July 27, 2024

Global Hunger Index 2022 [Hindi]: वैश्विक भूख सूचकांक 2022 में भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर

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Global Hunger Index 2022 [Hindi]: ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में लगातार दूसरे साल गिरावट दर्ज की गई है। 2022 की लिस्ट में भारत को 107वीं रैंक मिली है। पिछले साल भारत 101 नंबर पर था। इस लिस्ट में कुल 121 देश शामिल हैं। हंगर इंडेक्स में भारत से आगे पाकिस्तान और नेपाल जैसे देश हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 में भारत 116 देशों की सूची में 101वें स्थान पर रहा था। भारत को उन 31 देशों की लिस्ट में रखा गया था जहां भूखमरी की समस्या गंभीर मानी गई थी।

Table of Contents

Global Hunger Index 2022 [Hindi]: मुख्य बिंदु

  • वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2022 में भारत ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सभी देशों की तुलना में खराब प्रदर्शन किया है। भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर है।
  • भारत 2022 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक (जीएचआई) में 2021 के मुकाबले छह स्थान नीचे गिरकर 107वें पायदान पर पहुंच गया है। पिछले साल 116 देशों में भारत 101वें स्थान पर रहा था।
  • GHI स्कोर बढ़ने से (2014 में 28.2 और 2022 में 29.1) भारत की स्थिति खराब ही हुई है।
  • सूचकांक स्कोर की गणना चार संकेतकों पर की जाती है, जिनमें अल्पपोषण, कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर और बाल मृत्यु दर शामिल हैं।
  • हंगर रिपोर्ट आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई है। रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को ‘चिंताजनक’ बताया गया है।
  • दुनिया में कुल 82.8 करोड़ लोग कुपोषण का सामना कर रहे हैं, जिनमें से 22.4 करोड़ लोग सिर्फ भारत से ही हैं।
  • किस संत के प्रयास से विश्व होगा कुपोषण और भूख रहित?

किस आधार पर तैयार होता है हंगर इंडेक्‍स?

ग्‍लोबल हंगर इंडेक्‍स (GHI) तैयार करने के लिए WHO के तीन पैमाने हैं- खाने की कमी, बच्‍चों के पोषण स्‍तर में कमी और बाल मृत्‍यु-दर। कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्टहंगरलाइफ (Concern Worldwide और Welthungerhilfe) ने चार पैमानों पर देशों को रैंक किया है। ये हैं- अंडरनरिशमेंट, चाइल्‍ड स्‍टंटिंग, चाइल्‍ड वेस्टिंग और चाइल्‍ड मॉर्टलिटी यानी अल्पपोषण/कुपोषण, बाल बौनापन, बाल अपव्यय और बाल मृत्यु दर।

Global Hunger Index क्‍या है? इसे कौन जारी करता है?

विभिन्‍न समाजसेवी संस्थाएं (NGO) अपने-अपने पैमानों के हिसाब से इंडेक्‍स जारी करते हैं। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) का हंगर इंडेक्‍स अलग से तैयार होता है। अभी जो ग्‍लोबल हंगर इंडेक्‍स आया है, उसे दो यूरोपियन NGOs- Concern Worldwide और Welthungerhilfe ने मिलकर जारी किया है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए डेटा संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) के अलावा यूनिसेफ, फूड एंड एग्रीकल्‍चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) समेत कई एजेंसियों से लिया गया है।

वैश्विक भुखमरी सूचकांक स्कोर कितना होता है?

वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index 2022) का कुल स्कोर 100 पॉइंट होता है, जिसके आधार पर किसी देश की भूख की गंभीरता की स्थिति दिखती है। अगर किसी देश का स्कोर जीरो (0) है तो उसकी अच्छी स्थिति है और अगर किसी का स्कोर 100 है तो उसकी बेहद खराब स्थिति है।

  • कार्यप्रणाली के अनुसार, 9.9 से कम स्कोर को ‘निम्न’, 10-19.9 के स्कोर को ‘मध्यम’, 20-34.9 को ‘गंभीर’, 35-49.9 को ‘खतरनाक’ और 50 से ऊपर के स्कोर को ‘बेहद खतरनाक’ माना जाता है।
  • कुल ऐसे 17 शीर्ष देश हैं, जिनका स्कोर 5 से भी कम हैं. इनमें चीन, तुर्की, कुवैत, बेलारूस, उरुग्वे और चिली जैसे देश शामिल हैं। वहीं मुस्लिम बहुल देशों की स्थिति की बात करें तो यूएई 18वें, उज़्बेकिस्तान 21वें, कज़ाख़स्तान 24वें, ट्यूनीशिया 26वें, ईरान 29वें, सऊदी अरब 30वें स्थान पर है। (सोर्स: बीबीसी)

GHI (Global Hunger Index 2022) ग्लोबल हंगर इंडेक्स, स्कोर कैसे कैलकुलेट किया जाता है?

हर देश का GHI स्कोर 3 डायमेंशन के 4 पैमानों पर कैलकुलेट किया जाता है। ये तीन डायमेंशन हैं- अंडरनरिशमेंट, चाइल्ड मोर्टालिटी, चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन। चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन में दो कैटेगरी हैं- चाइल्ड वेस्टिंग और चाइल्ड स्टंटिंग। इन 3 डाइमेंशंस और चार पैमानों को कैलकुलेट करके ही पता लगता है कि किस देश की क्या स्थिति है।

  1. अंडरनरिशमेंट: अंडरनरिशमेंट यानी एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर के लिए जरूरी कैलोरी नहीं मिलना। आबादी के कुल हिस्से में से उस हिस्से को कैलकुलेट किया जाता है जिन्हें दिनभर की जरूरत के मुताबिक पर्याप्त कैलोरी नहीं मिल रही है। पर्याप्त कैलोरी मिलना एक व्यक्ति के स्वास्थ्य लिए अति आवश्यक है।
  2. चाइल्ड मोर्टालिटी: चाइल्ड मोर्टालिटी का मतलब हर एक हजार जन्म पर ऐसे बच्चों की संख्या जिनकी मौत जन्म के 5 साल की उम्र के भीतर ही हो गई।
  3. चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन, इसमें 2 कैटेगरी आती हैं:
  • चाइल्ड वेस्टिंग: चाइल्ड वेस्टिंग यानी बच्चे का अपनी उम्र के हिसाब से बहुत दुबला या कमजोर होना। 5 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे, जिनका वजन उनके कद के हिसाब से कम होता है। ये दर्शाता है कि उन बच्चों को पर्याप्त पोषण नहीं मिला इस वजह से वे कमजोर हो गए। एक स्वस्थ बच्चे में सामान्य वजन का होना आवश्यक है।
  • चाइल्ड स्टंटिंग: चाइल्ड स्टंटिंग का मतलब ऐसे बच्चे जिनका कद उनकी उम्र के लिहाज से कम हो। यानी उम्र के हिसाब से बच्चे की हाइट न बढ़ पाई हो। हाइट का सीधा-सीधा संबंध पोषण से है। जिस समाज में लंबे समय तक बच्चों में पोषण कम होता है वहां बच्चों में स्टंटिंग की परेशानी होती है। जिससे उनकी हाइट नहीं बढ़ पाती।

इन तीनों आयामों को 100 पॉइंट का स्टैंडर्ड स्कोर दिया जाता है। इस स्कोर में अंडरनरिशमेंट, चाइल्ड मोर्टलिटी और चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन तीनों का एक-एक तिहाई हिस्सा होता है। स्कोर स्केल पर 0 सबसे अच्छा स्कोर होता है, वहीं 100 सबसे बुरा होता है।

Global Hunger Index 2022 को लेकर विश्व वर्तमान स्थिति

वैश्विक विकास: विश्व स्तर पर हाल के वर्षों में भुखमरी के खिलाफ प्रगति काफी हद तक स्थिर हो गई है; वर्ष 2022 में 18.2 का वैश्विक स्कोर वर्ष 2014 में 19.1 की तुलना में थोड़ा बेहतर हुआ है। हालाँकि, 2022 का GHI स्कोर अभी भी “मध्यम” है।

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इस प्रगति में ठहराव के प्रमुख कारण देशों के मध्य संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, कोविड -19 महामारी के आर्थिक नतीजों के साथ-साथ रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे अतिव्यापी संकट हैं, जिसके कारण वैश्विक स्तर पर खाद्य, ईंधन और उर्वरक की कीमतों में वृद्धि हुई है तथा यह आशंका व्यक्त की गई है कि “वर्ष 2023 एवं उसके बाद भी भुखमरी और बढ़ेगी”।

सूचकांक के अनुसार, 44 ऐसे देश हैं, जिनमें वर्तमान में ‘गंभीर’ या ‘खतरनाक’ भुखमरी का स्तर है।

विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति पर रिपोर्ट कब पेश की गई?

खाद्य और कृषि संगठन, कृषि विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय कोष, यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रस्तुत की गई वैश्विक पोषण रिपोर्ट, 2021 की परिकल्पना वर्ष 2013 में पहले न्यूट्रिशन फॉर ग्रोथ इनिशिएटिव समिट (N4G) के बाद की गई थी।

सूची में शीर्ष और खराब स्थिति वाले देश

  • सूची के अनुसार सबसे अच्छी स्थिति वाले देश हैं:

GHI 2022 में बेलारूस, बोस्निया और हर्ज़ेगोविना, चिली, चीन तथा क्रोएशिया शीर्ष पाँच देश हैं।

  • सूची के अनुसार सबसे ज्यादा बुरी स्थिति वाले देश हैं:

चाड, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, मेडागास्कर, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक और यमन सूचकांक में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देश हैं।

  • गलोबल हंगर इंडेक्‍स 2022 में भारत से नीचे देश अर्थात और भी खराब स्थिति के देश हैं:

जाम्बिया, अफगानिस्‍तान, तिमोर-लेस्‍ते, गिनी-बिसाऊ, सिएरा लियोन, लेसोटो, लाइबेरिया, नाइजर, हैती, रिपब्लिक ऑफ कॉन्‍गो, मैडागास्‍कर, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, यमन।

भारत और उसके पड़ोसी देशों की हालत

दक्षिण एशियाई देशों में भारत (107), श्रीलंका (64), नेपाल (81), बांग्लादेश (84) तथा पाकिस्तान (99) भी अच्छी स्थिति में नहीं है। भारत का स्कोर 29.1 है, जो इसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखता है। अफगानिस्तान (109) दक्षिण एशिया का एकमात्र देश है, जिसका प्रदर्शन सूचकांक में भारत से भी खराब है। 5 से कम अंक के साथ चीन 16 अन्य देशों के साथ सूचकांक में शीर्ष देशों में शामिल है।

Global Hunger Index 2022 पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार ने पिछले साल के हंगर इंडेक्‍स को खारिज करते हुए कहा था कि एजेंसियों ने ‘ठीक से तथ्‍यों की पड़ताल नहीं की है।’

सरकार ने उठाए थे पिछले साल की रिपोर्ट पर भी सवाल

पिछले साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 100 के पार रैंक जाने के बाद भारत सरकार ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। सरकार ने इसे जमीनी हकीकत से बिल्कुल अलग बताया था। सरकार ने दावा किया था कि इस इंडेक्स को तैयार करने में जो मेथडोलॉजी इस्तेमाल की गई है, वह साइंटिफिक नहीं है।

मंत्रालय ने अपने बयान में फूड एंड एग्रीकल्चरल ऑर्गनाइजेशन (FAO) की ‘द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड 2021’ पर भी सवाल उठाए हैं। हंगर इंडेक्स में अंडरनरिश्मेंट का डेटा FAO की इसी रिपोर्ट से लिया गया है।

भारत सरकार ने कहा- गलत जानकारी देना हंगर इंडेक्स का हॉलमार्क

इस रिपोर्ट को लेकर भारत सरकार ने कहा है कि गलत जानकारी देना ग्लोबल हंगर इंडेक्स का हॉलमार्क लगता है। सरकार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत की छवि खराब करने के लिए की गई कोशिश साफ देखी जा सकती है। भारत को ऐसे देश के रूप में दिखाया जा रहा है जो अपनी आबादी के लिए फूड सिक्योरिटी और पोषण की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है। यह इंडेक्स भुखमरी को गलत तरीके से मापता है। इसमें जो मेथड इस्तेमाल किया जाता है वह भी गंभीर रूप से गलत है। इस इंडेक्स के चार में से तीन इंडिकेटर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

महंगाई से आम आदमी को नहीं मिल रही राहत

  • वही देश में केंद्र सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई काबू में नहीं आ रही है। सितंबर की रीटेल महंगाई दर में पिछले साल के मुक़ाबले 7.41 फ़ीसदी का उछाल रहा।
  • राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन ने बुधवार को उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक के आंकड़े जारी करते हुए बताया कि महंगाई में जारी उछाल की बड़ी वजह खाने-पीने की चीज़ों का महंगा होना है। साथ ही यह भी बताया गया कि तेल-गैस, बिजली, कोयला आदि कीमतों में भी आई तेज़ी से महंगाई दर में इज़ाफा हुआ है।
  • आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लगातार नौवें महीने खुदरा मंहगाई दर, आरबीआई के 6 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। जिसकी वजह से सितंबर में खाद्य महंगाई दर 8.6 फ़ीसदी के स्तर पर पहुँच चुकी है। जोकि इस साल अप्रैल के बाद अपने उच्चतम स्तर पर है।
  • अब आरबीआई को केंद्र सरकार को रिपोर्ट में बताना होगा कि वह खुदरा मंहगाई को 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में रखने में क्यों विफल रहा। वहीं, भारतीय रिज़र्व बैंक ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है। जबकि रिज़र्व बैंक ने महंगाई को 6 फ़ीसदी से कम पर लाने का लक्ष्य रखा है।

भूख/कुपोषण उन्मूलन हेतु भारत की तरफ से कौन कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है?

  • ‘ईट राइट इंडिया मूवमेंट’: भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा नागरिकों के सही तरीके से भोजन ग्रहण करने हेतु आयोजित एक आउटरीच गतिविधि है।
  • पोषण (POSHAN) अभियान: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 में शुरू किया गया यह अभियान स्टंटिंग, अल्पपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोर बालिकाओं में) को कम करने का लक्ष्य रखता है।
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित यह केंद्र प्रायोजित योजना एक मातृत्व लाभ कार्यक्रम है, जो 1 जनवरी, 2017 से देश के सभी ज़िलों में लागू है।
  • फूड फोर्टिफिकेशन: फूड फोर्टिफिकेशन या फूड एनरिचमेंट का आशय चावल, दूध और नमक जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों में प्रमुख विटामिनों व खनिजों (जैसे आयरन, आयोडीन, जिंक, विटामिन A तथा D) को संलग्न करने की प्रक्रिया है, ताकि पोषण सामग्री में सुधार लाया जा सके।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013: यह कानूनी रूप से ग्रामीण आबादी के 75% और शहरी आबादी के 50% को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System) के तहत रियायती खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है।
  • मिशन इंद्रधनुष: यह 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को 12 वैक्सीन-निवारक रोगों (VPD) के विरुद्ध टीकाकरण के लिये लक्षित करता है।
  • एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना: वर्ष 1975 में शुरू की गई यह योजना 0-6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिये छह सेवाओं का पैकेज प्रदान करती है।

कबीर परमेश्वर विश्व से भुखमरी समाप्त कर सकते हैं!

काशी का भंडारा इस बात का प्रमाण है कि कबीर परमेश्वर पूरे विश्व से भुखमरी सदा सदा के लिए समाप्त कर सकते हैं। सिकंदर लोदी का पीर शेखतकी सब मुसलमानों का मुख्य पीर (गुरू) था जो परमात्मा कबीर जी से पहले से ही ईर्ष्या किया करता था। सर्व ब्राह्मणों तथा मुल्ला-काजियों व शेखतकी ने मजलिस करके षड़यंत्र के तहत योजना बनाई कि कबीर निर्धन व्यक्ति है। इसके नाम से पत्र भेज दो कि कबीर जी काशी में बहुत बड़े सेठ हैं। उनका पूरा पता है कबीर पुत्र नूरअली अंसारी, जुलाहों वाली काॅलोनी, काशी शहर। 

कबीर जी तीन दिन का धर्म भोजन-भण्डारा करेंगे। सर्व साधु संत आमंत्रित हैं। प्रतिदिन प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर (जो उस समय का सबसे कीमती कम्बल के स्थान पर माना जाता था), एक मोहर (10 ग्राम स्वर्ण से बनी गोलाकार की मोहर) दक्षिणा में देगें। प्रतिदिन जो जितनी बार भी भोजन करेगा, कबीर उसको उतनी बार ही दोहर तथा मोहर दान करेगा। भोजन में लड्डू, जलेबी, हलवा, खीर, दही बड़े, माल पूडे़, रसगुल्ले आदि-आदि सब मिष्ठान खाने को मिलेंगे। सुखा सीधा (आटा, चावल, दाल आदि सूखे जो बिना पकाए हुए, घी-बूरा) भी दिया जाएगा। एक पत्र शेखतकी ने अपने नाम तथा दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के नाम भी भिजवाया। 

परमेश्वर कबीर जी अन्य वेश में अपनी राजधानी सत्यलोक में पहुँचे। वहाँ से नौ लाख बैलों के ऊपर गधों जैसा बौरा (थैला) रखकर उनमें पका-पकाया सर्व सामान भरकर तथा सूखा सामान (चावल, आटा, खाण्ड, बूरा, दाल, घी आदि) भरकर पृथ्वी पर उतरे। सत्यलोक से ही सेवादार आए। परमेश्वर कबीर जी ने स्वयं बनजारे का रूप बनाया और अपना नाम केशव बताया। दिल्ली के सम्राट सिकंदर तथा उसका धार्मिक पीर शेखतकी भी आया। काशी में भोजन-भण्डारा चल रहा था। सबको प्रत्येक भोजन के पश्चात् एक दोहर तथा एक मोहर {10 ग्राम सोना(ळवसक)} दक्षिणा दी जा रही थी। कई बेईमान साधक तो दिन में चार-चार बार भोजन करके चारों बार दोहर तथा मोहर ले रहे थे। कुछ सूखा सीधा (चावल, खाण्ड, घी, दाल, आटा) भी ले रहे थे। इस तरह कबीर परमात्मा ने भक्तों को उदाहरण दिया कि यदि आप मेरी तरह सच्चे मन से भक्ति करोगे तथा ईमानदारी से निर्वाह करोगे तो परमात्मा आपकी ऐसे सहायता करता है। 

संत रामपाल जी महाराज भी करते हैं इसी प्रकार के भंडारे

जैसा कि पिछले कुछ वर्षों से हम देखते आ रहे हैं, तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज कबीर प्रकट दिवस पर पूरे विश्व को निमंत्रण देते हैं, शुद्ध देसी घी से निर्मित लड्डू जलेबी पूड़ी सब्जी इत्यादि व्यंजनों को सत्संग समागम में आने वाले श्रद्धालुओं को परोसा जाता है जिसे खाकर श्रद्धालु आनंदित होते हैं तथा ईश्वर के सौ सौ गुण गाते हैं, यह सभी बिंदु इस बात को प्रमाणित करते हैं कि यदि विश्व कबीर परमेश्वर जी के द्वारा दी गई सत भक्ति को करता है तो पूरे संसार में कभी भी किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहेगी,भोजन की तो बहुत छोटी सी बात है कबीर परमेश्वर हमारी सभी इच्छाओं की पूर्ति करके हमें सदा सदा के लिए सुखी कर सकते हैं। ऐसा ही विशाल भंडारा आगामी 7-8-9 नंवबर, 2022 को ‘दिव्य धर्म भंडारा‘ रूप में भारत में स्थित सभी सतलोक आश्रमों में संत रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में आयोजित होने जा रहा है जहां आप सभी सादर आमंत्रित हैं। 

भारत हंगर इंडेक्स से जुड़ी प्रश्नोत्तरी (FAQ about Global Hunger Index 2022)

ग्लोबल हंगर इंडेक्स के मध्यनजर हंगर या भूख की क्या परिभाषा है?

आमतौर पर भूख को भोजन की कमी के रूप में लिया जाता है, लेकिन औपचारिक अर्थ में इसकी गणना व्यक्ति द्वारा किए जा रहे कैलोरी सेवन के स्तर को माप कर की जाती है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी करना कब से शुरू किया गया?

2000 से लगभग हर साल वैश्विक भूखमरी सूचकांक जारी किया जा रहा है। 2022 में इसका 15वां संस्करण जारी किया गया है। कम स्कोर से किसी देश को उच्च रैंकिंग मिलती है और भुखमरी दूर करने के पैमाने पर उसका प्रदर्शन बेहतर माना जाता है।

भुखमरी को मापने का उद्देश्य क्या है?

भुखमरी को मापने का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों में से एक ‘2030 तक शून्य भुखमरी’ का शिखर हासिल करना है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की सूची में कौन सा देश अंतिम स्थान पर रहा?

इस साल सूची में यमन सबसे आखिरी पायदान यानी 121वें क्रम पर है, तो शीर्ष पर यूरोपीय देश (European Countries) क्रोएशिया, एस्टोनिया और मॉन्टेंगरो आए हैं। एशियाई देशों की बात करें तो चीन (China) और कुवैत जीएचआई में शीर्ष पर विराजमान हैं।

क्यों जारी किया जाता है ग्लोबल हंगर इंडेक्स ?

सूचकांक को भूख के खिलाफ संघर्ष की जागरूकता और समझ को बढ़ाने, देशों के बीच भूख के स्तर की तुलना करने के लिए एक तरीका प्रदान करने और उस जगह पर लोगों का ध्यान खींचना है जहां पर भारी भुखमरी है, के लिए जारी किया जाता है।

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