625वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के उपलक्ष्य पर देश भर के विभिन्न आश्रमों में जिन कार्यक्रमों की तैयारी चल रही थी वे कार्यक्रम आज सम्पन्न हुए। लाखों की संख्या में सतलोक आश्रमों में 3 दिन तक लोगों की आवाजाही रही। जानिए विस्तार से पूरी जानकारी।
मुख्य बिंदु
● 3 दिन चले अखंड पाठ का हुआ समापन
● लगा रक्तदान एवं देहदान शिविर
● खुला भंडारा ग़ैब का
● सन्त रामपाल जी ने दिया सत्संग के माध्यम से मोक्ष का संदेश
कबीर साहेब का 625वां प्रकट दिवस
कबीर साहेब प्रकट दिवस यानी आज ही के दिन बन्दीछोड़ कबीर परमेश्वर इस पृथ्वी पर सतलोक से चलकर हल्के तेजपुंज का शरीर धारण करके अवतरित हुए थे। कबीर साहेब के मुंहबोले माता पिता नीरू एवं नीमा थे। ये वे ब्राह्मण दम्पत्ति थे जिन्हें जबरन मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कर दिया गया था। कबीर साहेब ने इस पृथ्वी पर एक साधारण जुलाहे की भूमिका की एवं अपनी प्यारी आत्माओं को तत्वज्ञान समझाया। आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने भी अपनी वाणियों में कबीर साहेब का परिचय इस प्रकार दिया है-
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बन्दीछोड़ कहाय ||
सो तौ एक कबीर हैं, जननी जन्या न माय ||
3 दिन गूंजा अखंड पाठ से वातावरण
625वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में आदरणीय सन्त गरीबदास जी महाराज के सतग्रन्थ साहेब (अमर ग्रंथ साहेब) की अमृतवाणी का अखंड पाठ 12 जून 2022 को प्रारम्भ हो गया था। यह पाठ सभी सतलोक आश्रमों सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली), सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा), सतलोक आश्रम रोहतक (हरियाणा), सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब), सतलोक आश्रम किठोदा (इंदौर), सतलोक आश्रम कुरूक्षेत्र (हरियाणा), सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश), सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान), सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब) में दिनाँक 14 जून 2022 को इसका समापन सन्त रामपाल जी महाराज की वाणी के साथ हुआ। सन्त रामपाल जी महाराज यूट्यूब चैनल एवं फेसबुक तथा साधना टीवी पर भोग की आरती का लाइव प्रसारण चलाया गया।
सत्संग से हुई शुद्धि मन की
625वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में विशेष सत्संग का आयोजन किया जाना था जो साधना टीवी पर लाइव दिखाया गया। सत्संग यूट्यूब एवं फेसबुक पर भी लाइव देखे जा सकते थे। इस उपलक्ष्य में 12 जून को भी विशेष सत्संग का आयोजन हुआ था जो भोग की विनती के तुरन्त बाद ही लाईव टेलीकास्ट हुआ था। 14 जून को समापन के साथ विशेष सत्संग का आयोजन हुआ जिसमें परमात्मा कबीर के सतलोक से चलकर इस पृथ्वी पर प्रकट होने की पूरी घटना को एनिमेशन के माध्यम से समझाया गया जिसके बाद सन्त रामपाल जी महाराज ने सत्संग सुनाया। सन्त रामपाल जी महाराज ने कबीर सागर से कबीर साहेब के प्रकट होने की पूरी वाणियां अपने सत्संग में बताईं।
धर्म भंडारे में थे सब आमन्त्रित
कबीर साहेब प्रकट दिवस के अवसर पर सन्त रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में प्रति वर्ष भंडारे का आयोजन किया जाता है। इस भंडारे में सभी लोग आमंत्रित होते हैं। सभी सतलोक आश्रमों में धर्मभण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों के अतिरिक्त समाज के अन्य लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। प्रत्येक आश्रमों में आने वाली संगत की संख्या एक लाख से ऊपर रही।
रक्तदान महादान शिविर
625वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में समाजोपयोगी कार्य भी सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा किये जाते हैं। इस उपलक्ष्य में सभी आश्रमों द्वारा रक्तदान के लिए कैम्प लगाया गया जिसमें कई यूनिट रक्त दान किया गया। इस अवसर पर देहदान के रजिस्ट्रेशन भी भक्तों ने कराए हैं। देहदान से तात्पर्य है अपने शरीर को मृत्यु के पश्चात चिकित्सकों अथवा शोध आदि के लिए मेडिकल को दान करने की सहमति। सतलोक आश्रम इंदौर किठोदा के रक्तदान शिविर में 1100 यूनिट रक्तदान हुआ। सतलोक आश्रम रोहतक (हरियाणा) में दिल्ली रेड क्रॉस से डॉक्टर्स की टीम आई जहाँ सैकड़ों लोगों ने रक्तदान किया। सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब) में पीजीआई से रक्तदान में सहयोग के लिए डॉक्टरों की टीम पहुंची।
दहेजमुक्त रमैनी विवाह कार्यक्रम
625वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के अवसर पर प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी सभी आश्रमों में दहेजमुक्त रमैनी विवाह कार्यक्रम हुए। ये विवाह परिवार की उपस्थिति में बिना दहेज लिए किए जाते हैं। इन विवाहों को गुरुवाणी के माध्यम से मात्र 17 मिनटों में सम्पूर्ण किया जाता है। वर वधू साधारण वेशभूषा में विवाह करते हैं एवं विवाह बंधन में बन्धते हैं। सतलोक आश्रम इंदौर में 173 जोड़े साधारण वेश भूषा में विवाह बंधन में बंधे साथ ही अन्य आश्रमों आश्रम मुंडका (दिल्ली), सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा), सतलोक आश्रम रोहतक (हरियाणा), सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब), सतलोक आश्रम किठोदा (इंदौर), सतलोक आश्रम कुरूक्षेत्र (हरियाणा), सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश), सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान),सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब) में भी सैकड़ों जोड़े इसी प्रकार दहेजमुक्त विवाह बंधन में बंधे।
किया ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #625th_KabirSahib_PrakatDiwas
625वें प्रकट दिवस के अवसर पर लंबे समय तक #625th_KabirSahib_PrakatDiwas टैग ट्रेंड करता रहा। इस टैग के साथ कबीर साहेब के कलियुग में अवतरण के विषय में जानकारी दी गई। टैग के साथ साथ Saint Rampal Ji Maharaj की वर्ड भी दिन भर ट्रेंड होता रहा। पूरी दुनिया को यह संदेश इस टैग के माध्यम से मिला कि कबीर साहेब पूर्ण परमेश्वर हैं जो प्रकट हुए थे। उन्होंने जन्म नहीं लिया था बल्कि वे स्वयं प्रकट हुए एवं नीरू और नीमा को मिले।
समाजोपयोगी अनुकरणीय कार्य
625वें प्रकट दिवस को जिस प्रकार सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है उस प्रकार के समागम निश्चित ही किसी अन्य सन्त के सान्निध्य में नहीं हुए। सन्त रामपाल जी महाराज के सत्संग का प्रभाव ऐसा है कि लाखों की संख्या में लोग एकजुट होते हैं और इसके बाद भी व्यवस्था बनाए रखते हैं। लाखों लोगों का एक स्थान पर रहना, खाना, सोना आम बात नहीं है। अनेकों सेवादार निष्काम भाव से सेवा में अब तक लगे हुए हैं। सन्त रामपाल जी महाराज ने अपनी पुस्तक ‘जीने की राह‘ में भी मनुष्य जीवन के उद्देश्य एवं समाज के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है। उनके सत्संगों से प्रेरित होकर ही रक्तदान, देहदान एवं दहेजमुक्त विवाह के आयोजन होते हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।