CBSE 10th Result 2020: CBSE कक्षा 10 के रिजल्ट आज हुए जारी। कक्षा 12 के बाद आज कक्षा 10 के भी रिजल्ट CBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी हो चुके हैं जहाँ छात्र अपनी डिटेल्स भरकर रिजल्ट देख सकते हैं।
CBSE 10th Result 2020-मुख्य बिंदु
- CBSE दसवीं कक्षा के रिजल्ट आज हुए घोषित
- कोरोनावायरस के कारण निर्मित परिस्थितियों के कारण टॉपर का नहीं हुआ ऐलान
- जिन विषयों की परीक्षाएं आयोजित नहीं हो सकीं थी उन्हें इंटर्नल के आधार पर मिलेंगे अंक
- CBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर किया जा सकता है परीक्षाफल का अवलोकन
- इस वर्ष 91.46 फीसदी छात्र पास हुए हैं वहीं 2019 में 91.10 प्रतिशत था
- 10वीं के करीब 18 लाख छात्र-छात्राओं ने कराया पंजीकरण
- स्कूली शिक्षा के अतिरिक्त सतभक्ति भी करना है आवश्यक
CBSE 10TH result 2020: 91.46 फीसदी छात्र हुए पास
इस वर्ष 91.46 फीसदी छात्र पास हुए हैं वहीं साल 2019 में यह आंकड़ा 91.10 प्रतिशत का था। रजिस्टर्ड छात्र संख्या 18,85,885 थी। 18,73,015 छात्र सम्मिलित हुए और 17,12,121 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। इस बार मेरिट लिस्ट जारी नहीं की जाएगी। कोरोनावायरस के कारण निर्मित परिस्थितियों के कारण टॉपर का ऐलान नहीं हुआ।
पास होने के लिए चाहिए न्यूनतम 33 अंक
परीक्षा में पास होने के लिए न्यूनतम 33 अंकों को प्राप्त करना आवश्यक है। XXXX का मतलब होगा इम्प्रूवमेंट वहीं ER यानी एसेंशियल रिपीट (Essential Repeat) का अर्थ होगा कि अगले साल पुनः परीक्षा में बैठना अनिवार्य होगा।
दिल्ली में हुईं थीं परीक्षाएँ रद्द
10वीं कक्षा की परीक्षाएं साम्प्रदायिक हिंसा के चलते पूरी नहीं हो पाईं थीं। हालांकि बोर्ड ने दोबारा परीक्षाओं के आयोजन का बंदोबस्त कर लिया था लेकिन अभिभावकों और विद्यार्थियों के विरोध के चलते नहीं कर पाया। कल बारहवी कक्षा के परिणाम जारी करने के बाद आज दसवीं कक्षा CBSE बोर्ड के रिजल्ट आज जारी हुए है । अब ऐसे में विद्यार्थियों को इंटर्नल के आधार पर औसत अंक मिले हैं। बोर्ड के रिजल्ट आधिकारिक वेबसाइट पर चेक किये जा सकते हैं।
रिज़ल्ट चेक करने के लिए क्या करें?
CBSE की आधिकारिक वेबसाइट के अलावा रिज़ल्ट उमंग ऐप (UMANG ), डिजिलॉकर (digilocker.gov.in) ऐप और SMS भेजकर (CBSE10) भी चेक कर सकते हैं। साथ ही इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध न होने पर IVR नम्बरों के माध्यम से परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। दिल्ली के लिए 24300699 नम्बर जारी किया है वहीं देश भर के लिए 011-24300699 नम्बर है।
दसवीं रिजल्ट और मानव जीवन की परीक्षा
दसवीं या बारहवीं के रिजल्ट का मानव जीवन की असली परीक्षा से कोई सम्बन्ध नहीं लेकिन यहां दोनों एकसाथ इसलिए उद्धृत किये जा रहे हैं क्योंकि विद्यालय की शिक्षा के आगे मानव जीवन के मूल उद्देश्य को कोई महत्व न दिया जा रहा है और न ही उसका ज्ञान है। मानव जीवन की परीक्षा से यहाँ ये अर्थ बिल्कुल भी नहीं है कि नौकरी पाना, संघर्ष करना, परिवार बनाना आदि। ये वे चीज़ें और वे पक्ष हैं जिनके लिए विशेष सीखने की आवश्यकता नहीं है स्वतः ही होंगी। और प्रत्येक व्यक्ति अपने हिस्से का संघर्ष लेकर जन्म लेता है। हम बात कर रहे हैं मूल उद्देश्य की। मानव जीवन की असली परीक्षा यही है कि आपने जीवन का मूल उद्देश्य पहचान लें और यदि पहचान लिया तो उसके लिए क्या कदम बढ़ाए?
सद्भक्ति के माध्यम से मोक्ष प्राप्ति है मानव जीवन का मूल उद्देश्य
एक औसत जीवन जीने और धन इकट्ठा करने, अट्टालिकाएं बनाने के बाद व्यक्ति मर जाता है। वह सबसे असफल जीवन है। केवल दो वक्त के भोजन का इंतज़ाम और परिवार बनाने का कार्य पशु भी करते हैं। मानव जीवन किस प्रकार उनसे बेहतर हुआ? क्यों ऐसा कहा जाता है कि मानव जीवन प्राप्त करने के लिए देवता भी तरसते हैं? क्योंकि मुक्ति केवल मानव जीवन में सम्भव है। और व्यक्ति मुक्ति या मोक्ष की ओर अग्रसर होना भूल जाता है और न ही बचपन से उसके संस्कारों में यह बात डाली जाती है। यदि थोड़ा झुकाव भक्ति की ओर हुआ भी तो व्यक्ति सतभक्ति नहीं समझ पाता और केवल व्रत उपवास करने, दिन के अनुसार देवताओं की पूजा करने, श्राद्ध करने, मंदिर जाने, पाखण्ड करने और घर पर कथाओं के वाचन आयोजित करवाने में व्यस्त रहते हैं।
आखिर क्या है सतभक्ति
सतभक्ति का अर्थ है वेदों और शास्त्रों में दी गई भक्तिविधि के अनुसार पूर्ण सन्त से नामदीक्षा लेकर पूर्ण परमात्मा की भक्ति करना। पूर्ण परमात्मा तीन देव ब्रह्मा, विष्णु, महेश नहीं हैं और न ही इनके पिता ज्योति निरंजन और आदि शक्ति हैं। पूर्ण ब्रह्म तो वेदों में वर्णित कविर्देव है जो अजन्मा और अविनाशी है। वह द्युलोक के तीसरे पृष्ठ सतलोक में रहता है।
वह राजा के समान दर्शनीय है और पूर्ण परमात्मा वही है जो साधक के असाध्य रोग दूर कर सकता है, आयु न होने पर भी आयु में वृद्धि कर सकता है और विधि के विधान को पलटकर कर्मदण्ड से बचा सकता है। तत्वदर्शी सन्त उस पूर्ण परमात्मा का अंश होता है। सच्चे सन्त में वे सभी शक्तियां होती है और सच्चा सन्त ये सभी लाभ पूर्ण परमात्मा से साधक को दिला सकता है।
कबीर साहेब कहते हैं
मासा घटे ना तिल बढ़े, विधना लिखे जो लेख ||
साँचा सतगुरु मेट के, ऊपर मारे मेख ||
कौन है तत्वदर्शी सन्त?
भक्ति बिना गुरु के कभी सम्पन्न होती ही नहीं है। गुरु बनाना अत्यंत आवश्यक है आखिर राम, कृष्ण अवतारों ने भी गुरु धारण किये थे। किन्तु गुरु केवल तत्वदर्शी हो यह अतिआवश्यक है। गीता अध्याय 4 के श्लोक 34 में तत्वदर्शी सन्त की खोज करने के लिए कहा गया है। कलियुग में तत्वदर्शी सन्त कैसे ढूंढें? कौन है वह? तत्वदर्शी सन्त की पहचान शास्त्रों में दी हुई है। उनका अध्ययन करें वेदों में गवाही है कि पूर्ण तत्वदर्शी सन्त कौन होता है।
यजुर्वेद अध्याय 19 मन्त्र 26, ऋग्वेद मंडल 9, सूक्त 1 मन्त्र 9 में प्रमाण है कि पूर्ण सन्त तीन बार मे नामदीक्षा की प्रक्रिया पूरी करता है। वह तीन समय की आरती के लिए कहता है। सुबह व संध्या में पूर्ण परमात्मा की स्तुति, मध्य दिन में विश्व के सभी देवी देवताओं की स्तुति करने को कहता है। गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में बताया है कि जो उल्टे लटके संसार रूपी वृक्ष के सभी अंगों को ठीक तरह वर्णित करेगा व वेदों को जानने वाला तत्वदर्शी सन्त है।
वर्तमान में सभी प्रमाण सन्त रामपाल जी महाराज जी के ऊपर सही बैठते हैं यहां तक कि अनेकों प्रसिद्ध भविष्य वक्ताओं की भविष्यवाणी भी सन्त रामपाल जी पर ही सटीक बैठती है। वे पहले और एकमात्र ऐसे सन्त हैं जिन्होंने सर्व धर्मग्रन्थों वेदों, गीता, पुराण, बाइबल, कुरान आदि को खोलकर उनके गूढ़ अर्थ समझाए हैं। अविलंब उनसे नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करनी चाहिए।