोना (COVID-19) रोकथाम के पहले से ही जारी अपने राष्ट्रीय निर्देशों को देश भर में जारी रखने का निर्णय किया। इसके अंतर्गत फेस कवरिंग, व्यक्तियों में सोशल डिस्टेंसिंग, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना, घर से काम, कार्य समय निर्धारण, स्क्रीनिंग और स्वच्छता, बार-बार स्वच्छता और कार्यस्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग शामिल हैं।
Unlock 5 Guidelines in Hindi MHA: लॉकडाउन कंटेनमेंट ज़ोन तक सीमित
- 31 अक्टूबर तक लागू रहेगा लॉकडाउन
- जिला अधिकारी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट ज़ोन का सीमांकन करेंगे।
- जिला अधिकारी और राज्य/केंद्र शासित सरकारें वेबसाइटों पर “रोकथाम क्षेत्र” अधिसूचित करेंगे और उन्हें केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साझा करेंगे ।
- राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारें केन्द्र सरकार के साथ पूर्व परामर्श के बिना कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर कोई राज्य/ जिला/ सब-डिवीजन/ शहर/ गांव स्तर पर स्थानीय लॉकडाउन नहीं करेंगी।
आवाजाही के नियम
जारी एसओपी के अनुसार विभिन्न प्रकार की आवाजाही जारी रहेंगी
- यात्री ट्रेन
- घरेलू यात्री हवाई यात्रा
- वंदे भारत और हवाई परिवहन
- बबल उड़ान
- भारतीय नाविकों के साइन-ऑन और साइन-ऑफ द्वारा आवाजाही
- अंतरराज्यीय और राज्यीय आवागमन पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं
कमजोर व्यक्तियों की सुरक्षा
आवश्यक और स्वास्थ्य प्रयोजनों को छोड़कर, 65 वर्ष से ज्यादा आयु के व्यक्तियों या दस वर्ष से कम आयु के बच्चों, सह-रुग्णताओं के साथ, गर्भवती महिलाओं को घर पर रहना अपेक्षित है।
आरोग्य सेतु का प्रयोग
पहले से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार आरोग्य सेतु का प्रयोग सुनिश्चित करें।
दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए दंडात्मक प्रावधान का प्रयोग
• राज्य/केंद्र शासित सरकारें दिशा-निर्देशों को कमजोर ढंग से लागू नहीं करेंगी
• 1973 की दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 के प्रावधानों का उपयोग करेंगी
• इन उपायों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188
• अन्य कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है
• आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 – 60 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही
क्या वास्तविकता है इस क्षणभंगुर जगत की और हमें क्या करना चाहिए?
वेदों, श्रीमदभगवत गीता, कुरान और बाइबल जैसे ग्रंथों के अनुसार पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं। उन्होंने 600 वर्ष पहले पृथ्वी पर सत्य संदेश देने के लिए 120 वर्ष घूम घूम कर मानव जाति को चेताया कि इस क्षण भंगुर जगत में क्या करना उपयुक्त है? कबीर साहेब ने बताया कि इस जगत में कुछ भी स्थिर नहीं है। रावण के भी एक लाख पुत्र और सवा लाख नाती थे लेकिन आज कोई भी नाम लेने वाला नहीं है। ऐसे क्षण भंगुर जगत में क्या संपदा, ख्याति और वंश जोड़ता फिरता है।
कबीर, क्या मांगु कुछ थिर ना रहाई। देखत नैन चला जग जाई।
एक लख पूत सवा लख नाती। उस रावण के दीवा न बाती।।
कबीर साहेब सतगुरु से नाम दीक्षा लेकर भक्ति करने की प्रेरणा दे रहे हैं
कबीर, बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत हैं प्राण।
भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नाहीं पाषाण।।
एक बार पुनः चेता रहे हैं कि ये काया तेरी नहीं है तो माया कैसे तेरी हो जाएगी अतः शुद्ध हृदय से परमात्मा की भक्ति कर ।
कबीर, काया तेरी है नहीं, माया कहाँ से होय।
भक्ति कर दिल पाक से, जीवन है दिन दोय।।
पूरी दुनिया कोरोनावायरस प्रकोपों के साथ बिना किसी सहारे लड़ रही है। सुख के समय भी मनुष्य स्वयं के रचियता परमात्मा को याद नहीं कर पाता अतः यह दुख की घड़ी भी एक अवसर है जिसमें हम पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति करके सांसारिक दुखों से छुटकारा पाकर मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं।
कबीर, सुख के माथे पत्थर पड़ो, नाम हृदय से जावै।
बलिहारी वा दुख के, जो पल – पल नाम रटावै ।।
पूर्ण संत रामपाल जी से लें नाम दीक्षा
ऐसे अपार दुख और अनिश्चितता के कोरोना काल में कबीर साहेब जी की परंपरा के पूर्ण संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं। अधिक जानकारी के लिए सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर संत जी के अनमोल वचन श्रवण करें और जीने की राह पुस्तक पढ़ें।