HomeHindi NewsPrashant Bhushan Hindi News: कोर्ट की अवमानना में प्रशांत भूषण दोषी करार

Prashant Bhushan Hindi News: कोर्ट की अवमानना में प्रशांत भूषण दोषी करार

Date:

Prashant Bhushan Hindi News: 20 अगस्त को सजा पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीशों पर टिप्पणी करने वाले प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण पर अवमानना का दोष तय, 20 अगस्त को सुनाई जा सकती है सजा, जानिए पूरी जानकारी विस्तार से। जजों पर विवादित टिप्पणी करने वाले वकील प्रशांत भूषण अवमानना के दोषी करार

Table of Contents

Prashant Bhushan Hindi News के मुख्य बिन्दु

  • वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े के विरुद्ध किया था ट्वीट
  • सर्वोच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेकर तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने फैसला सुनाया
  • सर्वोच्च न्यायालय ने प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी ठहराया
  • दूसरे ट्वीट में प्रशांत भूषण ने कहा था देश में लोकतंत्र को तबाह कर दिया गया है
  • सर्वोच्च न्यायालय ने सजा पर बहस के लिए 20 अगस्त की तारीख निश्चित की है

तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने सुनाया फैसला

सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने देश के सर्वोच्च न्यायालय और मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े के विरुद्ध ट्वीट किया था, इस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही की है। तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाया।

सर्वोच्च न्यायालय ने प्रशांत भूषण को ठहराया अवमानना का दोषी

सर्वोच्च न्यायालय ने प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी ठहराया है। यह मामला प्रशांत भूषण द्वारा किये गए दो विवादित ट्वीट से जुड़ा है। उन्होंने एक ट्वीट में चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों पर लोकतंत्र को बर्बाद करने में भूमिका होने का आरोप लगाया था। उन्होंने दूसरे ट्वीट में बाइक पर बैठे वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के चित्र पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

वर्तमान मुख्य न्यायाधीश पर भूषण की टिप्पणी

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े का एक चित्र 28 जून को सामने आया था, जिसमें वे एक उच्च मूल्य की बाइक पर बैठे हुए दिखाई दे रहे थे। इस चित्र पर वकील प्रशांत भूषण ने टिप्पणी की थी कि मुख्य न्यायाधीश ने सर्वोच्च न्यायालय को सामान्य जनों के लिए बंद कर दिया है और स्वयं भाजपा नेता की 50 लाख रुपए की महंगी बाइक चला रहे हैं।

Prashant Bhushan Hindi News: क्या थी मामले की असलियत?

उस चित्र के बारे में तथ्य ज्ञात हुआ है कि मुख्य न्यायाधीश बोबड़े अपने गृह नगर नागपुर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान अल्प समय के लिए एक मोटर साइकिल पर बैठे थे। सेवानिवृत होने के पश्चात बाइक खरीदने की जानकारी होने पर नागपुर के एक डीलर ने उन्हें दिखाने के लिए यह बाइक भेजी थी।

वकील माहेक माहेश्वरी ने दायर की थी याचिका

यह ट्वीट उस समय प्रकाश में आया जब मध्य प्रदेश के गुना के रहने वाले एक वकील माहेक माहेश्वरी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय के बंद होने का दावा गलत है। उन्होंने किसी पार्टी के नेता से मुख्य न्यायाधीश द्वारा बाइक लेने का आरोप को गलत बताया था।

उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण ने जानबूझकर तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है और आमजनों के बीच न्यायपालिका की छवि बिगाड़ने की कोशिश की है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय को प्रार्थना की कि इसके लिए उन्हें कोर्ट की अवमानना का दंड मिलना चाहिए।

Prashant Bhushan Hindi News: सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

पाठकों को ज्ञात होगा, सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना का अभियोग डालने के लिए याचिका कर्ता को महान्यायवादी से पहले सहमति लेनी होती है। लेकिन माहेक माहेश्वरी ने ऐसा नहीं किया था। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस पर कहा था, उन्होनें याचिका में बताए गए तथ्यों को देखने के बाद इस मसले में स्वतः संज्ञान लेने का फैसला लिया है। अतः ऐसे में महान्यायवादी की मंजूरी जरूरी नहीं है। वे अवमानना की कार्रवाई शुरू कर रहे हैं।

क्या कहा था प्रशांत भूषण ने दूसरे ट्वीट में?

न्यायाधीशों ने वकील प्रशांत भूषण के एक अन्य ट्वीट पर भी संज्ञान लिया था। 27 जून के इस ट्वीट में प्रशांत भूषण ने लिखा कि पिछले कुछ सालों में देश में लोकतंत्र को तबाह कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के पिछले चार न्यायाधीशों की भी इसमें भूमिका रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना कि प्रथम दृष्ट्या प्रशांत भूषण के दोनों ट्वीट अवमानना पूर्ण लगते हैं। ये ट्वीट न्यायपालिका विशेषकर मुख्य न्यायाधीशों के पद की प्रतिष्ठा को गिराने वाले हैं।

प्रशांत भूषण ने दिया यह उत्तर

सर्वोच्च न्यायालय ने प्रशांत भूषण को अवमानना का नोटिस जारी कर उत्तर देने को कहा था। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे उनकी तरफ से पेश हुए। दवे ने कहा कि न्यायाधीशों की आलोचना को सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना नहीं माना जा सकता। ऐसा करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन होगा। 4 पूर्व मुख्य न्यायाधीशों पर की गई टिप्पणी के बारे में दवे ने दलील दी कि उनके कार्यकाल में कई बार सर्वोच्च न्यायालय में जनहित के मुद्दों पर उस तरह से कदम नहीं उठाए, जैसा जरुरी था।

प्रशांत भूषण के वकील ने की माफी दिए जाने की अपील

दुष्यंत दवे ने सर्वोच्च न्यायालय से यह भी कहा था कि न्यायिक क्षेत्र में प्रशांत भूषण के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें क्षमा कर दिया जाना चाहिए। दवे ने यह भी कहा, उन्हें उम्मीद थी कि प्रशांत भूषण का नाम पद्म पुरस्कार के लिए प्रेषित किया जाएगा लेकिन उन्हें इसके उल्टा अवमानना का नोटिस दे दिया गया।

Prashant Bhushan Hindi News: दलील से न्यायालय संतुष्ट नहीं

दलीलों से असंतुष्ट सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी करार दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने सजा पर बहस के लिए 20 अगस्त की तारीख निश्चित की है। पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि अवमानना के मामलों में अधिकतम 6 महीने तक की सजा हो सकती है। सर्वोच्च न्यायालय प्रशांत भूषण को जेल भेजेंगे या उन्हें सांकेतिक सजा दी जाएगी यह 20 अगस्त को तय होगा।

Prashant Bhushan Hindi News: प्रशांत भूषण की प्रतिक्रिया

प्रशांत भूषण का मानना है कि उनके स्पष्टीकरण को स्वीकार न किया जाना अत्यधिक निराशाजनक है। वे इस समय ज़्यादा प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते।

प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना का एक और मामला लंबित

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना का एक और मामला लंबित है। 11 साल पहले उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को भ्रष्ट कहा था। इस मामले में भी प्रशांत भूषण के स्पष्टीकरण से न्यायालय असंतोष व्यक्त किया है, आगे की कार्यवाही अब इस मामले में 16 अगस्त को होनी है।

क्या और भी कोई बड़ा न्यायालय है?

काल के लोक में कई तरह की मान, अपमान, अवमानना की समस्याएं आती रहेंगी, पूर्ण कल्याण कराना है तो जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर सतभक्ति लेकर नाम मंत्र की साधना करने से ही सर्व सुखों की प्राप्ति होगी और मोक्ष भी होगा । तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की लिखित ‘जीने की राह पुस्तक’ पढ़ें, सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर सत्संग सुनें। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने बताया है

बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत है प्राण ।
भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नहीं पाषाण ।

SA NEWS
SA NEWShttps://news.jagatgururampalji.org
SA News Channel is one of the most popular News channels on social media that provides Factual News updates. Tagline: Truth that you want to know

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related