Actor Jagdeep Death News: कॉमेडी कलाकार ने बॉलीवुड को कहा अलविदा, शोले में सूरमा भोपाली का किरदार निभाने वाले कॉमेडियन जगदीप का मुंबई में हुआ निधन, आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें
Actor Jagdeep Death-मुख्य बिंदु
- जगदीप के निधन से बॉलीवुड को 2020 में पाँचवा झटका
- लेजेंडरी एक्टर और कॉमेडियन जगदीप का 81 साल की उम्र में निधन
- बुधवार को रात 8.40 पर जगदीप का निधन मुंबई स्थित अपने घर पर
- उनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी
- 29 मार्च, 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया में वकील के घर पैदा हुए
- जगदीप के दोनों बेटे जावेद जाफरी और नावेद जाफरी एंटरटेन्मेन्ट इंडस्ट्री से जुड़े
- खाने कमाने के साथ पूर्ण परमात्मा की सत भक्ति मानव जीवन का मुख्य सार है
जगदीप के निधन से बॉलीवुड को एक और झटका
Actor Jagdeep Death News: बहुत ही दुखद बात है बॉलीवुड के लिए कि फिल्मी दुनिया के एक और लेजेंडरी एक्टर और कॉमेडियन जगदीप का 81 साल की उम्र में निधन हो गया है । उम्र ज्यादा होने के कारण उनको बहुत दिक्कतों ने परेशान किया, रोग के चलते उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए । बुधवार को रात 8.40 पर उनका निधन मुंबई स्थित अपने घर पर ही हुआ । उनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था। उनका जन्म 29 मार्च 1939 को हुआ था । लोकप्रिय और सबके दिल जीतने वाले मशूहर अभिनेता ने अपनी यादें छोड़ कर, अपने आप को कह दिया दुनिया से अलविदा ।
जगदीप का जन्म स्थान
मशूहर अभिनेता जो कि सूरमा भोपाली के नाम से जाने जाते थे सबके मन को आंनदित करने वाले जगदीप 29 मार्च, 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया में एक वकील के घर पैदा हुए थे। उनके परिवार में वकालत करते हुए पिता जी उनकी हर कामना को पूरा किया करते थे। बता दे कि उन्होंने अपने फिल्मी जीवन में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था । 2012 में वे आखिरी बार ‘गली गली चोर’ फिल्म में पुलिस कांस्टेबल की भूमिका में नजर आए थे। उसके बाद उन्होंने फिर विराम ले लिया था । इनका जीवन बहुत ही सरल और प्रेम भाव से भरा था ।
हसमुख स्वाभाव के थे जगदीप
Actor Jagdeep Death News: क्या आपको पता है जगदीप जी अपने जीवन में सबके कितने प्यारे थे । लोग उनको और उनके किरदार को बहुत पसंद करते थे । बता दे कि 1975 में आई शोले में निभाए गए सूरमा भोपाली के किरदार ने उन्हें बॉलीवुड में मशहूर किया था। इस समय से उनकी लोकप्रियता बहुत बढ़ गई थी । उनकी कॉमेडी बहुत ही मन भावुक होती थी । चाहने वालों के बीच में जगदीप सूरमा भोपाली अपने इस किरदार के लिए ही मशहूर थे। जगदीप ने अपने मन मोहक किरदार से खुद को अपनी मेहनत से उस दौर में स्थापित किया, जब जॉनी वॉकर, केश्टो मुखर्जी और महमूद की तूती बोलती थी। उनके कॉमेडी सीन को देख कर लोग लोट पोट हो जाते थे । लोगों का मनोरंजन वह अपने किरदार से कराते थे । वह परफेक्ट थे कॉमेडी करने में ।
तीन महीनों के भीतर 5 बॉलीवुड हस्तियों ने दुनिया को कहा अलविदा
Actor Jagdeep Death News: बड़े ही दुख कि बात है कि पिछले तीन महीनों में बॉलीवुड की पांच बड़ी हस्तियां इस दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं । अप्रैल महीने में इरफान खान और ऋषि कपूर ने इस दुनिया से अलविदा कह दिया था । इसके बाद जून के महीने में सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी । वही इसी महीने कुछ दिनों पहले सरोज खान का निधन हो गया था. और अब जगदीप जी के बारे में सुनने में आया है । समय का पहिया अपने हिसाब से कार्य करता है । इसको कोई नहीं रोक सकता है ।
जगदीप की कुछ खास बातें
फिल्म में उनके किरदार की दर्शकों ने बहुत तारीफ की और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी जगदीप की तारीफ की थी । जगदीप के बेटे जावेद जाफरी और नावेद जाफरी भी एंटरटेन्मेन्ट इंडस्ट्री से जुड़े रहे हैं । उन्होंने अपने जीवन में सबको खुशी ही देनी चाही थी ।
जावेद का ट्वीट और वीडियो वायरल
क्या आपको पता है, आपने देखा – सुना है कि जगदीप की मौत पर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में उन्होंने अपना सूरमा भोपाली वाला डायलॉग बोला है। यह वीडियो 29 मार्च 2018 का है। इसे उनके बेटे जावेद जाफरी ने ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने कहा था- आओ हंसते-हंसते और जाओ हंसते-हंसते । उनके बेटे का कहना है वास्तविक जीवन यही अपनाया, हंसते ही कार्य करो और हँसते ही जीवन का त्याग करो ।
लंबे समय बॉलीवुड में बदलती तकनीकों के साथ बदले जगदीप
बात की जाए तो पहले तकनीकी बहुत पुरानी थी, कैमरा, वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम सब आज के समय से मिलाएं तो इतना पावरफुल नहीं था। फिर भी इतना अच्छा शूटिंग किया जाता था। आज के समय में आधुनिक तकनीकों द्वारा मनोरंजन युक्त फ़िल्म बनाई जाती हैं । आज कीमत भी बहुत अधिक है पहले से । बैक ग्राउंड तो अब जादू की तरह बदल दिया जाता है । इसके बीच भी पहले के अदाकार बहुत बढ़िया किरदार निभाते है । वर्तमान में तो विज्ञान बहुत आगे पहुँच चुका है । तात्पर्य है, पुरानी तकनीक के समय अभिनेता जगदीप जी ने अपनी कॉमेडी के बाल पर सबके दिल पर राज किया हुआ था ।
क्या पाया और क्या खोया जीवन में?
इस लोक में जीवन किसी का भी हो, सभी जीवों के कार्य लगभग एक जैसे ही होते हैं । जैसे पशु – पक्षियों को देखिये उनके भी माता पिता होते हैं, वे बच्चों को जन्म देते है, अपना घर बनाते है, उन पर भी आपदाएं आती हैं और वे भी समस्याओं का सामना करते हैं । खाने पीने की तलाश में दिन भर वे भी घूमते हैं । अंत में उनकी भी मौत होती है । इसी तरह मनुष्य भी अपने जीवन में मेहनत करता रहा है और अंत में मौत से संसार को छोड़ जाता है । क्या आपने कभी सोचा है कि हम भी पशुओं की तरह ही जीवन जी रहे हैं और अंत हो जाता है, यह सही है?
केवल मनुष्य ही विवेक शील प्राणी
इस धरा पर केवल मनुष्य ही ऐसा है जो विवेक शील प्राणी है जो ज्ञान समझने की क्षमता रखता है । इस जीवन का मूल कार्य परमात्मा की भक्ति साधना करना है । वह हम करते नहीं हैं । केवल माया (धन-दौलत) जोड़ने में, इज्जत कमाने में ही जीवन व्यर्थ खो देते हैं । क्या पाया हमने इस जीवन में यदि परमात्मा की सत भक्ति नहीं की, तो विचार करो? आप क्या लेकर आए थे और जो चले गए इस संसार को छोड़ कर, क्या लेकर गए ? केवल राम नाम रूपी धन ही हमारे साथ रहता है । यदि परमात्मा की भक्ति नहीं की इस मानव जीवन में तो फिर कुछ हाथ नहीं लगता । फिर पशु पक्षियों की योनियों में जन्म मिलता है । इसलिए लिए पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर सत भक्ति करनी चाहिए ।
कबीर साहेब जी कहते है :-
मनुष्य जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार बार।
तरुवर (पेड़) से पत्ता टूट गिरे, फिर न लगता डार ।।
अर्थ है :- कबीर साहेब जी समझाते है कि मानव जन्म बार बार नहीं मिलता है । यह परमात्मा की दया से भक्ति करने के लिए मिलता है। जिस प्रकार वृक्ष से पत्ता टूट कर गिर जाए तो वह वापिस से वृक्ष में नहीं लगता है। इसी तरह यह शरीर से प्राण निकलने के बाद हम जिंदा नहीं हो सकते है ।
जीवन का वास्तविक कार्य
इस मानव जीवन का मुख्य कार्य न करके हम अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं । धन दौलत जोड़ने में लगे हैं । मानव जन्म अनमोल है । इसे मिट्टी के मोल मत बर्बाद करो। अब जो मिला है फिर नहीं मिलेगा । यह मानव जन्म बड़ी कठिनाई से ही मिलता है।
क्या करना चाहिए पवित्र गीता के अनुसार?
पूर्ण परमात्मा प्राणी को पूर्ण मुक्त (जन्म-मरण रहित) कर सकता है, जो सतलोक में रहता है तथा हर प्राणी के हृदय में रहता है। भगवान ने अर्जुन को अपनी शास्त्र विरुद्ध पूजा को त्याग कर एक परमात्मा (पूर्ण ब्रह्म ) की शरण में जाने की सलाह दी है। उस परमात्मा की शरण में जाकर तेरा पूर्ण छुटकारा हो जाएगा अर्थात जन्म मरण से पूर्ण रूप से मुक्त हो जाएगा तथा मेरा (काल भगवान का ) पूज्य देव भी वही पूर्ण परमात्मा है ।
यह प्रमाण है गीता अध्याय 18 के श्लोक 62, 66 तथा अध्याय 8 के श्लोक 8,9,10,20 ,21,22 में है ।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेना एकमात्र उपाय
इससे समझ सकते हो कि पूर्ण परमात्मा की भक्ति ही मानव जीवन का मुख्य सार है । उस एक ईश्वर की भक्ति से हम सदा सुखी हो सकते है अन्यथा जन्म – मरण होता ही रहेगा । ऐसे ही परिवार को छोड़ कर जाना पड़ेगा यदि सत भक्ति नहीं की, इस पर सोच विचार करके मानव को जल्द से जल्द तत्वदर्शी संत पूर्ण सतगुरु रामपाल जी महाराज की शरण में जाकर नाम दीक्षा लेनी चाहिए ।