Last Updated on 19 June 2022, 2:00 PM IST: Father’s Day in Hindi: सभी देश हर साल फादर्स डे मनाते है। जिस तरह मां के सम्मान में पूरी दुनिया मदर्स डे यानी मातृ दिवस मनाती है, उसी तरह पिता के सम्मान में फादर्स डे यानी पितृ दिवस मनाया जाता है। विश्व के कई देशों में अलग-अलग तारीख और दिन पर इसे मनाया जाता है। वहीं, भारत सहित कई देशों में जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। यह दिन एक बच्चे के पालन पोषण तथा उसके जीवन मे पिता की महत्ता को दर्शाता है।
Father’s Day Date 2022 [Hindi] 2022 में फादर्स डे कब मनाया जाएगा?
इस साल 19 जून को फादर्स डे है। दुनियाभर में फादर्स डे अलग-अलग तारीखों को जून के महीने में मनाया जाता है। भारत और अमेरिका समेत कई अन्य देशों में यह जून महीने में मनाया जाता है।
Father’s Day in Hindi: मुख्य बिंदु
- भारत तथा अन्य कई देशों में फादर्स डे (पितृ दिवस) जून में मनाया जाता है।
- अपने पिता के त्याग और प्यार से प्रेरित होकर सोनोरा स्मार्ट डॉड ने रखी थी फादर्स डे मनाने की नींव।
- सर्वप्रथम अमेरिका में फादर्स डे मनाने की हुई थी शुरुआत।
- साल 1909 में मदर्स डे से मिली थी इस खास दिन को मनाने की प्रेरणा।
- 19 जून 1910 में पहली बार मनाया गया था अमेरिका में फादर्स डे।
सभी धर्मों के पवित्र सदग्रंथों से यह प्रमाणित होता है कि सभी आत्माओं के जनक व पिता “परमपिता कबीर साहेब जी” हैं। सब के पिता कबीर परमेश्वर अपने बच्चों के सभी कष्टों को पल में दूर कर देते हैं।
क्या है फादर्स डे का इतिहास (Father’s day History in Hindi)?
फादर्स डे मनाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं, जिनमें से यहां पर दो मुख्य कहानियां हम आपके साथ साझा कर रहे हैं जो फादर्स डे से जुड़ी हुई हैं, जिन्हें फादर्स डे मनाने की वजह माना जाता है।
फादर्स डे मनाने को लेकर पहली कहानी (First Story of Father’s Day in Hindi)
पहली बार फादर्स डे 19 जून 1910 को अमेरिका में Ms. Sonora Smart Dodd के पिता को सम्मानित करने के लिए मनाया गया था। Sonora के पिता William’s Smart गृह युद्ध अनुभवी थे। उनकी पत्नी की मृत्यु उनके छठे बच्चे को जन्म देने के समय हुई थी। उन्होंने अपनी पत्नी के गुजर जाने के बाद अकेले ही अपने 6 बच्चों को पाल-पोस कर बड़ा किया। विलियम्स स्मार्ट के गुज़र जाने के बाद उनकी बेटी Sonora चाहती थी कि जिस दिन उसके पिता विलियम्स की मृत्यु (5 जून) हुई थी उस दिन फादर्स डे मनाया जाए। लेकिन कुछ कारणों की वजह से यह दिन जून के तीसरे रविवार को कर दिया गया था। तभी से लोग जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाते हैं।
फादर्स डे मनाने को लेकर दूसरी कहानी (Second Story of Father’s Day)
“दूसरी कहानी” के अनुसार, फादर्स डे अमेरिका में पहली बार Fairmont शहर, वर्जीनिया राज्य में 5 जुलाई 1908 को मनाया गया था।
■ Read in English: Fathers Day: History, Quotes, Best Gift, Real Father, Significance
अमेरिका के वर्जीनिया राज्य में पहली बार 5 जुलाई 1908 को उन 361 पुरुषों की याद में father’s day मनाया गया था जिनकी मृत्यु एक कोयला खदान विस्फोट में दिसंबर 1907 में हुई थी। बाद में, 1972 में राष्ट्रपति निक्सन के शासन काल के दौरान Father’s day को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता दी गई।
फादर्स डे को फेस्टिवल के रूप में कैसे मिली पहचान?
पिछले कुछ वर्षों में, फादर्स डे फेस्टिवल ने अद्भुत लोकप्रियता हासिल की है। आज इसे एक धर्मनिरपेक्ष त्योहार माना जाता है और न केवल अमेरिका में बल्कि अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राज़ील, फ्रांस, नॉर्व, जर्मनी, न्यूजीलैंड, जापान और भारत सहित दुनियाभर में बड़ी संख्या में मनाया जाने लगा है।
बच्चे कैसे मनाते हैं फादर्स डे?
छोटी-छोटी खुशियां भी पिता और बच्चों के रिश्ते को और गहरा बना देती हैं। पिता के प्रति आभार और प्रेम प्रकट करने के लिए बच्चे ;
- पिताजी के रूम और घर को सजाते हैं
- पिताजी के संबंध में कुछ पंक्तियां सुनाते हैं
- उनके लिए पसंदीदा व्यंजन बनाते हैं
- पिताजी के द्वारा किए गए उनके जीवन में संघर्ष के लिए उनका धन्यवाद बोलते हैं और उनका आदर सत्कार करते है।
बच्चों के जीवन में क्या है फादर्स डे का महत्व (Importance of Father’s Day in Hindi) ?
बच्चों के जीवन में मां के साथ-साथ पिता का भी विशेष महत्व होता है। इसलिए एक बच्चे के लिए उसके पिता भी उसके जीवन में खास स्थान रखते हैं। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए पिता दिन-रात मेहनत करते हैं, काम करते हैं और तब जाकर कहीं वो अपने बच्चों के सपनों को पूरा कर पाते हैं। इसलिए बच्चे अपने पिता को सम्मान देने के लिए, उनके प्रति अपना आभार प्रकट करने के लिए फादर्स डे को मनाते हैं।
स्वयं कबीर परमेश्वर जी कहते हैं-
कोटिक बालक अवगुण करहीं,
पिता एक हिरदे नहीं धरहीं | |
अर्थात बच्चा चाहे कितनी भी गलती कर ले लेकिन पिता कभी भी उसका बुरा नहीं मानता अर्थात उसकी सभी गलतियों को माफ कर देता है और उसे बराबर प्यार करता है।
कौन हैं हमारे असली पिता ?
पूर्ण सृष्टि के रचनहार, परमपिता कबीर परमात्मा हैं जिन्होंने सर्व सृष्टि की रचना मात्र छ: दिन में की। वह सर्व शक्तिमान, सर्व व्यापक हैं जिनको सभी देवी देवता भी पूजते हैं और सब धर्म ग्रंथों में उनके बारे में वर्णन भी है। कबीर परमेश्वर अपने बच्चों को दुखी देख बहुत दुखी होते हैं। कबीर जी अपने दोहों के माध्यम से इस दुख को जताते हैं।
हाड़ जले ज्यों लाकड़ी, केस जले ज्यों घास।।
सब जग जलता देख कर भया कबीर उदास।।
किस विधि से पूर्ण परमात्मा को पाया जा सकता है?
हमारे सद्ग्रन्थों में वर्णित विधिवत साधना करने से ही हम अपने पिता परमेश्वर कबीर साहिब को पा सकते हैं। और वर्तमान समय में विधिवत साधना केवल संत रामपाल जी महाराज बताते हैं जिससे साधक को न केवल सर्व सुख प्राप्त होते हैं बल्कि मोक्ष भी मिलता है। इसीलिए ज़्यादा समय व्यर्थ न गवांकर जल्दी संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा प्राप्त करें।
FAQ About Father’s Day [Hindi]
लिंडन बी. जॉनसन ने जून 1966 में तीसरे रविवार को पिताओं के सम्मान में एक दिन मनाने की घोषणा की। अंततः 1972 में, राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने जून में तीसरे रविवार को फादर्स डे के रूप में निर्दिष्ट करने वाले एक अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए। तब से यह आधिकारिक तौर पर एक स्थायी राष्ट्रीय अवकाश रहा है।
पहला फादर्स डे 19 जून, 1910 को वाशिंगटन राज्य में मनाया गया था। 1972 तक, यह दिन अमेरिका में राष्ट्रीय अवकाश नहीं था।
भारत सहित विश्व के अधिकांश क्षेत्रों में फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। यह इस साल 19 जून को पड़ रहा है। 8 अगस्त को पुर्तगाल और स्पेन समेत कई देशों में फादर्स डे मनाया जाता है।
फादर्स डे पर उन योगदानों को पहचाना जाता है और उनकी प्रशंसा की जाती है जो पिता अपने परिवार और समाज में बड़े पैमाने पर करते हैं। बच्चे इस दिन अपने पिता और पिता के साथ-साथ उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले किसी भी व्यक्ति का शुक्रिया अदा करते हैं।
वाशिंगटन के स्पोकेन में फादर्स डे की शुरुआत हुई। फादर्स डे की स्थापना 1910 में स्पोकेन के मूल निवासी सोनोरा स्मार्ट डोड द्वारा की गई थी, जिनके पिता ने उन्हें और उनके पांच भाई-बहनों को उनकी मां के प्रसव में मृत्यु के बाद पाला था। सोनोरा स्मार्ट डोड, जिन्होंने एक सदी से भी अधिक समय पहले वाशिंगटन के स्पोकेन में सबसे पहला फादर्स डे मनाया था।
Our real father is Kabir saheb ji
कबीर साहेब सभी आत्माओं के वास्तविक पिता हैं । उन्होंने ही सर्व ब्रह्मांडों तथा सर्व जीवों की उत्पत्ति की है।
I like the article very much.Its true that Kabir Saheb ji is our Father. He is the father of all universe.