July 13, 2025

Dr. KK Aggarwal Death: Vaccine की दो dose भी नहीं बचा सकीं उनकी जिंदगी ; सत भक्ति ही कारगर उपाय

Published on

spot_img

Dr. KK Aggarwal Death: शिक्षक दिवस के दिन जन्मे, देश के प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ (Cardiologist) व हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री पुरस्कार विजेता 62 वर्षीय डॉ. केके अग्रवाल का COVID-19 के संक्रमण के कारण निधन हो गया। उन्होंने 17 अप्रैल सोमवार को रात 12 बजे एम्स के ट्रॉमा सेंटर में अपनी अंतिम सांस ली। प्रिय पाठक इस लेख के माध्यम से यह भी जानेंगे कि जरा-मरण के दीर्घ रोग से छुटकारा पाने की अचूक दवा कौन सी है?

Dr. KK Aggarwal Death: मुख्य बिंदु

  • कोविड-19 संक्रमण से  सोमवार 17 अप्रैल को रात 12 बजे एम्स के ट्रामा सेंटर में ली अपनी अंतिम सांस
  • डॉ. केके अग्रवाल का जन्म 5 सितंबर 1958 को हुआ था
  • भारत को इकोकार्डियोग्राफी से परिचित कराने वाले भी Dr. Kk Aggarwal ही थे
  • स्ट्रैप्टो कीनेस थेरेपी का इस्तेमाल  करने वाले शुरुआती डॉक्टरों में इनका नाम शामिल था
  • उनके द्वारा लिखित कई पुस्तकों में से एक Alloveda नामक चर्चित है
  • कोविशील्ड कोविड वैक्सीन की दोनों डोज भी उन्हें बचाने में असफल रहीं  
  • देश भर में COVID-19 की दूसरी लहर ने ली 269 डॉक्टरों की जान
  • सच्चे वैद्य अर्थात सतगुरु रामपाल जी महाराज जी से प्राप्त करें जन्म-मरण जैसे दीर्घ रोग से मुक्त होने की दवा।

Dr. KK Aggarwal Death: डॉ. केके अग्रवाल का COVID-19 के संक्रमण के कारण निधन

देश के प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ 62 वर्षीय डॉ. केके अग्रवाल का COVID-19 के संक्रमण के कारण निधन हो गया। उनका जन्म 5 सितंबर 1958 को हुआ था। उन्होंने कोविड-19 से कई दिन तक जूझने के बाद सोमवार 17 अप्रैल को रात 12 बजे एम्स के ट्रॉमा सेंटर में अपनी अंतिम सांस ली। वे हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। उन्होंने नागपुर से डाक्टरी की अपनी पढ़ाई पूरी की।  उन्हें उनकी कुशलता के कारण भारत सरकार के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।  डॉ. केके अग्रवाल कोरोना वायरस महामारी की दोनों लहर के समय जानकारी भरे अनेक वीडियो द्वारा लोगों को जागरूक करने में लगे रहे।   

कोविड के दोनों टीके लेने के बाद क्यों हुआ निधन? 

हालांकि डॉ. केके अग्रवाल कोविशील्ड वैक्सीन के कोविड टीके की दोनों खुराक ले चुके थे तब कोरोना संक्रमण के कारण क्यों मृत्यु हुई। इस पर उनके एक मित्र बताते हैं कि उन्हें कुछ अन्य बीमारियां भी थीं। उनको  पाचन तंत्र से जुड़ी गंभीर समस्या थी और तीन साल पहले उन्हें पल्मोनरी एंबोलिज्म यानी फेफड़ों की एक आर्टरी (pulmonary artery) में ब्लॉकेज की समस्या भी हुई थी। इस कारण कोविड के संक्रमण से ग्रसित होने के बाद दिल्ली के एम्स में कई दिनों तक विशेषज्ञों की देखरेख में रहने के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका। 

Dr. KK Aggarwal Death: अंतिम वीडियो में कहा- हमें लोगों को कोरोना संकट से निकालना होगा

डॉ. केके अग्रवाल कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से लोगों को अपने जानकारी भरें अनेक वीडियो द्वारा लोगों को जागरूक करने में लगे रहे। कोरोना संक्रमण के उपचार के दौरान ही उन्होंने अपने एक अंतिम वीडियो में चिकित्सकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा था, ‘‘द शो मस्ट गो ऑन (प्रयास जारी रहने चाहिए)’’। भारत के चिकित्सा क्षेत्र में डॉ. केके अग्रवाल की गिनती प्रमुख चेहरों में होती है।

Dr. KK Aggarwal: एक चिकित्सक के रूप में उपलब्धियां व पुरस्कार

  • 2005 में डॉ. केके अग्रवाल को, चिकित्सा श्रेणी का सर्वोच्च भारतीय पुरस्कार डॉ. बीसी रॉय पुरस्कार उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रदान किया गया।
  • 2010 में देश का चौथा सर्वोच्च पुरस्कार पद्मश्री पुरस्कार, चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया। 
  • नेशनल साइंस कम्युनिकेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया 
  • डॉक्टर पी.एस. मंगेशकर नेशनल आई.एम.ए. अवार्ड इत्यादि कई पुरस्कार आपके चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदत्त किये गए।

Coronavirus updates India: एक नजर COVID-19 की वर्तमान स्थिति पर

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में 2,67,334 Covid-19 के संक्रमण के नए केस सामने आए और 4529 संक्रमितों ने जान गवाईं है,  (एक दिन में सर्वाधिक) । हालांकि 3,89,851 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। अब तक इस महामारी से संक्रमित हुए कुल मरीजों की संख्या का आंकड़ा दो करोड़ 54 लाख 96 हजार 330 हो गया है व सक्रिय मरीजों की संख्या का आंकड़ा 32 लाख 26 हजार 719 हो चुका है इस दौरान हुई कुल मौतों की संख्या 2 लाख 83 हजार 248 है।

सत्यनाम के सुमिरण से क्षणभर में ही समाप्त हो जाते हैं घोर पाप तथा दुःख

कबीर, कर्म रख सागरबन्धयौ, सौ योजन मरजाद।

बिन अक्षर कोई ना छुटै, सो अक्षर अगम अगाध।।

कोई भी रोग हमें छू नहीं सकता है, यदि हम पूर्ण संत जी के द्वारा बताई सतभक्ति कर रहे हैं। परमात्मा के नाम में वो शक्ति है कि सर्व पापों का पल में नाश कर हमें पूर्ण सुख प्रदान करता है। हम जब सत्यनाम, जो तत्वदर्शी संत रामपाल जी से प्राप्त किया जाता है, का एक सुमिरण करते है तो अनेकों पापों का नाश पल में ऐसे हो जाता है जैसे पुराने घास के ढेर में एक आग की चिंगारी पड़ जाए तो ढेर को पल में राख बना देती है ।

कबीर, जबही सत्य नाम ह्रदय धरो, भयो पाप को नाश ।

जैसे चिंगारी अग्नि की, पड़ी पुराने घाँस ।।

सतगुरु रूपी वैध संत रामपाल जी महाराज से प्राप्त करें सत्यनाम रूपी दवा

जग सारा रोगिया रे, जिन सतगुरु वैध न जाणया। 

जग सारा रोगिया रे।

परम संत रामपाल जी महाराज अपने अनमोल सत्संगों में बताते हैं कि इस पृथ्वी लोक के प्रत्येक प्राणी को कोई न कोई न दुख है चाहे वह किसी रोग या महामारी का हो, इन सर्व दुखों को सिर्फ पूर्ण संत अर्थात सतगुरु रूपी वैद्य ही सत्यनाम रूपी दवा देकर खत्म कर सकते हैं ।

पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी हैं सबके रक्षक

गरीब, जम जौरा जासै डरै, मिटें कर्म के लेख।

अदली अदल कबीर हैं, कुल के सतगुरु एक।।

पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी से जम अर्थात काल तथा काल के दूत और मृत्यु भी डरती है। वे पूर्ण प्रभु पाप कर्म दण्ड के लेख को भी समाप्त कर देते हैं।

यजुर्वेद अध्याय 8 के मंत्र 13 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा पापी से भी पापी व्यक्तियों के भी सम्पूर्ण पापों का नाश करके भयंकर रोगों से भी मुक्त कर देते हैं तथा ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 में तथा मंडल 9 सूक्त 80 मंत्र 2 में लिखा है कि यदि किसी रोगी की प्राण शक्ति क्षीण हो चुकी है तथा उसकी आयु भी शेष न रही हो तो पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी उसके प्राणों की रक्षा करके उसे शत वर्ष अर्थात सौ वर्ष की सुखमय आयु प्रदान करते हैं।

आदमी की आयु घटै, तब यम घेरे आय।

सुमिरन किया कबीर का, दादू लिया बचाय।।

सर्व रोगों की अचूक दवा सत्यनाम और सत भक्ति, प्राप्ति में देरी न करें

गरीब, राम रटत नहिं ढील कर, हरदम नाम उचार।

अमी महारस पीजिये, योह तत बारंबार।।

हे! साधक पूर्ण गुरु से दीक्षा लेकर उस राम के नाम अर्थात सत्यनाम की रटना जाप करने में में देरी ना करें। वर्तमान में पूरे विश्व में एकमात्र केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही हैं जो तारक मंत्र अर्थात सत्यनाम देकर पूर्ण परमात्मा की सत्य साधना बताते हैं। तो सत्य को जानें और पहचान कर पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से मंत्र नाम दीक्षा लेकर अपना जीवन कल्याण करवाएं । अधिक जानकारी के हेतु सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर सत्संग श्रवण करें ।जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा लें। दुनिया की सबसे अधिक डाउनलोड की जाने वाली सबसे लोकप्रिय पवित्र आध्यात्मिक पुस्तक जीने की राह आप भी इसे जरूर पढ़ें।

Latest articles

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?

World Population Day 2025: The best time for world’s Population to Attain Salvation

Last Updated 09 July 2025, 1:16 PM IST | World Population Day 2025: Today...
spot_img

More like this

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?