Parag Desai Death | लीडिंग टी बाघ बकरी चाय ग्रुप के कार्यकारी निदेशक की अचानक हुई मौत आजकल सुर्खियों में है। ब्रेन हेमरेज की वजह से हुई मौत। बताया जा रहा है कि 15 अक्टूबर के दिन आवारा कुत्तों ने पराग देसाई पर हमला कर दिया था, कुत्तों के हमले से बचते हुए देसाई जमीन पर गिर पड़े थे जिसके कारण उनके सिर में गम्भीर चोटें आईं थीं। जायड्स अस्पताल में 22 अक्टूबर को ब्रेन हेमरेज के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया।
Parag Desai Death: मुख्यबिन्दु
- बाघ बकरी चाय के निदेशक पराग देसाई ने 49 वर्ष की आयु में ब्रेन हैमरेज के कारण दुनिया को कहा अलविदा
- आवारा कुत्तों के हमले से बचते समय गिरने के कारण सिर में आईं थीं गम्भीर चोटें
- सरकार को आवारा पशुओं के नियंत्रण पर देना होगा ध्यान
- असमय मृत्यु से बचने का मार्ग बताते हैं तत्वदर्शी संत
- शास्त्रानुसार साधना करने से नही होगी अकाल मृत्यु
कौन थे पराग देसाई, जिनकी मौत ने सबको चौका दिया है?
पराग देसाई बाघ बकरी चाय ग्रुप के मालिक थे। उन्होंने 1995 में इस ग्रुप में कार्यभार संभाला था। उस समय कंपनी 100 करोड़ का टर्न ओवर देती थी। वर्तमान में यह बढ़कर 1000 करोड़ हो गया है। पराग देसाई के पढ़ाई के बारे में यह बताया जा रहा है कि उन्होंने न्यूयार्क स्थित लॉन आइलैंड यूनिवर्सिटी से MBA की पढ़ाई की थी।
देसाई कंपनी के सेल्स, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट्स को संभाल रहे थे। मिली जानकारी के मुताबिक उनकी कंपनी का टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। पराग देसाई के निधन पर बिजनेस इंडस्ट्री में शोक की लहर है।
1995 में जॉइन की थी कंपनी
Parag Desai Death | स्ट्रीट डॉग की वजह से जख्मी हुए बाघ बकरी चाय ग्रुप के मालिक पराग देसाई ने 1995 में कंपनी ज्वाइन की थी। बताया जा रहा है कि बाघ बकरी चाय के मैनेजिंग डायरेक्टर और मालिक पराग देसाई चाय के स्वाद टेस्ट करने में माहिर थे। बाघ बकरी चाय दुनिया भर में मशहूर हैं। इसे लगभग 50 से अधिक देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है। 1995 में कंपनी का टर्न ओवर 100 करोड़ था जो वर्तमान में 1000 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है।
15 अक्टूबर की दिल-दहला देने वाली घटना बनी मौत का कारण
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पराग देसाई 15 अक्टूबर को सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। अचानक आवारा कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया उससे बचने के लिए देसाई ने दौड़ लगाई इस दौरान वह फिसलकर गिर गए जिससे सिर में गंभीर चोंट आई।
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Parag Desai Death | उन्हें तत्काल शेल्बी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इसके बाद सर्जरी के लिए जायडस हॉस्पिटल में ले जाया गया जहां इलाज के दौरान 22 अक्टूबर को डॉक्टर ने ब्रेन हेमरेज के कारण उनकी मौत की पुष्टि की।
मौत दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य
मृत्यु ऐसा सच है जिसे कोई झुठला नहीं सकता। महाभारत में प्रकरण आता है जब युधिष्ठिर से सवाल किया जाता हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है? जिसके उत्तर में युधिष्ठिर बताते है कि हम रोज किसी न किसी को मरते देखते है पर फिर भी यह नहीं सोचते कि हमारी भी मृत्यु होगी। पर एक ऐसा भी लोक है जहां जन्म मृत्यु नही होती है। आगे विस्तार से जानिए कि उस लोक में कैसे जाया जा सकता है तथा इस जन्म-मृत्यु के दुखदाई रोग से पूर्ण छुटकारा कैसे मिलेगा।
Parag Desai Death | एक महत्वपूर्ण सौदा जिससे चूक गए पराग देसाई
पराग देसाई जी ने बिजनेस के क्षेत्र में जो हासिल किया है वह बहुत ही प्रशंसनीय हैं। लेकिन देसाई एक महत्वपूर्ण सौदा चूक गए। जिसकी पूर्ति अब संभव नहीं है। वह क्षति है मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य को प्राप्त करना।
मनुष्य जीवन का असली उद्देश्य हम सबको जानना चाहिए
आध्यात्मिक ज्ञान की कमी के कारण हम यही मान लेते हैं कि मनुष्य जीवन में अच्छे पैसे कमाना, परिवार को अच्छी सुविधा देना, बड़े-बड़े मकान बनाना मनुष्य जीवन का सिर्फ यही काम है। ऐसा बिलकुल भी नहीं है मनुष्य जीवन का असली उद्देश्य है परमात्मा की प्राप्ति, शुभ कर्म करना। जिसकी जानकारी सतगुरु यानि तत्वदर्शी संत बताते हैं।
शास्त्र विरुद्ध साधना असमय मौत का कारण
शास्त्रों के विपरीत साधना करने से कोई लाभ नहीं मिलता इसलिए हमारे जीवन में कई बुरी घटनाएं न चाहते हुए भी घट जाती हैं। शास्त्र अनुकूल भक्ति से हमारे जीवन में होने वाली बुरी घटनाओं से बचा जा सकता है। वर्तमान में एकमात्र संत रामपाल जी महाराज ही शास्त्र अनुकूल साधना बता रहे हैं। अधिक जानकी के लिए डाऊनलोड करें Sant Rampal Ji Maharaj App।
FAQ About Parag Desai Death
Ans. पराग देसाई बाघ बकरी चाय ग्रुप के कार्यकारी निदेशक थे।
Ans. सिर में चोट लगने के कारण ब्रेन हेमरेज से हुई पराग देसाई की मौत।
Ans. सन 1995 में पराग देसाई ने चाय ग्रुप में कार्य की शुरुआत की।
Ans. दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य हम रोज दूसरो को मरते देखते है मगर अपनी मौत के बारे में नहीं सोचते हैं।
Ans. वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल साधना बता रहे हैं।