March 5, 2025

Kottayam Pradeep Passed Away [Death]: नहीं रहे मलयालम कामेडी एक्टर कोट्टायम प्रदीप

Published on

spot_img

Kottayam Pradeep Passed Away (Death News): 61 वर्षीय मलयालम अभिनेता कोट्टायम प्रदीप का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। प्रदीप को अचानक छाती में दर्द उठा। गुरुवार तड़के सीने में दर्द होने पर एक्टर को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उस वक्त एक्टर केरल के कोट्टायम में थे, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली।  

Kottayam Pradeep Passed Away (Death News): मुख्य बिंदु

  • अभिनेता के असामयिक निधन के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अभिनेता मोहनलाल, ममूटी और पृथ्वीराज सुकुमारन ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया।
  • प्रदीप ने अपने करियर की शुरुआत साल 2001 में की थी। उस वक्त एक्टर फिल्मों में कॉमेडी रोल्स निभाते थे।
  • उन्होंने 70 फिल्मों में काम किया।
  • मोलीवुड फिल्म के अलावा, प्रदीप नयनतारा की राजा रानी और उदयनिधि स्टालिन की नानबेंडा जैसी कुछ लोकप्रिय तमिल फिल्में भी कीं। 
  • प्रदीप ने 2nd एशियानेट कॉमेडी अवार्ड्स 2016 में विभिन्न भूमिकाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार भी जीता था।
  • संत रामपाल जी महाराज जी के आध्यात्मिक ज्ञान को समझो और जन्म मृत्यु से पीछा छुड़वाओ।

Kottayam Pradeep Death News: कौन हैं प्रदीप कोट्टयम? 

प्रदीप कोट्टायम का जन्म 1961 में कोट्टायम, केरल, भारत में हुआ था। इनकी मृत्यु 61 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक के कारण 17 फरवरी 2022 केरल में हुई। ये एक लोकप्रिय मलयालम हास्य अभिनेता थे। प्रदीप के परिवार में पत्नी माया तथा एक बेटा व बेटी हैं। प्रदीप ने मलयालम इंडस्ट्री में अपने काम से अलग छाप छोड़ी थी। 

Kottayam Pradeep Passed Away (Death News): कैसा था प्रदीप कोट्टायम का फिल्मी करियर ?

प्रदीप कोट्टायम ने अपने करियर की शुरुआत 2001 में की थी। शुरुआत में एक जूनियर कलाकार के रूप में काम किया और नॉन-स्पीकिंग और अनक्रेडिटेड भूमिकाओं में दिखाई दिए। उनकी पहली फिल्म ई नाडु एनाले वेरे थी जिसे IV ससी द्वारा निर्देशित किया गया था। उन्हें गौतम वासुदेव मेनन की फिल्म विन्नैथांडी वरुवाया से सफलता मिली। 

मौत सच्चाई है परंतु यहां सब अपनी बारी आने तक आंखें मूंदे रहते हैं

जो दूसरों की मौत को देख हतप्रभ होते हैं वह अपनी मौत के बारे में सोचते भी नहीं। सोचते हैं कि अभी हमारी बारी दूर है। जब तक मौत दूर है ज़िंदगी को खुलकर जिओ। इसी संबंध में सिख धर्म के प्रवर्तक श्री गुरु नानक देव जी ने कबीर परमेश्वर से प्राप्त ज्ञान के आधार से कहा है कि,

“ना जाना काल की कर डाले, किस विध ढ़ल जावे पासा वे।

जिन्हां तै सर ते मौत खुड़कदी उन्हानूं केड़ा हांसावे ।।”

अर्थात इस दुनिया में किस बात की खुशी मनाएं क्योंकि यहां एक पल का भरोसा नहीं। यहां तो किसी भी पल किसी की भी मौत आ सकती है इसलिए सतभक्ति करते रहो यही ठीक है बस।

■ Also Read: Bappi Lahiri Passed Away Due To Obstructive Sleep Apnea Disease

“कबीर परमेश्वर जी” हमें समझाते हुए बताते हैं,

साथी हमारे चले गए, हम भी चालन हार।

कोई कागज में बाकी रह रही है, तांते लागी है वार ।।

हमारे साथ के न जाने कितने लोग चले गए और एक दिन हमें भी जाना है थोड़ी बहुत सांसें बची हैं इसलिए अभी थोड़ी देर हो रही है। फिल्मी जगत के लोग हों या अन्य, सभी को कबीर परमेश्वर जी ने अपने अपनी कविताओं और दोहों के माध्यम से चेताया है।

नाम सुमरले सुकर्म करले, कौन जाने कल की खबर नहीं एक पल की ।।

हे भोले मानव! तू तो उस पूर्ण परमेश्वर के नाम का सुमिरन कर क्योंकि यहां तो एक पल का भी भरोसा नहीं न जाने कब, कहां, किसकी, मृत्यु कभी भी आ सकती है।

माया यहीं तक सीमित है आगे काम नहीं आएगी

कोड़ि-कोड़ि माया जोड़ी बात करे छल की,

पाप पुण्य की बांधी पोटरिया, कैसे होवे हल्की।।

मात-पिता परिवार भाई बन्धु, त्राीरिया मतलब की,

चलती बरियाँ कोई ना साथी, या माटी जंगल की।।

कबीर परमेश्वर जी कहते हैं, थोड़ा-थोड़ा करके हमने माया जोड़ ली यह माया यहीं पर रह जाएगी और इस संसार में सभी मतलब के हैं माता पिता, भाई, बंधु कोई काम नहीं आएगा इसलिए हमें परमेश्वर की भक्ति करनी चाहिए।

सतभक्ति किए बिना सुपर स्टार भी गधा बनता है

तारों बीच चंद्रमा ज्यों झलकै, तेरी महिमा झला झल्की,

बनै कुकरा, विष्टा खावै, अब बात करै बल की।।

कबीर साहिब जी कहते हैं कि आज हम स्टार सुपर स्टार बन गए अगर भक्ति नहीं की तो कल सूअर ,कुत्ता, गधा इत्यादि बनके गंदगी खानी पड़ेगी।

ये संसार रैन का सपना, ओस बूंद जल की,

सतनाम बिना सबै साधना, गारा दलदल की।।

कबीर साहेब जी ने कहा है कि यह संसार एक सपने के समान है और बिना सद्भक्ति के हम अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं।

अन्त समय जब चलै अकेला, आँसू नैन ढलकी,

कह कबीर गह शरण मेरी, हो रक्षा जल थल की।।

कबीर साहिब जी कहते हैं कि अगर तू मेरी शरण में आ जाए तो मैं तेरी रक्षा करूंगा और यही प्रमाण हमें वेद तथा कुरान में मिलता है कि पूर्ण परमेश्वर अपने भक्तों के सभी रोग खत्म कर देते हैं और अकाल मृत्यु नहीं होने देते और हर समय रक्षा करते हैं।

मौत को भूलने की गलती मत करना

मौत विसारी बावले, तूने अचरज किया कौन

तेरा तन माटी में मिल जाएगा, ज्यौं आटे में लून।

कबीर परमेश्वर जी समझाते हुए कहते हैं कि हे भोले इंसान! तू अपनी मौत को भूल गया, एक दिन तेरा यह शरीर मिट्टी में ऐसे मिल जाएगा जैसे कि आटे में नमक में मिल जाता है।

नर से फिर पशुवा कीजै, गधा, बैल बनाई।

छप्पन भोग कहाँ मन बौरे, कहीं कुरड़ी चरने जाई।।

मनुष्य जीवन में हम कितने अच्छे अर्थात् 56 प्रकार के भोजन खाते हैं। भक्ति न करने से या शास्त्रविरूद्ध साधना करने से गधा बनेगा, फिर ये छप्पन प्रकार के भोजन कहाँ प्राप्त होंगे, कहीं कुरड़ियों (रूड़ी) पर पेट भरने के लिए घास खाने जाएगा। इसी प्रकार बैल आदि-आदि पशुओं की योनियों में कष्ट पर कष्ट उठाएगा।

यदि आप जन्म मृत्यु के रोग, असमय मृत्यु के भय से मुक्ति चाहते हैं और सदा स्वस्थ जीवन जीने की अभिलाषा रखते हैं तो आप संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दी जा रही सतभक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान जानने हेतु उनके सत्संग Satlok Ashram YouTube channel पर अवश्य सुनें और उनसे शीघ्र नामदीक्षा लें।

Latest articles

International Women’s Day 2025 – Right, Equality & Empowerment – Embracing Real Wisdom For Real Change

Last Updated on 3 March 2025 IST | International Women’s Day 2025: It has...

World Wildlife Day 2025: Know How To Avoid Your Rebirth As An Animal

Last Updated on 1 March 2025 IST: World Wildlife Day 2025: Every year World...

Zero Discrimination Day 2025: Know About the Unique Place Where There is no Discrimination

Last Updated on 1 Feb 2025 IST: Zero Discrimination Day 2025 is going...
spot_img

More like this

International Women’s Day 2025 – Right, Equality & Empowerment – Embracing Real Wisdom For Real Change

Last Updated on 3 March 2025 IST | International Women’s Day 2025: It has...

World Wildlife Day 2025: Know How To Avoid Your Rebirth As An Animal

Last Updated on 1 March 2025 IST: World Wildlife Day 2025: Every year World...