Last Updated on 28 May 2024 IST: रेमल (Cyclone Remal) एक उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान है, जिसने 26 मई से 27 मई, 2024 के बीच पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश को प्रभावित किया। पश्चिम बंगाल में आए चक्रवाती तूफान रेमल ने लगातार भारी वर्षा के साथ कहर मचा दिया है। पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में तबाही से भारतीय मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है।
बंगाल की खाड़ी में घातक चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में मौजूद कम दबाव के क्षेत्र में एक शक्तिशाली साइक्लोन बन रहा है, जो धीरे-धीरे एक शक्तिशाली चक्रवात में तब्दील हो सकता है। यह खतरनाक साइक्लोन ‘रेमल’ (Cyclone Remal) नाम से जाना जाएगा, जिसका अरबी में अर्थ ‘रेत’ होता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, रेमल चक्रवात मई महीने के अंतिम सप्ताह में बांग्लादेश और भारत के तटीय इलाकों को प्रभावित कर सकता है।
Cyclone Remal: चक्रवात ‘रेमल’ का खतरा: मुख्य बिंदु
- चक्रवात रेमल वर्तमान में बंगाल की खाड़ी के मध्य में स्थित है, खेपुपारा (बांग्लादेश) से 800 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम और कैनिंग (पश्चिम बंगाल) से 810 किलोमीटर दक्षिण में।
- मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी हिंद महासागर का पानी का तापमान 30-31°C है, जो इस चक्रवात को और भी शक्तिशाली बना सकता है।
- 26 और 27 मई को कोलकाता, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, पूर्वी मेदिनीपुर और हावड़ा में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
- दक्षिण 24 परगना में 90-100 किमी प्रति घंटा, पूर्वी मेदिनीपुर में 80-90 किमी प्रति घंटा और कोलकाता, उत्तर 24 परगना और हावड़ा में 60-70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
- 25 मई से, उत्तरी और दक्षिणी ओडिशा में हल्की से लेकर मध्यम दर्जे की वर्षा की संभावना है, जिसमें गरज के साथ बूंदाबांदी भी हो सकती है।
- 26 मई को, मिजोरम, त्रिपुरा, और दक्षिण मणिपुर में भी हल्की से मध्यम बारिश की आशंका है।
- 27 और 28 मई को, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर, और त्रिपुरा में वर्षा होने की संभावना है।
- मछुआरों को 27 मई की सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में ना जाने की चेतावनी दी गई है।
- मानसून की हवाएं पहले ही प्रायद्वीपीय क्षेत्र में बह रही हैं, जिसके कारण यह तूफान अभी भी मानसून के साथ जुड़ा हुआ है।
- चक्रवात रेमल के चलते अब तक 10 लोगों की मौत
Cyclone Remal | भारी बारिश और आंधी तूफान की आशंका
इस विनाशकारी चक्रवात की वजह से 24 से 28 मई के बीच बंगाल की खाड़ी के आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश और आंधी-तूफान की आशंका है। मौसम विभाग का अनुमान है कि यह चक्रवात पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच किसी भी जगह पर आकर भूखंड से टकरा सकता है। इस भयंकर चक्रवात के दौरान हवा की रफ्तार 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती है।
रेमल चक्रवात ने बरपाया कहर
पश्चिम बंगाल के तट पर रविवार को रेमल तूफान (Cyclone Remal) के पहुँचने के बाद सोमवार को भयंकर तबाही का मंजर दिखाई दिया। रेमल चक्रवात के कारण लगातार रविवार से सोमवार तक भारी वर्षा, तेज आंधी और तूफान का सामना लोगों को करना पड़ा। मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल में जहां रेड अलर्ट जारी किया है वहीं पूर्वी बिहार में ऑरेंज अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बिहार में भी 130 से 140 किलोमीटर की तीव्रता से आंधी चलने की संभावना बताई गई है। त्रिपुरा के दो जिलों सिपाहीजला और गुमती में रेड अलर्ट जारी किया गया है। असम में धुबरी, दक्षिण सलमारा, बारपेटा, बोंगाईगांव, तामुलपुर, पश्चिम कार्बी आंगलांग, नालबाड़ी, मोरीगांव आदि के लिए रेड अलर्ट जारी है। असम, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम की सरकारों ने अलग अलग निर्देश राज्य में प्रसारित किए हैं।
Remal Cyclone: दो लाख लोगों को भेजा सुरक्षित स्थानों पर
पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र में आए भीषण तूफान “रेमल चक्रवात” की वजह से तटीय इलाकों में रहने वाले करीब दो लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। इन दो लाख लोगों को चक्रवाती तूफ़ान आने से पहले ही सरकार ने संवेदनशील इलाकों से सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। सागरदीप, सुंदरबन, काकद्वीप, दक्षिण 24 परगना स्थानों से मुख्य रूप से लोगों को बाहर निकाला गया है। आईएमडी ने एक्स अकाउंट के माध्यम से रेमल तूफान आने के पहले सूचना भी दी थी जिसमें बताया था कि जल्द ही तूफान प्रविष्ट होने वाला है एवं पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की प्रक्रिया जारी है।
भिन्न मॉडलों से अनिश्चितता बरकरार
यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट(ECMWF) के आंकड़ों के विश्लेषण से विंडी ने बताया है कि यह चक्रवाती तूफान कमजोर पड़ते हुए उत्तर की ओर बढ़ेगा और पश्चिम बंगाल के तट पर पहुंचकर 26 मई की देर शाम को सीधे संवेदनशील सुंदरवन डेल्टा से टकराएगा।
वही, अमेरिकी जॉइंट टाइफून वार्निंग सेंटर (JTWC) ने अपनी चेतावनी में चक्रवाती प्रणाली के रास्ते में गर्म समुद्री सतह के तापमान और मध्यम स्तर की ऊर्ध्वाधर हवाओं की मौजूदगी का खुलासा किया है, जिससे चक्रवात बनने की परिस्थितियां बेहतर हो गई हैं। हालांकि, केंद्र ने चक्रवात की संभावित गति और सटीक रास्ते के बारे में कुछ नहीं बताया है।
कैसे बनता है चक्रवात?
चक्रवात, जिन्हें उष्णकटिबंधीय चक्रवात भी कहा जाता है, विशाल घूमने वाले तूफान होते हैं जो गर्म, नम हवा से बनते हैं। इन्हे साइक्लोन भी कहते हैं। वे विशेष रूप से गर्म समुद्र के पानी पर बनते हैं। चक्रवात बनने के लिए अनुकूल स्थितियों में गर्म समुद्र का पानी, समुद्र की सतह का तापमान कम से कम 26°C (80°F), वायुमंडल में कम दबाव का क्षेत्र और तूफान को विकसित होने और मजबूत होने के लिए खुले समुद्र में पर्याप्त जगह चाहिए होती हैं।
जब गर्म, नम हवा समुद्र की सतह से ऊपर उठती है। हवा ठंडी होती है और संघनित होती है, बादलों और वर्षा का निर्माण करती है। जैसे-जैसे गर्म हवा ऊपर उठती है, यह कम दबाव का क्षेत्र पैदा करती है। आसपास की हवा इस कम दबाव वाले क्षेत्र में घूमने लगती है, जिससे हवा का घूमने वाला चक्र बन जाता है। पृथ्वी का लगातार अपनी धुरी पर घूमना इस घूर्णन चक्र को और तेज करता है, जिससे तूफान बनता है।
उत्तर पश्चिम इलाको में बढ़ा खतरा
चक्रवात रेमल (Cyclone Remal) के बारे में अपने नवीनतम पोस्ट में “द वेदर चैनल(TWS)” ने कहा है कि अब तक विभिन्न मॉडल इसके रास्ते और तीव्रता के बारे में अलग-अलग अनुमान लगा रहे हैं। चैनल ने आगे बताया कि वैश्विक पूर्वानुमान प्रणाली (GFS) के मुताबिक, यह “गंभीर चक्रवाती तूफान” या “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” में बदलते हुए पूर्वी भारत की ओर उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ सकता है।
Cyclone Remal: चक्रवात को आखिर “रेमल” नाम ही क्यों दिया गया ?
2020 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामों की एक सूची तैयार करने का फैसला किया था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस सूची में 169 नाम दिए थे। अगर बंगाल की खाड़ी में मौजूदा चक्रवाती सिस्टम एक चक्रवात में बदल जाता है तो इसे ‘रेमल’ नाम दिया जाएगा। फिलहाल विभाग ने इस नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन कोई चक्रवात बनते ही इसे यही नाम दिया जाएगा।
रेमल चक्रवात (Cyclone Remal) ने बरपाया कहर
रेमल से हुई क्षति साफ तौर पर देखी जा सकती है। बिजली के खंभे गिरने से लेकर झोपड़ियों की छत उखड़ने तक इस तूफान ने असर दिखाया है। कई पेड़ भी इस तूफान में जड़ से उखड़ गए। बिजली के खंभे उखड़ने के कारण राज्य के कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई है। रेमल चक्रवात में भारी बारिश के चलते भी बचाव दल कार्यरत रहा। बिजली की सेवा पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त सात राज्यों में प्रभावित हुई है। हवाई यात्राओं पर अलग प्रभाव पड़ा है जिनके संचालन में समस्या आई। कई फ्लाइट्स रद्द की गईं हैं। मध्यप्रदेश की उड़ानों तक रेमल तूफान का असर पड़ा हैं। रेमल तूफान के चलते रेलवे ने कोलकाता में ट्रेनों को जंजीरों और तालों के जरिए रेलवे ट्रैक पर बांध दिया है।
सुंदरवन पर विनाश का साया
चक्रवात रेमल के प्रकोप से सुंदरवन डेल्टा के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह चक्रवात पश्चिम बंगाल के तट को छूता है और उच्च ज्वार के साथ मेल खाता है तो सुंदरवन डेल्टा की अनुपम पारिस्थितिकी प्रणाली पर आंशिक रूप से नुकसान पहुंचेगा।
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Cyclone Remal: विशेषज्ञों के अनुसार, यदि चक्रवात भारतीय तट पर आता है और उस समय उच्च ज्वार होता है, तो इससे सुंदरबन डेल्टा को आंशिक नुकसान पहुंच सकता है। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के आंकड़े बताते हैं कि 26-27 मई की रात उच्च ज्वार का समय होगा जब जलस्तर की अधिकतम ऊंचाई लगभग 5 मीटर तक हो सकती है। गत कुछ वर्षों में सुंदरवन पारिस्थितिक तंत्र पर आइला, अम्फान और यास जैसे घातक चक्रवातों का कहर टूटा है।
विनाश के पुराने दर्द ताजा
वर्ष 2009 के आइला चक्रवात की 15वीं वर्षगांठ, 2020 में आए अम्फान चक्रवात की चौथी वर्षगांठ और 2021 के यास चक्रवात की तीसरी वर्षगांठ के आस-पास ही, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों में 26 मई की शाम से लेकर 27 मई की सुबह तक एक अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान आने की संभावना बनी हुई है।
इन तीनों चक्रवातों ने सुंदरबन द्वीप समूह और बंगाल की खाड़ी के अन्य क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई थी। आइला ने 25 मई, 2009 को अपनी चरम गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे हासिल की थी। यास ने 26 मई, 2021 को भूस्खलन करते समय 140 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की थी। वहीं, अम्फान एक सुपर साइक्लोन था जिसने 20 मई, 2020 को भूस्खलन करने से पहले बंगाली उपसागर में आए सबसे प्रबल उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में से एक के रूप में खुद को स्थापित किया था।
बचाव कार्यों को लेकर पूरी मुस्तैदी
बंगाल की खाड़ी से उठा यह नया खतरा भारत मौसम विज्ञान विभाग और सभी संबद्ध राज्य प्रशासनों की चिंता का विषय बना हुआ है। चक्रवात से लड़ने की पूरी तैयारी कर ली गई है और उच्चस्तरीय रणनीति, समन्वय तथा निगरानी का इंतजाम किया गया है। आइएमडी और निकटवर्ती देशों से प्राप्त होने वाले नवीनतम अपडेट पर करीबी नजर रखी जा रही है। अधिकारियों की चेतावनी है कि बंगाल की खाड़ी से उठी इस बरसाती आंधी का सामना करने के लिए संघीय प्रयास और सतर्कता अति आवश्यक है।
निष्कर्ष
विभिन्न पूर्वानुमानों के बावजूद, चक्रवात रेमल के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मौसम विभाग, आपदा प्रबंधन एजेंसिया और प्रशासन आगामी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। साथ ही, तटीय इलाकों में रहने वालों को भी सुरक्षा उपायों को अपनाने की जरूरत है। सरकार और आपदा एजेंसियां भी अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास कर रही हैं, मगर इस प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं के समय में, हमें इंसानी प्रयासों पर भरोसा करने के साथ-साथ परमात्मा की शरण लेनी चाहिए। परमेश्वर ही सभी प्राणियों का पालनहार है। केवल उसकी कृपा और अनुग्रह से ही हम इस चुनौतीपूर्ण समय से उबर सकेंगे। वर्तमान में, केवल “संत रामपाल जी महाराज” ही ऐसे संत हैं जो अपने अनुयायियों को परमेश्वर की सच्ची भक्ति का मार्ग दिखाकर मोक्ष की दिशा में अग्रसर कर रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए पढ़े उनके द्वारा लिखित पुस्तक “ज्ञान गंगा” व “जीने की राह”।
FAQ about Cyclone Remal in Hindi
उत्तर : रेमल चक्रवात एक गंभीर चक्रवाती तूफान है जो बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तट के बीच भूमि पर आने की उम्मीद है।
उत्तर: रेमल को सुपर चक्रवात के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है; इसके एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में भूमि पर आने की उम्मीद है।
उत्तर: रेमल चक्रवात का नाम ओमान ने रखा है; ‘रेमल’ का अर्थ अरबी में ‘रेत’ होता है।
उत्तर: हाँ, चक्रवात रेमल कोलकाता को प्रभावित करेगा, 26 और 27 मई को भारी से बहुत भारी वर्षा की उम्मीद है।
उत्तर: अब तक दर्ज किया गया सबसे शक्तिशाली चक्रवात टाइफून टिप है, जो 1979 में आया था, जिसमें उष्णकटिबंधीय चक्रवात में मापा गया सबसे कम वायुमंडलीय दबाव 870 hPa (25.69 inHg) था।
उत्तर: भारत में सबसे बड़ा चक्रवात 1999 का ओडिशा चक्रवात था, जिसे सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म BOB 06 के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तर: चक्रवात रेमल वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में है और 26 मई की शाम तक बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल, ओडिशा के तटों के पास भूमि पर आने की उम्मीद है।
उत्तर: चक्रवात के नाम विशिष्ट क्षेत्र के WMO सदस्यों की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और हाइड्रोलॉजिकल सेवाओं द्वारा बनाए जाते हैं और संबंधित उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्षेत्रीय निकायों द्वारा अनुमोदित किए जाते हैं।