Last Updated on 4 November 2024 IST | National Cancer Awareness Day in Hindi: 7 नवंबर की राष्ट्रीय स्तर पर बहुत महतत्ता है। प्रत्येक वर्ष 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन इसलिए महवपूर्ण है क्योंकि इस दिन लोगों को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए जागरूक किया जाता है। साथ ही इस दिन की कैंसर पीड़ितों की तरफ लोगों के नजरिये को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
National Cancer Awareness Day 2024 [Hindi] : मुख्य बिंदु
- देश में कैंसर के इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए 1975 में राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया था।
- यह दिवस 7 नवंबर को नोबेल-पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक मैडम क्यूरी की जयंती के दिन मनाया जाता है, जिन्हें रेडियम और पोलोनियम की खोज और कैंसर के खिलाफ लड़ाई में उनके बड़े योगदान के लिए याद किया जाता है।
- ऐसा अनुमान है कि भारत में हर 8 मिनट में एक महिला सर्वाइकल कैंसर से मर जाती है।
- पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों में 25 फीसदी से ज्यादा मौतें मुंह और फेफड़ों के कैंसर से होती हैं।
- इस दिन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से निजात पाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है।
- यह दिन ना केवल लोगों को कैंसर से बचाव के लिए जागरूक करता है, बल्कि कैंसर प्रभावित मरीजों के प्रति सहानुभूति और सहयोग के लिए समाज को प्रेरित करता है।
- यह दिन लोगों को अस्वास्थ्यकर भोजन छोड़कर पौष्टीक आहार तथा स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- हर साल 7 नवंबर को कैंसर की मुफ्त जांच के लिए लोगों को अस्पतालों, केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) केंद्रों और नगरपालिका क्लीनिकों में जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- इस दिन कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने और रोकथाम के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए पुस्तिकाओं का प्रचार होता है।
- कैंसर और अन्य बीमारियां व मनुष्य पर आने वाले सभी प्रकार के दु:ख, पाप कर्म बढ़ने के कारण आते हैं। सतनाम और सतभक्ति है इनसे बचने का एकमात्र उपाय।
कब और क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day)?
हर साल 7 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day 2024) मनाया जाता है। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लोगों को कैंसर के गंभीर खतरे के बारे में शिक्षित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कैंसर दूसरी सबसे घातक बीमारी है जो लोगों में मृत्यु का कारण बनती है। कैंसर से मर रहे लोगों का आँकड़ा भारत में लगातार बढ़ रहा है जो कि देश के लिए एक गंभीर खतरा है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में ही अकेले भारत में कैंसर के 1.5 मिलियन मामले दर्ज किये गए थे जिनमें से 0.8 मिलियन लोगों की मौत हो गई थी।
History of National Cancer Awareness Day [Hindi]: क्या है राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का इतिहास?
इस घातक बीमारी के खिलाफ देश में एक महत्वपूर्ण कदम 1975 में राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत के साथ शुरू हुआ, जिसे राष्ट्र में कैंसर के उपचार की सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था। 10 साल बाद, 1984-85 में, कैंसर की जल्द पहचान और रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए योजना के दृष्टिकोण को संशोधित किया गया।
तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पहली बार सितंबर 2014 में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस की घोषणा की थी। उन्होंने कैंसर नियंत्रण पर राज्य-स्तरीय आंदोलन शुरू किया और लोगों को मुफ्त स्क्रीनिंग के लिए नगर निगम के क्लीनिकों को रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया। कैंसर के शुरुआती लक्षणों और इससे कैसे बचें इसके बारे में बात करने वाली एक पुस्तिका भी वितरित की गई थी।
National Cancer Awareness Day Theme [Hindi]: राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस थीम 2024
हर साल राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस एक अनूठी थीम के साथ मनाया जाता है। 2023 की थीम की तरह इस वर्ष 2024 में भी राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस की थीम “क्लोज द केयर गैप (Close the care gap)” है। जिसका मुख्य उद्देश्य कैंसर की रोकथाम, शुरुआती पहचान और उपचार तक पहुँच में सुधार के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है। साथ ही इस दिन कैंसर जागरूकता और रोकथाम के विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया गया है।
क्या है कैंसर?
कैंसर बीमारियों का एक बड़ा समूह है जो शरीर के लगभग किसी भी अंग या ऊतक में हो सकता है। कैंसर, शरीर की आधारभूत इकाई कोशिका (सेल) को प्रभावित करता है। शरीर में नए सेल्स और पुराने सेल्स के बदलाव की प्रक्रिया में कैंसर हो सकता है। सामान्यतौर पर शरीर में कुछ नए सेल्स बनते हैं और पुराने सेल्स टूटते हैं जिनके असामान्य जमाव से कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
जानें किन परिस्थितियों में कैंसर हो सकता है?
आमतौर पर शरीर के किसी भी भाग पर ऊतकों में असामान्य रूप से गांठ बनना या उभार आना कैंसर हो सकता है। कोशिकाओं के असामान्य तौर पर वृद्धि करना और अनियंत्रित रूप से विभाजित होने से कैंसर होता है। कैंसर के किसी भी लक्षण के दिखने पर उसकी जांच तुरंत करवाए जाने की ज़रूरत होती है जिससे कैंसर के लक्षणों को आसानी से पहचाना जा सके और उसका इलाज शुरू हो सके।
पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाए जाने वाले सबसे सामान्य कैंसर के लक्षण कौन से हैं?
- अत्यधिक, लगातार खांसी: यह एक ऐसी स्थिति है जिसके लिए फेफड़ों की सूजन (निमोनिया) और गर्दन के कैंसर के लिए जाँच होनी चाहिये।
- लार में रक्त: आमतौर पर ब्रोंकाइटिस या साइनसाइटिस का संकेत है, यह लक्षण फेफड़ों के कैंसर का भी संकेत दे सकता है।
- पेशाब होने के तरीके में बदलाव – पैटर्न, आवृत्ति: मूत्र का आवेग जो आपके नियंत्रण के बिना धीमा या बंद हो जाती है, इसके कुछ गहन कारण हो सकते हैं।
- धब्बे, तिल और त्वचा में बदलाव: पुरुषों और महिलाओं दोनों को त्वचा पर तिल या धब्बों पर गौर करना चाहिए जो अचानक दिखाई देते हैं।
- त्वचा के रंग, बनावट आदि में परिवर्तन त्वचा कैंसर का एक सामान्य पहला संकेत है।
- अकारण दर्द और थकान: थकावट और दूर नहीं होने वाले दर्द गहन मुद्दों के संकेतक हैं।
- निगलने में कठिनाई: पेट और आँत संबंधी समस्याएं निगलने में कठिनाई के रूप में सामने आती है। मुंह में एक पैच या जलन भी जाँच के लायक है।
- वजन में अचानक बदलाव: वजन अचानक कम होना, बिना किसी आहार या जीवनशैली में बदलाव के, एक चिंताजनक घटना हो सकती है। सबसे अधिक बार, यह संकेत करता है कि थायरॉयड प्रणाली में परिवर्तन हुआ है। लेकिन पेट, बृहदान्त्र या अग्न्याशय में अकारण किसी वृद्धि के लिए भी परीक्षण करने की आवश्यकता हो सकती है।
National Cancer Awareness Day 2024 | कैंसर होने के अन्य लक्षण क्या हैं?
- ख़ून की कमी की बीमारी एनीमिया
- खांसी के दौरान ख़ून का आना
- अचानक शरीर के किसी भाग से रक्त निकलना
- स्तनों में गांठ
- मीनोपॉज के बाद भी ख़ून आना
- भूख कम लगना, त्वचा में बदलाव महूसस होना
- किसी अंग का अधिक उभरना या गांठ महसूस होना
- प्रोस्टेट के परीक्षण के असामान्य परिणाम
क्या समय पर कैंसर का इलाज संभव है?
कैंसर से होने वाली मौतों की दर बहुत अधिक होती है और लोग इसे लाइलाज मानने लगते हैं। अगर सही समय पर इसकी पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो कैंसर काबू में आ सकता है, बल्कि कई मामलों में पूरी तरह ठीक भी हो सकता है। कैंसर के सही लक्षणों की पहचान तो डॉक्टर ही कर सकता है।
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परंतु भारत में, इस बीमारी के बारे में जागरूकता लाने की अभी आवश्यकता है क्योंकि रोगी में इसका पता तब चलता है जब यह पहले से ही एक उन्नत चरण में होता है, जिससे बचने की संभावना कम हो जाती है।
National Cancer Awareness Day 2024 Report & Stats | कैंसर से जुड़े आँकड़े एक नजर में
- जर्नल ऑफ ग्लोबल ऑन्कोलॉजी में 2017 में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक, भारत में कैंसर से मरने वालों की दर विकसित देशों से लगभग दोगुनी है। इसके मुताबिक भारत में हर 10 कैंसर मरीजों में से 7 की मौत हो जाती है जबकि विकसित देशों में यह संख्या 3 या 4 है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनियाभर में हर छह में से एक व्यक्ति की मौत कैंसर के कारण होती है। वर्ष 2018 में विश्वभर में 9.6 मिलियन (96 लाख) मौतें कैंसर के कारण हुई थीं। जबकि अकेले भारत में 0.8 मिलियन यानी 8 लाख लोगों की मौतें कैंसर से हुईं थीं। वहीं दुनियाभर में कैंसर से मौतों का आँकड़ा 2020 में बढ़कर 10 मिलियन तक पहुंच गया।
- दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों के लिए करीब 22 फीसदी में तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करना उत्तरदायी है।
- वर्ष 2018 में विश्व में तकरीबन 18 मिलियन कैंसर के मामले सामने आए थे, जिसमें 1.5 मिलियन (15 लाख) कैंसर के मामले अकेले भारत में थे।
- ऐसा अनुमान लगाया गया है कि दुनियाभर में कैंसर के मामले बढ़कर वर्ष 2030 तक दोगुने हो जायेंगे। जबकि भारत में वर्ष 2040 तक कैंसर के नए रोगियों की संख्या दोगुनी होने की आशंका जताई जा रही है।
- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) तथा राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र की ओर से साल 2020 में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कैंसर मरीजों के बढ़ने की दर 5% है। इस रिपोर्ट में साल 2020 में भारत में कैंसर के मामले 13.9 लाख रहने का अनुमान लगाया गया था जबकि 2025 तक यह संख्या 15.7 लाख पहुंचने की आशंका जताई गई है।
- भारत में पांच सबसे अधिक होने वाले कैंसर- ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मुंह का कैंसर, लंग कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर हैं।
किस प्रकार के कैंसर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं?
- ब्लड कैंसर
- मुंह का कैंसर
- स्तन कैंसर
- गर्भाशय का कैंसर
- सर्वाइकल कैंसर
- पेट का कैंसर
- गले का कैंसर
- अंडाशय का कैंसर
- प्रोस्टेट कैंसर
- मस्तिष्क का कैंसर
कैंसर होने के मुख्य कारण क्या हैं?
- तंबाकू या गुटखे का सेवन
- सिगरेट और शराब पीना
- लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहना
- आनुवंशिक दोष
- शारीरिक निष्क्रियता
- खराब पोषण
- मोटापा
पुरुषों और महिलाओं की मौत ज्यादातर किस कैंसर से होती है?
पुरुषों में जहां सबसे ज्यादा मामले मुंह और फैफड़ों के कैंसर के आते है, वहीं महिलाओं में सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के होते हैं।
महिलाओं की मौत की वजह
महिलाओं में सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, लंग कैंसर, सर्वाइकल या ग्रीवा (गर्भाशय) का कैंसर और थायरॉयड कैंसर के पाये जाते हैं। भारत में साल 2018 में ब्रेस्ट कैंसर से 87 हजार महिलाओं की मौत हुई थी यानी हर दिन 239 मौत। इसी तरह गर्भाशय के कैंसर से हर दिन 164 और अंडाशय के कैंसर से हर दिन 99 मौतें हुईं। एक सर्वे के मुताबिक़ भारत में सर्वाइकल कैंसर से हर आठ मिनट में एक महिला की मृत्यु हो जाती है।
पुरुषों की मौत का कारण
पुरुषों में ज्यादातर प्रोस्टेट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, फेफड़े का कैंसर, त्वचा का कैंसर, ब्लैडर कैंसर पाए जाते हैं जिसके कारण पुरुषों की सर्वाधिक मौतें होती हैं। पूरी दुनिया में लंग कैंसर (फेफड़ों के कैंसर) के कारण मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। साल 2007 में करीब 88,000 की मौत इसी भयंकर रोग के कारण हुई थी। लंग कैंसर होने की वजह से इंसान को सांस लेने में बड़ी तकलीफ होने लगती है। बलगम में खून और छाती में दर्द जैसी समस्याएं भी इसमें देखने को मिलती हैं।
कैंसर कितने प्रकार का होता है (Types of Cancer)?
विशेषज्ञों ने 100 प्रकार के कैंसर का पता लगाया है। उनमें प्रमुख रूप से ब्लड कैंसर, गले का कैंसर, मुंह का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, लंग कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ब्लैडर कैंसर, लिवर कैंसर, बोन कैंसर, पेट का कैंसर होते हैं। कैंसर जेनेटिक (अनुवांशिक) भी हो सकता है।
कैंसर की बड़ी वजह क्या है?
- प्रत्यक्ष धूम्रपान (direct smoking)- धूम्रपान करने वाले (Smoking): अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों को लंग्स कैंसर होने का खतरा भी अधिक होता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कितने सालों से और किस सीमा तक धूम्रपान करते आ रहे हैं। किसी भी उम्र में धूम्रपान छोड़ने से लंग्स कैंसर होने का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।
- अप्रत्यक्ष धूम्रपान करने वालों पर असर (Passive Smoking):- पैसिव स्मोकिंग या अप्रत्यक्ष रूप से धूम्रपान से तात्पर्य ऐसे लोगों से है जो सीधे खुद से धूम्रपान नहीं करते लेकिन उनके आस-पास ऐसे लोग होते हें जो बहुत ज्यादा स्मोकिंग करते हैं और वे धुंए के संपर्क में बराबर बने रहते हैं। इससे धुंआ सांस के जरिए उनके फेफड़ों तक भी पहुंच जाता है। ऐसे लोगों को भी लंग्स कैंसर होने का खतरा होता है। अधिक प्रदूषण के बीच रहने वाले लोगों को भी यह बीमारी हो सकती है। इसे सेकंड हेंड स्मोकिंग भी कहते हैं।
कैंसर से कैसे बचा जा सकता है?
- शराब का सेवन न करें
- रेडिएशन के संपर्क में आने से बचें
- फाइबर युक्त डाइट लें
- धूम्रपान करने से बचें
- डाइट में अधिक फैट न लें
- शरीर का सामान्य वजन बनाए रखें
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें
डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं है। यदि कैंसर पीड़ित समय से जांच कराकर उपचार लें तो उनकी जान बच सकती है। कैंसर से बचने के लिए धूम्रपान से दूरी बनानी होगी।
केंद्र सरकार ने कैंसर मरीजों की मदद के लिए बनाया नेशनल कैंसर ग्रिड
वास्तव में हमारे देश की बहुसंख्यक गरीब आबादी के पास कैंसर के प्रति जागरूकता का अभाव है। इसके अलावा, हमारे यहां कैंसर के अस्पतालों की कमी तो है ही, बड़े अस्पतालों तक गरीबों की पहुंच भी बड़ी मुश्किल है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने कैंसर के सस्ते इलाज के लिए कुछ कदम उठाए हैं। इसके लिए एक नेशनल कैंसर ग्रिड (एनसीजी) बनाया गया है। जिसका गठन अगस्त 2012 में किया गया था। एनसीजी देशभर के सरकारी और गैरसरकारी अस्पतालों का समूह है, जिसने टाटा मेमोरियल अस्पताल की मदद से ‘नव्या एप’ को विकसित किया है। यह मरीजों और उनके तिमारदारों के दरवाजों तक विशेषज्ञों की राय और इलाज के तौर-तरीकों को पहुंचाने में मदद कर रहा है।
नेशनल कैंसर ग्रिड में देश-विदेश के 170 कैंसर अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों के डॉक्टरों ने विशेषतौर पर भारत के कैंसर मरीजों के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इससे एक बार डॉक्टर को दिखा लेने के बाद मरीज को बार-बार डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा। इस एप में मरीज का डाटा डालकर विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श हासिल किया जा सकेगा। फिलहाल गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए नव्या एप की सेवाएं मुफ्त हैं। अन्य मरीजों के लिए 1,500 रुपये से लेकर 8,500 रुपये तक का शुल्क लिया जाता है। प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना का संचालन करने वाली संस्था राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) भी गरीबों के कैंसर के इलाज के लिए नव्या एप की सेवाएं लेने की तैयारी में है।
National Cancer Awareness Day 2024: भारत द्वारा शुरू की गई पहल
भारत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission- NHM) के तहत कैंसर, मधुमेह, हृदय रोगों एवं स्ट्रोक की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme for Prevention and Control of Cancer, Diabetes, Cardiovascular Diseases and Stroke- NPCDCS) को ज़िला स्तर पर लागू किया जा रहा है। आयुष्मान भारत के दायरे में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) को गरीब एवं कमज़ोर समूहों के स्वास्थ्य संबंधी वित्तीय बोझ को कम करने हेतु लागू किया जा रहा है, जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच प्रदान करेगा। इसके अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है।
सतनाम मंत्र से कैंसर और अन्य भयंकर बीमारियां हो जाती हैें छूमंतर
पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और शरीर के किसी भी अंग के रोग को नष्ट कर निरोगी काया कर सकता है। इसका प्रमाण हमें ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 – 3 में मिलता है। पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर कबीर साहिब जी ने भी अपनी वाणी में कहा है कि
कबीर, जब ही सत्यनाम हृदय धरो, भयो पाप को नाश।
जैसे चिंगारी अग्नि की, पड़ै पुराने घास।।
यानी तत्वदर्शी संत से नाम दीक्षा लेकर सतनाम मंत्र ( गुप्त मंत्र) का जाप करने से भयंकर से भयंकर बीमारी और पाप कर्म दंड खत्म हो जाते हैं और भक्त स्वस्थ और सुखी हो जाता है। साथ ही कबीर परमात्मा के शिष्य की अकाल मृत्यु नहीं हो सकती।
सतगुरू जो चाहे सो करहीं, चोदह कोटि दूत जम डरहीं ।
ऊत भुत जम त्रास निवारै, चित्रगुप्त के कागज फारै।।
सतगुरु अर्थात तत्वदर्शी संत जो चाहे वह कर सकता है वह स्वयं परमात्मा ही होते हैं। अगर भक्तों के भाग्य में मौत भी लिखी है तो उसे भी टाल कर नया जीवन प्रदान कर सकता है।
परमेश्वर कबीर जी हैं पाप नाशक
यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 के अनुसार पूर्ण परमात्मा पाप नाशक है। साथ ही इसका प्रमाण हमें ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 163 मंत्र 1 में मिलता है –
अक्षीभ्यां ते नासिकाभ्यां कर्णाभ्यां छुबुकादधि ।
यक्ष्मं शीर्षण्यं मस्तिष्काज्जिह्वाया वि वृहामि ते ॥१॥
परमात्मा पाप कर्म से हमारा नाश करने वाले हर कष्ट को दूर कर विषाक्त रोग को काटकर हमारे नाक, कान, मुख, जिव्हा, शीर्ष, मस्तिष्क सभी अंग-प्रत्यंगों की रक्षा कर सकते हैं।
यदि हम कबीर परमेश्वर की पूर्ण सतगुरु द्वारा बताई गई सतभक्ति करते हैं तो परमेश्वर हमारे पापों का नाश कर देते हैं। कबीर परमेश्वर के संविधान अनुसार तत्वदर्शी संत जोकि हर युग में केवल एक होता है और वर्तमान समय में वह तत्वदर्शी संत, संत रामपाल जी महाराज हैं। उनसे 3 चरणों में गीता अध्याय 17 श्लोक 23 के निर्देश अनुसार गुप्त मंत्र (ओम तत् सत्) प्राप्त कर भक्ति करने से भक्तों के पाप कर्म समाप्त हो जाते हैं, जिससे जीवन में आने वाले कष्ट भी मिट जाते हैं।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहते हुए सतभक्ति करने वालों के सभी प्रकार के नशे छूट रहे हैं, लाखों लोगों की लाइलाज जानलेवा बीमारियां ठीक हो रही हैं, दु:खी परिवार सुखी और समृद्ध हो रहे हैं। विश्व के सभी भाई बहनों से अनुरोध है “संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित बहुचर्चित पुस्तक ज्ञान गंगा“ को अवश्य पढ़ें, ज्ञान समझें, नियम मर्यादा में रहकर भक्ति करें ताकि आप कैंसर, कोरोना, एड्स, टीबी और अन्य घातक बीमारियों से सदा बचे रहें। अधिक जानकारी के लिए आज ही गूगल प्ले स्टोर से Sant Rampal Ji Maharaj App डाऊनलोड करें।
National Cancer Awareness Day 2024: FAQ
उत्तर – राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस प्रतिवर्ष 7 नवंबर को मनाया जाता है।
उत्तर – राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस भारत मे पहली बार साल 2014 में मनाया गया था।
उत्तर – राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाने का उद्देश्य देश के लोगों को कैंसर के प्रति शिक्षित और जागरूक करना हैं, जिससे समय रहते कैंसर को पहचाना जा सके और इसका इलाज भी संभव हो सके।
उत्तर – भारत में पांच सबसे अधिक होने वाले कैंसर- ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मुंह का कैंसर, लंग कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर हैं।