October 28, 2024

627वां कबीर प्रकट दिवस: सतलोक आश्रम धुरी में भव्य समागम जारी है, सांसद अमरिंदर सिंह राजा वाड़िंग भी पहुंचे

Published on

spot_img

आगामी 20, 21 और 22 जून को संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब) में 627वें कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष में एक तीन दिवसीय भव्य समागम का आयोजन किया जा रहा है। समागम की तैयारियों ने सतलोक आश्रम धुरी में जोर पकड़ लिया है। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु इस पवित्र अवसर पर शामिल होने के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराने आ रहे हैं, जिससे आश्रम में उत्साह और भक्ति की लहर दौड़ रही है।

समागम का एक प्रमुख आकर्षण विशाल भंडारा होगा, जो लगातार तीनों दिन चौबीसों घंटे चलेगा। भंडारे में देसी घी और उच्च गुणवत्ता की सामग्री से निर्मित लड्डू, जलेबी, और अन्य स्वादिष्ट पकवान परोसे जाएंगे। यह भंडारा पूर्णत: निशुल्क होगा, जिससे हर कोई बिना किसी भेदभाव के इसका लाभ उठा सकेगा। आश्रम में स्वच्छता और सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।

विशाल भंडारे में सजीवता का आलम यह होगा कि श्रद्धालु अपनी थाली में स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाते हुए कबीर जी के भजनों और सत्संग का आनंद भी ले सकेंगे। यह भंडारा भक्ति और स्वाद का अनूठा संगम होगा।

इस महासमागम का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें किसी भी प्रकार का जातिगत, धार्मिक, या सामाजिक भेदभाव नहीं होता। यहां गरीब और अमीर को एक समान दृष्टि से देखा जाता है। सभी श्रद्धालुओं के लिए समान रूप से व्यवस्थाएं की गई हैं, चाहे वे किसी भी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि से हों। इस प्रकार, समागम समाज में समरसता और एकता का संदेश प्रसारित करता है।

समागम के दौरान आदरणीय गरीब दास जी महाराज जी की अमर वाणी का अखंड पाठ और ज्योति यज्ञ भी होगा, जो बिना रुके दिन-रात चलेगा। यह श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा और उन्हें कबीर जी के आदर्शों और शिक्षाओं के प्रति जागरूक करेगा। अखंड पाठ की मधुर ध्वनि और ज्योति यज्ञ की पवित्रता से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाएगा।

आश्रम में हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। माता, बहनों और पुरुषों के लिए भिन्न-भिन्न पंडाल, स्वच्छ शौचालय, स्नानग्रह, मोबाइल चार्जिंग स्थल, पार्किंग स्थल, रहने और सोने की व्यवस्था पूर्णत: निशुल्क होगी। निकटतम गांव, शहरों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से श्रद्धालुओं को लाने और ले जाने के लिए निशुल्क सुलभ साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। संत रामपाल जी के अनुयाई आपकी सेवा में निरंतर हाजिर रहेंगे और अधिक भीड़ से निपटने व अनुशासन बनाए रखने के लिए सुरक्षा में तैनात रहेंगे। यह क्षेत्र पूर्णतया धूम्रपान निषेध है।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आश्रम में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है। स्वच्छ शौचालय और स्नानग्रह की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

समाज सेवा हेतु इस समागम में दहेज मुक्त विवाह, रक्तदान शिविर, देह दान, और जागरूकता अभियान का भी आयोजन किया जाएगा। केवल 17 मिनट में बिना किसी विशेष आडंबर और दिखावे के दहेज मुक्त विवाह (रमैणी) किए जाएंगे। यह पहल समाज में व्याप्त दहेज प्रथा को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दहेज मुक्त विवाहों के इस अनूठे पहल से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाएगा और परिवारों को आर्थिक बोझ से मुक्त किया जाएगा।

विशेष रूप से पटियाला, संगरूर, मोंगा आदि निकटतम राज्यों की संगत के लिए विशेष आमंत्रण दिया गया है। सतलोक आश्रम धुरी के अलावा, अन्य 10 आश्रमों में भी इस महासमागम का आयोजन किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु इस आध्यात्मिक और सामाजिक अवसर का हिस्सा बन सकें। 

प्रदर्शनी स्थल की सजावट शुरू हो चुकी है, जहां पर कबीर परमेश्वर के प्राकट्य और उनकी लीलाओं का अनूठे ढंग से चित्रण किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में चित्रों वाले लेखों के माध्यम से संत रामपाल जी के अनुयायी आने वाले श्रद्धालुओं को कबीर परमेश्वर की वास्तविक पहचान और उनकी अद्वितीय लीलाओं से परिचित करवाएंगे। यह प्रदर्शनी समागम का एक महत्वपूर्ण आकर्षण होगा, जो श्रद्धालुओं को कबीर जी की दिव्यता और उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराएगी।

627वें कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष में आयोजित यह तीन दिवसीय समागम संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में एक अनूठा और प्रेरणादायक आयोजन है। यह न केवल आध्यात्मिकता का अनुभव कराने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि समाज में समानता, समरसता, और सामाजिक सुधार के संदेश को भी प्रसारित करेगा। श्रद्धालु इस अवसर का लाभ उठाएं और कबीर जी के आदर्शों और शिक्षाओं को आत्मसात करें। 

इस भव्य आयोजन की महिमा से सराबोर होकर, हर कोई संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में अपने जीवन को एक नई दिशा देने के लिए प्रेरित होगा। कबीर जी के संदेश और शिक्षाओं से प्रेरित होकर, यह समागम समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

आइए, इस अद्वितीय समागम में शामिल होकर कबीर परमेश्वर की दिव्य लीलाओं का अनुभव करें। निशुल्क भंडारा, दहेज मुक्त विवाह, और अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभवों के साथ, यह अवसर आपके जीवन को नई दिशा देगा। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनें और समाज में समरसता का संदेश फैलाएं।

1. धुरी आश्रम कहां हैं?

उत्तर: [Answer]

2. क्या समागम में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोई विशेष निर्देश हैं?

उत्तर: हां, श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे समागम के दौरान शांति और अनुशासन बनाए रखें। किसी भी प्रकार के धूम्रपान, शराब या अन्य नशीले पदार्थों का उपयोग निषेध है। श्रद्धालुओं से स्वच्छता बनाए रखने और दिए गए निर्देशों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है।

3. क्या समागम के दौरान चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी?

उत्तर: हाँ, समागम के दौरान चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

4. क्या समागम में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए विशेष व्यवस्थाएं हैं?

उत्तर: हाँ, व्हीलचेयर और समर्पित सहायक उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, उनके आराम और सुविधा के लिए विशेष स्थान भी आरक्षित किए गए हैं।

5. समागम में आने के लिए पूर्व पंजीकरण आवश्यक है क्या? उत्तर: नहीं, श्रद्धालु बिना किसी पंजीकरण के आश्रम में आ सकते हैं।

6. क्या दस्तावेजों (डॉक्यूमेंट्स) की जरूरत पड़ेगी।

उत्तर: नहीं, समागम में बिना किसी दस्तावेज के सारी सुविधाएं उपलब्ध होगी। हालांकि आपात स्थिति के लिए आवश्यक दस्तावेज साथ लाने की सलाह दी जाती है। 

7. क्या फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी की अनुमति हैं।

उत्तर: हां, लेकिन उपस्थित श्रद्धालुओं की गोपनीयता व आश्रम की मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए।

8. समागम में क्या कोई विशेष पोशाक पहनने की आवश्यकता है?

उत्तर: समागम में कोई विशेष पोशाक पहनने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे सभ्य और सम्मानजनक वस्त्र धारण करें, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल बना रहे।

9. क्या समागम के दौरान किसी प्रकार के उपहार या प्रसाद वितरण की व्यवस्था होगी?

उत्तर: हां, समागम के दौरान भंडारे के अलावा, कबीर परमात्मा के प्रसाद का वितरण भी किया जाएगा।

10. क्या समागम के दौरान किसी प्रकार की सूचना या संपर्क केंद्र स्थापित किए जाएंगे?

उत्तर: हां, समागम के दौरान विभिन्न सूचना और संपर्क केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां से श्रद्धालु किसी भी प्रकार की सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

Latest articles

Dhanteras Puja 2024: Know on Dhanteras the Method of Accumulating True Wealth

This Dhanteras 2021, know about the guaranteed and easiest way to attain happiness and prosperity in home and work.

National Unity Day 2024 [Hindi]: जानें लौह पुरुष, सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में दुर्लभ जानकारी

National Unity Day: सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की जयंती 31 अक्टूबर को मनाई जाती है। सरदार वल्लभ भाई ने 562 रियासतों का विलय कर भारत को एक राष्ट्र बनाया था। यही कारण है कि वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) मनाया जाता है। पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था।

Haryana Day 2024 [Hindi]:- हरियाणा दिवस पर जाने कैसे पड़ा हरियाणा नाम?

हरियाणा दिवस (Haryana Day 2024) हरियाणा वासियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं...
spot_img

More like this

Dhanteras Puja 2024: Know on Dhanteras the Method of Accumulating True Wealth

This Dhanteras 2021, know about the guaranteed and easiest way to attain happiness and prosperity in home and work.

National Unity Day 2024 [Hindi]: जानें लौह पुरुष, सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में दुर्लभ जानकारी

National Unity Day: सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की जयंती 31 अक्टूबर को मनाई जाती है। सरदार वल्लभ भाई ने 562 रियासतों का विलय कर भारत को एक राष्ट्र बनाया था। यही कारण है कि वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) मनाया जाता है। पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था।