May 14, 2025

Martyr’s Day 2025: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (Punya Tithi) पर क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस? (Shaheed Diwas)

Published on

spot_img

Last Updated on 28 January 2025 | Martyr’s Day 2025 [Hindi]: शहीद दिवस (Shaheed Diwas 2025) हर साल 30 जनवरी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस या Martyr’s Day के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमें उन सभी महान आत्माओं की याद दिलाता है जिन्होंने देश के लिए   अपने प्राणों की आहुति दी। महात्मा गांधी जी ने यह सिद्ध किया कि अपने व्यक्तिगत जीवन से भी पूरी दुनिया को प्रभावित किया जा सकता है। गांधी जी का ग्राम स्वराज और स्वदेशी का विचार एक आत्मनिर्भर और समावेशी अर्थव्यवस्था का आदर्श मॉडल है। यह विचार आज भी विकासशील देशों के लिए प्रेरणा है

Table of Contents

Martyr’s Day 2025 (शहीद दिवस): मुख्य बिंदु

  • हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस या Martyr’s Day के रूप में मनाया जाता है।
  • भारत सहित दुनिया के 15 देशों में मनाया जाता है शहीद दिवस।
  • राष्ट्रीय स्तर पर इसे सर्वोदय दिवस भी कहा जाता है।

30 जनवरी को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) क्यों मनाया जाता है?

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध व्यक्तित्व महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या 30 जनवरी, 1948 को शाम की प्रार्थना के दौरान बिड़ला हाऊस में नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) द्वारा की गई थी। उस समय वह 78 वर्ष के थे। इस दिन को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। वह भारत को एक धर्मनिरपेक्ष और एक अहिंसक राष्ट्र के रूप में बनाए रखने के प्रबल समर्थक थे, जिसके कारण उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। 

23 मार्च को भी शहीद दिवस (Martyr’s Day)

23 मार्च को भी शहीद दिवस (Martyr’s Day) के रूप में चिह्नित किया जाता है, क्योंकि उस दिन भगत सिंह (Bhagat Singh), राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी।

यह भी पढ़ें: Bhagat Singh Birth Anniversary [Hindi]: शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती

शहीद दिवस कैसे मनाया जाता है? (Martyr’s Day 2025 Celebration) 

इस दिन, भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख राजघाट पर बापू की समाधि पर पुष्प श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। शहीदों को सम्मान देने के लिये अंतर-सेवा टुकड़ी और सैन्य बलों के जवानों द्वारा एक सम्मानीय सलामी दी जाती है। इसके बाद, वहाँ एकत्रित लोग राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और देश के दूसरे शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन रखते हैं।

अन्य तिथियों पर भी देश में मनाए जाते हैं शहीद दिवस (Martyr’s Day)

हालाँकि भारत में राष्ट्र के दूसरे शहीदों को सम्मान देने के लिये एक से ज्यादा शहीद दिवस मनाए जाते हैं

  • लाला लाजपत राय (पंजाब के शेर के नाम से मशहूर) की पुण्यतिथि को मनाने के लिये उड़ीसा में ‘शहीद दिवस’ के रुप में 17 नवंबर के दिन को मनाया जाता है।
  • 22 लोगों की मृत्यु को याद करने के लिये भारत के जम्मू और कश्मीर में शहीद दिवस के रुप में 13 जुलाई को भी मनाया जाता है। वर्ष 1931 में 13 जुलाई को कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के समीप प्रदर्शन के दौरान रॉयल सैनिकों द्वारा उनको मार दिया गया था।
  • झाँसी राज्य में (रानी लक्ष्मीबाई का जन्मदिवस) 19 नवंबर को भी शहीद दिवस के रुप में मनाया जाता है। ये उन लोगों को सम्मान देने के लिये मनाया जाता है जिन्होंने वर्ष 1857 की क्रांति के दौरान अपने जीवन का बलिदान कर दिया।
  • 21 अक्टूबर पुलिस द्वारा मनाया जाने वाला शहीद दिवस है। केन्द्रीय पुलिस बल के जवान 1959 में लद्दाख में चीनी सेना द्वारा घात लगाकर मारे गए थे।

महात्मा गांधी के सिद्धांत केवल राजनीतिक या सामाजिक आंदोलनों तक सीमित नहीं थे; उनका जीवन दर्शन मानव जीवन के हर पहलू को गहराई से छूता है। उन्होंने सत्य, अहिंसा और नैतिकता के आधार पर जीवन जीने का जो मार्ग दिखाया, वह आज के युग में भी उतना ही प्रासंगिक और आवश्यक है।

गांधी जी ने सत्य को अपने जीवन का सर्वोच्च मूल्य माना। उनका मानना था कि सत्य की खोज आत्मा की शुद्धता से होती है और यह किसी भी संघर्ष या निर्णय का आधार होना चाहिए। गांधी जी का जीवन सादगी और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था।

उन्होंने अपने आचरण से दिखाया कि विलासिता का त्याग कर और जरूरतों को सीमित कर हम अपने जीवन को संतुलित और शांतिपूर्ण बना सकते हैं। गांधी जी ने हर प्रकार के श्रम को समान रूप से महत्वपूर्ण माना। उन्होंने चरखा कातने और हाथ से काम करने को केवल आत्मनिर्भरता का प्रतीक ही नहीं, बल्कि श्रम की गरिमा का सम्मान भी बताया। गांधी जी के लिए स्वतंत्रता केवल राजनीतिक आजादी तक सीमित नहीं थी। उनका मानना था कि सच्ची स्वतंत्रता आत्मा और मन की मुक्ति में है।

उन्होंने आत्मनिर्भरता, शिक्षा और स्वच्छता को भी स्वतंत्रता का महत्वपूर्ण पहलू बताया। उनके सिद्धांत हमें जीवन के सही मायने समझाने और एक संतुलित समाज की स्थापना का मार्ग दिखाते हैं। उनके विचार न केवल प्रेरणा हैं, बल्कि एक समाधान भी हैं, जो हमें बेहतर भविष्य की ओर ले जाते हैं।

शहीद दिवस 2025: महात्मा गांधी के विचार और सिद्धांत न केवल भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, बल्कि उन्होंने पूरी दुनिया को अहिंसा, शांति और मानवता का संदेश दिया। उनका जीवन और उनके आदर्श आज भी वैश्विक स्तर पर गहराई से प्रासंगिक हैं। चाहे सामाजिक आंदोलनों का नेतृत्व करना हो या संघर्ष के समय में नैतिक मूल्यों का पालन करना, गांधी जी के सिद्धांत एक सार्वभौमिक मार्गदर्शक के रूप में उभरे हैं।

गांधी जी ने अहिंसा को संघर्ष का सबसे सशक्त और नैतिक हथियार बताया। उनके इस सिद्धांत ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला और दलाई लामा जैसे नेताओं को प्रेरित किया। अहिंसा के माध्यम से उन्होंने दिखाया कि सामाजिक और राजनीतिक बदलाव बिना हिंसा के भी संभव है। यह सिद्धांत आज भी विश्व के विभिन्न हिस्सों में शांति और समानता के आंदोलनों का आधार है।

गांधी जी ने जाति, धर्म और लिंग के भेदभाव का सख्त विरोध किया और मानवाधिकारों की बात की। उनकी सोच “सभी के लिए समान अवसर” की थी। यह विचार वैश्विक मानवाधिकार घोषणापत्र (Universal Declaration of Human Rights) और संयुक्त राष्ट्र के कई चार्टर में झलकता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गांधी जी की छवि एक महान विचारक और मानवता के प्रतीक के रूप में उभरी है। उनके सम्मान में संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया है। विश्व के कई हिस्सों में उनके नाम पर सड़कें, पार्क और संस्थान हैं, जो उनकी लोकप्रियता और प्रासंगिकता को प्रमाणित करते हैं।

शहीद दिवस (Shaheed Diwas) के लिए उद्धरण, नारे व संदेश (Martyr’s Day 2025 Quotes and Slogans)

  • शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरनेवालों का यही बाक़ी निशाँ होगा – जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी’
  • मानवता की महानता मानव होने में नहीं, बल्कि मानवीय होने में है – महात्मा गांधी
  • मैं जला हुआ राख नहीं, अमर दीप हूँ जो मिट गया वतन पर मैं वो शहीद हूँ
  • वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है, मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।
  • भगवान का कोई धर्म नहीं है – महात्मा गांधी

परमात्मा कबीर साहेब जी ने किया है वीरों का गुणगान 

कबीर, या तो माता भक्त जनै, या दाता या शूर |

या फिर रहै बांझड़ी, क्यों व्यर्थ गंवावै नूर ||

सत्य साधक, दानवीर, शूरवीर को जन्म देने वाली माताएँ धन्य होती हैं। कबीर साहेब जी ने कहा है कि जननी भक्त को जन्म दे जो शास्त्र में प्रमाण देखकर सत्य को स्वीकार करके असत्य साधना त्यागकर अपना जीवन धन्य करे। या किसी दानवीर पुत्र को जन्म दे जो दान-धर्म करके अपने शुभ कर्म बनाए। या फिर शूरवीर बालक को जन्म दे जो परमार्थ के लिए कुर्बान होने से कभी न डरता हो। सत्य का साथ देता हो, असत्य तथा अत्याचार का विरोध करता हो। यदि अच्छी सन्तान उत्पन्न न हो तो स्त्री का बांझ रहना ही उत्तम है।

संत रामपाल जी महाराज ने समाज को आजाद करने का उठाया बीड़ा

निश्चित ही वीर होना सरल नहीं है बल्कि यह तो सरलता का विलोम हुआ। क्या आपने ऐसे समाज की कल्पना की है जिसमें किसी भी माता को अपना पूत न खोना पड़े? ऐसी धरती जिसमें धर्म, जाति, देश, सीमा के बंधन न हों? मानवता की नींव पर निर्णय लिए जाएं? जी ऐसा ही समाज संत रामपाल जी महाराज बना रहे हैं। ऐसा समाज जहाँ स्त्री निडर होकर घूम सके, जहाँ अपराध शून्य हो जाएं, पृथ्वी नशामुक्त हो जाए, स्त्री पुरुष बराबरी पर आ खड़े हों और मानवता सबसे बड़ा धर्म हो।

ज्ञानयुद्ध पूरी दुनिया के पाखंड को उखाड़ फेंकेगा

इस समाज का आरंभ हो चुका है तथा लाखों वर्षों से भविष्यवक्ता भी ऐसे समय और ऐसी परिस्थितियों की ओर इशारा करते रहे हैं जो एक सन्त के माध्यम से लाई जाएंगी। ये सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज पर खरी उतरती हैं। क्या आपने कल्पना की है कि मानवता के साथ ही इस पूरी पृथ्वी पर वीर हों जो लड़ें अत्याचार से, असत्य से, पाखंड से? यह लड़ाई भी आरम्भ हो चुकी है। आरम्भ हो चुका है एक ज्ञानयुद्ध का जो पूरी दुनिया के पाखंड और पूर्ण तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के सही आध्यात्मिक ज्ञान के बीच है। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।

गरीब, पतिब्रता चूके नहीं, साखी चन्द्र सूर |

खेत चढ़े सें जानिए, को कायर को सूर ||

निम्नलिखित सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

World Hypertension Day 2025: Discover the Spiritual Path to a Healthy Heart

Last Updated on 12 May 2025 IST | World Hypertension Day 2025 | Hypertension...

International Day of Family 2025: Nurture Your Family with Supreme God’s Blessings 

Last Updated on 12 May 2025 IST | International Day of Families is an...

Buddha Purnima (Vesak Day) 2025: Know the Reason Why Buddha Couldn’t Attain God!

Last Updated on 12 May 2025 IST | Buddha Purnima 2025: Buddha Purnima, also...
spot_img

More like this

World Hypertension Day 2025: Discover the Spiritual Path to a Healthy Heart

Last Updated on 12 May 2025 IST | World Hypertension Day 2025 | Hypertension...

International Day of Family 2025: Nurture Your Family with Supreme God’s Blessings 

Last Updated on 12 May 2025 IST | International Day of Families is an...

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) 2025: क्या था महात्मा बुद्ध के गृहत्याग का कारण?

Last Updated on 12 May 2025 IST | बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima in Hindi)...