July 17, 2025

दीपांशु शर्मा ने इंडो-नेपाल इंटरनेशनल चैंपियनशिप में 100 मीटर दौड़ में जीता स्वर्ण पदक

Published on

spot_img

गुड़गांव जिले की सोहना तहसील के अलीपुर गांव के 17 वर्षीय बालक ने अपने गांव का नाम रोशन किया है। दरअसल दीपांशु शर्मा ने इंडो-नेपाल इंटरनेशनल चैंपियनशिप में 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है। इस चैंपियनशिप का आयोजन नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा नेपाल के पोखरा में 20 जून से 24 जून तक किया गया था।

  • दीपांशु शर्मा ने 100 मीटर दौड़ में जीता स्वर्ण पदक
  • चैंपियनशिप का आयोजन 20-24 जून को नेपाल के पोखरा में हुआ
  • दीपांशु ने गुड़गांव जिले की सोहना तहसील के अलीपुर गांव का निवासी है
  • नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित थी यह प्रतियोगिता
  • दीपांशु की उम्र सिर्फ 17 वर्ष
  • संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं ने दीपांशु को जीवन में दी नई दिशा
  • देशवासियों ने दीपांशु को उसकी शानदार उपलब्धि के लिए सराहा है

दीपांशु के पिता बबलू शर्मा संत रामपाल जी महाराज के शिष्य हैं। उन्होंने ही दीपांशु को संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा दिलाई थी। तत्वदर्शी संत से दीक्षा लेने के बाद दीपांशु का जीवन बदल गया। आत्मविश्वास से भरे दीपांशु का मानना है कि ये सबकुछ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी की कृपा से ही संभव हुआ है।

■ Also Read: Blood Donation in Punjab | रक्तदाता दिवस के अवसर पर सतलोक आश्रम खमाणों को किया गया सम्मानित

महान संत के सत्संगों ने दीपांशु को जीवन में एक नई दिशा दी। इसी कारण उन्हें कड़ी मेहनत और लगन से अपनी मंजिल हासिल करने की प्रेरणा मिली। दीपांशु के जीवन की सफलता में मार्गदर्शक और प्रेरक गुरु के रूप में संत रामपाल जी महाराज की भूमिका अहम रही है।

दीपांशु ने अपनी सफलता का श्रेय सर्वप्रथम अपने आध्यात्मिक गुरु को दिया और फिर अपने माता-पिता के सहयोग और कोच की शिक्षा को दिया है। उनकी सफलता एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है कि कैसे आध्यात्मिक शिक्षा को सकारात्मक सोच, कड़ी मेहनत और लगन के साथ मिलाकर जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

यह खबर देशवासियों के लिए गर्व की बात है। सभी ने दीपांशु को उसकी शानदार उपलब्धि के लिए बधाई और उसके भविष्य के लिए शुभकामनाएं भेजी हैं। साथ ही उनकी सफलता से सतगुरु रामपाल जी के भक्त फूले नहीं समा रहे हैं। दीपांशु के दोस्त और रिश्तेदार भी उन्हें बढ़ चढ़ कर बधाई दे रहे हैं।

संत रामपाल जी महाराज एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक हैं, जो कबीर पंथ की परंपरा के गुरु हैं। उन्होंने अपने सत्संग प्रवचन और नामदीक्षा के माध्यम से लाखों लोगों को आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान की है। संत जी का उद्देश्य समाज में फैली बुराइयों को दूर करना और लोगों को सच्चे ज्ञान का मार्ग दिखाना है। संत जी के सभी शिष्य मर्यादाओं का पूरा पालन करते हैं।

संत रामपाल जी महाराज का संदेश और शिक्षाएं उन लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं जो आध्यात्मिक मार्ग की खोज में हैं और अपने जीवन को सुधारना चाहते हैं। दीपांशु शर्मा की सफलता में भी संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिससे उन्हें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा मिली।

Q: दीपांशु शर्मा ने कौन सी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है?

A: दीपांशु शर्मा ने नेपाल के पोखरा में आयोजित इंडो-नेपाल इंटरनेशनल चैंपियनशिप में 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है।

Q: दीपांशु शर्मा की उम्र कितनी है?

A: दीपांशु शर्मा की उम्र 17 वर्ष है।

Q: दीपांशु शर्मा ने सफलता का श्रेय किसे दिया?

A: दीपांशु शर्मा अपनी सफलता का श्रेय संत रामपाल जी महाराज, अपने माता-पिता और कोच को देते हैं।

Q: इस चैंपियनशिप का आयोजन किसने किया था?

A: इस चैंपियनशिप का आयोजन नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था।

Q: दीपांशु शर्मा का गांव और तहसील कौन सा है?

A: दीपांशु शर्मा गुड़गांव जिले की सोहना तहसील के अलीपुर गांव के निवासी हैं।

Q: दीपांशु शर्मा ने अपनी सफलता में किसकी भूमिका को अहम बताया है?

A: दीपांशु शर्मा ने अपनी सफलता में संत रामपाल जी महाराज की भूमिका को सबसे अहम बताया है।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?

World Population Day 2025: The best time for world’s Population to Attain Salvation

Last Updated 09 July 2025, 1:16 PM IST | World Population Day 2025: Today...
spot_img

More like this

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?