October 9, 2024

Magh Bihu 2024 (Hindi): ‘बिहू’ पर्व पर जानें कौन है सबको अन्न, फल, अनाज और वस्त्र देने वाला परमेश्वर?

Published on

spot_img

Last Updated 15 January 2024 IST | Magh Bihu 2024: माघ बिहू असम का प्रसिद्ध त्योहार है। माघ बिहू 16 जनवरी 2024 को है। हिन्दु ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के मकर राशि में आने पर अर्थात उत्तरायण होने पर असम के लोग फसलों की अच्छी पैदावार के लिए भगवान का आभार व्यक्त करते हैं और इसे नये साल की शुरुआत मानते हैं। इस अवसर पर पाठकगण जानेंगे पूर्ण परमात्मा जो सबका भरण पोषण करने में समर्थ हैं।    

Magh Bihu 2024 (माघ बिहू) से संबधित जानकारी

  • माघ बिहू 16 जनवरी, 2024 को है।
  • माघ बिहू असम का प्रसिद्ध त्योहार है। यह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर अर्थात उत्तरायण होने पर मनाते हैं।
  • एक वर्ष में यह तीन बार मनाया जाता है।
  • तीन प्रकार के बिहू पर्व हैं, नृत्य उत्सव बोहाग बिहू, कोंगाली बिहू और भोगली बिहू।
  • इस लेख में पाठकगण जानेंगे पूर्ण ब्रह्म परमात्मा कबीर जी के बारे में।

क्या है असम में मनाया जाने वाला पर्व माघ बिहू? (Magh Bihu 2024)?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के उत्तरायण होने पर माघ बिहू मनाया जाता है। उत्तर पूर्वी राज्य असम में फसल पकने और तैयार होने की खुशी में माघ बिहू (Happy Magh Bihu 2024) या भूगाली बिहू मनाया जाता है। माघ बिहू की शुरुआत लोहड़ी के दिन होती है, इसे उरुका भी कहते हैं। माघ बिहू के दिन किसान परिवार परमात्मा का पूजन कर अपनी मेहनत से उगाई पहली फसल सबसे पहले उन्हें ही अर्पित करते हैं। 

असम के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है माघ बिहू (Magh Bihu 2024)

माघ बिहू असम के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। असम के लोग इस त्योहार के साथ नये साल की शुरुआत मानते हैं। पोंगल (Pongal) की तरह बिहू भी किसानों का त्योहार है। इस दिन लोग पकी फसल को ईश्वर को भेंट करते हैं। 

बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है

  1. बोहाग (बैसाख, अप्रैल के मध्य)
  2. काटी (कार्तिक, अक्टूबर के मध्य)
  3. माघ (जनवरी के मध्य में)

बिहु प्राचीन काल से असम में मनाया जा रहा है। प्रत्येक बिहु खेती से जुड़े कैलेंडर में एक विशिष्ट चरण के साथ मेल खाता है।

Magh Bihu 2024 Date: जनवरी 2024 में माघ बिहू किस दिन मनाया जाएगा?

बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है। माघ बिहू (Magh Bihu 2024) 16 जनवरी 2024 से शुरू हो रहा है।

माघ बिहू के त्योहार का क्या महत्व है? (Significance of Magh Bihu)

बिहू का त्योहार किसानों का विशेष त्योहार है। यह असम में फसल पकने की खुशी में मनाया जाता है। यहाँ के लोगों का मानना है कि वह पकी फसल का कुछ अंश जब अग्नि देवता को भेंट करते हैं तो उनके भंडार अनाज से भरे रहते हैं और पूरे साल बरक़त रहती है। किसान ईश्वर को अच्छी फसल के लिए धन्यवाद करते हैं और फसलों की कटाई करते हैं। लेकिन वास्तव में यह मनमाना आचरण है। हमें पूर्ण परमात्मा के अलावा अन्य किसी देवी देवता की पूजा नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस पृथ्वी पर उपस्थित सभी का भरण पोषण केवल और केवल पूर्ण ब्रह्म परमात्मा कबीर परमेश्वर ही करते हैं। 

भगवान ने छः दिन में सृष्टि की रचना  की और मनुष्य को शाकाहारी भोजन खाने के आदेश दिये हैं – पवित्र बाइबल

प्रमाण के लिए देखें पवित्र बाइबल – उत्पत्ति 

  • 1:29 – फिर परमेश्वर ने उन से कहा, सुनो, जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं, वे सब मैं ने तुम को दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं। 
  • 1:30 – और जितने पृथ्वी के पशु, और आकाश के पक्षी, और पृथ्वी पर रेंगने वाले जन्तु हैं, जिन में जीवन के प्राण हैं, उन सब के खाने के लिये मैं ने सब हरे हरे छोटे पेड़ दिए हैं; और वैसा ही हो गया। ( यहां बाइबल से प्रमाण इसलिए भी दिया गया है क्योंकि सभी धर्मों के धार्मिक ग्रंथ एक ही पूर्ण परमात्मा का संदेश मानव तक पहुंचाने का कार्य करते हैं।)

परमेश्वर सबका धारण पोषण करता है

गीताजी अध्याय 15 श्लोक 17

“उत्तमः, पुरुषः, तु, अन्यः, परमात्मा, इति, उदाहृतः,

यः, लोकत्रायम् आविश्य, बिभर्ति, अव्ययः, ईश्वरः ।।

अनुवाद: (उत्तमः) उत्तम (पुरुषः) भगवान (तु) तो उपरोक्त दोनों प्रभुओं क्षर पुरूष तथा अक्षर पुरुष से (अन्यः) अन्य ही है (यः) जो (लोकत्रायम्) तीनों लोकों में (आविश्य) प्रवेश करके (बिभर्ति) सबका धारण पोषण करता है एवं (अव्ययः) अविनाशी (ईश्वरः) परमेश्वर (परमात्मा) परमात्मा (इति) इस प्रकार (उदाहृतः) कहा गया है। यह प्रमाण गीता अध्याय 13 श्लोक 22 में भी है।

भावार्थ: पूर्ण परमात्मा, दो पूर्वोक्त देवताओं, क्षर पुरुष और अक्षर पुरुष के अलावा कोई और है, जो तीनों लोकों में प्रवेश करके, सभी का भरण-पोषण करता है। उसे शाश्‍वत पूर्ण परमात्मा (अविनाशी सर्वोच्च भगवान) कहा जाता है।”

यह भी पढ़ें: Baba Vanga And Nostradamus Predictions: भविष्यवाणियां जो हो सकती हैं सच!

हिंदू धर्म की श्रद्धालु आत्माएं विभिन्न प्रकार की मान्यताओं और धार्मिक परंपराओं का पालन करती हैं। अलग-अलग शास्त्र, गुरु, पंडित और संत अलग-अलग भगवान की महिमा गाते हैं। अब तक कोई भी हमें इस बारे में कोई निर्णायक ज्ञान नहीं दे सका है कि हिंदू धर्म का पूर्ण परमात्मा कौन है, जिसकी पूजा करने से हम सभी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जबकि हमारे सदग्रंथों में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा सर्व कष्टों को दूर सकता है और वही सबको खाने के लिए भरपेट भोजन , पहनने के लिए वस्त्र और रहने के लिए घर देता है।

चिड़ी चोंच भर ले गई, नदी न घट्यो नीर।

दान दिए धन घटै नहीं, यों कह रहे साहिब कबीर।।

अर्थात: जैसे चिड़िया का नदी में से पानी पी जाने से जल नहीं घटता, ठीक इसी प्रकार दान,धर्म करने से धन नहीं घटता। सदग्रंथों में लिखा है कि पूर्ण परमात्मा अपने भक्तों के सर्व कष्ट दूर करके हमेशा के लिए उन्हें खुशी प्रदान कर सकता है। कबीर साहेब ही भगवान हैं इसका प्रमाण पवित्र बाइबल, पवित्र कुरान शरीफ, पवित्र गीताजी, पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब में भी है। सतभक्ति करने वाले साधकों को परमात्मा सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं जो जीवन जीने के लिए ज़रूरी हैं प्रदान करते हैं।

पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब को कैसे प्राप्त कर सकते हैं?

पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी हैं। पवित्र शास्त्रों के अनुसार पूर्ण परमात्मा, को पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करने से प्राप्त किया जा सकता है। वो पूर्ण संत कोई और नहीं बल्कि सतगुरु रामपाल जी महाराज जी स्वयं ही हैं। संत रामपाल जी के पूर्ण संत होने का प्रमाण केवल हमारे सदग्रंथो में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के भविष्यवक्ताओं की पुस्तकों में भी लिखित है।

उस महान शायरन संत के बारे में नास्त्रेदमस, अमेरिका के श्री एण्डरसन, इंग्लैण्ड के ज्योतिषी ‘कीरो’, अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता ‘‘जीन डिक्सन’’ आदि ने भी लिखा है कि वह संत पूरे विश्व में अपने ज्ञान से तहलका मचा देगा। उस संत के बारे में लिखा है कि उसके ज्ञान और बताई भक्ति से विश्व में  हरियाली, परिवर्तन, चीर स्थायी सुख शांति और राम राज्य स्थापित होगा। उसका बताया ज्ञान पूरे विश्व में फैलेगा। वह कोई और नहीं बल्कि संत रामपाल जी महाराज जी हैं। 

‘बिहू’ पर्व पर हम अपने पाठकों से प्रार्थना करते हैं कि वे पूर्ण परमेश्वर को पहचानने के लिए अपने मोबाईल फोन पर संत रामपाल जी महाराज एप्प आज ही डाउनलोड करें और सुनें सर्व पवित्र धर्मों के – पवित्र शास्त्रों पर आधारित जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन।

1.माघ बिहू कब है?

अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस साल 16 जनवरी, 2024 को यह पर्व मनाया जाएगा।

2.माघ बिहू क्यों मनाया जाता है?

कृषि चक्र के पूरा होने की निशानी के तौर पर माघ बिहू मनाया जाता है।

3.माघ बिहू कैसे मनाया जाता है?

बिहू मुख्य रूप से असम में मनाया जाने वाला त्योहार है। इसे मनाकर किसान नई फसल के लिए भगवान का धन्यवाद अदा करते हैं। पारंपरिक असमिया भोजन और मिठाई तैयार करते हैं। 

4.बिहू का अर्थ क्या होता है?

बिहू संस्कृत के शब्द बिशु से निकला है जिसका अर्थ होता है भगवान से आशीर्वाद और समृद्धि मिलना। बिहू शब्द दिमासा लोगों की भाषा से भी लिया गया है। ‘बि’ मतलब ‘पूछना’ और ‘शु’ मतलब पृथ्वी में ‘शांति और समृद्धि’ है। यह बिशु ही बिहू कहलाता है।

5.भोगली बिहू का दूसरा नाम क्या है?

इसे ‘रोंगाली बिहू’ या हतबिहू भी कहते हैं।

Latest articles

World Mental Health Day 2024: Know The Most Effective Way To Stay Mentally Fit

World Mental Health Day: World Mental Health Day is an opportunity for the world to come together and redress the historical neglect of mental health. Serious commitments to scale up investment in mental health right now amid COVID-19 will save the community from severe consequences. The readers would know that a line of communication with the Supreme God eradicates sorrows. Reunite with The Supreme Kabir Saheb by taking Naam Diksha (initiation) from His Enlightened Saint Rampal Ji Maharaj.

Bihar Badh Rahat Sahayata Yojana | बाढ़ से त्रस्त बिहार में संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों का राहत कार्य

Bihar Badh Rahat Sahayata Yojana: बिहार के उत्तरी क्षेत्रों और नेपाल में लगातार हो...

Explore the World’s 3rd largest Air Force on Indian Air Force Day 2024

Last Updated on 7 October 2024 IST | Indian Air Force Day 2024: Indian Air...
spot_img

More like this

World Mental Health Day 2024: Know The Most Effective Way To Stay Mentally Fit

World Mental Health Day: World Mental Health Day is an opportunity for the world to come together and redress the historical neglect of mental health. Serious commitments to scale up investment in mental health right now amid COVID-19 will save the community from severe consequences. The readers would know that a line of communication with the Supreme God eradicates sorrows. Reunite with The Supreme Kabir Saheb by taking Naam Diksha (initiation) from His Enlightened Saint Rampal Ji Maharaj.

Bihar Badh Rahat Sahayata Yojana | बाढ़ से त्रस्त बिहार में संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों का राहत कार्य

Bihar Badh Rahat Sahayata Yojana: बिहार के उत्तरी क्षेत्रों और नेपाल में लगातार हो...