December 3, 2024

Parkash Singh Badal Death: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का निधन

Published on

spot_img

प्रकाश सिंह बादल का निधन (Parkash Singh Badal Death Reason): पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने गत दिवस 95 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। प्रकाश सिंह बादल सरपंच, विधायक, अनेक मंत्रालयों (पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि) के मंत्री तथा पंजाब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं।

Parkash Singh Badal Death: मुख्य बिंदु

  • 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल 
  • 95 वर्ष की आयु में प्रकाश सिंह बादल का निधन
  • प्रधानमंत्री, राहुल गांधी, सीएम योगी, भगवंत मान आदि ने निधन पर जताया शोक
  • सबसे कम आयु से शुरू किया लम्बा चला प्रकाश सिंह बादल का राजनीतिक करियर
  • देश में दो दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित

प्रकाश सिंह बादल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री

प्रकाश सिंह बादल का निधन: दिसंबर 1927 को पंजाब के फाजिल्का के अबुल खुराना गांव में उनका जन्म हुआ। सन 1947 में उन्होंने  शिरोमणि अकाली दल की स्थापना के साथ राजनीति में पदार्पण किया। प्रकाश सिंह बादल लोकसभा के सांसद भी रहे हैं। मोरारजी देसाई की सरकार में उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री और सिंचाई मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली है। प्रकाश सिंह बादल हिंदू सिख एकता के अग्रदूत कहे जाते थे। उन्हें भारत सरकार से दूसरा सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण वर्ष 2015 में प्राप्त हुआ था। हिंदुओं और सिखों के बीच भाईचारा बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक स्थानों पर उनके पैर छुआ करते थे। 

प्रकाश सिंह बादल का निधन (Parkash Singh Badal Death Reason): पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके एवं अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल जी का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्हें ब्रॉन्कियल अस्थमा था। उन्हे सांस लेने में तकलीफ के चलते मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में गत सप्ताह दाखिल कराया गया था जहां कल रात 8 बजे उन्होंने अपनी अंतिम सांसें लीं। 

Parkash Singh Badal Death: अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर चंडीगढ़ रखा जायेगा

प्रकाश सिंह बादल का निधन: प्रकाश सिंह बादल जी का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए अकाली दल के कार्यालय में चंडीगढ़ (सेक्टर 28) बुधवार यानी आज सुबह 10 से 12 बजे तक रखा जाएगा जहां से पैतृक गांव ले जाया जाएगा। 27 अप्रैल को दोपहर एक बजे उनके अंतिम संस्कार की घोषणा की गई।

प्रकाश सिंह बादल की राजनीतिक यात्रा

प्रकाश सिंह बादल का निधन (Parkash Singh Badal Death): प्रकाश सिंह बादल ने अल्पायु में ही राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने सन 1947 में सरपंच का चुनाव लड़ा और जीते। उस समय वे सबसे कम आयु के सरपंच थे। 1957 और 1969 सहित कुल 13 बार उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते। 1970-71, 1977-80, 1997-2002 के दौरान वे पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे। 1970 में जब वे मुख्यमंत्री चुने गए तब वे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले सबसे कम आयु के व्यक्ति थे। वर्ष 2022 में चुनाव लड़ने के पश्चात वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने। हालांकि वे ये चुनाव हार गए थे। 

■ यह भी पढ़ें: 2001 Parliament Attack: 21 साल बाद भी आतंकवाद क्यों है मानवता पर भारी

अपने पुत्र के कहने पर तथा अकाली दल की खराब स्थिति को लेकर वे प्रत्याशी के रूप में खास रूप से लड़े थे। न केवल हिंदू सिख एकता बल्कि अन्य सार्वजनिक कार्यों में प्रकाश सिंह बादल का योगदान अनन्य है। उन्होंने पंजाबी सूबा मोर्चा, कपूरी मोर्चा, धर्मयुद्ध मोर्चा आदि में सक्रिय रूप से भाग लिया। अपने इन संघर्षों के दौरान प्रकाश सिंह बादल जेल में भी रहे। शिरोमणि अकाली दल ने 40 वर्ष तक बीजेपी गठबंधन में कार्य किया है।

समाज हित में किए कार्य

प्रकाश सिंह बादल का निधन: प्रकाश सिंह बादल की पत्नी  सुरिंदर कौर की मृत्यु कैंसर से हो गई थी। उन्हें गले का कैंसर था इसके बाद प्रकाश सिंह बादल ने कैंसर के खिलाफ एक मुहिम चलाई और लोगों को जागरूक करने का प्रयत्न किया। लोगों को जागरूक करते हुए उन्होंने सीएम फंड की स्थापना की। जिन लोगों की फाइल उनके पास तक आती, उन्हें इलाज हेतु कुछ धन मुहैया करवाया जाता। प्रकाश सिंह बादल ने कई सार्वजनिक सामाजिक हित के कार्य किए हैं।

एक राजनीतिज्ञ के रूप में प्रकाश सिंह बादल ने समझदारी, परिपक्वता तथा संवेदनाओं के साथ निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर उनके आवासी स्थान में राजनीतिक पार्टियां धरना प्रदर्शन करतीं तो वे उनके लिए टेंट लगवा देते और स्वयं उनका स्वागत करने आते। उनके कार्यकाल में दो बार राजनीतिक पार्टियों द्वारा धरना प्रदर्शन की घटनाएं हुईं। 

पूर्व संस्कारों से होते हैं सुख और समृद्धि

किसी भी व्यक्ति में पूर्व जन्म के संस्कारों के फलस्वरूप ही विभिन्न भाव जैसे दयाभाव, परोपकार, विवेक आदि होते हैं। इन्हीं शुभ कर्मों के फलस्वरूप व्यक्ति संवेदनशील होते हैं और समाज हित में या परोपकार के कार्य करते हैं। ये शुभ संस्कार ही व्यक्ति को भक्ति और धर्म की ओर अग्रसर करते हैं एवं मनुष्य राज, पद, धन, कीर्ति, संतान, आयु तथा अन्य सुख प्राप्त करता है। यहां जान लेना आवश्यक है कि यह हमारे पास संचित धन की तरह होता है।

समय के साथ और इनके फल प्राप्ति होने के साथ साथ ये खत्म होने लगते हैं। इनके खत्म होते ही मनुष्य की स्थिति पुनः निर्धन और कर्महीन प्राणी की हो जाती है। व्यक्ति को चाहिए कि इन पुण्यकर्मों का सदुपयोग करे। जिस प्रकार संचित धन को व्यापार आदि से बढ़ाया जाता है उसी प्रकार पूर्व संचित शुभ कर्मों को भक्ति के माध्यम से बढ़ाया जाता है। किन्तु भक्ति पूर्ण संत से नामदीक्षा लेकर परम अक्षर ब्रह्म की की जाए तभी लाभदायक है।

परम अक्षर ब्रह्म की भक्ति है सबके लिए आदेश

विश्व के सभी देवी देवता पूर्ण परमात्मा के अधीन हैं। वेदों में वर्णित पूर्ण परमेश्वर कविर्देव की भक्ति से ये सभी देवी देवता साधक को अपने स्तर का लाभ स्वतः ही देने लगते हैं। सत्यभक्ति के लिए भगवतगीता अध्याय 17 श्लोक 23 में तीन सांकेतिक मंत्र ओम्, तत्, सत (तत् और सत सांकेतिक) दिए हुए हैं इन्हें पूर्ण तत्वदर्शी संत की शरण में रहकर करने से भौतिक सुख और आध्यात्मिक लाभ की प्राप्ति होती है।

इसी तत्वज्ञान की प्राप्ति के लिए गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में तत्वदर्शी संत की शरण में जाने के लिए कहा है। शास्त्रों में यही आदेश प्रत्येक मनुष्य के लिए है कि वह पूर्ण परमात्मा की सत्य साधना करे। वर्तमान के  सभी शास्त्रों से गूढ़ रहस्य संत रामपाल जी महाराज ने सबके समक्ष रख दिया है। केवल कर्म करने या अच्छे कर्म करने से मोक्ष नहीं होगा। मोक्ष होगा सत्यभक्ति करते हुए अच्छे कर्म करने से। तत्वज्ञान की वास्तविक जानकारी के लिए निशुल्क ऑर्डर करें पुस्तक ज्ञान गंगा।

Latest articles

World AIDS Day 2024: Sat-Bhakti can Cure HIV / AIDS

Last Updated on 1 December 2024: World AIDS Day is commemorated on December 1...

International Gita Mahotsav (IGM) 2024: Spiritual Insights For A Modern World

Last Updated on 28 November 2024 IST: International Gita Mahotsav (IGM) 2024 has gathered...

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 (International Gita Jayanti Mahotsav) पर जाने गीता जी के अनसुने रहस्य

Last Updated on 26 November 2024 IST | कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 (International...
spot_img

More like this

World AIDS Day 2024: Sat-Bhakti can Cure HIV / AIDS

Last Updated on 1 December 2024: World AIDS Day is commemorated on December 1...

International Gita Mahotsav (IGM) 2024: Spiritual Insights For A Modern World

Last Updated on 28 November 2024 IST: International Gita Mahotsav (IGM) 2024 has gathered...