July 19, 2025

Rahat Indori [Hindi]: मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य पूरा नहीं कर सके राहत इंदौरी

Published on

spot_img

Rahat Indori Death Hindi: कल मशहूर उर्दू शायर , गीतकार और कवि राहत इंदौरी जी दुनिया को अलविदा कह गए. कोरोना काल में मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। मौत शौहरत ,धन ,आयु , बुद्धिमत्ता नहीं देखती बस सांसें पूरी होते ही जाने की घड़ी सामने आ जाती है। कोरोनोवायरस का परीक्षण पॉज़िटिव आने के बाद इंदौर में कार्डिएक अरेस्ट होने से राहत इंदोरी जी का कल इंतेकाल हो गया।

  • 70 वर्षीय राहत इंदौरी ने 11 अगस्त 2020, शाम 5 बजे अंतिम सांस ली।
  • 9 अगस्त को इंदौरी जी को खांसी, ज़ुकाम और बुखार की शिकायत हुई, उन्हें निमोनिया से पीड़ित पाया गया।
  • उनका कोरोनावायरस परीक्षण भी पॉजिटिव आने के बाद उन्हें रविवार को इंदौर के ही श्री अरबिंदो अस्पताल में भर्ती करवाया गया था ।
  • कोरोनोवायरस परीक्षण के बाद कार्डिएक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हुई।

उनका इलाज कर रहे ,श्री अरबिंदो अस्पताल के डॉ भंडारी ने बताया कि ,वह‌ अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। उन्हें दो बार दिल का दौरा पड़ा था। मधुमेह, उच्च रक्तचाप के साथ-साथ गुर्दे की कुछ समस्याओं से भी पीड़ित थे।

Rahat Indori Death Hindi: डॉ भंडारी ने यह भी उल्लेख किया कि राहत इंदौरी को दोपहर 1:00 बजे सीने में दर्द हुआ जिसके बाद वह कार्डिएक अरेस्ट में चले गए, डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर देने की कोशिश की, लेकिन वह अपने रक्तचाप को बनाए रखने में सक्षम नहीं थे। इसके बाद उनका निधन हो गया।

उनके निधन की खबर उनके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी घोषित की गई। ट्वीट में लिखा गया,

“राहत साहब का Cardiac Arrest की वजह से आज शाम 05:00 बजे इंतेक़ाल हो गया है, उनकी मग़फ़िरत के लिए दुआ कीजिये….”

राहत साहब को 11 अगस्त की रात 9.30 बजे छोटी खजरानी (इंदौर), मध्य प्रदेश के कब्रिस्तान में दफनाया गया।

राहत जी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कोरोना वायरस संक्रमित होने की खबर साझा की थी।
कोविड के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है।ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूँ। दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूँ । एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन न करें, मेरी ख़ैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी।

राहत इंदौरी ने अपने जीवनकाल में कई किताबें भी लिखीं। उनके द्वारा लिखी किताबों के नाम हैं – रुत , दो कदर और सही , मेरे बाद, धूप बहुत है, चांद पागल है , मौजूद , नाराज़ ।

सोशल मीडिया पर लोगों ने किया शौक व्यक्त

राहत इंदौरी के निधन पर दुख व्यक्त करने के लिए कई प्रमुख हस्तियों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। जिनमें मुन्नवर राणा, कुमार विश्वास, राहुल गांधी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, अभिनेता अनुपम खेर ने उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, राहत इंदोरी साहब का अचानक चला जाना उर्दू शायरी के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।

राहत कुरैशी का जन्म 1 जनवरी 1950 को रफतुल्लाह कुरैशी, कपड़ा मिल मजदूर और उनकी पत्नी मकबूल उन निसा बेगम के यहाँ इंदौर, मध्य भारत हुआ था। वह उनकी चौथी संतान थे। राहत कुरैशी, जिसे बाद में राहत इंदौरी के नाम से जाना जाता है।

‘जनाज़े पर मेरे लिख देना यारों…
मोहब्बत करने वाला जा रहा है’।

राहत इंदौरी एक भारतीय बॉलीवुड गीतकार और उर्दू भाषा के कवि थे। वह उर्दू भाषा के पूर्व प्रोफेसर और चित्रकार भी थे। उन्होंने MA, पीएचडी और उर्दू साहित्य में पढ़ाई की। इसके पहले वे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में उर्दू साहित्य के अध्येता थे। राहत को मध्यप्रदेश के भोज विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि से भी सम्मानित किया गया।

आए हैं सो जाएंगे राजा रंक फकीर
एक सिंहासन चढ़ चले एक बंधे जात जंजीर।।

जो इस संसार में आया है उसका जाना भी तय है। उसे यहां न डाक्टर रोक सकता है न कोई भाई न भतीजा ,न मां, न बहन और न ही पत्नी और बच्चे। समय पूरा होने पर जाना ही होगा। परमात्मा की दया से आज 99% लोग साक्षर हैं , मोबाइल धारक हैं। व्यक्ति यदि चाहे तो आसमान तक पहुंच सकता है तो फिर उस परमात्मा तक पहुंचने की ज़िद्द क्यों नहीं करता। परमात्मा ने हमें साक्षर किया ताकि हम परमात्मा को पहचान सकें। परंतु यदि हम अपने साक्षर होने का इस्तेमाल केवल अपनी बुद्धिमत्ता साबित कर आजीविका कमाने में ही लगे रहते हैं तो जीवन की सांझ कब हो जाएगी हमें मालूम भी नहीं लगेगा।

Sant Rampal Ji Maharaj Satsang

पूर्ण परमात्मा की भक्ति के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ है

प्रत्येक मनुष्य को सत्संग सुनना चाहिए क्योंकि सत्संग के माध्यम से हमें यह ज्ञान होता है कि यह मनुष्य जन्म हमें पूर्ण परमात्मा की भक्ति के लिए मिला है। यदि एक बार मनुष्य जन्म हाथ से छूट गया तो मृत्यु के बाद भी हमें बहुत ही कष्ट उठाना पड़ेगा ।

पूर्ण परमात्मा कबीर जी बताते हैं कि:

कबीर मानुष जन्म दुर्लभ है यह मिले ना बारंबार।
तरुवर से पत्ता टूट गिरे वो बहुर ना लगता डाल।।

कबीर मानुष जन्म पाए कर जो नहीं रटे हरि नाम।
जैसे कुआं जल बिना फिर बनवाया क्या काम।।

इसलिए हमें सांसारिक कामों को करते हुए भी परमात्मा को हर सांस के साथ कसक से याद करना चाहिए। यह मनुष्य जन्म हमें 84 लाख प्रकार के प्राणियों के जीवन में महाकष्ट झेलने के बाद प्राप्त होता है और यह केवल हमें सत भक्ति करके इस गंदे लोग से छुटकारा पाने के लिए ही मिलता है। जिस मनुष्य जन्म के लिए देवी देवता भी तरसते हैं वह आज हमें बिलकुल आसानी से प्राप्त है लेकिन आज लोग इस मनुष्य जन्म की कीमत नहीं समझ रहे।

लेकिन मृत्यु के पश्चात जब धर्मराज के दरबार में खड़े होंगे और उसके बाद नरक और फिर 84 लाख में डाल दिए जाएंगे तब उन्हें इस मनुष्य जन्म की कीमत समझ में आएगी। इस मनुष्य जीवन की कहानी के हम पात्र हैं सूत्रधार परमात्मा हैं। इस समय धरती से बिना सतभक्ति किए जाने वाले दुर्भाग्यपूर्ण प्राणी की श्रेणी में न आकर सौभाग्यशाली बनें और तत्त्वदर्शी संत द्वारा दी जा रही सतभक्ति लेकर अपना कल्याण करवाएं। जीवन का मूल्य समझने के लिए अवश्य पढ़ें अध्यात्मिक पुस्तक ज्ञान गंगा

Latest articles

Airtel Partners with Perplexity AI: Get Free Perplexity Pro with Airtel Thanks in 2025

In 2025, Artificial Intelligence (AI) continues to revolutionize how we interact with the internet....

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?
spot_img

More like this

Airtel Partners with Perplexity AI: Get Free Perplexity Pro with Airtel Thanks in 2025

In 2025, Artificial Intelligence (AI) continues to revolutionize how we interact with the internet....

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?