Delhi JahangirPuri Demolition Drive: बीते शनिवार को हनुमान जयंती जुलूस के दौरान दिल्ली के जहाँगीरपुरी इलाके में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद एमसीडी (MCD) की तरफ से अतिक्रमण विरोधी अभियान प्रारंभ किया गया। एमसीडी द्वारा हिंसा प्रभावित इलाके में 9 बुलडोजर से अवैध ढांचों को ध्वस्त किया जा रहा था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
Delhi JahangirPuri Demolition Drive : मुख्य बिन्दु
- हनुमान जयंती जुलूस के समय जहाँगीर पुरी में हुई हिंसा के बाद एमसीडी की अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही।
- 9 बुलडोजर द्वारा हिंसा प्रभावित इलाके से अवैध ढाँचे ध्वस्त किये गए।
- बुलडोजर कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, सुप्रीम कोर्ट तत्काल सुनवाई के लिए हुआ तैयार।
- नगर निगम के द्वारा किये गए विध्वंस को राहुल गाँधी ने “भारत के संवैधानिक मूल्यों का विध्वंस” बताया।
- धार्मिकता का लगभग ह्यस हो चुका है।
- संत रामपाल जी महाराज आध्यात्मिक ज्ञान से धर्मों के बीच बढ़ रही खाई को मिटा रहे हैं और मानवता को सबसे बड़े धर्म के रूप में बढ़ावा दे रहे है।
Delhi JahangirPuri Demolition Drive | जानें पूरा मामला
16 अप्रैल को देश की राजधानी दिल्ली के जहाँगीर पुरी में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य पर शोभा यात्रा निकाली जा रही थी। जब यह शोभा यात्रा C-ब्लॉक के पास बनी मस्जिद के पास पहुंची वहाँ भीड़ एकत्रित हो गई। इस दौरान पथराव की घटना हुई और गोली चलने की भी खबर सामने आई। जिससे दो समुदायों के मध्य पुलिस की मौजूदगी में दंगा हुआ। हालांकि पुलिसकर्मियों ने जैसे तैसे दोनों पक्षों को शांत करा दिया था। इस घटना के दौरान कुछ पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे।
नगर निगम की कार्यवाही
जहाँगीर पुरी में हनुमान जयंती पर हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ से अचानक 19 अप्रैल को अतिक्रमण हटाने की कार्यवाई करने की घोषणा की गई थी। यह कार्यवाई 20 अप्रैल को प्रारंभ की गई थी। शुरुआती कार्यवाही में 9 बुलडोजर द्वारा मस्जिद के पास बनी गैरकानूनी दुकानों, घरों को ध्वस्त किया गया।
Delhi JahangirPuri Demolition Drive पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
नगर निगम की कार्यवाई को रुकवाने के लिए जहाँगीर पुरी के कुछ निवासी सुप्रीम कोर्ट पहुँचे। याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बैंच के सामने मामला रखा। वकील दवे ने कहा कि “नगर निगम की यह कार्यवाई अवैध है क्योंकि नगर निगम एक्ट में लिखा है कि इस तरह की कार्यवाई करने से पहले 5-15 दिन का नोटिस नगर निगम की तरफ से देना होता है जोकि नहीं दिया गया। वकील दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण के आग्रह पर मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने नगर निगम की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए, यथास्थिति बनाये रखने के लिए कहा।
जिसके बाद नगर निगम की बुलडोजर कार्यवाई रोक दी गई है और सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की आज फिर सुनवाई हुई है.
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी चली 2 घंटे बुलडोजर कार्यवाही
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी लगभग दो घंटे तक नगर निगम की कार्यवाई जारी रही। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर, राजा इकबाल सिंह ने कहा कि हमें अभी तक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है और जब तक हमें आदेश नहीं मिल जाता तब तक अवैध संरचनाओं को हटाने का अपना काम जारी रखेंगे। करीब 2 घंटे के बाद जब उन्हें आदेश प्राप्त हुआ तब कार्यवाही रोकी गई।
Delhi JahangirPuri Demolition Drive पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
दिल्ली के जहाँगीर पुरी में नगर निगम के विध्वंस अभियान को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा कि यह भारत के संवैधानिक मूल्यों का खण्डन है। भाजपा को इसके बजाय उनके दिलों में नफरत को दूर करना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के सांसद और नेता राघव चड्ढा ने सीधे तौर पर गृह मंत्री अमित शाह पर साम्प्रदायिक दंगों के साजिश रचने का आरोप लगाया। वहीं माकपा नेता वृंदा करात ने जहांगीरपुरी में नगर निगम द्वारा किए गए विध्वंस को “संविधान की धज्जियां उड़ाने वाला” बताया।
अगले दो हफ्ते जारी रहेगी बुलडोजर पर रोक
जहांगीरपुरी डिमॉलिशन केस में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार यानि आज 21अप्रैल को सुनवाई के दौरान कहा कि फिलहाल जहाँगीरपुरी में तोड़फोड़ नहीं होगी। कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए अथॉरिटी से जवाब मांगा है, साथ ही यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद करेगा।
हम सभी एक खुदा के बच्चे हैं
हम सभी बचपन से सुनते आये हैं कि “सबका मालिक एक है” , यह बिल्कुल सत्य है। और उसी खुदा, मालिक, अल्लाह, प्रभु को पाने के लिए हम अनेकों धर्म, समुदाय में बंटते चले गये। जिसने जैसा बताया हमने किया, जिससे हमें वह सर्व सुखदायी प्रभु मिल सके। वह सर्व सुखदायी परमेश्वर, अल्लाह कोई ओर नहीं कविर्देव है। जिसे भाषा भिन्न होने की वजह से कबीर साहेब, अल्लाह कबीर, हक्का कबीर आदि नामों से पुकारा जाता है। यहीं हमारा परमपिता परमेश्वर है।
धार्मिक व्यक्ति के क्या लक्षण हैं
हम सभी हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई या अन्य धर्म को मानते हैं। मनुष्य के लिए पहले से ही धर्म प्रमुख रहा है। वर्तमान समय में हम धर्मावलंबी (मैं हिन्दू हूँ, मैं मुस्लिम हूँ,……) तो हैं लेकिन धार्मिकता औपचारिक रह गई है। धार्मिकता की कमी हो गई है। एक धार्मिक व्यक्ति के लक्षण होते हैं कि वह “नशा न करे, मांसाहार न करे, भ्रष्टाचार न करें, दुराचार-व्यभिचार न करे, अहिंसावादी हो, परमार्थी हो, दानी-धर्मी हो, मधुर भाषी हो, अहंकार रहित नम्र हो, अपनी ताकत या पद के बल का दुरुपयोग न करे, दयावान हो, पाप करने से बचे, राग द्वेष न करे, शास्त्रानुकूल भक्ति करे।“
संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से झगड़े होंगे समाप्त
जाति, मजहब (धर्म) आदि के झगड़े आध्यात्मिक ज्ञान से ही सुलझने संभव है। वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी सर्व धर्मों के धर्म शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान बताते हुए कहते हैं
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा |
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा ||
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि हमारा मानव धर्म है कोई भी धर्म बुरा नहीं होता। हम आज भले ही हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि धर्मों में जन्मे हैं। हमारा भगवान, खुदा, रब एक है। उसने किसी को जाति, धर्म में नहीं बाँटा बल्कि हम स्वयं अज्ञानतावश जाति, धर्म में बंट गए हैं। संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया कि कबीर परमेश्वर (अल्लाह कबीर) जी कहते हैं कि सभी मनुष्य एक प्रभु/खुदा के बच्चे हैं जो यह नहीं मानता है, वह अज्ञानी है।
कबीर, अलख इलाही एक है, नाम धराया दोय।
कहै कबीर दो नाम सुनि, भरम परो मत कोय।।
कबीर-राम रहीमा एक है, नाम धराया दोय।
कहै कबीर दो नाम सुनि, भरम परो मत कोय।।
कबीर-कृष्ण करीमा एक है, नाम धराया दोय।
कहै कबीर दो नाम सुनि, भरम परो मत कोय।।
संत रामपाल जी महाराज के इस तरह के आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से जाति, धर्म के बीच की खाई धीरे – धीरे समाप्त हो रही है। संत रामपाल जी महाराज के अद्वितीय आध्यात्मिक ज्ञान को देखने के लिए Satlok Ashram यूट्यूब चैनल पर सत्संग सुने।
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