गोवा के वर्ना में रक्तदान शिविर का आयोजन कर समाज सेवा की पेश की गई अद्भुत मिसाल

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भारत के गोवा राज्य के वर्ना ज़िले में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा जन कल्याण के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य रूप से जिले के स्थानीय नेता, गांव के सरपंच, पुलिस और भारतीय सेना के सैनिको ने हिस्सा लिया। इसमें रक्तदाताओं के लिए अन्य व्यवस्थाओं के साथ सत्संग समारोह के कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

  • संत रामपाल जी महाराज ने रक्तदान का बताया महत्व
  • संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई कर रहे है जगह-जगह रक्तदान शिविरों का आयोजन
  • रक्त की कमी से अब कोई परेशान नहीं होगा- संत रामपाल जी महाराज
  • संत रामपाल जी महाराज ला रहे है आध्यात्मिक और सामाजिक परिवर्तन

यह रक्तदान शिविर गोवा के एक मेडिकल कॉलेज में उनके आग्रह पर आयोजित किया गया था। इससे उस क्षेत्र के ब्लड बैंक की जरूरतों को पूरा किया गया ताकि गंभीर परिस्थितियों में जरूरतमंद लोगो को रक्त की प्राप्ति हो सके। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने इस महान कार्य को अपना कर्तव्य मानकर इसके लिए पुरजोर व्यवस्था की।

संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य अपने गुरु देव को शिक्षाओं पर चलते हुए सभी व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के साथ साथ रक्तदान भी करते नज़र आये तथा दूसरों को भी रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहन दे रहे थे। संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने बताया कि समाज सुधार के कार्यों में पीछे नहीं रहना चाहिए क्योंकि समाज सुधार से ही समाज में शांति आएगी।

■ यह भी पढ़ें: Goa News | संत रामपाल जी के अनुयायियों ने लगाया रक्तदान शिविर (Blood Donation Camp), मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुख्यमंत्री

इस जनकल्याण के कार्यों और संत रामपाल जी महाराज के उद्देश्यों से प्रभावित होकर आस पास के गांव के लोगो ने ना सिर्फ़ अपना समर्थन दिया अपितु ख़ुद भी रक्त दान किया। मानव कल्याण के इस रक्तदान शिविर में सभी अपना सहयोग बड़ चढ़ कर कर रहे थे।

रक्त दान शिविर में क्षेत्रीय पुलिस के साथ भारतीय सैनिकों ने भी इस मानव उत्थान के कार्य में अपना रक्त दान करते हुए अपना फर्ज निभाया। उनके मुताबिक इस कार्य में भाग लेने से उन्हें काफ़ी खुशी हुई और उन्होंने संत रामपाल जी महाराज के इस प्रयत्न की सराहना की। 

रक्त दान शिविर के उपरांत सत्संग का आयोजन भी किया गया। यह सत्संग मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट के माध्यम से एक बड़ी टी. वी. स्क्रीन पर किया गया। इस सत्संग में संत रामपाल जी महाराज जी ने मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य बताया और मनुष्य जीवन में परमात्मा प्राप्ति की सही विधि का वर्णन किया। उन्होंने अपने प्रवचनों में समस्त धर्मों की आधार शिला का उनके पवित्र सद्ग्रंथ से परिचय कराया।

संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज में एक नई विचार धारा की क्रांति की शुरुआत की है। उन्होंने समाज में चल रहे अंधविश्वास, जातीय भेदभाव, नकारात्मक विचारधारा पर कड़ी चोट की हैं। उन्होंने बताया कि जो समाज अभी वर्तमान समय में भक्ति साधना कर रहा है, उसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि वह शास्त्रों के विपरीत हैं। वास्तव में सही भक्ति साधना संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं जिसके करने से साधक को यहां पर भी सुख होगा और संसार छोड़ने के बाद में भी सर्व सुख होगा। 

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