March 14, 2025

Chief of Defence Staff (CDS) | रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Anil Chauhan) बने देश के दूसरे सीडीएस

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Chief of Defence Staff (CDS) | बीते शुक्रवार 30 सितंबर को लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) अनिल चौहान (Anil Chauhan) ने देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में पदभार संभाल लिया है। भारत सरकार द्वारा बुधवार को उन्हें देश का नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया था। सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से पद खाली था। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भारत सरकार में सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी जिम्मेदारी निभायेंगे। 

Chief of Defence Staff (CDS) : मुख्य बिंदु

  • कल 30 सितंबर को लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) अनिल चौहान ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पदभार संभाल लिया है।
  • भारत सरकार ने बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) अनिल चौहान को New CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) नियुक्त किया था।
  • जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद अनिल चौहान देश के दूसरे CDS होंगे।
  • लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) अनिल चौहान (Anil Chauhan) पूर्वी कमान के ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रह चुके हैं।
  • चौहान, अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के लिए भी काम कर चुके हैं।
  • 31 मई 2021 को भारतीय सेना से अनिल चौहान हुए थे सेवानिवृत्त।

कौन है New CDS अनिल चौहान ?

  1. 18 मई 1961 को उत्तराखंड में जन्मे रिटायर्ड लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Anil Chauhan) 1981 में भारतीय सेना के 11 गोरखा राइफ़ल्स में शामिल हुए थे।
  2. लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने अपने 40 साल से अधिक सैन्य सेवा में कई कमांड संभाले हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में आतंक निरोधी ऑपरेशन का व्यापक अनुभव है।
  3. वे मेजर जनरल, डायरेक्ट जनरल मिलिट्री ऑपरेशन, लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर भी रह चुके हैं।
  4. इसके अलावा अनिल चौहान ने सितंबर 2019 से मई 2021 यानि रिटायरमेंट तक ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ़ भी रहे।
  5. लेफ़्टिनेंट जनरल चौहान, संयुक्त राष्ट्र के अंगोला मिशन में भी काम कर चुके हैं।
  6. उन्होंने 2019 में म्यांमार के आतंकी संगठनों के खिलाफ क्रॉस बॉर्डर स्ट्राइक का नेतृत्व भी किया था। 
  7. लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कल 30 सितंबर को New Chief of Defence Staff (CDS) के रूप में पदभार संभाल लिया है।

पिछले 9 महीने से खाली था CDS का पद

जनरल विपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि CDS पद पर नियुक्त किया गया था। यह पद उन्होंने 1 जनवरी 2020 को संभाला था। तमिलनाडु के कुन्नूर में 1 दिसंबर 2021 को हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में पहले CDS जनरल विपिन रावत का निधन हो गया था। इस हादसे में जनरल रावत की पत्नी समेत सेना के सभी 14 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद से Cheif of Defence Staff-CDS का पद खाली पड़ा था। करीब 9 महीने बाद देश के दूसरे CDS के रूप में अनिल चौहान (Anil Chauhan) को चुना गया था। जिन्होंने 30 सितंबर पदभार संभाल लिया है।

क्यों पड़ी Chief of Defence Staff (CDS) की जरूरत ?

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की जरूरत तीनों सेनाओं के मध्य कोर्डिनेशन के लिए पड़ी। क्योंकि इस पद की कमी देश को सबसे पहले 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खली थी। इसके बाद सेना के तीनों अंगों के बीच कोऑर्डिनेशन की कमी 1987-89 के दौरान भारतीय शांति सेना (IPKF) द्वारा श्रीलंका में लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम (LTTE) जिसे लिट्टे भी कहा जाता है, के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन के दौरान भी देखी गई थी। इसके बाद Chief of Defence Staff की सबसे अधिक जरूरत 1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान महसूस की गई थी।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का गठन कब हुआ ?

1999 में कारगिल युद्ध की समीक्षा के लिए कृष्णास्वामी सुब्रह्मण्यम के नेतृत्व में कारगिल रिव्यू कमिटी का गठन किया गया था। इस कमिटी की सिफारिशों के बाद 2001 में तत्कालीन गृहमंत्री के नेतृत्व में मंत्रियों के समूह (GoM) ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति की सिफारिश की थी। लेकिन CDS की नियुक्ति अगले दो दशक तक अलग-अलग वजहों से नहीं हो सकी। आखिरकार 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद बनाए जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद दिसंबर 2019 में जनरल विपिन रावत को देश के पहले CDS के रूप में चुना गया था।

क्या होता है Chief of Defence Staff (CDS) ?

देश का Chief of Defence Staff (CDS), इंडियन आर्म्ड फोर्सेज का मिलिट्री प्रमुख और इंडियन आर्म्ड फोर्सेज की चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी का चेयरमैन होता है। साथ ही, रक्षा मंत्रालय द्वारा बनाए गए नए विभाग डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स का भी प्रमुख होता है। रक्षा मंत्रालय में पहले से ही चार विभाग थे- डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस, डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन, डिपार्टमेंट ऑफ एक्स सर्विसमेन वेलफेयर और डीआरडीओ (DRDO), अब पांचवें नए विभाग, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स का भी प्रमुख चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) को बनाया गया है।

Chief of Defence Staff (CDS) की भूमिका

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्य तीनों सेनाओं से जुड़े मामलों में रक्षा मंत्रालय को सैन्य सलाहकार देने की होती है। लेकिन वह तीनों में से किसी सेना का प्रमुख नहीं होता है। भारत एक न्यूक्लियर संपन्न देश है, ऐसे में CDS न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के लिए सैन्य सलाहकार के तौर पर भी काम करता है। 

भारत ने 2008 में सेना, अंतरिक्ष विभाग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बीच बेहतर तालमेल के लिए अपने एयरोस्पेस कमांड (द इंटीग्रेटेड स्पेस सेल) का गठन किया था। CDS के पास इस साइबर वारफेयर डिविजन का भी चार्ज होता है। इसके अलावा, सीडीएस (Chief of Defence Staff) का काम अनुमानित बजट के आधार पर तीनों सेवाओं की लॉजिस्टिक्स के साथ-साथ कैपिटल एक्विजिशन की जरूरतों को सुव्यवस्थित करने में मदद करना होता है।

CDS और तीनों सैन्य प्रमुखों की भूमिका में अंतर

अक्सर लोगों को यह कंफ्यूजन होता है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ही तीनों सेनाओं का भी प्रमुख होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) का काम सैन्य आदेश जारी करने के बजाय तीनों सेनाओं से जुड़े मामलों में सरकार को निष्पक्ष सलाह देना है। आर्मी, नेवी या एयरफोर्स को सैन्य कमांड देने का काम कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की सलाह पर उनके प्रमुख ही देते हैं, न कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ।

भगवान से डरने वाला व्यक्ति ही दे सकता निष्पक्ष सलाह

आज भी देश में निष्पक्ष और उचित सलाह देने वाले लोगों की कोई कमी नहीं हैं। लेकिन लोगों की नैतिकता में गिरावट के चलते ऐसे व्यक्तियों की कमी देखने को मिलती है। जबकि जो व्यक्ति भगवान के विधान से परिचित होता है वह किसी भी परिस्थिति में किसी को अनुचित सलाह नहीं दे सकता। वहीं, संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक जीने की राह लोगों को नैतिकता, धार्मिकता, मनुष्य के मूल कर्तव्य की ओर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। क्योंकि इन पुस्तकों में बताया गया है कि –

तुमने उस दरगाह का महल नहीं देखा।

धर्मराज के तिल-तिल का लेखा।

भगवान करता है सर्व बाधाओं से रक्षा

परमात्मा प्राप्त संत गुरुनानक देव, धर्मदास जी, मलूकदास जी, संत दादू जी, संत गरीबदास जी आदि ने बताया है कि कविर्देव अर्थात कबीर साहेब ही हमारे सच्चे रक्षक हैं। जोकि पल पल पर हमारी रक्षा करते हैं। इसके अलावा धार्मिक ग्रंथ जैसे सामवेद मंत्र संख्या 822 उतार्चिक अध्याय 3 खण्ड न. 5 के श्लोक 8 और ऋग्वेद मण्डल न. 9 सूक्त 20 मंत्र न. 1 यह स्पष्ट करता है कि परमात्मा कविर्देव अर्थात कबीर साहेब सबका रक्षक है। कबीर जी के विषय में कबीर सागर, बोधसागर खंड, अध्याय ज्ञानप्रकाश के पृष्ठ 23 में लिखा है – 

सत्य पुरुष वह सत्यगुरु आहीं। सत्यलोक वह सदा रहाहीं।।

सकल जीवके रक्षक सोई। सतगुरु भक्ति काज जिव होई।।

सतगुरु सत्यकबीर सो आहीं। गुप्त प्रगट कोइ चीन्है नाहीं।।

कबीर परमेश्वर के विषय में संत दादू दयाल जी कहते हैं –

दादू नाम कबीर की, जै कोई लेवे ओट।

उनको कबहू लागे नहीं, काल वज्र की चोट।।

आदमी की आयु घटै, तब यम घेरे आय।

सुमिरन किया कबीर का, दादू लिया बचाय।।

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