September 6, 2025

“अखंड पाठ” से होते है अलौकिक लाभ! जानें सम्पूर्ण जानकारी

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सभी धर्मों में ज्ञान प्राप्ति और आध्यात्मिक लाभ हेतु पवित्र ग्रंथों का अखंड पाठ करने का महत्व है। संत रामपालजी द्वारा आयोजित अखंड पाठ से उनके अनुयायियों को अलौकिक लाभ प्राप्त हो रहे हैं। आखिर कैसे? कौन सा है वह ग्रंथ? कैसे करते हैं अखंड पाठ? क्या विशेषता है? कितने दिनों का होता है, कौंन करा सकते हैं? आदि सभी महत्वपूर्ण सवालों के बारे में जानेंगे विस्तार पूर्वक…..

परमात्मा प्रदत्त है “अमर ग्रथ साहेब”। परमेश्वर कबीर साहेब का अमृतमयी ज्ञान जो संत गरीब दास जी महाराज द्वारा दादू पंथी गोपाल दास जी द्वारा लिपिबद्ध कराया गया है उसी सतग्रंथ को “अमर ग्रंथ साहेब” कहते हैं। इस ग्रंथ को सूक्ष्म वेद भी कहा जाता है। इस ग्रंथ में काल कर्मों से मोक्ष पाकर परमेश्वर प्राप्ति से संबंधित ज्ञान है। 

अखंड पाठ का अर्थ होता है बिना रुके, बिना किसी व्यवधान के (निर्बाध) निरंतर चलने वाला पाठ। यह धार्मिक और आध्यात्मिक साधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में “अमर ग्रंथ साहेब” का अखंड पाठ उनके अनुयायियों के लिए एक विशेष महत्त्व का है। 

अखंड पाठ की प्रक्रिया:

अखंड पाठ की प्रक्रिया सरल नहीं होती, इसमें समय और समर्पण की आवश्यकता होती है। यह धार्मिक ग्रंथ की पूर्ण और अविच्छिन्न रूप से पढ़ाई होती है, जो तीन दिनों तक निरंतर चलती है। इस दौरान ग्रंथ का पाठ बिना रुके किया जाता है, और इसके लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। 

  1. पाठ का आरंभ: पाठ की शुरुआत परमात्मा के मंगलाचरण के साथ ज्योति जलाकर की जाती है, और इसे गुरु आज्ञा से घर में या आश्रम में या कहीं भी आयोजित किया जा सकता है। 
  2. अनवरत पाठ: पवित्र “अमर ग्रंथ साहेब” का निर्बाध और निरंतर पाठ किया जाता है। इसके लिए कई पाठक होते हैं, जो बारी-बारी से पाठ करते हैं ताकि पाठ की लय बनी रहे। 
  3. भोजन और हलवा प्रसाद: पाठ के दौरान भोजन और हलवा प्रसाद सभी शुद्ध देशी घी से बनाया जाता है। 
  4. अमृत जल: अखंड पाठ के दौरान जल रखा जाता है, जो पाठ के प्रभाव से गंगा जल से भी पवित्र अमृत जल बन जाता है।
  5. समापन: अखंड पाठ का समापन कबीर परमात्मा की पूजा व भोग की आरती के साथ होता है। समापन के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है।
  6. बहनों और भक्तों के लिए अलग-अलग पाठ के लिए व्यवस्थाए होती है।

1. पवित्रता: पाठ के दौरान शारीरिक और मानसिक पवित्रता का पालन करना आवश्यक होता है।

2. समर्पण: पाठ में संलग्न सभी व्यक्तियों को पूर्ण समर्पण और श्रद्धा के साथ भाग लेना चाहिए।

3. नियमों का पालन: पाठ के दौरान कोई भी अनावश्यक रुकावट या विक्षेप नहीं होना चाहिए।

4. ग्रंथ साहेब पर चंवर करना: अमर ग्रंथ साहेब के ऊपर चंवर किया जाता है, और ध्यान रखा जाता है की चंवर पाठी के ऊपर नहीं करना है।

5. सेवादारों की व्यवस्था: सफाई,ज्योति पाठ और अन्य सेवाओं हेतु निगरानी और सफाई सेवादारों की विशेष व्यवस्था होती है।

अखंड पाठ में तीन दिनों तक परमात्मा की वाणी चलती है जिससे परमात्मा की अमर वाणी का लाभ प्राप्त होता है। साथ ही बताते हैं कि

एक यज्ञ है धर्म की, दूजी यज्ञ है ध्यान।

तीसरी यज्ञ है हवन की, चौथी यज्ञ प्रणाम।।

संत रामपाल जी महाराज जी ज्ञान यज्ञ सहित सभी पांचों यज्ञ को एक साथ में सम्पन्न कराते हैं।

 1. धर्म यज्ञ

 2. ध्यान यज्ञ 

 3. हवन यज्ञ

 4. प्रणाम यज्ञ

 5. ज्ञान यज्ञ

संत रामपाल जी के अनुसार, ज्ञान यज्ञ का अर्थ है सच्चे संत से उपदेश प्राप्त कर तत्व ज्ञान की प्राप्ति और उसका अभ्यास। यह यज्ञ तब संपन्न होता है जब व्यक्ति सत्य ज्ञान को आत्मसात कर जीवन में उसका अनुकरण करता है। 

कबीर परमात्मा कहते हैं:

धर्म तो धसके नहीं, धसके तीनों लोक।

खैरायत में खैर है, कीजे आत्म पोख।।

अखंड पाठ को तीन दिनों में पूरा करना होता है, जो निरंतर और निर्बाध रूप से पाठ किया जाता है।

अखंड घृत की ज्योति:

देशी घी की अखंड ज्योति जलाई जाती है, जो पूरे समागम तक अखंड जलती है। जिसे हवन यज्ञ भी कहा जाता है 

सदाव्रत भंडारा: 

विशाल और सदाव्रत भंडारा निरंतर चलता रहता है पूरे समागम तक।

विश्व कल्याण की भावना: 

संत रामपाल जी महाराज द्वारा किए जा रहे अध्यात्मिक अनुष्ठानों और अमर ग्रंथ साहेब के अखंड पाठ में विश्व कल्याण की भावना निहित है जो सर्व विदित हो रही है।

कबीर परमात्मा ने संत गरीब दास जी महाराज को सतलोक दिखाकर उनके अंदर तत्व ज्ञान प्रवेश कराया। वही ज्ञान “अमर ग्रंथ साहेब” के रूप में लिखा गया। यह वास्तविक पूर्ण ब्रह्म परमात्मा कबीर साहेब की वाणी है। इसको कोई बदल या हेर फेर नहीं कर सकता, नहीं तो हानि उठानी पड़ सकती है। परमात्मा का विधान जानो, ये एक महान सतग्रंथ है जिसके कारण अद्भुत लाभ होते हैं। 

■ Read in English: Akhand Path: The Power Of The Unbroken Recitation Of Sant Garibdas Ji’s Sat Granth Sahib Ji

गरीब दास के पंथ से ही हैं तत्व दर्शी संत रामपाल जी महाराज। आज जिनके बारे में अनेकों भविष्यवाणियो में उल्लेख किया गया है उनका अवतरण 8 सितंबर को है जिसके उपलक्ष्य में अखण्ड पाठ, विशाल भंडारा, दहेज रहित विवाह (रमैणी) के साथ ही कई धार्मिक और जन कल्याणकारी आयोजन किए जायेंगे। ये आयोजन नेपाल सहित देश भर के सतलोक आश्रमों में आयोजित होंगे। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।

संत रामपाल जी महाराज अवतरण दिवस 2024 समारोह 6 सितंबर 2024 से 8 सितंबर 2024 तक सभी सतलोक आश्रमों में आयोजित किया जाएगा। इन तीन दिनों के दौरान, विभिन्न आश्रमों में संत गरीबदास जी के “अमर ग्रंथ” का अखंड पाठ किया जाएगा। आप भी किसी एक सतलोक आश्रम में शामिल होकर अखंड पाठ का लाभ उठाएँ :-

  • सतलोक आश्रम शामली (उत्तरप्रदेश)
  • सतलोक आश्रम धनाना धाम, सोनीपत (हरियाणा)
  • सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा)
  • सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
  • सतलोक आश्रम ख़मानो (पंजाब)
  • सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब)
  • सतलोक आश्रम सोजत, पाली (राजस्थान)
  • सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश)
  • सतलोक आश्रम इंदौर (मध्य प्रदेश)
  • सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल)

संत रामपाल जी महाराज वर्तमान समय के एक सच्चे संत हैं, जिनके उपदेश और ज्ञान से करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उनके सानिध्य में अमर ग्रंथ साहिब की वाणी का अखंड पाठ एक साधक को भौतिक, आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्त करने में सहायक होता है।

कबीर परमात्मा कहते हैं:

गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।

गुरू बिन दोनों निष्फल है, चाहे पूछो वेद पुरान।।

संत रामपाल जी महाराज के तत्व ज्ञान के आधार पर अखंड पाठ जैसे अनुष्ठान से अलौकिक लाभ हो रहे हैं। पूर्ण गुरु से नाम उपदेश प्राप्त करने से ही दान धर्म और यज्ञ का समुचित लाभ प्राप्त होता है। अयोग्य को किए दान धर्म से कोई लाभ नहीं मिलता। 

संत रामपाल जी महाराज हैं वो तत्वदर्शी संत  जो जन कल्याणकारी कार्यों और समाज सुधार में अग्रणी हैं।

अधिक जानकारी हेतु “संत रामपालजी महराज ऐप” को डाउनलोड करें ।

नाम उपदेश अथवा किसी भी प्रकार की जानकारी हेतु संपर्क सूत्र:– 8222880542.

1 अखंड पाठ क्या है?

उत्तर: अखंड पाठ का अर्थ होता है बिना रुके, बिना किसी व्यवधान के(निर्बाध) निरंतर चलने वाला पाठ। यह धार्मिक और आध्यात्मिक साधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। 

2 अखंड पाठ करने से लाभ?

उत्तर: अखंड पाठ के आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अद्भुत लाभ होते हैं। साधक पूर्ण मोक्ष की राह पकड़ता है। 

3 अगला अखंड पाठ कब है?

उत्तर:  6, 7 व 8 सितम्बर को संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर “अमर ग्रंथ साहेब” के अखंड पाठ का सभी सतलोक आश्रमों में आयोजन किया जाएगा। 

4 किसके द्वारा कराया जा रहा है अखंड पाठ का आयोजन?

उत्तर संत रामपाल जी महाराज के पावन सानिध्य में किया जाएगा अमर ग्रंथ साहेब का अखंड पाठ।

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