Truck Drivers Protest | केंद्र सरकार द्वारा भारतीय दंड संहिता में संशोधन कर भारतीय न्याय संहिता किया जा रहा हैं जिसमें हिट एंड रन मामलें में हो रहे बदलाव को लेकर कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा नए साल पर हड़ताल की गई जिसका असर देश के कई बड़े राज्यों में देखने को मिला। हालांकि सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन के बाद ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल खत्म कर दी है, लेकिन अभी भी कुछ राज्यों में इसका असर देखने को मिल रहा है। क्या है हिट एंड रन का नया कानून और क्यों कर रहे हैं ट्रक चालक हड़ताल, जानिए इस लेख में।
Truck Drivers Protest: मुख्य बिंदु
- न्यू ईयर (New Year 2024) पर हिट एंड रन के नए कानून को लेकर सड़कों पर उतरे ट्रक चालकों ने मंगलवार की देर रात हड़ताल को किया खत्म।
- हड़ताल का असर अभी भी कुछ राज्यों में देखने को मिल रहा है
- हड़ताल के कारण पेट्रोल पंपों में दिखी भारी भीड़
- गृह सचिव का आश्वासन बिना चर्चा के लागू नहीं होगा “हिट एंड रन का नया कानून”
- हिट एंड रन के नए कानून के तहत 10 साल की जेल और 7 लाख रुपये का जुर्माना।
ट्रक चालकों ने क्यों की हड़ताल?
Truck Drivers Protest: हिट एंड रन (Hit and Run) के नए कानून को लेकर नए साल पर ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स ने कई राज्यों में चक्काजाम कर अपना विरोध जताया। उनका कहना है कि हिट एंड रन का नया कानून (Hit And Run Law) बहुत कठोर है और इससे उनके जीवन पर खतरा पैदा हो सकता है। उनका कहना है कि नए कानून में “घटनास्थल से भागना” की परिभाषा स्पष्ट नहीं है। इससे यह अस्पष्ट है कि क्या एक वाहन चालक को दुर्घटना के तुरंत बाद पुलिस को सूचना देने की आवश्यकता है, या क्या वह दुर्घटनास्थल से कुछ दूरी पर रुककर पुलिस को सूचना दे सकता है। ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि इस कानून का इस्तेमाल ट्रक ड्राइवरों को परेशान करने के लिए किया जा सकता है। साथ ही ट्रक चालकों की चिंता है कि मौके पर रहे तो भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान भीड़ के उग्र होने पर जान जाने का खतरा है और यदि भीड़ से बचे तो 2 साल की जगह 10 साल जेल में काटना पड़ेगा।
हिट एंड रन कानून (Hit And Run Law) क्या है?
Truck Drivers Protest in Hindi : हिट एंड रन कानून सड़क दुर्घटना के मामलों में लागू होता है, जब कोई वाहन चालक किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है और फिर मौके से भाग जाता है। वहीं नए कानून के तहत, अगर कोई वाहन चालक किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है और फिर मौके से भाग जाता है तो उसे 10 साल की जेल और 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
Truck Drivers Protest | अभी यह है हिट एंड रन कानून लागू
अभी लागू हिट एंड रन केस में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। विशेष स्थिति होने पर केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है। लेकिन हाल ही में सरकार द्वारा भारतीय दंड संहिता में किये गए संशोधन के बाद भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 106 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद यदि कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है और पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है तो उसे दस साल तक की सजा के साथ जुर्माना देना होगा।
सरकार का आश्वासन “विचार विमर्श के बाद होगा नया कानून लागू”
Truck Drivers Protest | केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ हिट एंड रन के नए कानून को लेकर वाहन चालकों की चिंता पर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के सदस्यों की बैठक हुई जिसमें गृह सचिव की ओर से आश्वासन दिया गया कि “नए कानून एवं प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं और भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।” इस तरह सरकार के दिये गए आश्वासन के बाद मंगलवार देर रात ट्रक चालकों ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया।
ट्रक चालकों की हड़ताल का देशभर में असर
30 दिसंबर से देशभर में चल रही ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल (Truck Drivers Protest) केंद्र सरकार से बातचीत के बाद मंगलवार देर रात को खत्म हो गई। लेकिन उसका असर आज भी कई राज्यों में देखा जा सकता है। वहीं ट्रक चालकों की हड़ताल का सबसे अधिक असर मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत 10 से अधिक राज्यों में देखने को मिला था। इसकी वजह से पेट्रोल-डीजल, घरेलू गैस, दूध और सब्जियों जैसे जरूरी सामानों की आवाजाही प्रभावित रही, जिससे पेट्रोल पंपों में भारी भीड़ भी देखने को मिली।
काल के लोक में बनी रहने वाली ऐसी समस्याओं का समाधान
कभी बस चालकों की हड़ताल, कभी कोरोना वायरस जैसी महामारियाँ, कभी युद्ध, तो कभी आर्थिक, भौतिक व सामाजिक समस्याएं, काल के इस गंदे लोग में हमेशा कुछ ना कुछ समस्या बनी रहती है। इससे निजात पाने का सिर्फ एक तरीका है, पवित्र सदग्रंथों से प्रमाणित शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना, जो तत्वदर्शी यानि सतगुरु ही प्रदान करता है जिसके विषय में आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज ने बताया है:
गरीब, मासा घटै ना तिल बढ़ै, विधना लिखे जो लेख।
साचा सतगुरू मेट कर, ऊपर मारे मैख।।
गरीब, जम जौरा जा से डरें, मिटें कर्म के लेख।
अदली असल कबीर हैं, कुल के सतगुरू एक।।
अर्थात् जीव के कर्मों के अनुसार जो प्रारब्ध बनाया गया है उसमें जरा-सा भी फेरबदल पूर्ण परमात्मा के बिना कोई नहीं कर सकता। पूर्ण परमात्मा जी संत व सतगुरू रूप में संत गरीबदास जी को मिले थे जो कबीर जी थे। इसलिए कहा है कि सच्चा सतगुरू यानि कबीर परमेश्वर जी प्रारब्ध (भाग्य) के लेख को सदा के लिए समाप्त कर देता है। भक्त/भक्तमति की आयु भी बढ़ा सकता है। मुर्दे को भी जीवित कर देता है। वेदों में भी यही प्रमाण है। ऋग्वेद मंडल नं. 10 सूक्त 161 मंत्र नं. 2 में कहा गया है कि परमेश्वर अपने साधक के असाध्य रोग को भी समाप्त करके स्वस्थ कर देता है। यदि साधक मृत्यु को प्राप्त होकर परलोक चला गया है तो परमात्मा उसको मृत्यु देवता से छुड़वाकर जीवित करके 100 वर्ष की आयु प्रदान कर देता है। इसलिए सूक्ष्मवेद में कहा गया है:
सतगुरु शरण मे आने से, आई टलै बला।
जै मस्तिक में सूली हो, कांटे में टल जा।।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी हैं “तत्वदर्शी संत/सतगुरु”
पवित्र गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा है कि तत्वज्ञान की प्राप्ति के लिए तू तत्वदर्शी संत की शरण में जा तथा फिर गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में कहा गया है जो संत उल्टे लटके हुए वृक्ष के सभी विभागों को वेदों अनुसार बता देगा वह पूर्ण तत्वदर्शी संत अर्थात सतगुरु होता है और वर्तमान में यह तत्वज्ञान जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के पास है, जिन्होंने सर्व धर्मग्रंथों से प्रमाण देकर बताया है:
मूल नाम न काहू पाये। साखा पत्र गह जग लपटाये।।
डार शाख को जो हृदय धरहीं। निश्चय जाय नरकमें परहीं।।
भूले लोग कहे हम पावा। मूल वस्तू बिन जन्म गमावा।।
जीव अभागि मूल नहिं जाने। डार शाख को पुरुष बखाने।।
कबीर, अक्षर पुरूष एक पेड़ है, क्षर पुरूष वाकि डार।
तीनों देवा शाखा हैं, पात रूप संसार।
कबीर, हम ही अलख अल्लाह हैं, मूल रूप करतार।
अनन्त कोटि ब्रह्मण्ड का, मैं ही सिरजनहार।।
पढ़े पुराण और वेद बखाने। सतपुरुष जग भेद न जाने।।
वेद पढ़े और भेद न जाने। नाहक यह जग झगड़ा ठाने।।
वेद पुराण यह करे पुकारा। सबही से इक पुरुष नियारा।
तत्वदृष्टा को खोजो भाई, पूर्ण मोक्ष ताहि तँ पाई।
कवि: नाम जो बेदन में गावा, कबीरन् कुरान कह समझावा।
वाही नाम है सबन का सारा, आदि नाम वाही कबीर हमारा।।
अतः विश्व के सभी भाई बहनों से निवेदन है तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “हिन्दू साहेबान नहीं समझे गीता, वेद, पुराण” को Sant Rampal Ji Maharaj App से निःशुल्क डाऊनलोड करके पढ़ें और तत्वज्ञान को समझें तथा सतभक्ति ग्रहण कर अपने जीवन को सुरक्षित करें।