July 27, 2024

Narendra Modi Speech Highlights: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का “राष्ट्र को संदेश”

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Narendra Modi Speech Highlights: वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के इस दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मंगलवार की शाम 6 बजे राष्ट्र को सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने 12 मिनिट के सम्बोधन में विशेष रूप से कोरोना महामारी पर सबका ध्यान केंद्रित किया और बचाव सम्बन्धी सुझाव दिए।

Table of Contents

Narendra Modi Speech Highlights (मुख्य बिंदु)

  • प्रधानमंत्री मोदी जी ने पुनः उधोग-धंधों व अर्थव्यवस्था की पटरी पर लौटने की उम्मीद जताई।
  • प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने सम्बोधन में पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की अमृतमयी वाणी का भी वाचन किया।
  • “साधनों से परिपूर्ण देशों की तुलना में हमारे देश की स्थिति बेहतर”- पीएम मोदी
  • कोरोना को गम्भीरता से लेने के लिए देशवासियों को अन्य देशों की स्थिति भी समझाई।
  • “थोड़ी सी लापरवाही एक बड़ा संकट बन सकती है”- पीएम मोदी
  • प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा “जब तक दवाई नहीं तब तक कोई ढिलाई नहीं”।
  • इस महामारी के कठिन दौर से बचने का एकमात्र उपाय “सद्भक्ति”

Narendra Modi Speech Highlights: प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि सेवा परमो धर्म

प्रधानमंत्री जी ने कहा की एक तरफ तो हमारे चिकित्सक (डॉक्टर), नर्स तथा स्वास्थ्य कर्मचारी(हेल्थ वर्कर्स) इतनी बड़ी आबादी की निःस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं, अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना से संक्रमित मरीजों की पूरे भाव से सेवा कर रहे हैं। तो कहीं न कहीं हमारा भी कर्तव्य है कि देश जिस दौर से गुजर रहा है उसमें हम भी सावधानी बरतें और इस महामारी के प्रति सतर्क रहें।

Narendra Modi Speech Highlights: सावधानी हटी दुर्घटना घटी

पीएम मोदी जी ने कहा इस वैश्विक महामारी के दौर में बिल्कुल भी कोताही न बरतें। नहीं तो ये छोटी सी असावधानी एक बहुत बड़ा संकट भी बन सकती है।

एक नजर कोरोना काल के कारण उत्पन्न प्रभावी आंकड़ों पर

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की हालत में अब पहले की अपेक्षा अधिक सुधार आया है। भारत मे प्रति दस लाख में से 5500 लोग ही संक्रमित हैं, जबकि अमेरिका, ब्राजील जैसे देशों में यह संख्या 25000 है। देश में कोरोना संक्रमण से प्रति दस लाख की आबादी पर मृत्युदर 83 है वहीं दूसरी तरफ देखें तो सुविधाओं से परिपूर्ण अनेक देशों में यही आंकड़ा 600 से भी अधिक है।

भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आयी है और इससे ठीक होने की दर 88 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिये सम्भव हो सका, क्योंकि भारत सबसे पहले लॉकडाउन लगाने वाले देशों में था।

प्रधानमंत्री मोदी जी ने कोरोना सम्बन्धी चिकित्सकीय संसाधनों पर गौर करते हुए बताया की आज हमारे देश में कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से भी अधिक विश्व स्तरीय (बेड) सुविधा उपलब्ध है, 12000 से ज्यादा क्वारन्टाईन सेंटर (केंद्र) हैं, 2000 से अधिक लेब (प्रयोगशाला) हैं। जिसमें परीक्षण (टेस्ट) की संख्या अनुमानित रूप से 10 करोड़ से भी अधिक हो जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी जी ने विशेष सावधानी बरतने की दी सलाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि जब तक कोरोना वायरस नामक वैश्विक महामारी पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती तब तक कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए तथा जब तक कोरोना महामारी से निपटने की दवाई (वैक्सीन) नहीं आ जाती तब तक हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को बिल्कुल भी कमजोर नही पड़ने देना है। वहीं मोदी जी ने देशवासियों के इस वैश्विक महामारी से भीषण युद्ध में उत्साह को बढ़ाया और कहा कि बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम हो रहा है। हमारे देश के वैज्ञानिक व चिकित्सक दवाई(वैक्सीन) के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं।

लॉकडाउन खत्म हुआ है वायरस नहीं :- प्रधानमंत्री मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि हमें ये बिल्कुल भी नहीं भूलना है कि अभी सिर्फ लॉकडाउन खत्म हुआ है वायरस (महामारी) नहीं। जिस तरह से 7-8 महीनों के इस कठिन समय में प्रत्येक देशवासी ने सावधानी बरती है, उसी सावधानी को जारी रखना है और कोरोना महामारी को हराना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पेश किया पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब का दोहा

मोदी जी ने अपनी बात को समझाने के लिए कबीर साहेब जी के एक दोहे और तुलसीकृत रामचरितमानस की चौपाई का उदाहरण भी दिया।

पकी खेती देखिके, गरब किया किसान।
अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में परमेश्वर कबीर साहेब जी के इस दोहे से समझाया कि पकी हुई फसल देखकर ही अति आत्मविश्वास से नहीं भर जाना चाहिए कि अब तो काम हो गया। जब तक सफलता पूरी ना मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए। अतः इस महामारी की वैक्सीन नहीं आने तक हमें अपनी इस लड़ाई को कमजोर नहीं होने देना है।

Narendra Modi Speech Highlights: अपनी सुरक्षा अपनी जिम्मेदारी

इस महामारी के विषम समय में प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य है कि वह सावधानी बरते तथा अपनी सुरक्षा सम्बन्धी बातों का विशेष ध्यान रखे। बीते सात-आठ महीनों में हर भारतीय नागरिक के प्रयास से आज हमारा भारत देश जिस संभली हुई स्थिति में है, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है। एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं। जीवन की जिम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता दोनों साथ-साथ चलेंगे, तभी जीवन में खुशियां बनी रहेंगी। दो गज की दूरी, साबुन से हाथ धुलना, मास्क लगाना, इसका ध्यान रखिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने करबद्ध होकर देशवासियों से सावधानी बरतने का आग्रह किया।

वैश्विक महामारी कोरोना के कठिन दौर में पीएम मोदी ने देश को 7वीं बार सम्बोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आज से पहले देश को कोरोना संकट काल के दौर में 6 बार सम्बोधित कर चुके हैं और ये 7वीं बार मौका है जब प्रधानमंत्री जी ने देश को सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी जी का 215 दिन में 7वां सन्देश है। कोरोना संकट काल के आरंभिक दौर में सर्वप्रथम प्रधानमंत्री जी ने 19 मार्च को देश को सम्बोधित किया था और उस दिन देश में सबसे पहले लॉकडाउन की घोषणा की थी।

सद्भक्ति से ही सभी प्रकार के रोगों व दुःखों का निवारण सम्भव

सुख के संगी स्वार्थी, दुःख में रहते दूर |
कहैं कबीर परमार्थी, दुःख-सुख सदा हजूर ||

तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज जी से सदभक्ति प्राप्त कर अपने दुखों से पीछा छुड़ाओ क्योंकि दुःख में केवल परमात्मा ही साथ देता है। हमारे पवित्र वेद भी गवाही देते हैं कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी अपने साधक के सभी पापों के नाशक हैं तथा अपने साधक को मृत्यु से बचाकर व उसके सभी रोगों व दुःखों का अंत करके 100 वर्ष की आयु प्रदान करते हैं।

प्रमाण के लिए देखें यजुर्वेद अध्याय 5 के मन्त्र 32 व ऋग्वेद मण्डल 10 के सूक्त 161 के मन्त्र 2 में।

तत्वदर्शी पूर्ण सन्त रामपाल जी महाराज अपने अनमोल सत्संग में बताते हैं कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी अपने साधक को यमलोक से भी लौटाकर उसे सर्व सुख प्रदान कर शत वर्ष की सुखमय आयु प्रदान करते हैं।

सतगुरु जो चाहें सो करहिं, चौदह कोट दूत जम डरहीं।
ऊत-भूत जम त्रास निबारे, चित्रगुप्त के कागज फारे।

श्रीमद्भागवत गीता जी में गीता ज्ञान दाता अर्जुन को कह रहे हैं कि हे अर्जुन मनुष्य जीवन बड़ी मुश्किल से मिलता है इसे यूं ही बर्बाद नही करना चाहिए बल्कि तत्वदर्शी सन्त की खोज कर उन्हें दण्डवत प्रणाम कर उनसे सद्भक्ति प्राप्त करनी चाहिए तभी इस मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य पूरा होगा। सन्त रामपाल जी महाराज इस समय तत्वदर्शी सन्त रूप में आये हुए हैं इसलिये जल्दी आएं और सद्भक्ति प्राप्त कर अपना कल्याण करवाएं।

कहीं ऐसी स्थिति न बन जाये

अच्छे दिन पीछे गए, सतगुरु से किया न हेत।
अब पछतावा क्या करे, जब चिड़िया चुग गई खेत।।

अभी समय है सतभक्ति शुरू कीजिये, मनुष्य जन्म बहुत अनमोल है।

समय रहते पूर्ण संत की भूमिका में आये पूर्ण परमात्मा के अवतार संत रामपाल जी महाराज को पहचानें नहीं तो बाद मे पछतावे के अतिरिक्त कुछ हाथ नहीं लगेगा।

भक्ति बिना क्या होत है, ये भरम रहा संसार।
रति कंचन पाया नहीं रावण चलती बार।।

रावण की सोने की लंका थी। एक कण सोना भी साथ नहीं ले जा सका।
आज ही संत रामपाल जी से नाम दान लेकर सतभक्ति शुरू करें।

मौत बिसारी वाबरे, अचरज किया कौन।
तन मिट्टी में मिलेगा, ज्यों आटे में लौन।

मौत तो एक दिन निर्धारित है। इसको ध्यान रखते हुए सतभक्ति कीजिये, जन्म-मरण से छुटकारा पाइए।

ना जाने काल की कर डारे, किस विध ढल जा पासा वे।
जिन्हांदे सिर ते मौत खुड़कदी उन्हांनूँ केड़ा हासा वे।।

गुरु नानक जी ने कहा है, हे मनुष्य मृत्युलोक में सब नाशवान है। पता नहीं किसकी जाने की बारी कब आ जाए? सिर पर मौत गर्ज रही है। बिना देरी किये आज ही संत रामपाल जी की शरण में आएं और मनुष्य जन्म सफल बनायें।

गरीबदास जी महाराज जी ने कहा है कि पूर्ण सन्त वही है जो इस मृत्युलोक से छुटकारा दिला सके और उस निजधाम(सतलोक) को जाने की भक्ति विधि बताए जहां जन्म-म्रत्यु व रोग-दुख नहीं हैं

गरीब साद साद सब नेक हैं,आप आपनी ठौर।
जो निजधाम पहुंचावहीं, सो साधु कोई और।।

परमात्मा के नाम बिना राजा भी खर की जूनी में जाता है।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी की वाणी है

एक हरि के नाम बिना यह राजा ऋषभ होए।
माटी लदे कुम्हार की, घास न डाले कोई।।

एक बार संत रामपाल जी महाराज का सत्संग ज़रूर सुनें सभी धर्म ग्रंथों से प्रमाणित और जानें मनुष्य जीवन का मूल कर्तव्य क्या है।

मानुष जन्म दुर्लभ है, ये मिले ना बारंबार।
जैसे तरवर से पत्ता टूट गिरे, वो बहुर न लगता डार।।

आज आपके पास समय है। समय रहते अपना कल्याण कराएं नहीं तो चौरासी लाख योनियों में जाना ही जाना पड़ेगा। समय रहते समझिए बाद में कुछ हाथ नहीं आने वाला। पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कल्याण कराएं।

सद्भक्ति सन्देश देखें व पढ़ें

मनुष्य जन्म का मूल उद्देश्य जानने के लिये विजिट करें “सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल” तथा सन्त रामपाल जी महाराज के द्वारा सभी सद्ग्रन्थों से प्रमाणित पुस्तक “जीने की राह” अवश्य पढ़ें। निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त करने के लिए फार्म भरें

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