April 26, 2025

समाज सुधारक संत “संत रामपाल जी महाराज जी” का मध्यप्रदेश की जेल में सत्संग: कैदियों ने लिया बुराई छोड़ने का संकल्प

Published on

spot_img

समाज सुधारक संत “संत रामपाल जी महाराज जी” का मध्यप्रदेश की जेल में सत्संग: कैदियों ने लिया बुराई छोड़ने का संकल्प  किसी के जेल में होने का ये मतलब बिलकुल नही है कि उसने अपराध किया हो। कई बार उचित न्याय ना मिलने के कारण भी व्यक्ति जेल में पहुंच जाता है। इसके अलावा जेल में मौजूद अपराधी भी अगर सुधरकर अच्छा नागरिक बनना चाहे तो फिर ये भी एक अच्छी बात है। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के सत्संग से लाखो आमजन तो अपना जीवन अच्छा तो बना ही रहे है साथ ही साथ जेल में मौजूद कैदियों को भी एक नई उम्मीद की किरण दे रहा है संत रामपाल जी महाराज का आध्यात्मिक ज्ञान। मानव जीवन अमूल्य, सच्चे सद्गुरु से उपदेश लेकर भक्ति करने से ही मोक्ष संभव है: संत रामपाल जी

अद्भुत समाज सुधारक संत हैं सतगुरु रामपाल जी

सतगुरु रामपाल जी महाराज के उपदेशों के अनुसार मनमानी परंपराऐं, मान-बड़ाई, लोक दिखावा भक्ति मार्ग में बाधक हैं। सामाजिक अव्यवस्थाएं जैसे वधू को बलि-वेदी पर चढ़ा देने वाली दहेज-प्रथा, विवाह में फिजूलखर्ची, बेशर्मी से नाचना, नारी के प्रति असमानता और उपेक्षा पूर्ण भाव, मनोकामना पूर्ति के लिए जादू, टोना, मन्त्र-तंत्र-यन्त्र, बलि जैसे अंधविश्वास, बाल-विवाह प्रथा, वर्णव्यवस्था, मृत्यु भोज, जन्मोत्सव, आदि अवांछित हैं। नशा, मदिरा शराब, नशीली दवाइयां समाज की बर्बादी का कारण बन रहे हैं। इनके साथ समाज को बांटने वाले जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, आदि कुरीतियों को जड़ से समाप्त करना आवश्यक है। संत रामपाल जी की प्रेरणा से उनके भक्त सभी कुरीतियों से पूरी तरह से अलग हैं और इन्हें समूल समाप्त करने के लिए तत्पर हैं।

ऐसे तत्वदर्शी संत के सत्संग सुनने का सौभाग्य मिला जेल में कैदी भाईयों को    

जिला देवास के तहसील बागली में स्थित सब जेल में संत रामपाल महाराज जी के सानिध्य में एलसीडी के माध्यम से सत्संग का आयोजन हुआ। जिसमें तमाम कैदी भाइयों सहित जेल प्रबधक रोहित दास पिकले एवं जेल स्टाफ ने सत्संग का श्रवण किया। सत्संग में संत जी ने मांसाहार, नशा, चोरी, जारी भ्रष्टाचार, एवं सभी अनैतिक कार्यों से बचने एवं उनसे छुटकारा पाने की विधि बताई। साथ ही पवित्र वेद, श्रीमद्भागवत गीता, सहित तमाम सदग्रंथों में परमेश्वर की भक्ति का अत्यंत सरल व सुलभ मार्ग प्रमाण सहित बताया गया।

भक्ति मार्ग पर यात्रा ही बचा सकती है कुमार्ग से

संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संग में बताते है कि सत्संग सुनकर जो बुराई त्याग देते हैं तो वे जीव पिछले जन्म में भी मनुष्य थे। उनके अंदर बुराईयों के प्रति गहरी लत नहीं बनती। जो बुराईयों को नहीं त्याग पाते, वे अधिक से अधिक सत्संग सुनें। निराश न हों, सच्चे मन से परमात्मा कबीर जी से बुराईयों को छुड़वाने की पुकार प्रार्थना करने से सब प्रकार की बुराईयां छूट जाती है। जब तक आध्यात्मिक ज्ञान नहीं, तब तक तो जीव माया के नशे में अपना उद्देश्य भूल जाता है। पूर्ण परमेश्वर कबीर जी ने कहा है कि –

कबीर, यह माया अटपटी, सब घट आन अड़ी।

किस-किस को समझाऊँ, या कूएै भांग पड़ी।।

अध्यात्म ज्ञान रूपी औषधि सेवन करने से जीव का हर प्रकार का नशा उतर जाता है। फिर वह भक्ति के सफर पर चलता है क्योंकि उसे परमात्मा के पास पहुँचना है जो उसका अपना पिता है तथा वह सतलोक जीव का अपना घर है।

यह भी पढ़ें: जेल में कैदियों को मिली अनोखी प्रेरणा – सतभक्ति से ही कल्याण संभव

सतगुरु रामपाल जी महाराज के सत्संग से बदलेंगे कैदियों के भाग्य  

गौरतलब है कि संत रामपाल महाराज जी के सत्संग से शिक्षा लेकर आज पूरी दुनिया में उनके करोड़ों शिष्य हैं जो तमाम विकारों से मुक्त होकर सफल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज का मिशन पूरे विश्व में शांति स्थापित करना, समाज से जात पात के भेद भाव को मिटाना एवं स्वच्छ समाज का निर्माण करना है। सत्संग सुनने से मन में व्याप्त भय समाप्त होता है और कितना भी बड़ा पापी क्यों नहीं हो वह भी अच्छा इंसान बनकर भक्ति करके पूर्ण मोक्ष को प्राप्त करता है।

कबीर, जब ही सत्यनाम हृदय धर्यो, भयो पाप को नाश।

मानो चिंगारी अग्नि की, पड़ी पुराणे घास।।

संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तकें कैदी भाइयों को भेंट की गई

संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “जीने की राह” व “आध्यात्मिक ज्ञान का गोला” कैदी भाइयों को भेंट की गई। सत्संग में उपस्थित जिला सेवादार प्रीतम दास, नारायण दास व उनके सहयोगी धर्मेंद्र दास, भारत दास ने यह जानकारी दी।

Latest articles

परमेश्वर कबीर जी द्वारा अजामिल (अजामेल) और मैनका का उद्धार

अजामेल (अजामिल) की कथा: काशी शहर में एक अजामेल (अजामिल) नामक व्यक्ति रहता था। वह ब्राह्मण कुल में जन्म था फिर भी शराब पीता था। वैश्या के पास जाता था। वैश्या का नाम मैनका था, वह बहुत सुंदर थी। परिवार तथा समाज के समझाने पर भी अजामेल नहीं माना तो उन दोनों को नगर से निकाल दिया गया। वे उसी शहर से एक मील (1.7 किमी.) दूर वन में कुटिया बनाकर रहने लगे। दोनों ने विवाह कर लिया। अजामेल स्वयं शराब तैयार करता था। जंगल से जानवर मारकर लाता और मौज-मस्ती करता था। गरीब दास जी महाराजजी हमे बताते है कि

Top 20 Spiritual & Religious Leaders of India and World

Last Updated on 25 April 2025 IST: Top 20 Spiritual & Religious Leaders of...
spot_img

More like this

परमेश्वर कबीर जी द्वारा अजामिल (अजामेल) और मैनका का उद्धार

अजामेल (अजामिल) की कथा: काशी शहर में एक अजामेल (अजामिल) नामक व्यक्ति रहता था। वह ब्राह्मण कुल में जन्म था फिर भी शराब पीता था। वैश्या के पास जाता था। वैश्या का नाम मैनका था, वह बहुत सुंदर थी। परिवार तथा समाज के समझाने पर भी अजामेल नहीं माना तो उन दोनों को नगर से निकाल दिया गया। वे उसी शहर से एक मील (1.7 किमी.) दूर वन में कुटिया बनाकर रहने लगे। दोनों ने विवाह कर लिया। अजामेल स्वयं शराब तैयार करता था। जंगल से जानवर मारकर लाता और मौज-मस्ती करता था। गरीब दास जी महाराजजी हमे बताते है कि

Top 20 Spiritual & Religious Leaders of India and World

Last Updated on 25 April 2025 IST: Top 20 Spiritual & Religious Leaders of...