April 5, 2025

सन्त रामपाल जी के अनुयायियों ने युवकों के खोए हुए पर्स लौटाकर पेश की ईमानदारी की मिसाल

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वर्तमान समय में पूरा विश्व ही एक कठिन दौर से गुज़र रहा है। देश भर में कोरोना के प्रकोप के साथ ही साथ दुर्घटनाओं का कहर भी जारी है जिनमें हत्या, मारपीट, अनेकता, चोरी-डकैती शामिल हैं। ऐसे ही समय में सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी ने रविवार को समाज के लिए ईमानदारी की मिसाल पेश की है। 

मुख्य बिंदु

  • दो युवकों के खोए हुए पर्स लौटाए गए।
  • सन्त रामपाल जी महाराज के सत्संग के प्रभाव से ईमानदारी का प्रसार हो रहा है।
  • सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार।
  • सन्त रामपाल जी महाराज ने किया सभ्य समाज का निर्माण।

संत रामपाल जी के अनुयायी कर रहे हैं सभ्य समाज का निर्माण

सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी देहदान, रक्तदान, दहेजमुक्त विवाह, नशामुक्ति, निशुल्क अन्नदान आदि समाजोपयोगी कार्यों को लेकर चर्चा में तो रहते ही हैं साथ ही वे अपने शांत स्वभाव को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। वे सद्भाव की मिसाल कायम करते हैं। देश में बेरोजगारी की समस्या पहले ही कम नहीं थी कोरोना महामारी के कारण बेरोजगारी अपने चरम पर है। ऐसे समय में चोरी ठगी इत्यादि घटनाएं आसानी से देखी जा सकती हैं। लेकिन इन सभी बुराईयों से ऊपर उठकर सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने समाज के लिए ईमानदारी की एक मिसाल कायम की है।

जयपुर से कोटा जा रहे थे दो युवक

विवाहों का समय है और इसी दौरान रविवार दिनांक 24 अप्रैल 2022 को कुमार सुरेंद्र सिंह राजावत आपके दोस्त के साथ एक विवाह समारोह में जा रहे थे। जयपुर से कोटा जिले में आने के दौरान कोटा के अमरपुरा गांव में दोनो के पर्स गिर गए जिनमें कुछ रुपए थे। इसी मौके पर अमरपुरा गाँव में सन्त रामपाल जी महाराज के सत्संग एलईडी प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाए जा रहे थे। सैकड़ो व्यक्ति सत्संग में पहुँच रहे थे। इस सत्संग में सन्त रामपाल जी महाराज का एक अनुयायी जिसका नाम अर्जुन दास है, को वे पर्स मिले और उन्होंने सुरक्षित वे पर्स उन युवकों तक पहुँचा दिए।

माता एवं बहन के साथ सत्संग में जा रहे थे सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी

चूंकि रविवार को सत्संग हो रहा था अतः इसमें इटावा के रहने सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी अर्जुन दास अपनी माता और बहन के साथ बाइक से सत्संग स्थल पर जा रहे थे। तभी अमरपुरा गांव के रास्ते में उन्हें पर्स दिखाई दिए। उनकी बहन ने वे पर्स उठाये जिनमें कुछ रुपये थे और उनसे उन युवकों का मोबाइल नम्बर खोज कर उनसे संपर्क किया। पर्स खोने की सूचना पाकर दोनों युवक तत्काल उन तक पहुँचे। सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने उनकी अमानत सुरक्षित उन्हें लौटा दी। साथ ही उन्होंने उन्हें दी सर्व धर्मों का ज्ञान अपने में समाहित करने वाली पुस्तक ज्ञान गंगा और मानव जन्म के उद्देश्य को स्पष्ट करती पुस्तक जीने की राह। सन्त रामपाल जी महाराज का अनुयायी अर्जुन दास एक ऑटो ड्राइवर है और ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है।

सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार

संत रामपाल जी महाराज अपने तत्वज्ञान में सत्संग का फल बताते हुए कहते हैं कि तत्वदर्शी सन्त का सत्संग सुनने से ज्ञानयज्ञ का परिणाम मिलता है। सन्त रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों में सभी शास्त्रों के आधार पर सत्य भक्ति बताते हैं। इस ज्ञानयज्ञ का परिणाम यह है कि व्यक्ति बुराइयों से दूर होता है। सत्संग के इस ज्ञान को सुनकर लाखों करोड़ों की संख्या में उनके अनुयायी न तो किसी भी प्रकार की बुराइयाँ करते हैं न ही उसमें सहयोग देते हैं।

सत्संग क्यों जरूरी है | SA News Channel | सत्संग की महत्वत्ता

सत्संग के कारण ही सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी रिश्वत लेना, भ्रष्टाचार, दहेज लेना, किसी भी प्रकार का नशा करना, ताश खेलकर समय बर्बाद करना, चोरी, बेईमानी आदि से दूर हैं एवं एक सभ्य मानव समाज का निर्माण करने की ओर अग्रसर हैं। सन्त रामपाल जी महाराज एप्प पर आप रक्तदान, देहदान और दहेजमुक्त विवाह से जुड़ी हुई मुहिम देख सकते हैं। कबीर साहेब कहते हैं-

कबीर, काया तेरी है नहीं, माया कहाँ से होय |

भक्ति कर दिल पाक से, जीवन है दिन दोय ||

बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत हैं प्राण |

भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नाहीं पाषाण ||

मानव समाज को संत रामपाल जी महाराज की देन

  • विश्व को सद्भक्ति देकर मोक्ष कराना– सतभक्ति का अर्थ निश्चित ही मंदिरों में पूजा आरती, उपवास, त्योहार आदि मनाना नहीं है। सत्य भक्ति वह आध्यात्मिक ज्ञान है जिसे पूर्ण परमेश्वर कविर्देव ने दिया था। यह तत्वज्ञान कोई पूर्ण तत्वदर्शी सन्त ही बता सकता है इसी कारण से गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में तत्वदर्शी सन्त की शरण मे जाने के लिए कहा गया है। 
  • समाज से जातिभेद खत्म करना– आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी जातिभेद का उन्मूलन जड़ से नहीं हो सका है जबकि सब एक ही परमेश्वर की संतानें हैं। जाति का भेद समाज में कार्यों के आधार पर किया गया था जो समय के साथ रूढ़ अर्थों में परिवर्तित हो गया। सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी किसी भी प्रकार के जातिभेद से दूर रहते हैं यहाँ तक कि सन्त रामपाल जी महाराज ने अंतरजातीय विवाहों को भी मान्यता दी है।
  • युवाओं में नैतिक व आध्यात्मिक जागृति लाना– वर्तमान युवा पीढ़ी में जैसे नैतिक भाव का उदाहरण भक्त अर्जुन दास ने पर्स लौटकर पेश किया है, इसी युवा पीढ़ी का निर्माण सन्त रामपाल जी महाराज ने किया है। आज एक ओर तो युवा पीढ़ी नास्तिकता, अवसाद से भरी हुई है। बच्चे अपना समय खेल खेलने, फ़िल्म देखने मे ज़ाया कर रहे हैं वहीं सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयाई देश के लिए अधिक योगदान दे रहे हैं क्योंकि वे न तो फ़िल्म देखने और गेम खेलने में समय व्यर्थ करते हैं और न ही नास्तिकता की ओर अग्रसर हैं। वे सत्य भक्ति पर लगे हुए हैं।
  • समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना– नशा करना आज का फैशन बन चुका है। एक बार नशे का आदी होने के बाद इससे निकल पाना भी व्यक्ति के वश का नहीं होता। किन्तु सन्त रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से प्रभावित होकर लाखों की संख्या में लोगों ने न केवल नशा छोड़ा है बल्कि नशा छोड़कर वे सत्यभक्ति करने में भी लगे हुए हैं।
  • समाज से दहेज प्रथा जैसी कुरीति को जड़ से समाप्त करना– संविधान में दहेज विरोधी कानूनों के बनने के बाद भी दहेज प्रथा का उन्मूलन नहीं हो सका। किन्तु संत रामपाल जी महाराज से प्रभावित होकर लाखों की संख्या में अब तक दहेजमुक्त विवाह, वह भी बिना दिखावे के साधारण तरीके से हो चुके हैं। बेटियां सुखद वैवाहिक जीवन जी रही हैं जहाँ वे न तो दहेज के लिए प्रताड़ित की जाती हैं और न ही ज़िंदा जलाई जाती हैं। यह समाज के लिए बहुत बड़ी मिसाल है।
  • समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना– समाज मे शांति और भाईचारे की अद्भुत छवि सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने उत्पन्न की है। अक्सर सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी जो शांतिपूर्वक सत्संग, विवाह, निशुल्क पुस्तक वितरण आदि करते हैं उनके साथ अन्य तथाकथित धार्मिक गुंडों द्वारा ज्यादती की जाती है किंतु सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी संख्या में भी ज्यादा होते हैं और बल में भी पर फिर भी वे अपने गुरु के वचन पर अडिग रहकर, विनम्रता से हाथ जोड़कर अपनी साधुता का परिचय देते हैं।
  • सामाजिक बुराइयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना- समाज में समय के साथ साथ अनेकों बुराइयां, पाखंड घर कर गए हैं। सन्त रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान के कारण ही आज सत्यभक्ति करते हुए लाखों लोग मानसिक लाभ, स्वास्थ्य लाभ, आर्थिक लाभों के साथ आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर हैं। जो आम जनता के लिए बड़े चमत्कार होते हैं वे सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा प्रदान की गई सत्यभक्ति से सहज ही उनके अनुयाइयों को उपलब्ध होते हैं। समाज में ऊंच-नीच का भेद, अधिक धन संग्रह करने की प्रवृत्ति, वेश्यावृत्ति, महिलाओं पर अत्याचार आदि बुराइयों को सन्त रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान ने चुटकियों में हल कर दिया है।
  • भ्रष्टाचार को समाप्त करना– पहले दफ्तर कार्यालयों में जो रिश्वत खोरी की समस्या किसी किसी व्यक्ति की होती थी आज लगभग वह हर व्यक्ति में किसी न किसी रूप में आ गई है। सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने अमृत ज्ञान से ऐसे नेत्र खोल दिये हैं कि उनके अनुयायी न तो भ्रष्टाचार करते हैं और न ही इसमें सहयोग देते हैं। भ्रष्टाचार ज़हर के समान बताया है जो व्यक्ति के आध्यात्मिक सुख एवं लौकिक सुखों का नाश करता है। 
  • ऐसे दुर्लभ तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के अमृत तत्वज्ञान को अवश्य सुनें। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल या डाउनलोड करें सन्त रामपाल जी महाराज एप्प जहाँ आप न केवल धार्मिक पुस्तकें जैसे पुराण, गीता, कुरान, वेद, बाइबल आदि पढ़ सकते हैं बल्कि आप ऑडियो एवं वीडियो सत्संग का लाभ भी ले सकते हैं। इस एप्प के माध्यम से रक्तदान का रजिस्ट्रेशन कर आप रक्तदान भी कर सकते हैं एवं अपने लिए डोनर भी तलाश सकते हैं।

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