HomeCoronaVirus Updatesजायडस कैडिला की कोरोना वैक्‍सीन ZyCoV-D को 'इमर्जेंसी यूज' की मंजूरी

जायडस कैडिला की कोरोना वैक्‍सीन ZyCoV-D को ‘इमर्जेंसी यूज’ की मंजूरी

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जायडस कैडिला की कोरोना वैक्‍सीन (ZyCoV-D Vaccine) को ‘इमर्जेंसी यूज’ के लिए दवा नियामक डीसीजीआई से मंजूरी मिल गई है। यह 12 साल के बच्‍चों, किशोरों और बड़ों को लगाई जा सकेगी। भारत में बनी यह दुनिया की पहली डीएनए बेस्‍ड वैक्‍सीन है। ये वैक्‍सीन इंजेक्‍टर के जरिये शरीर में प्रवेश करेगी। ऐसे में दर्द न के बराबर होगा। भारत में बनी यह दुनिया की पहली डीएनए बेस्‍ड वैक्‍सीन है। 

ZyCoV-D जायडस कैडिला की कोरोना वैक्‍सीन : मुख्य बिंदु

  • आ गई बच्‍चों के लिए कोरोना से बचाव के लिए वैक्‍सीन, जायकोव-डी (ZyCoV-D)
  • यह 12 साल के बच्‍चों, किशोरों और बड़ों को लगाई जा सकेगी
  • इंजेक्‍टर के जरिये यह वैक्‍सीन शरीर में प्रवेश करेगी और दर्द न के बराबर होगा
  • ये तीन डोज वाली वैक्‍सीन है। ZyCoV-D दुनिया का पहला डीएनए आधारित कोविड वैक्सीन है
  • जायडस कैडिला की कोरोना वैक्‍सीन ZyCoV-D को ‘इमर्जेंसी यूज’ के लिए दवा नियामक डीसीजीआई से मंजूरी मिल गई है।
  • वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम के तहत टीके का खर्च केंद्र सरकार उठा रही है। ऐसे में ZyCoV-D भी मुफ्त मिलने की उम्‍मीद है
  • ZyCoV-D / Zydus Cadila के एमडी, शरविल पी पटेल कहते हैं हम वैक्सीन की शुरुआती खुराक सितंबर के अंत तक देना शुरू कर सकते हैं।
  • तीन चरणों में सत्य मंत्र (डोज़ ) देकर दूर कर रहे हैं सभी बीमारियां और दुख, डॉक्टर और तत्वदर्शी बाखबर संत रामपाल जी महाराज 

क्या है ZyCoV-D Vaccine?

ZyCoV-D भारतीय दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर द्वारा विकसित एक डीएनए प्लास्मिड-आधारित COVID-19 वैक्सीन है, जिसे जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद के समर्थन से विकसित किया गया है। यह भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृत की गई है।

कैसे लगेगी जायकोव डी (ZyCoV-D) वैक्‍सीन? 

बच्‍चों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह वैक्सीन बिना सुई लगाई जाएगी।  उन्‍हें पोलियो ड्रॉप की तरह मुंह से तो नहीं, लेकिन इंजेक्‍टर के जरिये यह वैक्‍सीन शरीर में प्रवेश करेगी और उन्हें कोई दर्द भी नहीं होगा।

बच्चों को कितने डोज़ लगाए जाएंगे ZyCoV-D Vaccine के? 

देश में अभी उपलब्ध सभी वैक्‍सीन में दो डोज़ लगाने की ज़रूरत होती है। जायडस कैडिला तीन डोज वाली वैक्‍सीन है। ZyCoV-D तीन-खुराक वाला टीका है जो शून्य दिन, 28 दिन और फिर 56वें दिन दिया जाता है। यह टीका 12 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों और किशोरों के लिए स्वीकृत है। यह भारत में अप्रूव छठी वैक्‍सीन है। साइंस और टेक्‍नोलॉजी मिनिस्‍ट्री ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया।

जायकोव डी (ZyCoV-D) कितनी कारगर (सफल) है?

28,000 से अधिक लोगों पर ट्रायल में 66.6 फीसदी कारगर पाए जाने के बाद कैडिला हेल्‍थकेयर ने ZyCoV-D के ऑथराइजेशन के लिए अप्‍लाई किया था। कंपनी की साल में 10 करोड़ से 12 करोड़ डोज़ बनाने की तैयारी है। सितंबर 2021 से यह वैक्‍सीन दी जानी शुरू की जाएगी।

कितनी सुरक्षित है ZyCoV-D Vaccine?

जायडस कैडिला ने ZyCoV-D को बायोटेक्‍नोलॉजी विभाग के साथ पार्टनरशिप में बनाया गया है। देशभर में हजारों लोगों पर सफल परीक्षण के बाद ही इसे सरकार ने मंजूरी दी है। लिहाजा, कह सकते हैं कि यह बिल्‍कुल सुरक्षित है।

जायकोव डी (ZyCoV-D) वैक्सीन की कीतनी कीमत होगी?

अभी फिलहाल इसके बारे में कोई ऐलान नहीं किया गया है। हालांकि, वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम के तहत टीके का खर्च केंद्र सरकार उठा रही है। ऐसे में ZyCoV-D भी मुफ्त मिलने की उम्‍मीद है। निजी अस्‍पतालों में लगवाने पर इसका रेट दूसरी वैक्‍सीनों के मुकाबले कॉम्पिटीटिव रहने के आसार हैं। विभिन्‍न वैक्‍सीनों के दाम अभी 700-1500 रुपये की रेंज में हैं। ऐसे में ZyCoV-D की कीमत भी इसी के आसपास हो सकती है।

दूसरी वैक्‍सीनों से कैसे अलग है जायकोव-डी वैक्सीन (ZyCoV-D Vaccine)? 

ZyCoV-D दूसरी वैक्‍सीनों से इस मायने में अलग है कि यह दुनिया की पहली डीएनए बेस्‍ड वैक्‍सीन है। बाकी अन्‍य वैक्‍सीन एम-आरएनए आधारित हैं। दोनों तरह की वैक्‍सीन का लक्ष्‍य एक ही होता है, वह है वायरस से सुरक्षा देना। लेकिन, काम करने का तरीका थोड़ा अलग होता है। प्लाज्मिड डीएनए-आधारित जाइकोव-डी नीडल-फ्री इंजेक्टर का उपयोग करके दी जाती है। इसमें नुकीली सुई का इस्‍तेमाल नहींं होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की भारतीय वैज्ञानिकों की सराहना

Zydus Cadila के डीएनए-आधारित कोविड वैक्सीन ZyCoV-D विकसित करने के लिए पीएम मोदी ने भारत के वैज्ञानिकों की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि “भारत पूरी मजबूती से कोविड से लड़ाई लड़ रहा है और दुनिया की पहले डीएनए आधारित वैक्सीन को मंजूरी इसका प्रमाण है।”

सबसे सुरक्षित तीन मंत्र डोज़, जिससे हर एक बीमारी हो जाती है छूमंतर ? 

पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 17 श्लोक 23, में यह स्पष्ट किया गया है कि  तत्वदर्शी संत से ओम तत् सत् (आध्यात्मिक मंत्रों के तीन डोज़) जो भी प्राप्त कर लेता है उसके इस जीवन के सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं और अंततः मोक्ष (जन्म मरण के कष्ट से हमेशा के लिए मुक्ति) प्राप्त हो जाता है। पवित्र कुरान शरीफ, में भी इन्ही तीन मंत्रों (एन, सीन, काफ) का प्रमाण मिलता है और सभी महान संत जैसे कि नानक देव जी, मीराबाई, संत रविदास जी, ध्रुव, प्रहलाद, अर्जुन सर्जुन जैसे अन्य बहुत से संतो ने भी इन मंत्रों का जाप किया तथा समर्थन किया है कि इन तीन चरणों में प्राप्त मंत्रों से किसी भी प्रकार का रोग और परेशानी छूमंतर हो जाती है और यह मंत्र हमें तत्वदर्शी संत, बाखबर, पूर्ण संत ही दे सकता है। वही इनका सच्चा जानकार है ।

वर्तमान में कौन है वह एकमात्र डाक्टर जो बिना सुई और दवाई के हर रोग को जड़ से खत्म कर देता है?

हिंदुस्तान की पावन धरा पर मौजूद तत्वदर्शी, बाखबर, पूर्ण संत, पूर्ण गुरु, ग्रेट शायरन, जगत के तारणहार, विश्व विजेता, आध्यात्मिक गुरु और एक मात्र पूर्ण डाक्टर कोई और नहीं संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं जिनसे प्रत्येक धर्म के लोग, अमीर- गरीब सभी नाम दीक्षा लेकर “पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर कविर्देव” (कबीर देव, कबीर साहब, अल्लाह हू कबीर, ऑलमाइटी कबीर) की सच्ची भक्ति ( इबादत) कर रहे हैं और अपने सभी दुखों को दूर करवाकर सुखी जीवन जी रहे हैं और मोक्ष प्राप्त कर रहे हैं ।

आप सभी भाई बहनों से प्रार्थना है कि आप भी संत रामपाल जी महाराज जी से निशुल्क नाम दीक्षा लें और मर्यादा में रहकर संतभक्ति करें और स्वस्थ्य जीवन जिएं। आप संत रामपाल जी से फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब के माध्यम से भी जुड़ सकते हैं।

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2 COMMENTS

  1. असली जीवन रक्षक तो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही है जो हमें शास्त्र अनुकूल भक्ति विधि देकर मनुष्य जीवन में होने वाले रोगों से ही नहीं बल्कि जन्म मरण के रोग से भी ठीक कर सकते हैं | शास्त्र अनुकूल भक्ति विधि हर रोग की असली दवाई है |

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