दक्षिण कोरिया के गुमी में 29 मई को आयोजित एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत की ज्योति याराजी ने महिला 100 मीटर बाधा दौड़ का स्वर्ण पदक बचाते हुए नया चैंपियनशिप रिकॉर्ड कायम किया।
बारिश के कारण खाली स्टेडियम में हुए इस फाइनल में उन्होंने 12.96 सेकंड का समय निकालकर जापान की यूमी तनाका और चीन की यान्नी वू को पीछे छोड़ा। धीमी शुरुआत के बावजूद अंतिम बाधाओं के बाद उनकी लय और गति निर्णायक साबित हुई। यह जीत 2023 बैंकॉक स्वर्ण के बाद एशियाई स्तर पर उनकी निरंतर श्रेष्ठता को दर्शाती है।
Key Takeaways: Jyothi Yarraji Asian Hurdles Gold 2025
- ज्योति याराजी ने 12.96 सेकंड के साथ चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाया
- बारिश के कारण गुमी स्टेडियम रहा लगभग खाली
- आठ-स्ट्राइड तकनीक पर लौटने के बाद सीजन की पहली सब-13 दौड़
- जापान और चीन की एथलीट्स को अंतिम चरण में पछाड़ा
- 2023 बैंकॉक स्वर्ण के बाद लगातार दूसरी एशियाई चैंपियनशिप जीत
- वर्ल्ड चैंपियनशिप क्वालिफिकेशन की दिशा में अहम कदम
बारिश में भी कायम रहा दबदबा
29 मई 2025 को गुमी, दक्षिण कोरिया में हुई महिला 100 मीटर बाधा दौड़ का फाइनल असामान्य परिस्थितियों में आयोजित हुआ। लगातार बारिश के कारण दर्शकों को स्टेडियम खाली करना पड़ा। इसी खाली और शांत माहौल में ज्योति याराजी ने 12.96 सेकंड का समय निकालते हुए न केवल स्वर्ण पदक बचाया, बल्कि नया चैंपियनशिप रिकॉर्ड भी स्थापित किया।
धीमी शुरुआत, मजबूत अंत

रेस की शुरुआत में जापान की यूमी तनाका और चीन की यान्नी वू ने बेहतर स्टार्ट लिया। ज्योति याराजी शुरुआती बाधाओं में पीछे रहीं, लेकिन आठवीं बाधा के बाद उनकी लय, लंबी स्ट्राइड और तेज क्लोज़िंग स्पीड ने तस्वीर बदल दी। अंतिम चरण में उन्होंने दोनों प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया।
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पोडियम परिणाम
- स्वर्ण: ज्योति याराजी (भारत) – 12.96 सेकंड
- रजत: यूमी तनाका (जापान) – 13.04 सेकंड
- कांस्य: यान्नी वू (चीन) – 13.12 सेकंड
तकनीकी बदलाव बना निर्णायक
यह 2025 सीजन में ज्योति की पहली सब-13 सेकंड दौड़ रही। उन्होंने पिछले साल पेरिस ओलंपिक में अपनाई गई सात-स्ट्राइड तकनीक को छोड़कर फिर से सुरक्षित आठ-स्ट्राइड पैटर्न अपनाया। यह बदलाव चोट के जोखिम को कम करने और लय बनाए रखने के लिए किया गया, जिसका सीधा असर प्रदर्शन में दिखा।
कोच जेम्स हिलियर की प्रतिक्रिया
ब्रिटिश कोच जेम्स हिलियर ने रेस के बाद ज्योति को “क्लास एक्ट” बताया। उन्होंने कहा कि ज्योति ने रेस प्लान को पूरी तरह सटीक तरीके से लागू किया। उनके अनुसार, बेहतर ताकत, कम बॉडी फैट और रेस इंटेलिजेंस ने उन्हें अंतिम बाधाओं में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ एथलीट्स में शामिल किया है।
भावनाओं का दुर्लभ क्षण
रेस खत्म होने के बाद ज्योति याराजी ने फिनिश लाइन पर खुशी से चिल्लाकर अपनी भावना जाहिर की। उन्होंने बताया कि कई वर्षों में पहली बार उन्हें लगा कि फिनिश पर उनके आसपास कोई नहीं था। यह प्रतिक्रिया उनके सामान्य शांत स्वभाव से अलग रही।
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2023 बैंकॉक से गुमी तक
ज्योति ने 2023 में बैंकॉक में 13.09 सेकंड के साथ महिला 100 मीटर बाधा दौड़ का स्वर्ण जीता था। वह भी बारिश के कारण खाली स्टेडियम में हुआ था। गुमी की जीत ने साबित किया कि दर्शकों की अनुपस्थिति उनके प्रदर्शन को प्रभावित नहीं करती।
पेरिस ओलंपिक और वापसी
पेरिस ओलंपिक में सात-स्ट्राइड तकनीक के प्रयोग के दौरान बाधाएं छूने के कारण वह नौवें स्थान पर रहीं। इसके बाद अप्रैल 2025 में हैमस्ट्रिंग समस्या से भी जूझना पड़ा। बावजूद इसके, राष्ट्रीय खेलों में 200 मीटर स्वर्ण जीतकर उन्होंने एशियन चैंपियनशिप का टिकट हासिल किया।
संघ और संस्थानों की प्रतिक्रिया
एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आदिल सुमारीवाला ने ज्योति की उपलब्धि को भारत की शान बताया। खेल मंत्रालय की खेलो इंडिया योजनाओं के तहत मिले समर्थन को भी उनकी निरंतर प्रगति से जोड़ा गया। उसी दिन भारत के पदक प्रदर्शन में ऊंची कूद में तेजस्विन शंकर का कांस्य भी शामिल रहा।
आगे की चुनौती और महत्व
यह स्वर्ण पदक 2026 वर्ल्ड चैंपियनशिप क्वालिफिकेशन की दिशा में ज्योति याराजी के लिए अहम साबित हुआ है। क्वालिफाइंग मानक 12.73 सेकंड है। मौजूदा फॉर्म और तकनीकी स्थिरता के साथ विशेषज्ञ उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी मान रहे हैं। उनका सफर ग्रामीण पृष्ठभूमि से एशियाई मंच तक भारतीय महिला एथलेटिक्स में बदलाव की कहानी कहता है।
FAQs on Jyothi Yarraji Asian Hurdles Gold 2025
उन्होंने 12.96 सेकंड के साथ चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाया।
29 मई 2025 को गुमी, दक्षिण कोरिया में।
सात-स्ट्राइड से आठ-स्ट्राइड तकनीक पर वापसी।
यूमी तनाका को रजत और यान्नी वू को कांस्य मिला।
वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफिकेशन।



