Last Updated on 1 December 2023 | National Pollution Control Day 2023 [Hindi]: प्रदूषण एक बड़ी समस्या है जो पूरे विश्व में अपने पैर पसार रही है। भारत भी इस समस्या से अछूता नहीं है। वर्तमान में दिल्ली- एनसीआर (Delhi-NCR) में तो प्रदूषण के कारण आसमान में धुंध ही धुंध है। आम लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। प्रदूषण के कारण लोगों को एलर्जी, आंखों में जलन, खांसी, गले में खराश और फेफड़ों से जुड़ी कई तरह की परेशानियां हो रही हैं। आमतौर पर लोग आउटडोर पॉल्यूशन को ही प्रदूषण मानते हैं क्योंकि ये उन्हें दिखता भी है और इसका दुष्प्रभाव भी वो महसूस कर पाते हैं। इस लेख के माध्यम से जानेंगे प्रदूषण से जुड़ी पूरी जानकारी।
प्रदूषण के खतरों, नियंत्रण और प्रतिरक्षा के लिए किए जाने वाले उपायों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day 2023) मनाया जाता है। उल्लेखनीय है कि 2 दिसंबर 2023 के दिन ही भोपाल गैस त्रासदी में हजारों लोगों ने अपनी जान गवाई थी। 5 लाख लोग इस दुर्घटना से प्रभावित हुए थे। उन सभी लोगों की याद में राष्ट्रीय प्रदूषण दिवस मनाया जाता है।
National Pollution Control Day 2023 (Hindi): प्रदूषण व प्रकार
जब जल, वायु, मिट्टी आदि पारिस्थितिक तंत्रों में आवांछित तत्वों का स्तर, सामान्य स्तर से अधिक हो जाता हैं, उसे प्रदूषण कहते है। प्रदूषण का दुष्प्रभाव सर्व जीव जंतुओं पर पड़ता हैं। जिस वजह से सम्पूर्ण सजीवों का अस्तित्व संकट में पड़ जाता हैं। वर्तमान मानवीय कृत्यों के परिणामस्वरूप प्रदूषण के स्तर में दिनों दिन वृद्धि हो रही है। प्रदूषण की वजह से पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है। प्रदूषण के स्तर में वृद्धि से आज देश के अनेक राज्यों में मानव अस्तित्व खतरें में पड़ गया है। प्रदूषण के कारक तत्वों के आधार पर मुख्यतः प्रदूषण को चार प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है :
- जल प्रदूषण
- मृदा प्रदूषण
- वायु प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
मानवीय कृत्यों का ही परिणाम है कि गत वर्षों में, सरकार के अनेक प्रयत्नों के बावजूद, प्रदूषण के स्तर में सुधार संभव नहीं हो पाया है। औद्योगिक गतिविधि, तेलों के अंधाधुंध उपयोग, अनुचित अपशिष्ट निपटान के कारण ही वर्तमान में प्रदूषण के स्तर में इतनी वृद्धि हुई है।
National Pollution Control Day 2023 पर जाने प्रदूषण के दुष्प्रभाव
प्रदूषण सजीवों के लिए भविष्य में सबसे बड़ा संकट बन सकता है। जीवधारियों का अस्तित्व प्रदूषण के कारण समाप्त भी हो सकता है। प्रदूषण के दुष्प्रभाव के कारण ही मनुष्यों व अन्य जीवधारियों में अनेकों रोग उत्पन्न हो रहे हैं। श्वसन, हृदय, तंत्रिका तंत्र सहित शरीर के अन्य भागों में भी प्रदूषण का नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। इसके साथ ही कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारक प्रदूषण ही है। वैज्ञानिकों द्वारा किये गए शोध में पाया गया है कि प्रदूषण का दुष्प्रभाव मानव की जीवन प्रत्याशा पर भी दिखाई पड़ता है।
National Pollution Control Day 2023 | प्रदूषण नियंत्रण के उपाय
जन साधारण की जागरूकता से प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सकता है। प्रदूषण के रोकथाम के लिए सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं की मदद ली जा सकती है। एक बड़े स्तर पर करने की बजाय, सभी को अपने अपने स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रयास करना चाहिए।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का महत्व (Importance)
प्रदूषण के निराकरण, नियंत्रण और प्रतिरक्षा के लिए किए जाने वाले उपायों के प्रति जागरूक करने हेतु, प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का एक मुख्य कारण और भी है। सन 1984 में, भोपाल गैस त्रासदी में जान गवाने वाले लोगों की याद में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस, 2 दिसंबर को मनाया जाता है। 2-3 दिसंबर 1984 की रात को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मानव इतिहास की सबसे विशाल गैस त्रासदी हुई थी। यूनियन कार्बाइड कंपनी लिमिटेड से लगभग 30 टन मिथाईल आइसोसाइनाइट नामक जहरीली गैस के रिसाव के कारण भोपाल के 5 लाख प्रभावित हुए और 4000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवाई थी। यही कारण है की आज भी उनकी याद में यह दिवस मनाया जाता है।
National Pollution Control Day Aim (Hindi) | राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस उद्देश्य
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का आयोजन राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक सांविधिक संगठन द्वारा किया जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का गठन जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अधीन सितंबर, 1974 में किया गया था। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का उद्देश्य लोगों को प्रदूषण के दुष्प्रभाव, प्रदूषण के कारक, प्रदूषण के नियंत्रण, प्रदूषण के निराकरण हेतु प्रभावी उपायों के प्रति जागरूक करना है।
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लोगों को प्रदूषण से निपटने के लिए कारगर उपायों की जानकारी देना भी राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का मूल उद्देश्य है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रदूषण नियंत्रण नियम व कानूनों से परिचित कराना भी है। यही कारण है की सरकार द्वारा राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस को महत्व दिया जाता है।
अपने अंदर है झांककर देखिए सामाजिक प्रदूषण
मानव समाज में व्याप्त बुराइयों से आज सामाजिक प्रदूषण ने जन्म लिया है। वर्तमान मानव समाज में अपराध, बाल अपराध, श्वेतवसन अपराध, मद्यपान एवं मादक द्रव्य व्यसन, छात्र असंतोष, वेश्यावृत्ति, आत्महत्या, भिक्षावृत्ति, आवासों की संकीर्णता, गंदीबस्तियों की समस्या, अशिक्षा, अस्वास्थ्यकर दशाएँ, श्रम समस्याएँ, जातिवाद, क्षेत्रवाद, संप्रदायवाद जैसी अनेकों बुराइयों ने वर्तमान मानव समाज में अपनी जड़े मजबूत कर ली है। आए दिन अखबारों में इस प्रकार की सामाजिक बुराइयों से पीड़ित लोगों की कथाएं पढ़ने को मिल जाती है। सामाजिक प्रदूषण भी एक गंभीर संकट है। इस संकट का समाधान न तो सरकार के पास है,न तो किसी अन्य विधि से इसका समाधान खोज पाना संभव है।
कैसे खत्म होगा सामाजिक प्रदूषण
भौतिक प्रदूषण का निराकरण तो मानवीय प्रयासों से संभव है। परंतु सामाजिक प्रदूषण का निराकरण मानवीय प्रयासों से नही हो सकता। सामाजिक प्रदूषण का निराकरण सिर्फ आध्यात्मिकता से हो सकता है। एक सच्चे आध्यात्मिक सतगुरु ही मानव समाज में व्याप्त बुराइयों को जड़ से समाप्त कर सकते हैं। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी ही एक मात्र संत है जो सामाजिक बुराइयों को समाज से मिटाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। संत रामपाल जी महाराज जी का मूल उद्देश्य, सर्व मानव को बुराइयों से मुक्त कर, सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना है। संत रामपाल जी महाराज जी समाज सुधार में अहम भूमिका निभा रहे है। सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी के मुख्य उद्देश्य है :
1.विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना ।
2. भारत से दहेज रूपी रावण को जड़ से उखाड़ फेंकना ।
3. नशा मुक्त भारत बनाना ।
4. मांसाहार मुक्त भारत बनाना ।
5. भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाना।
6. मानव समाज से पाखंडवाद को खत्म करना ।
7. मानव समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना ।
8. मानव समाज से भ्रूण हत्या समाप्त करवाना ।
9. मानव समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना ।
10. मानव समाज से सामाजिक बुराईयों को खत्म करके धरती को स्वर्ग बनाना ।
11. मानव समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना।
मनुष्य जीवन अति दुर्लभ है। यह बार बार नही मिलता। संत रामपाल जी महाराज वास्तविक सतगुरु है। संत रामपाल जी महाराज जी के द्वारा प्रदान की गई भक्ति से ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर जल्द से जल्द अपना मानव जीवन सफल बनाए।
FAQ’s about National Pollution Control Day
उत्तर : प्रदूषण के निराकरण, नियंत्रण और प्रतिरक्षा के लिए किए जाने वाले उपायों के प्रति जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाते है। भोपाल गैस त्रासदी में जान गवाने वाले लोगों की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को इस दिवस को मनाया जाता है।
उत्तर : भारत में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस 2 दिसंबर को मनाया जाता है ।
उत्तर : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का गठन जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अधीन सितंबर, 1974 में किया गया था।
उत्तर : मर्यादा में रहकर सतभक्ति करने से सामाजिक प्रदूषण समाप्त किया जा सकता है ।
उत्तर : वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी, विश्व में एक मात्र संत है जो सामाजिक प्रदूषण दूर के लिए प्रयासरत है।