Ludhiana News (Hindi): देश हो या विदेश, जेल हो या कोई धार्मिक स्थल, विश्व के सबसे बड़े समाज सुधारक और जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा सर्व धर्मग्रंथों के आधार पर लिखित पवित्र पुस्तकों जीने की राह, ज्ञान गंगा आदि का वितरण, उनके अनुयायियों द्वारा घर-घर, गली, मोहल्ले, जेल आदि जगहों में जाकर किया जा रहा है। जिसका नजारा बीते बुधवार को पंजाब के चाइल्ड ऑब्जरवेशन जेल लुधियाना में भी देखने को मिला।
बच्चों के जेल में जीने की राह का वितरण
बीते बुधवार 30 अगस्त को रक्षाबंधन के मौके पर संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा पंजाब के लुधियाना जिले में स्थित “चाइल्ड ऑब्जरवेशन जेल” यानि बच्चों के जेल में संत रामपाल जी द्वारा लिखित विश्व प्रसिद्ध पुस्तक जीने की राह क वितरण किया गया। जिसमें सबसे बड़े समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज द्वारा बच्चों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों आदि सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए एक ऐसा अनमोल ज्ञान दिया गया है, जिससे मानव परमेश्वर के विधान को जानकर सर्व बुराइयों व अपराधों को त्यागकर एक भक्त का जीवन जीता है और वह सुखी हो जाता है।
अपराधों से मुक्ति पाने का दिया गया बच्चों को संदेश
श्री वीएस टिवाना (जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी लुधियाना) व अजय बत्ता (चाइल्ड ऑब्जरवेशन जेल लुधियाना) की अगुवाई में नीना सिद्धू जिला अटार्नी के सहयोग से संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने चाइल्ड ऑब्जरवेशन जेल लुधियाना में बंद 200 कैदी बच्चों को संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “जीने की राह” मुहैया करवाई गई और बच्चों को बाकी बची जिंदगी के बारे में सही जीने की राह बताकर जीवन व्यतीत करने का हौसला भी बढ़ाया गया। जिससे बच्चे आपराधिक प्रवृत्ति को त्यागकर का एक सभ्य जीवन यापन करें।
संत रामपाल जी द्वारा लिखित पुस्तक “जीने की राह” का महत्व
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के शिष्य और पंजाब राज्य के कोऑर्डिनेटर ने कैदी बच्चों को बताया कि “जीने की राह” पुस्तक को यदि ध्यान और लगन से पढ़ा जाए तो इससे हमारे विचारों में अविश्वसनीय परिवर्तन होते हैं, जैसे बुराइयों से घृणा होने लगती है, नशा करने का मन नहीं करता, नई सामाजिक व आध्यात्मिक चेतना हमारे मन में भरने लगती है। जिंदगी को जीने की सही राह प्राप्त होती है, इससे एक नई ऊर्जा मिलती है। वहीं उन्होंने बताया कि इस पुस्तक को यदि आप पहले पढ़ें होते तो आप अपराधों से दूर रहते और इस जेल में आने की नौब्बत नहीं आती। क्योंकि इस पुस्तक में बताया गया है :
तुमने उस दरगाह का मैल नहीं देखा,
धर्मराज के तिल तिल का लेखा।।
अर्थात आज हम कोई बुराई करते हैं, किसी के बारे में गलत सोचते हैं या कोई अपराध करते हैं, वे सभी कर्म परमात्मा के नजरों में है, जिसका फल भी परमात्मा आपके कर्मों के आधार पर देता है, इसलिए हमें परमात्मा से डरकर बुराइयों, अपराधों से बचकर परमात्मा की सतभक्ति करते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। जिससे परमात्मा हमसे खुश होता है और परमात्मा हमें सुख प्रदान करता है।
साथ ही, राज्य सेवादार ने बताया कि जीने की राह पुस्तक जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित है वे वर्तमान में पूर्ण संत हैं, जिनके शब्दों में परमात्मा द्वारा प्रदान की गई शब्द शक्ति है। उसी का प्रभाव है कि आज जीने की राह पढ़कर लाखों, करोड़ो लोगों के जीवन की कायाकल्प हो गई है। बच्चे, बुजुर्ग सर्व अपराधों को त्याग स्वच्छ व सुखी जीवन जी रहे हैं। वहीं इस दौरान संत रामपाल जी महाराज के अन्य शिष्य भी चाइल्ड ऑब्जरवेशन जेल मौजूद रहे।
समाज सुधार के लिए अनोखी पुस्तक “जीने की राह”
आपको बता दें, संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “जीने की राह” विश्व प्रसिद्ध पुस्तक है। जिसमें संत रामपाल जी ने हम सभी को परमात्मा के संविधान से अवगत कराया है कि पवित्र धर्मग्रंथ परमात्मा का बनाया संविधान है। जो व्यक्ति संविधान का उल्लंघन करता है, वह दंडित होता है। इसलिए नशा, चोरी, ठगी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, हत्या, हिंसा आदि सर्व बुराइयों को मानव को नहीं करना चाहिए। अन्यथा वह परमात्मा का अपराधी होगा, फिर उसे परमात्मा दंडित करेगा। इस तरह के अनोखे तत्वज्ञान को इस पुस्तक में पढ़ने से लोग सर्व बुराई त्याग देते हैं। जिससे नशा मुक्त, दहेज मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त, बुराई मुक्त समाज तैयार हो रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण संत रामपाल जी महाराज के करोड़ों अनुयायी हैं जो संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान को जानने के बाद सर्व बुराइयों को त्याग चुके हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान को जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App गूगल प्ले स्टोर से डाऊनलोड करें और ईबुक पेज पर जाकर जीने की राह पुस्तक पढ़ें और आप भी बुराइयों से मुक्ति पायें।