Aishwarya Rai Bachchan Corona News: आज पाठक गण जानेंगे कि इतने सुख और नाम को पाने वाले प्राणी भी क्यों रुग्ण होकर कष्ट भोगते हैं? ऐसा क्या करें कि सांसारिक दुखों से मुक्ति मिले ?
ऐश्वर्या को ऐसा क्या हुआ कि अस्पताल में भर्ती करना पड़ा?
Aishwarya Rai Bachchan Corona News: सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के पूरे परिवार, पत्नी जया को छोड़कर कोरोना संक्रमण के कारण मुंबई नानावती अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है। पहले घर में ही स्वास्थ्य लाभ लेने वाली पुत्रवधू ऐश्वर्या और पौत्री आराध्या को कल रात अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है।
Aishwarya Rai Bachchan hospitalized News: मुख्य बिंदु (Highlights)
- अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन बेटी आराध्या समेत हुईं अस्पताल में भर्ती
- पूरा बच्चन परिवार कोरोना पीड़ित आया। एक साथ काल का कहर
- जया बच्चन फिलहाल स्वस्थ और महानायक अमिताभ ने ट्वीट कर दिया भावपूर्ण संदेश
- बच्चन परिवार की तरह पूरा विश्व पीड़ित, नहीं कर रहे शास्त्र अनुकूल पूजा
- मानव जीवन का मुख्य कार्य है पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब के अनुसार सतभक्ति करना
- पशु पक्षी की तरह मनुष्य भी करते है मेहनत और अंत में हो जाती है मौत
- सभी रोगों की दवा है पूर्ण संत रामपाल जी के पास वो भी बिल्कुल निशुल्क
अभिनेता अमिताभ बच्चन की बहू ऐश्वर्या राय बच्चन अस्पताल में भर्ती
Aishwarya Rai Bachchan Corona News: शुक्रवार को अभिनेता अमिताभ बच्चन की बहू ऐश्वर्या राय बच्चन और उनकी पोती आराध्या को कोरोना के कारण नानावती अस्पताल मुंबई में भर्ती कराना पड़ा है । रिपोर्ट के अनुसार दोनों कोरोना पॉजिटिव है और अचानक परेशानी बढ़ने के कारण अस्पताल जाना पड़ा । पहले अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन और उनकी बेटी आराध्या को घर में ही क्वारंटाइन (home quarantine) किया गया था । पहला टेस्ट negative आया और दूसरा positive आया इसके मध्य नजर ऐश्वर्या की रिपोर्ट्स में कुछ असमंजस भी हुआ था। उनका एंटिजन टेस्ट नेगेटिव आया था और अगले दिन कोविड 19 टेस्ट पॉज़िटिव आया था ।
बच्चन परिवार पर टूटा कोरोना महामारी का कहर
इसका मुख्य कारण यह है कि यदि समय के साथ हम सत भक्ति करते है, ईश्वर को याद करते है तो हम पर टूटे हुए दुःख के पहाड़ बोझा नहीं बनते है। यही हुआ आज बच्चन परिवार के साथ। सारे सुख आराम होते हुए भी एक कमी रह गई उन सब में कि उन्होंने पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति नहीं की। यदि हम इंसान होते हुए भी हमारे मुख से भगवान का नाम नहीं जपते है तो फिर हम पशु पक्षियों के समान है । जानवर पक्षी भी रोज मेहनत करते हैं ।
वह भी बच्चों को जन्म देकर उनका लालन पालन करते हैं, घर भी बनाते हैं और अंत में मर जाते हैं । क्या पाया उन पशु पक्षियों ने उनके जीवन में बताइए?? इसी तरह वर्तमान में सभी लगे हैं मेहनत करने और अंत में मौत को ही प्राप्त होते हैं । साथ में बहुत से कष्ट भी सहने पड़ते हैं । हमें सबसे पहले यह विचार करना चाहिए कि मानव जन्म किस लिए मिला है। हमें करना क्या चाहिए और हम कर क्या रहे हैं? जो व्यक्ति नित्य से उस पूर्ण परमात्मा की भक्ति करता है फिर बाद में अपने कार्यों को महत्व देता है, ईश्वर उसे हमेशा स्वस्थ रखता है।
कबीर साहेब जी कहते है कि:-
राम नाम की औषधि (दवा), खरी नित्य से खाए।
अंग रोग व्यापे नहीं, महा रोग मिट जाए ।
भावार्थ:- यदि हम पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर राम नाम का सुमिरन नित्य रूप से करते हैं तो फिर हमारा शरीर रोग हीन हो जाता है। हमें कोई कष्ट नहीं होते । साथ में परमात्मा हमारे असंख्य जन्म जन्मांतरों के महा रोग (जन्म मरण दुष्चक्र) को भी खत्म कर देते हैं और सत्यधाम अर्थात सतलोक में ले जाते हैं ।
अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन बेटी आराध्या समेत अस्पताल में क्यों करना पड़ा भर्ती?
Aishwarya Rai Bachchan Corona News: बच्चन परिवार की बहू ऐश्वर्या राय बच्चन और उनकी बेटी आराध्या बच्चन को श्वास लेने में तकलीफ होने के बाद दोनों को मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती कराया पड़ा ।
अब जानिए जीवन की वास्तविकता
जब इंसान को सुख होता है उस समय वह भगवान के प्रति उदासीन रहता है। देखा जाए तो बच्चन परिवार की तबीयत बिगड़ जाने से उनको, उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों सभी को दुख हो रहा होगा और सभी मन ही मन ईश्वर को याद कर रहे होंगे ।
सारा सुख था अभिनेता अमिताभ बच्चन और उनके परिवार को धन – दौलत, कार, कोठी – बंगले । फिर कमी कहां रह गई, तो फिर बीमार क्यों पड़ गए । सबको खाने में प्रोटीन, मिनरल, सारे न्यूट्रिएंट्स भरपूर मात्रा में मिल रहे थे तो उन सबकी इम्युनिटी भी मजबूत थी । बच्चन परिवार और पाठकों को विचार करना चाहिए फिर क्या कमी रह गई जिससे कोरोना का सामना करना पड़ा महानायक के परिवार को? क्या ये कारण तो नहीं जैसा कि कबीर साहेब कहते है:-
दुःख में सुमरण सब करें, सुख में करे न कोए ।
जो सुख में सुमरण करे, तो दुःख काहे को होए ।।
अर्थात, दुःख आने पर सब परमात्मा को याद करते है। यदि हम सुख के समय में भी नित्य परमात्मा की भक्ति करें, उनके नाम का सुमरण करें तो दुःख क्यों हो। ऐसा तो नहीं कि बच्चन परिवार पूजा पाठ नहीं करता होगा । यह विषय केवल बच्चन परिवार का ही नहीं पूरे विश्व समुदाय का है । ऐसी स्थिति में यह विचारणीय हो जाता है कि क्या ये पूजा अर्चना शास्त्र सम्मत थी या नहीं ?
प्रशंसक कर रहे व्रत, हवन पूजा दुआ
बच्चन परिवार की सेहत की बेहतरी के लिए उनके प्रशंसक लगातार दुआ कर रहे हैं । तमाम जगहों पर लोगों द्वारा उनकी सेहत जल्दी अच्छी होने के लिए व्रत, उपवास और हवन करने की खबरें आई हैं । जया बच्चन को छोड़कर परिवार के तकरीबन सभी सदस्य इस वक्त मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती हैं और सभी का कोविड-19 का इलाज चल रहा है । पाठकों को यहाँ यह भी विचार करना होगा कि जो पूजा दुआ वे शीघ्र होने की कामना से कर रहे हैं क्या यह शास्त्र अनुकूल है? ऐसे भी कई बड़े लोग हैं जो दुआ, दवा, पूजा करने के परिणाम स्वरूप भी ठीक न होकर मृत्यु चक्र में चले गए । क्या इस साधना से बच्चन परिवार ठीक होगा या अपने बचे हुए पुण्य कर्मों से? क्या दुआ देना उचित है – जो दुआ लोग दे रहे हैं उसका उन पर भी कोई प्रतिकूल असर तो नहीं पड़ेगा ?
जीवन के इस अन कहे पहलू को जानिए
कबीर साहेब की गुरु प्रणाली के वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत द्वारा लिखित “भक्ति से भगवान तक” नामक पुस्तक में जीवन से जुड़े ऐसे सभी अनकहे प्रश्नों का विस्तार में वर्णन है ।
- भक्ति किस प्रभु की करनी चाहिए ?
सूक्ष्म वेद में लिखा है, कबीर, भजन करो उस रब का, जो दाता है कुल सब का । - कौन है वह सब कुलों का स्वामी ?
कबीर, अक्षर पुरुष वृक्ष का तना है, क्षर पुरुष है डार ।
त्रयदेव शाखा भए, पात जानों संसार ।।
अर्थात, जिस संसार रूपी वृक्ष का तना अक्षर पुरुष, डाल क्षर पुरुष (काल ब्रह्म), तीन शाखाएं क्रमशः सतोगुण प्रमुख विष्णु, रजोगुण प्रमुख ब्रह्मा, तमोगुण प्रमुख शिव, और पत्ते रूपी सभी अन्य जीव जिसमें मनुष्य, पशु, पक्षी, कीड़े – मकोड़े, मछली इत्यादि सम्मिलित हैं। पाठकों को समझना चाहिए कि इस संसार वृक्ष की जड़ समर्थ परमात्मा स्वयं हैं । हमें उसी पूर्ण परमात्मा की पूजा अर्चना पूर्ण गुरु द्वारा नाम दीक्षा लेकर पूरे विधि विधान से करनी चाहिए ।
- पाठकों के मन में प्रश्न उठ रहा होगा पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर ही क्यों?
कबीर, गुरु बिन काहू न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भुस छड़े मूढ़ किसाना ।
गुरु बिन वेद पढ़े जो ज्ञानी, समझे न सार रहे अज्ञानी ।।
सतगुरु के बिना हाल ऐसा हो जाएगा जैसे संत रामपाल जी महाराज सूक्ष्म वेद को उद्घृत करते हुए बताते हैं,
कबीर, बंजारे के बैल ज्यों, फिरा देश – विदेश ।
खांड छोड़ भूष खात है, बिन सतगुरु उपदेश ॥
- तो फिर क्या उचित है मनुष्य जीवन को प्राप्त करने के बाद?
संत रामपाल जी महाराज सूक्ष्म वेद की वाणी जो परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी ने संत गरीबदास जी को तत्व ज्ञान दिया था, को उद्घृत करते हुए बताते हैं
गरीब, मनि तू चल सुख के सागर, जहां शब्द सिंधु रत्नागर ।
कोटि जन्म तोहे मरतां होंगे, कुछ नहीं हाथ लगा रे।
सतगुरु मिलै तो इच्छा मेंटै, पद मिल पदै समाना ।
चल हंसा उस लोक पठाऊं, जो आदि अमर अस्थाना ।।
- मानव जीवन को चरितार्थ करने के लिए सतभक्ति कैसे करें?
पूरे जीवन अच्छा नाम कमाकर, धन दौलत कमा कर भी यदि ऐसा समय देखना पड़े जब लगे कि मई असहाय हूँ तो जीवन के मूल तत्वों नए तरीके से समझना होगा। जैसे ऊपर भी बताया गया है, पूर्ण संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए गए तत्वज्ञान को जगत के सभी प्राणी समझकर सतगुरुदेव जी से नाम दीक्षा लें और अपना कल्याण कराएं । इस संदर्भ में सतगुरु रामपाल जी महाराज कहते हैं कि सभी पापकर्म नष्ट होनें के बाद ही सांसारिक दुखों से पार पाया जा सकता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है । सतगुरु देव कबीर साहेब के ज्ञान के अंश उदघृत किये है:
कबीर, जबही सतनाम हृदय धरो, भयो पाप को नाश।
जैसे चिनगी अग्नि की, पड़े पुराने घास ॥
कष्टों से छुटकारा पाने के लिए जगद्गुरु रामपाल जी महाराज से लें नाम दान दीक्षा
पाठकों को यह ज्ञात हो गया होगा की केवल पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के द्वारा दी गई सत् भक्ति से ही पाप कर्म काटे जा सकते है और सर्व सुखों को भोगकर पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है । अन्य कोई पूजा अर्चना विधि द्वारा पूर्ण मोक्ष संभव नहीं है। अतः जगद्गुरु रामपाल जी महाराज के पास अविलंब आकर निशुल्क नाम दान लें और मर्यादा पालन करते हुए सर्व दुखों से छुटकारा पाए ।