Mahakaleshwar Temple Ujjain News | Mahakal Temple Fire: होली का त्योहार इस बात का प्रतीक है कि भक्ति करने वाले भक्त की रक्षा भगवान करता है जैसे भगवान ने भक्त प्रहलाद की रक्षा अग्नि से की थी। लेकिन जहां पूरे भारत वर्ष में होली का त्योहार मनाया जा रहा था उसी बीच उज्जैन के महाकाल मंदिर से आने वाली खबर बहुत ही दुखद व हैरान कर देने वाली है। सूचना के अनुसार गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान आग लग गई। इस हादसे में पुजारी समेत 14 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर की यह घटना रविवार 24 मार्च होली की रात की है। बताया जा रहा है कि यह हादसा उस समय हुआ जब आरती के दौरान थाली में जल रहे कपूर के ऊपर गुलाल गिर गया। आखिर होली के पावन पर्व पर यह दुर्घटना कैसे घटित हो गई?
Mahakaleshwar Temple Ujjain News | हादसे की क्या थी वजह?
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में होली के दिन भीषण आग लग गई जिसमे मुख्य पुजारी समेत 14 लोग बुरी तरह झुलस गए। बता दे कि सोमवार की सुबह भस्म आरती के दौरान थाली में कपूर जलाया जा रहा था और साथ ही वहीं पर उपस्थित लोग रंग गुलाल से होली खेल रहे थे। उसी दौरान वह गुलाल कपूर की थाली में गिरने से आग धधक उठी। जब तक लोग सुरक्षित बाहर निकल पाते तब तक 14 लोग बुरी तरह आग में झुलस चुके थे। जिनमें पुजारी और सेवक शामिल थे।
Mahakaleshwar Temple Ujjain News | हालांकि समय रहते आग पर काबू पाया गया। ग़नीमत की बात यह रही कि अभी तक किसी की भी जान हानी की खबर सामने नहीं आई है। घायल लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जिस में से 3 को छुट्टी दे दी गई है। वहीं 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार इन 6 लोगों को इलाज के लिए इंदौर रेफर किया गया है। आपको बता दें कि हादसे के दौरान मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव तथा पुत्री आकांक्षा भी मंदिर परिसर के नंदी हॉल में मौजूद थे।
प्रधानमंत्री जी ने घायलों को जल्द ठीक होने का दिया आश्वासन
रविवार के दिन होलिका दहन से पहले भस्म आरती के दौरान ही महाकालेश्वर मंदिर में आग लगने की घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी जी ने तुरंत मध्य प्रदेश के तत्काल मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव से फोन पर बातचीत कर हालातों का जायजा लिया तथा मंदिर में लगी आग के कारणों की समीक्षा की और मुख्यमंत्री को घटना के दौरान घायल हुए सभी लोगों के उचित इलाज के निर्देश दिए, साथ ही उनके जल्द से जल्द ठीक होने की कामना की तथा ऐसी घटना दोबारा न हो ऐसा इंतजाम करने को कहा।
■ Also Read: Odisha Day [Hindi]: उत्कल दिवस पर जानिए क्या है उड़ीसा राज्य की सबसे बड़ी खासियत?
Mahakaleshwar Temple Ujjain News | मुख्यमंत्री जी ने घायलों से मुलाकात कर 1-1 लाख रुपए देने का किया एलान
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी ने उज्जैन में घायलों से मुलाकात की जिसके बाद सभी को 1–1 लाख रुपए देने का एलान किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति जी तथा प्रधानमंत्री जी ने भी घटना की जानकारी ली है। वहीं जिला कलेक्टर नीरज सिंह द्वारा मामले को लेकर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। तथा तीन दिनों में इसकी रिपोर्ट बनाने को कहा है जिसके लिए एक कमेटी को भी गठित किया गया है।
शास्त्र अनुकूल साधना ही आकस्मिक घटनाओं से बचने का एकमात्र उपाय
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उनको ना तो कोई सुख होता है न कोई सिद्धि प्राप्त होती है तथा ना ही उनकी गति अर्थात मोक्ष होता है। गीता अध्याय 4 श्लोक 34 के अनुसार तत्वदर्शी संत से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले साधक के हर प्रकार के सुख, कार्य सिद्ध होते हैं तथा मृत्यु के पश्चात पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है। भगवान का स्वरूप कण–कण में है।
मनुष्य जिन देवी-देवताओं की खोज में मंदिरों और तीर्थ धामों में दौड़ता फिरता है वे उसके भीतर बने कमलों में नियत स्थान पर विराजमान हैं। इसका पूरा विवरण शास्त्रों में है। जिसकी जानकारी सन्त रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों के माध्यम से देते हैं। पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की शास्त्र प्रमाणित भक्ति करने वालों का अकाज नहीं होता। इसी विषय में परम आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज जी भी बताते है,
समरथ का शरणा गाहो रंग होरी हो, कदे न हो अकाज राम रंग होरी हो।
वेद बताते है पूर्ण परमात्मा की समर्थता
पूर्ण परमात्मा सत्य भक्ति करने वाले साधक के घोर पाप को भी नष्ट कर देता है। जबकि हमें आज तक यही बताया गया था कि पाप कर्म से होने वाले दुःख को तो भोगना ही पड़ता है। जबकि यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 में स्पष्ट लिखा है कि परमेश्वर कबीर जी (कविर्देव) घोर से घोर पाप को भी समाप्त कर देता है। जिस से साधक को आने वाले पाप कर्मों का कष्ट नहीं भोगना पड़ता। ऋग्वेद मंडल 10 सुक्त 161 मंत्र 2 में प्रमाण है कि यदि पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने वाले साधक का जीवन समाप्त हो चुका हो या वह मृत्यु के निकट पहुंच चुका हो तो उसे भी परमात्मा 100 वर्ष की उम्र प्रदान कर सकते है।
रंगों की होली से नहीं, राम नाम की होली से होगा उद्धार
होली का त्योहार मनाने के लिए सनातन धर्म के एक भी ग्रंथ में प्रमाण नहीं मिलता। यही वजह है कि भक्ति करने वाले भक्त को वो लाभ नहीं मिल रहे जो मीरा बाई को मिला। ध्रुव–प्रहलाद को मिला, नानक जी को मिला। वर्तमान समय में पूरे विश्व भर में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य ही असली राम नाम की होली खेलते है। यही बात संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संग प्रवचनो मे बताते है कि राम नाम की होली खेलने से अर्थात पूर्ण संत की शरण प्राप्त कर शास्त्र अनुकूल साधना करने से हमारा जीवन सफल होगा। साथ ही हम मोक्ष के भी अधिकारी होंगे। वर्तमान समय में पूरे विश्वभार में केवल संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र पूर्ण संत है जिनसे दीक्षा लेकर जीवन मे आने वाली समस्याओ से हमेशा के लिए दूर हुआ जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें पुस्तक “हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता,वेद पुराण। पुस्तक की PDF Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करें।