नों स्मोकिंग डे (No Smoking Day in Hindi): धूम्रपान के प्रति जागरूकता लाने हेतु नो स्मोकिंग डे यानि धूम्रपान निषेध दिवस की शुरुआत हुई। नो स्मोकिंग डे 38 सालों से मनाया जाता आ रहा है। स्मोकिंग के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए इस अभियान को चलाया गया था जो आज भी अग्रसर हो रहा है। यह मार्च माह के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है। नो स्मोकिंग डे पर जानेंगे लाखों लोगों का नशा बिना किसी दवा के सिर्फ सतभक्ति से कैसे छूट चुका है।
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No Smoking Day 2022 [Hindi]: मुख्य बिंदु
- नो स्मोकिंग डे धूम्रपान (धूम्रपान निषेध दिवस) के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाते हैं
- नो स्मोकिंग डे 1984 से मनाते आ रहे हैं
- यह मार्च माह के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है
- सतभक्ति की शक्ति से नशा छुड़ाना हो रहा है संभव
नो स्मोकिंग डे (No Smoking Day in Hindi) कब से मनाते आ रहे हैं?
नो स्मोकिंग डे (No Smoking Day in Hindi) यानि धूम्रपान निषेध दिवस को धूम्रपान के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से रिपब्लिक ऑफ आयरलैंड में 1984 में मनाया गया था, स्मोकिंग के दुष्प्रभावों को बताने और नशा मुक्ति हेतु प्रेरित करने के लिए इसे हर वर्ष मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाने लगा।
No Smoking Day: आखिर क्या है नो स्मोकिंग डे?
इस दिन धूम्रपान के प्रति लोगों में एक जागरूकता अभियान की शुरूआत की गई जिससे इसके दुष्परिणामों और नशा मुक्ति के उपाय और इसलिए समाधानों पर कार्य करने के लिए एक मुहिम के तहत हर वर्ष मार्च के दूसरे बुधवार को इसे मनाया जाता है।
No Smoking Day Hindi: धूम्रपान का दुष्प्रभाव
No Smoking Day Hindi: धूम्रपान से हमारे पूरे शरीर के विभिन्न अंगों पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है। फेफड़ों, लीवर, किडनी दिमाग सहित कई अंगों पर अनेकों खतरनाक बीमारियों को उत्पन्न करने के साथ साथ यह हमारे सूक्ष्म शरीर पर भी बुरा प्रभाव डालता है। धूम्रपान हमारे भक्ति मार्ग में बाधक है, साथ ही इससे हार्ट अटैक, लंग कैंसर, माउथ कैंसर, किडनी फेल, अस्थमा आदि अनेकों खतरनाक बीमारियां होती है।
आदरणीय गरीब दास जी महाराज इसके बारे में कहते हैं
“भांग, तम्बाकू छोेतरा, आफू और शराब,
गरीब दास कौन करे बंदगी ये तो करे खराब ||”
No Smoking Day: तम्बाकू का इतिहास
संत गरीबदास जी की वाणी में तम्बाकू की उत्पत्ति के बारे में प्रमाण है कि तम्बाकू की उत्पत्ति गाय के खून से हुई है, इसके सेवन करने वाले को गाय के खून पीने के बराबर पाप लगता है ।
“खु नाम खून का तमा नाम गाय,
सौ बार सौगंध इसको न खाय ||”
नशा छोड़ना इतना मुश्किल क्यों
नशा चाहे धूम्रपान (No Smoking Day Hindi) का हो या फिर किसी भी चीज का छोड़ना आसान नहीं होता है। धूम्रपान से 7000 हानिकारक तत्व निकलते हैं जिनमें से 250 तो सेहत के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं, इन्हीं हानिकारक तत्वों के कारण शरीर के तंत्रिका तंत्र पर भी असर होता है। इंसान नशे का आदी हो जाता है नशा मुक्त नहीं हो पाता है। हर वर्ष 70 लाख लोगों की मृत्यु का कारण धूम्रपान है।
■ Read in English: No Smoking Day: Know The Easiest Way To Quit Smoking
सतभक्ति से नशा मुक्ति संभव है – लाखों लोग हो रहे हैं नशामुक्त
पूर्ण संत से नाम उपदेश लेकर सतभक्ति करने वालों भक्तों के नशे का नाश हो जाता है। उनके अंदर के विकार दूर हो जाते हैं,
गरीबदास जी अपनी वाणी में कहते हैं
जब ही सतनाम हृदय धरो, भयो पाप को नाश,
जैसी चिंगारी अग्नि की, पड़ी पुरानी घांस ||
पूर्ण संत से उपदेश लेने के बाद उनके बताए भक्ति मार्ग पर चलने से हमारे प्रारब्ध के पाप कर्मों का भी नाश हो जाता है और वे तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिनके लाखों अनुयायियों नें नशा छोड़ दिया है और अब निरोगी जीवन जी रहे हैं।
कौन है वर्तमान में तत्वदर्शी संत?
तत्वदर्शी संत के बारे में हमारे धर्मग्रंथों में भी वर्णन देखने को मिलता है,
संत गरीबदास जी की वाणी से प्रमाण-
सतगुरु के लक्षण कहूं, मधुरे बैन विनोद,
चार वेद, छ: शास्त्र कहें अठारह बोध।
तत्वदर्शी संत वह है जो हमारे सारे धर्म ग्रंथों गीता, बाइबिल, कुरान शरीफ, गुरुग्रंथ साहिब वेदों आदि सतग्रंथो के आधार पर सटीक तत्वज्ञान बताते हैं, जो पूरे विश्व में एक ही होते हैं जो आज संत रामपाल जी महराज जी हैं जिनसे उपदेश प्राप्त करके लाखों लोग नशा मुक्त हो चुके हैं और शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं, आप से निवेदन है कि आप भी उनसे निशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त कर अपने और अपनों का कल्याण कराएं। अधिक जानकारी हेतु Sant RampalJi Maharaj App डाउनलोड करें।