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Martyr’s Day 2023: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (Punya Tithi) पर क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस? (Shaheed Diwas)

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Martyr’s Day 2023 [Hindi]: शहीद दिवस (Shaheed Diwas 2023) हर साल 30 जनवरी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस या Martyr’s Day के रूप में मनाया जाता है। अनेक वीर भारत की आजादी के लिये लड़े और अपने प्राणों की आहुति दी। महात्मा गांधी की 74 वीं पुण्यतिथि पर पीएम मोदी रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सम्बोधित करेंगे।

Martyr’s Day 2023 (शहीद दिवस): मुख्य बिंदु

  • हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस या Martyr’s Day के रूप में मनाया जाता है।
  • भारत सहित दुनिया के 15 देशों में मनाया जाता है शहीद दिवस।
  • राष्ट्रीय स्तर पर इसे सर्वोदय दिवस भी कहा जाता है।
  • महात्मा गांधी की 74 वीं पुण्यतिथि पर पीएम मोदी रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सम्बोधित करेंगे।

30 जनवरी को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) क्यों मनाया जाता है?

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध व्यक्तित्व महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या 30 जनवरी, 1948 को शाम की प्रार्थना के दौरान बिड़ला हाऊस में नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) द्वारा की गई थी। उस समय वह 78 वर्ष के थे। इस दिन को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। वह भारत को एक धर्मनिरपेक्ष और एक अहिंसक राष्ट्र के रूप में बनाए रखने के प्रबल समर्थक थे, जिसके कारण उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। 

23 मार्च को भी शहीद दिवस (Martyr’s Day)

23 मार्च को भी शहीद दिवस (Martyr’s Day) के रूप में चिह्नित किया जाता है, क्योंकि उस दिन भगत सिंह (Bhagat Singh), राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी।

यह भी पढ़ें: Bhagat Singh Birth Anniversary [Hindi]: शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती

शहीद दिवस कैसे मनाया जाता है? (Martyr’s Day 2023 Celebration) 

इस दिन, भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख राजघाट पर बापू की समाधि पर पुष्प श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। शहीदों को सम्मान देने के लिये अंतर-सेवा टुकड़ी और सैन्य बलों के जवानों द्वारा एक सम्मानीय सलामी दी जाती है। इसके बाद, वहाँ एकत्रित लोग राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और देश के दूसरे शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन रखते हैं।

अन्य तिथियों पर भी देश में मनाए जाते हैं शहीद दिवस (Martyr’s Day)

हालाँकि भारत में राष्ट्र के दूसरे शहीदों को सम्मान देने के लिये एक से ज्यादा शहीद दिवस मनाए जाते हैं

  • लाला लाजपत राय (पंजाब के शेर के नाम से मशहूर) की पुण्यतिथि को मनाने के लिये उड़ीसा में ‘शहीद दिवस’ के रुप में 17 नवंबर के दिन को मनाया जाता है।
  • 22 लोगों की मृत्यु को याद करने के लिये भारत के जम्मू और कश्मीर में शहीद दिवस के रुप में 13 जुलाई को भी मनाया जाता है। वर्ष 1931 में 13 जुलाई को कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के समीप प्रदर्शन के दौरान रॉयल सैनिकों द्वारा उनको मार दिया गया था।
  • झाँसी राज्य में (रानी लक्ष्मीबाई का जन्मदिवस) 19 नवंबर को भी शहीद दिवस के रुप में मनाया जाता है। ये उन लोगों को सम्मान देने के लिये मनाया जाता है जिन्होंने वर्ष 1857 की क्रांति के दौरान अपने जीवन का बलिदान कर दिया।
  • 21 अक्टूबर पुलिस द्वारा मनाया जाने वाला शहीद दिवस है। केन्द्रीय पुलिस बल के जवान 1959 में लद्दाख में चीनी सेना द्वारा घात लगाकर मारे गए थे।।

शहीद दिवस (Shaheed Diwas) के लिए उद्धरण, नारे व संदेश (Martyr’s Day 2023 Quotes and Slogans)

  • शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरनेवालों का यही बाक़ी निशाँ होगा – जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी’
  • मानवता की महानता मानव होने में नहीं, बल्कि मानवीय होने में है – महात्मा गांधी
  • मैं जला हुआ राख नहीं, अमर दीप हूँ जो मिट गया वतन पर मैं वो शहीद हूँ
  • वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है, मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।
  • भगवान का कोई धर्म नहीं है – महात्मा गांधी

परमात्मा कबीर साहेब जी ने किया है वीरों का गुणगान 

कबीर, या तो माता भक्त जनै, या दाता या शूर |

या फिर रहै बांझड़ी, क्यों व्यर्थ गंवावै नूर ||

सत्य साधक, दानवीर, शूरवीर को जन्म देने वाली माताएँ धन्य होती हैं। कबीर साहेब जी ने कहा है कि जननी भक्त को जन्म दे जो शास्त्र में प्रमाण देखकर सत्य को स्वीकार करके असत्य साधना त्यागकर अपना जीवन धन्य करे। या किसी दानवीर पुत्र को जन्म दे जो दान-धर्म करके अपने शुभ कर्म बनाए। या फिर शूरवीर बालक को जन्म दे जो परमार्थ के लिए कुर्बान होने से कभी न डरता हो। सत्य का साथ देता हो, असत्य तथा अत्याचार का विरोध करता हो। यदि अच्छी सन्तान उत्पन्न न हो तो स्त्री का बांझ रहना ही उत्तम है।

संत रामपाल जी महाराज ने समाज को आजाद करने का उठाया बीड़ा

निश्चित ही वीर होना सरल नहीं है बल्कि यह तो सरलता का विलोम हुआ। क्या आपने ऐसे समाज की कल्पना की है जिसमें किसी भी माता को अपना पूत न खोना पड़े? ऐसी धरती जिसमें धर्म, जाति, देश, सीमा के बंधन न हों? मानवता की नींव पर निर्णय लिए जाएं? जी ऐसा ही समाज संत रामपाल जी महाराज बना रहे हैं। ऐसा समाज जहाँ स्त्री निडर होकर घूम सके, जहाँ अपराध शून्य हो जाएं, पृथ्वी नशामुक्त हो जाए, स्त्री पुरुष बराबरी पर आ खड़े हों और मानवता सबसे बड़ा धर्म हो।

ज्ञानयुद्ध पूरी दुनिया के पाखंड को उखाड़ फेंकेगा

इस समाज का आरंभ हो चुका है तथा लाखों वर्षों से भविष्यवक्ता भी ऐसे समय और ऐसी परिस्थितियों की ओर इशारा करते रहे हैं जो एक सन्त के माध्यम से लाई जाएंगी। ये सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज पर खरी उतरती हैं। क्या आपने कल्पना की है कि मानवता के साथ ही इस पूरी पृथ्वी पर वीर हों जो लड़ें अत्याचार से, असत्य से, पाखंड से? यह लड़ाई भी आरम्भ हो चुकी है। आरम्भ हो चुका है एक ज्ञानयुद्ध का जो पूरी दुनिया के पाखंड और पूर्ण तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के सही आध्यात्मिक ज्ञान के बीच है। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।

गरीब, पतिब्रता चूके नहीं, साखी चन्द्र सूर |

खेत चढ़े सें जानिए, को कायर को सूर ||

Abhishek Das Rajawat
Abhishek Das Rajawathttps://news.jagatgururampalji.org/author/abhishekdasji/
Name: Abhishek Das | Editor, SA News Channel (2015 - present) A dedicated journalist providing trustworthy news, Abhishek believes in ethical journalism and enjoys writing. He is self starter, very focused, creative thinker, and has teamwork skills. Abhishek has a strong knowledge of all social media platforms. He has an intense desire to know the truth behind any matter. He is God-fearing, very spiritual person, pure vegetarian, and a kind hearted soul. He has immense faith in the Almighty. Work: https://youtu.be/aQ0khafjq_A, https://youtu.be/XQGW24mvcC4

1 COMMENT

  1. हां यह धरती स्वर्ग समान होनी चाहिए। किसी भी माता को अपना पुत्र खोना ना पड़े। इससे और सुख की बात क्या हो सकती है? लेकिन यह तभी संभव है जब सारा समाज जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के आध्यात्मिक ज्ञान को समझ ले लेगा। और सबका मालिक एक पूर्ण परमात्मा की भक्ति में लीन होगा।

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