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World Environment Day 2022 [Hindi]: 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर जानिए पर्यावरण बचाने में हम क्या कर सकते हैं?

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Last Updated on 2 June 2022, 10:35 PM IST | विश्व पर्यावरण दिवस 2022: आज हम जानेंगे World Environment Day 2022 के बारे में जो कि इस वर्ष रविवार, 5 जून 2022 को मनाया जाने वाला है। प्रत्येक वर्ष पर्यावरण दिवस एक विशेष थीम के तहत एक देश को चुनकर आधिकारिक रूप से वहां पर्यावरण दिवस, पर्यावरण के प्रति समस्याओं और सुझावों को लेकर मनाया जाता है। यह पर्यावरण के आयामों को सतत विकास करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। जानिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day in Hindi) के बारे में विस्तार से साथ में यह भी जानें कि सतयुग की कलयुग में भी स्वच्छ व स्वस्थ वातावरण निर्मित होगा और 

World Environment Day (विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2022) के मुख्य बिन्दु

  • विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है
  • पर्यावरण जागरूकता के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन
  • 5 जून 1974 से इसे प्रत्येक वर्ष मनाना शुरू कर दिया गया
  • जर्मनी के साथ साझेदारी में कोलंबिया में किया जाएगा 2022 में आयोजित
  • इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 2022 का विषय है “केवल एक पृथ्वी
  • COVID-19 लॉकडाउन से पर्यावरण में सुधार

पर्यावरण क्या है?

पर्यावरण अर्थात Environment शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के ‘Environner’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है ‘पड़ोस’ या घिरा हुआ या घेरना। पर्यावरण बना है परि+आवरण, “परि” जो हमारे चारों ओर है”आवरण” जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है,अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ होता है चारों ओर से घेरे हुए।

पर्यावरणविदों के अनुसार ‘पर्यावरण’ की कुछ अन्य परिभाषाएं

  • अर्नेस्ट हैकल के अनुसार – “पर्यावरण का तात्पर्य मनुष्य के चारों ओर पाई जाने वाली परिस्थितियों के उस समूह से है जो उसके जीवन और क्रियाओं पर प्रभाव डालती है”
  • एनास्टैसी के अनुसार – “पर्यावरण प्रत्येक वह वस्तु है जो जीन्स (Genes) के अतिरिक्त व्यक्ति को प्रभावित करती है।”
  • बुडबर्थ के अनुसार – “पर्यावरण शब्द का अभिप्राय उन सभी बाहरी शक्तियों औऱ तत्वों से है जो व्यक्ति को आजीवन प्रभावित करती है।”
  • फिटिंग के अनुसार – “पर्यावरण किसी जीवधारी को प्रभावित करने वाले समस्त कारकों का योग है”
  • हरकोविट्ज के अनुसार – “किसी जीवित तत्व के विकास चक्र को प्रभावित करने वाली समस्त बाह्य दशाओं को पर्यावरण कहते हैं।”

World Environment Day Theme 2022 | विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम क्या है?

World Environment Day in Hindi | हर वर्ष एक नई थीम (विषय) चुनी जाती है और उसी के आधार पर कदम उठाए जाते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की मेजबानी स्वीडन द्वारा की जानी है। इस वर्ष 2022 का विषय है “केवल एक पृथ्वी (Only One Earth)” इस अभियान का नारा है प्रकृति के साथ सद्भावना में रहना।

2021 की थीम थी –“Ecosystem Restoration ”हिंदी में इसका अर्थ‘ पारिस्थितिक तंत्र पुनर्वहाली’ है। 2021 के लिए मेजबान देश पाकिस्तान को चुना गया था। 2019 में थीम थी- वायु प्रदूषण और 2018 में इस दिवस की थीम थी- बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन।

World Environment Day History (विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास)

क्या आप जानते हैं, पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया गया?

संयुक्त राष्ट्र ने 1972 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित सम्मेलन में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर विचार विमर्श किया। इस सम्मेलन में 119 देशों ने भाग लिया था। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून 1972 को World Environment Day मनाने का प्रस्ताव स्वीकार किया। 2 वर्ष पश्चात 5 जून 1974 से इसे प्रत्येक वर्ष मनाना शुरू कर दिया गया । यह दिवस पर्यावरण के प्रति मानव कर्तव्यों की ओर ध्यान आकर्षित करने, पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या आदि पर विचार करने हेतु मनाया जाता है।

वर्ष 1987 में इसके केंद्र प्रतिवर्ष बदलते रहने पर विचार किया गया और इस तरह प्रति वर्ष पर्यावरण दिवस पर प्रत्येक देश में यह दिवस तो मनाया ही जाता है साथ ही किसी एक देश को आधिकारिक रूप से चुनकर उस देश में इसका आयोजन किया जाता है। इसमें लगभग 143 देश हिस्सा लेते हैं।

■ यह भी पढें: World Earth Day in Hindi

भारत में पर्यावरण की स्थिति

भारत भी अन्य देशों के साथ सदैव जागृत रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत ने हमेशा ही पर्यावरण की ओर चिंता व सजगता ज़ाहिर की हैं। भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 पहले ही बनाया गया था।

कोविड काल में लॉकडाउन से पर्यावरण में हुआ था सुधार

कोविड काल में तमाम फैक्ट्रियां और वाहन बंद रहने से लॉकडाउन के चलते विश्व भर में वायु प्रदूषण कम हुआ था। भारत की नदी गंगा हरिद्वार से हुगली तक निर्मल हो गई थी। जालन्धर से लगभग 200 किमी दूर बर्फ की पहाड़ियां नज़र आने लगी थी। नासा की रिपोर्ट के अनुसार भारत का प्रदूषण पिछले 20 वर्षों की तुलना में सबसे नीचे पहुंच गया था। और विश्व की ओजोन परत की समस्या का समाधान भी हो गया था। लेकिन अब प्रदूषण फिर से बढ़ चुका है जिससे हमारे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य (Aim of World Environment Day)

अगर आप भारत के किसी बड़े शहर में रहते हैं, तो आप निश्चित रूप इस बात तो परिचित होंगे कि यहां रह रहे लोग हर साल बढ़ते तापमान और प्रदूषण के बीच किस तरह जी रहे हैं। ये हाल सिर्फ दिल्ली या मुंबई जैसे शहरों का नहीं है बल्कि पूरी दुनिया का है। आज तेज़ी से बढ़ता तापमान और प्रदूषण इंसानों के साथ-साथ पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवों के लिए बड़ा ख़तरा बन गया है। यही वजह है कि कई जीव-जंतु विलुप्त हो रहे हैं। साथ ही लोग भी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

■ Read in English | World Environment Day: Know How can Environment be Made Better?

यह सब सिर्फ पर्यावरण में बदलाव और उसको पहुंचते नुकसान की वजह से है। हम ख़ुद अपने पर्यावरण का ख़्याल नहीं रख रहे हैं, यही वजह है कि धीरे-धीरे हमारी ज़िंदगी मुश्किल होती जा रही है। भविष्य में उतपन्न होने वाले इसी गम्भीर संकट को औऱ अधिक जटिल न होने देने के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सिर्फ पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता लाना है।

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का महत्व (Significance of World Environment Day)

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day in Hindi) मनाने के पीछे की अवधारणा पर्यावरण के महत्व पर ध्यान केंद्रित करना है औऱ लोगों को यह याद दिलाना है कि पृथ्वी को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। 

विश्व पर्यावरण दिवस कैसे मनाया जाता है

संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस के दिवस के अवसर पर स्कूल के सभी छात्रों के साथ मिलकर पेड़ पौधे लगाने का कार्यक्रम निर्धारित किया जाता है। तथा छोटे-छोटे मंच के माध्यम से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है।

पर्यावरण बचाने में हम क्या कर सकते हैं ?

  • व्यक्तिगत स्तर पर हमें पहले दूसरों के सुधरने के इंतज़ार की बजाय स्वयं से शुरुआत करनी होगी।
  • वृक्षारोपण करना होगा।
  • छोटे बच्चों को प्रेरित करें और उन्हें संस्कार दें कि यह पृथ्वी उनका घर है जिसे सहेजने की जिम्मेदारी उनकी भी है।
  • प्रदूषण कम फैलाएं। बहुत साधारण बातों का ध्यान रखना ही बड़े बदलाव लेकर आता है। जैसे गीले व सूखे कचरे के लिए अलग अलग पात्र रखना आदि।
  • जल संरक्षण की विभिन्न विधियां अपनाएं। जल को व्यर्थ बहाना गलत है। संपत्ति ज़रूर आपकी हो सकती है पर संसाधन नहीं।

World Environment Day 2022 Hindi Quotes

पर्यावरण पर कई विद्वानों, साहित्यकारों और पर्यावरणविदों ने टिप्पणी की है और उसे सहेजने की ओर ध्यान आकर्षित किया है। साथ ही मानव के क्रियाकलापों को सीमित करने की ओर भी जोर दिया है। भारत के बर्डमैन सलीम अली ने “The Book of Indian Birds (1979)”, “The Fall of a Sparrow (1985)” जैसी किताबें चिड़ियों के प्रति सजग करते हुए लिखी थीं। कविता और प्रकृति का रिश्ता पुराना है।

“एक नदी के प्राण सूख जाने पर सिर्फ नदी नहीं, बहुत कुछ सूख जाता है।”

नागार्जुन

“प्रकृत शक्ति तुमने यंत्रों से सबकी छीनी, शोषण कर जीवनी बना दी जर्जर झीनी”

जयशंकर प्रसाद

“मैं सोते के साथ बहता हूँ, पक्षी के साथ गाता हूँ”

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

कोई भी दिवस मनाने का उद्देश्य उस दिवस के निहितार्थ की तरफ लोगों को, उनके ध्यान को आकर्षित करना होता है। पर्यावरण दिवस पर्यावरण संकट की तरफ लोगों का ध्यान खींचने और इस संकट के बारे में लोगों को याद दिलाने के लिए मनाया जाता है लेकिन यह अब औपचारिकता बनकर रह गया है -पर्यावरणविद और जलपुरुष राजेंद्र सिंह (2019 में IANS से बातचीत पर )

धरती बनेगी स्वर्ग समान

स्वच्छ व स्वस्थ समाज की स्थापना तो हर कोई चाहता है पर इस स्वच्छ व स्वस्थ समाज के सपने को साकार किया है सच्चे समाजसुधारक संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने अद्वितीय ज्ञान से। ऐसा कहना बिल्कुल सार्थक होगा कि संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनमोल ज्ञान से कलयुग में सतयुग का निर्माण कर रहे हैं। सत्ययुग उस समय को कहा जाता है जिस युग में कोई अनैतिकता नहीं होती है। उसमें शांति होती है। एक पुत्र पिता के सामने नहीं मरता; एक महिला विधवा नहीं होती है। शरीर बीमारी से मुक्त होता है। सभी मनुष्य भक्ति करते हैं वे ईश्वर से डरते हैं क्योंकि वे आध्यात्मिक ज्ञान के सभी कार्यों से परिचित होते हैं। वे मन, कर्म या वचन से किसी को कष्ट नहीं देते हैं और न ही दुष्ट होते हैं। 

पेड़ों की बहुतायत होती है। सत्ययुग में, कोई भी मांस, तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करता है क्योंकि वे इनसे होने वाले पापों से परिचित होते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों को देखकर ऐसा ही लगता है कि यह सभी जीव आत्माएं कलयुग की नहीं अपितु सतयुग की हैं, जो कि सर्व विकारों से दूर व मानवता, भाईचारे का अद्वितीय उदाहरण हैं। आप भी बुराइयों को छोड़कर सतभक्ति ग्रहण करने के लिए डाउनलोड करे Sant Rampal Ji Maharaj app.

विश्व पर्यावरण दिवस 2022: FAQ

Q. विश्व पर्यावरण दिवस 2022 का विषय क्या है?

Ans. केवल एक पृथ्वी (Only One Earth)

Q. विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?

Ans. प्रतिवर्ष 5 जून को

Q. पहला विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया गया था?

Ans. 5 जून 1974 को

Q. संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा पर्यावरण से सम्बंधित पहला बड़ा सम्मेलन कब आयोजित किया गया था?

Ans. 1972 में. आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में पर्यावरण के मुद्दों पर पहला बड़ा सम्मेलन 1972 में स्वीडन के स्टॉकहोम में 5-16 जून तक आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन को मानव पर्यावरण सम्मेलन या स्टॉकहोम सम्मेलन के रूप में जाना जाता था।

Q. भारत ने विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी किस वर्ष की थी?

Ans. 2018 में. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि विश्व पर्यावरण दिवस के 45वें उत्सव का आयोजन भारत में “प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं (बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन।)” विषय के तहत किया गया था। इस दिन लगभग 6000 लोग मुंबई के वर्सोवा बीच पर पृथ्वी के संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण चैंपियन अफरोज शाह से जुड़ने के लिए समुद्र तट पर इकट्ठा हुए और उन्होंने 90,000 किलोग्राम से अधिक प्लास्टिक एकत्र किया।

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